Pyar bhara Zehar - 9 in Hindi Love Stories by Deeksha Vohra books and stories PDF | प्यार भरा ज़हर - 9

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प्यार भरा ज़हर - 9

एपिसोड 9 ( राघव का गिफ्ट ! )

काश्वी के दिमाग में मानो एक बात आई हो  की राजीव जी ने ऐसा क्यूँ कहा , की ये लाल पत्थर को वो सिर्फ एक बार की इस्तेमाल क्यूँ कर सकती है | ओर उसे समझ नहीं आ रहा था , की वो पत्थर जब काश्वी में समय , तो राजीव जी ने कोई रियेक्ट क्यूँ नहीं किया | वो अपने ही ख्यालों में खोई हुई थी , की तभी उसके फ़ोन में राघव का मैसेज आता है | राघव काश्वी को रूम में बुला रहा था | काश्वी को भी राघव से कुछ जरूरी बता करनी थी | इसलिए जल्दी से वो रूम गई | 

काश्वी  बार बार , अपने फ़ोन में टाइम देख रही थी | रूम में पहुंचते ही , काश्वी राघव से बोली | 

काश्वी :: "मुझे आपसे कुछ बात करनी है |" राघव ने पहले तो काश्वी की ओर देखा | ओर फिर , बिस्तर की ओर जाते हुए , वाहना के एक ड्रोर से एक छोटा सा बॉक्स निकालते हुए , काश्वी के हातों में थमा दिया | कासी को तो समझ हजी नहीं आ रहा था , की राघव का करने की कोशिश कर रहा था | इसलिए वो सवालिया नेज्रोंसे राघव को ही देखती रही | फिर राघव बोला | 

राघव :: "इसे खोलो तो सही |" तो मानो काश्वी को ध्यान आया हो , की ज़ाहिर सी बात है , जब तक वो इसे खोलेगी नहीं , उसे कैसे पता चलेगा की क्या है ये | फिर जल्दी से उस बॉक्स को खोलते हुए , काश्वी ने उस बॉक्स के अंदर से एक घडी निकाली | काश्वी उस घडी को देखते ही , बता सकती थी , की वो घडी कम से कम 2 लाख की तो होगी | वो राघव से कुछ भी कहती , उससे पहले ही राघव बोल पड़ा | 

राघव :: "तुम ना नहीं कह सकती हो | क्यूंकि , ये तुम्हारी शादी का गिफ्ट है | ओर हाँ , ये एक कपल वोच है |" फिर राघव ने काश्वी को अपना हाथ दिखाया | ओर फिर काश्वी के हाटों से घडी लेकर , उसे पहनाने लगा |काश्वी के पास कहने को कुछ बचा ही नहीं था | क्यूंकि उसे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था , की वो क्या बोले | फिर मानो उसे याद आया हो , की उसे भी राघव से कुछ बात करनी थी | पर जैसे मानो , राघव को पता था , की काश्वी को क्या बात करनी है | वो बोला | 

राघव :: "निचे गाड़ी रेडी है | कॉलेज चलें ?" राघव की बात सुन , काश्वी हैरान रह गई |फिर जब उसने देखा की रागाह्व रूम से जा चूका है | तब वो भी जल्दी से निकली | पर काश्वी के पास कोई भी किताब नहीं थी  | जैसे ही काश्वी गाड़ी में बैठी , राघव ने काश्वी को उसकी बुक्स ओर कुछ कोपिएस थमा दीं | राघव को देख , काश्वी मन ही मन सोचने लगी | 

राघव :: "इसे कैसे पता चक जाता है , की मुझे क्या चाहिए ?" कासवी ने राघव का शुक्रिया किया | ओर फिर आज के टेस्ट का पढने लगी | कल इतना कुछ हो गया था , की काश्वी को समय ही नहीं मिला था, पढ़ाई करने का | पर जैसे ही वो लोग कॉलेज पहुंचने वाले ही होते हैं , रास्ते में काश्वी का ध्यान एक जगह जाता है | रास्ते में , एक जंगल था | ओर काश्वी उस जंगल की ओर देखते हुए , खुद से बोली | 

