हाजी तो स्वागत ही आपका मेरी नई नोवेल हॉरर एक्सप्रेस मे ।
जहा पर हम बात करेंगे भूतों की ।
ओर कुछ कहानियों की तो दिल थाम के बेठिए
ओर पढिए हॉरर एक्सप्रेस ।
आज वो अपने गाव के लिए निकल ने वाला था ।
रात के तकरीबन साढ़े ग्यारह बजे थे । पास मे भी कोई नहीं था ।
वो बैठे बैठे बस की राह देख रहा था ।
वो जहा पर बैठा था ।
वहा पर कोई ठेले वाला भी नहीं था ।
की उससे पूछ शके ।
अब माहोल भी शांत हो गया था ।
जि हा तो हम बात कर रहे है अभि की वो आज छूटियों पर अपने गाव जाने वाला है ।
इसी लिए वो बस का इंतेजार कर रहा है ।
उसे आस - पास कोई दिखाई नहीं दे रहा ।
ओर माहोल भी शांत हो गया है ।
वो सड़क पे टिकटिकी लगाए देख रहा था की ।
सायद कोई लास्ट बस मिल जाए ।
वो बस सोच ही रहा था ।
की उसके पीछे से एक काला साया गुजरा ।
वो अब डर गया था ।
थोड़ी देर बाद रोड लाइट जबकरा मारने लगी ।
ओर देखते - देखते लाइट्स चली गई ।
थोड़ी देर बाद सायद बारा बजे नहीं ठीक बारा बजे एक बस आई ।
जोकि उसके गाव जा रही थी ।
वो बोर्ड तो नहीं पढ़ पाया पर कंडक्टर की आवाज सुनते ही ।
उसने कुछ नहीं सोचा ओर नहीं देखा ओर बेधड़क बस मे चढ़ गया ।
थोड़ा आगे जाके ।
कंडक्टर बोला ।
साहब कहा की टिकिट निकालू ।
अभि ने उसकी ओर देखा तो वो थोड़ा लगड़ा रहा था ।
उसके पैर से लेकर सिर तक छोटे छोटे जंतु रेंग रहे थे ।
ओर वो पूरी तरह से सड़ चुका था ।
वो कुछ बोले उससे ही पहले पीछे से आवाज आई ।
जहनुम की निकाल दो ।
उसने मूड के देखा तो सारे यात्री इंशान नहीं थे ।
सब प्रेत थे सब का शरीर सड़ चुका था ।
ओर मानो की कई दिनों तक नहाए नहीं थे ।
फिर आवाज आई अरे नहीं रे ।
अभी तो इसकी उम्र ही कहा हुई है ।
तब एक छोटा लड़का बोला उम्र ।
उम्र तो हमारी भी कहा हुई थी ।
फिर भी हमे जिंदा जला डाला ।
इसे भी हम मार डाले ताकि ये भी हमारी तरह भटके ।
फिर पता लगेगा ।
ये सब बाते करने मे व्यस्त थे ।
ओर उनकी बाते सुनकर वो पछतावा कर रहा था ।
क्योंकि उसका दोस्त मनीष उसे बार - बार मंदिर जाने को बोलता ।
तब वो ये कहेता की में इन सब चीज मे नहीं मानता ।
पर अचानक उसे याद आया की ।
आज जब वो बस - स्टैन्ड आ रहा था ।
तो उसका दोस्त उससे जबरन पास वाले हनुमान मंदिर ले गया ।
ओर उसे धागा बँधवा दिया ।
जो उसने उतारकर बेग मे रख दिया था ।
वो सब बाते करने मे व्यस्त थे ।
इस बात का फायदा उठाकर उसने धागा बेग मे से निकालकर बांध लिया ।
पर ये क्या उनकी बाते खत्म हो गई थी ।
वो अभि को मारने के लिए आ रहे थे ।
पर ये क्या उन्मे से एक भी अभि को छू नहीं शकता था ।
मानो स्वयं भगवान उसकी रक्षा कर रहे हो ।
ओर मौका देखते ही उसने बस से छलांग लगा दी ।
जैसे ही वो बस से कूदा वो बस जलकर खाक हो गई