कभी कभी इंसान हार जाता या वे टूट जाता हैं।
लोगो को क्या पता होता है की वे इंसान सबके सामने अपना हंसते हुए सबके सामने मिलता है पर उसकी सच्चाई कुछ और ही है।
कभी कभी पता नही चलता की इंसान कब खुश होता और कब बदल जाता हैं ।
जिंदगी में सबको हसकार मिलना मेरा काम है, सबको खुश रखना मेरा काम है पर कोई मुझे ये नही पूछता की तुम क्या सच में खुश हो की नही ।
अपने एक एक आसू को में हमेशा किसी की याद में या किसी की खुशी के रोया हैं। अगर में किसी का खुशी का कारण बनती हू तो मेरा सबसे बड़ा बलिदान हैं । हा की मेरी वजह से किसी कोई अपना मिल गया ।
पर जिंदगी इसी नही है , जैसा हम लोग सोचते हैं की हा हम ने जो तय किया वो होगा वैसा नहीं होता है यहा तो कुछ और है । ऐसी ही आज मैं एक कहानी सुनाती हूं आपको।
एक लडकी थी उमर मैं बड़ी थी । उसने बचपन से लेकर बड़ी हुई तब से लेकर आज तक उसने लोगो के ताने सुनने की वो ऐसी हैं वो वैसी है , पर फिर भी वो खुश रहती थीं क्योंकि वे जानती थीं लोग मुझे कितना बोले पर मेरे भगवान मेरे साथ है , उसका दिल सच्चा था , पर कुछ लोग उसे नीचा दिखाने की कोशिश करते थे , फिर भी वो यही मानती थीं की मेरे भगवान मेरे साथ है , वो लोगो के ताने सुनने जाती फिर एक कमरे मैं आकर बोहोत रोती थी। उसका का सब कुछ छीन गया , यह तक प्यार करती जिसे वो भी उसे छोड़कर चला गया , वो इतना टूट गई की वो क्या करे , कहा जाए कुछ भी पाता नहीं था, उसे तो की वो क्या करे अब किसे कहे अगर वो सबको कहती तो लोगो उसे मजाक में लेते थे वो अपने आपको हरा हुआ माने लगी थीं फिर उसे याद आया उसका सब कुछ चला गया पर एक हैं जो उसे उसकी बात सुनेगा और वो कोई नहीं थे वो हमारे भगवान थे ।
वो मंदिर में गई जहा पे उसने रो रो के भगवान को अपने बारे में बताए और वो वाहा गिर गई , इतना रोई फिर कुछ दिन के बाद एक इन्सान आया जो हमारे भगवान थे वे उसकी परीक्षा कर रहें थे । और उसकी साथ भगवान ने उसकी मदद की उसे पूरी तरह बदल दिया । जो लोग उसे ताने मानते थे वे आज उसके आगे पीछे घूमे ने लगे यह तक वे लडकी सबकी मदद भी करने लगी पता है क्यों ?????
क्योंकि जब भगवान उसके पास आए थे तब उसने कहा की भगवान मुझे कुछ नही चाहिए
सिर्फ में लोगो को खुश देख सकू इतना देने लोग मेरे बारे में क्या सोचे वो मुझे नहीं देखना है में किसी का खुशी का कारण फिर बन सकू इतना देना । और भगवान ने उसे वो दिया उसके साथ साथ सब कुछ जो उसने नही मांगा था ।