काश्वी :: "ये जंगल तो हुबहू मेरे सपने जैसे जंगल जैसा है |" काश्वी ने मन ही मन कहा | 

"कॉलेज के बाद , इद्धर आकर देखती हूँ |" ना जाने क्यूँ , काश्वी को ऐसा लग रहा था , की राघव को दिल की बातें पड़ने आती हैं | क्यूंकि राघव काश्वी को बड़े ही ध्यान से देख रहा था | मनाओ उसे पता हो , की काश्वी क्या सोच रही थी | फिर राघव की नजरों की तपश को इग्नोर करते हुए , काश्वी पढ़ाई में ध्यान लगाने लगी | 

राघव अभी भी काश्वी को ही देख रहा था |  साडी मे काश्वी बहुत सुंदर लग रही थी | मांग में राघव के नाम का सिन्दूर , गले में राघव के नाम  का मंगलसूत्र , ओर हातों में , राघव के नाम का चुडा | राघव का यकीन ही नहीं हो रहा था , की जिस लड़की से पहली मुलाक़ात में ही , राघव को नफरत हो गई थी | जिस लड़की को उसने किसी के हक़ के लिए लड़ते हुए देखा था | आज वो लड़की उसकी बीवी बनकर , उसकी के पास बैठी है | 

जैसे ही , कॉलेज पास आने वाला था | काश्वी ने ड्राईवर से गाड़ी रुकवा दी | ओर गाड़ी से उतर गई | राघव समझ सकता था , की काश्वी नहीं चाहती की , कोई उसे गलत समझे |  ओर अभी अभी तो वो कॉलेज आई है | वो इतनी जल्दी सब की दुश्मन नहीं बनना चाहती थी | 

पर जब , काश्वी कॉलेज जा रही थी , राघव के कुछ आदमी , काश्वी पर नजर रखे हुए थे | राघव काश्वी को अकेला नहीं चोदना चाहता था | पर आज उसकी एक मीटिंग थी | राघव  सिर्फ इस कॉलेज का प्रेसिडेंट  ही नहीं था | बल्कि रागाह्व एक बिस्सिनेस में भी था |  राघव अपना फॅमिली बिजनिस भी संभालता था | ओर साथ ही , राघव ने खुद का बिजनिस भी शुरू किया था | आज से करीब दो साल पहले | जो आज आसमान की ऊँचाइयाँ छु रहा था | 

राघव बिजनिस वर्ल्ड में किंग के नाम से जाना जाता था | उसका दबका इतना था , की न्यूज़ वाले भी राघव से रिलेटेड कोई न्यूज़ छापने से पहले , हजार बार सोचते थे | क्यूंकि राघव कोई आम इंसान नहीं था | राघव बहुत रहस्यमई इंसान था | इतना ताकतवर , की अच्छे अच्छों की हालत खराब हो जाए | सिर्फ उसके एक ख्याल से |  

राघव सिर्फ काश्वी को कॉलेज तक छोड़ने ही आया था | फिर उसके बाद  , ड्राईवर ने गाड़ी ऑफिस की ओर मोड़ दी | ऑफिस की बिल्डिंग देख , हर कोई हैरान रह जाता था | जब राघव गाड़ी से उतरा , तो सारे एम्प्लोइएस दोनो तरफ लाइन में खड़े होकर , अपना सर झुकाए , खड़े थे | ओर रागाह्व का असिस्टेंट , ओर उसका में बॉडी गार्ड उस के साथ चल रहे थे | ये सीन देख , कोई भी राघव की अमीरी का अंदाज़ा लगा सकता था | तभी राघव की नजरों में मानो कुछ आया | ओर वो गुस्से में अपनी जगह पर ही रुक गया | राघव की आँखों में गुस्सा देख , वहां खड़ा हर एक इंसान अंदर तक कांप गया था | 

आखिर क्यूँ राघव को गुस्सा आया था ? ओर काश्वी को घड़ी गिफ्ट करने के पीछे राघव का प्यार तह , या कोई चाल ? जानने के लिए मेरे साथ बने रहिये | ओर जानिये क्या होता है , इस अनोखी कहानी में आगे , आगले भागों में |