Mujse Shaadi kar lo - 7 in Hindi Moral Stories by Kishanlal Sharma books and stories PDF | मुझसे शादी कर लो - 7

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मुझसे शादी कर लो - 7

दूसरी मुलाकात में राजन और राधा के बीच दोस्ती हो गयी।
और वे मिलने लगे।सन्डे के दिन राधा ,राजन के साथ घूमने के लिए जाने लगी।दिल्ली में कोई कमी नही थी,घूमने के लिए जगह की।वे साथ पिक्चर भी देखते।साथ खाते पीते भी और खरीददारी भी करते।जब वे कही नही जाते तो किसी कॉफी शॉप मे आकर बैठ जाते।और ऐसे ही समय गुजर गया।
और एक दिन राजन उससे बोला,",मुझे कमरा दिलवा दो।"
"क्यो?"
"कमरा क्यो लेते है,"राजन बोला,"कमरा तो रहने के लिए होता है।"
"यह तो मै जानती हूँ।लेकिन कमरा किसके लिए चाहिए।"
",मेरे लिए।'
"लेकिन तुम तो रह रहे हो फिर तुम्हे कमरा क्यो चाहिए।"
"मकान मालिक ने मकान बेच दिया है
",तो इसमें क्या दिक्कत है,"राधा बोली,"तुम्हे तो किराया देना है।अब तुम नए मकान मालिक को किराया देना शुरू कर दो।"
"ऐसा नही हो सकता क्योकि नया मकान मालिक उस मकान को तोड़कर नए सिरे से मकान बनवायेगा।इसलिए उसने सब से मकान खाली करने के लिए कह दिया है।"
"यह बात है।इसलिय तुम्हे कमरा चाहिए।"
"मकान कब खाली करना है?"
"एक महीने बाद।"
राधा कुछ देर तक सोचती रही।फिर बोली,"तुम मेरे मकान में आ जाना।"
"तुम्हारे यहा कमरा खाली है।"
"खाली है।"
"तो अपने घरवालों से तो पूछ लेती।"
"कोई नही है।मेरे माता पिता गुजर चुके हैं।"
"तो तुम भी मेरी तरह ही हो।"
"हा।तुम्हारी तरह।"
और एक महीने बाद राजन सामान लेकर राधा के घर आ गया।"
"मेरा कमरा कौनसा है?"
"मेरे साथ रहने में परेशानी है?"
"नही
और राजन,राधा के साथ लिव इन मे रहने लगा।पहले राधा को सिर्फ अपने लिए ही खाना पीना बनाना पड़ता था।लेकिन अब उसे दो लोगो के लिए खाना पीना बनवाना होता।राजन काम कराने में राधा की मदद करता।राधा उससे कोई पैसे नही लेती थी।लेकिन राजन,राधा के बिना कहे ही जरूरी सामान लाता रहता था।
रात को दोनो टी वी देखने के लिये बैठ जाते।कमरे में दो पलंग बिछे हुए थे।एक दिन राजन और राधा एक पलंग पर लेटकर मूवी देख रहे थे।अंग्रेजी मूवी।रोमांस और सेक्स से भरी।पर्दे पर सेक्स सिन को देखकर राजन उतेजित हो गया।वासना की आग तो राधा के तन में भी लगी थी।और राजन अपने दिल पर काबू नही रख सका।उसने राधा का हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचा तो राधा बोली,"क्या कर रहे हो?"
"प्यार।"
"यह गलत है।हमारे बीच कोई रिश्ता नही है
राधा ने विरोध किया लेकिन उसके विरोध में मात्र दिखावा था।इसका परिणाम यह निकला कि राधा के शरीर से एक एक करके कपड़े सरकते गए और
फिर राजन भी और दो निर्वस्त्र तन मिलकर एक हो गए।दोनो के लिए यह पहला अनुभव था,जो नया और मजे देने वाला था।सेक्स एक लत है।चस्का है।आदत है।जैसे नशे या और किसी चीज की लत लग जाती है।वैसे हो सेक्स की भी लत लग जाती है।यह लत राजन और राधा को भी लग गयी।राजन और राधा इस तरह सेक्स में मस्त हो गए मानो वे पति पत्नी हो।
सेक्स कोई मनोरंजन ही नही करता है।सिर्फ आनंद ही नही देता।सृजन भी करता है।नवसृजन।जब औरत आदमी के शरीर का मिलन होता है।दो शरीर मिलकर एक हो जाते है।तब औरत के गर्भ में बीज प्रत्यारोपित हो जाता है।जो नौ महीने तक औरत के गर्भ में रहने के बाद नवसृजन के रूप में संसार मे आता है।
अगर मिलन से पहले सावधानी बरती जाए तो इससे बचा जा सकता है