Pyar bhara Zehar - 4 in Hindi Love Stories by Deeksha Vohra books and stories PDF | प्यार भरा ज़हर - 4

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प्यार भरा ज़हर - 4

एपिसोड   4 ( इतनी बड़ी रकम ! )

जब काशी उस अनजान जगह पहुंची , तो उसे वहां पर कुछ भी नहीं दिखा | काश्वी मन ही मन सोचने लगी | 

काश्वी :: "यहाँ पर तो कुछ भी नहीं है |" तभी काश्वी को एक जगह पर दूर कुछ कमल दिखी दिए | जब कश्वी उन कमल के पास गई , तो उसने वहां कुछ अजीब महसूस किया | वहां पर काश्वी को ऐसा फील हो रहा था , की वो यहाँ पहले भी आ चुकी है | काश्वी बहुत याद करने की कोशिश कर रही थी , पर उसे कुछ भी याद नहीं आया | 

उसके बाद , वो वहां से जाने लगी | पर काश्वी का ध्यान बार बार वहां से आने वाली खुशबू की ओर ही जा रहा था | मानो वो खुशबू बहुत जानी पहचानी है | उस खुशबू की ओर काश्वी बस खिंची चली जा रही थी | पर फिर एक गहरी सांस लेकर , काश्वी अपने घर की ओर निकल गई | 

पर काश्वी नहीं जानती थी , की आज का दिन , उसकी पूरी ज़िन्दगी ही बदल कर रख देगा | जैसे ही काश्वी घर पहुंची , उसने देखा , की कुछ लोग उसके घर पर आए हुए हैं | वो लोग काश्वी की माँ से बहुत बत्तमीजी से बात कर रहे थे | काश्वी इस दुनिए में कुछ भी बर्दाश्त कर सकती थी | पर उसकी माँ को कोई परेशान करे | ये वो कतए बर्दाशत नहीं करेगी | जिस आदमी ने काश्वी की माँ को पकड़ रखा था , काश्वी गुस्से में उसके पास गई | ओर एक ( थप्पड़ की आवाज़ ) जोर दार थप्पड़ उसके मुह पर माँ दिया | उस थप्पड़ की गूँज इतनी तेज़ थी , हर किसी का ध्यान काश्वी की ओर चला गया | 

फिर दुसरे आदमी ने काश्वी को मारने की जब कोशिश की तो , काश्वी ने उसे मार गिराया | काश्वी को खुद को समझ में नहीं आ रहा था , की वो इतनी स्ट्रोंग कब हुई | आज तक उसने एक मच्छर भी नहीं मारा था | ओर अब देखो | फिर एक आदमी की गर्दन पकड़ कर काश्वी ने उससे पुछा | 

काश्वी :: (गुस्से में ) : "क्या चाहिए तुम्हे ?" काश्वी की आवाज़  इतनी डरावनी थी , की किसी की भी कुछ भी कहने की हिम्मत नहीं हो रही थी | पर फिर एक आदमी सामने आकर बोला | 

"तुम्हारी माँ ने हमसे लोन लिया था | ओर अब बहुत टाइम हो गया , हमे हमारे पैसे चाहिए |" काश्वी की माँ काश्वी को कभी ये ये सब पता लगने नहीं देना चाहती थी | पर आज वो कुछ भी नहीं कर सकती थीं | काश्वी गुस्से में बोली | 

काश्वी :: "कितने पैसे ?" तो दूसरा आदमी बोला | "10 लाख |" रकम सुन , काश्वी को एक धक्का लगा |उसे समझा में नहीं आ रहा था , की उसकी माँ ने ये पैसे कब लिए | ओर क्यूँ लिए थे | पर इस वक्त वो अपनी माँ से बहस नहीं करना चाहती थी | वो आगे बोली | 

काश्वी :: "अगले एक हफ्ते में आपको आपके पैसे मिल जायेंगे |" पहले तो किसी को भरोसा ही नहीं हो रहा था | पर जब सब ने काश्वी की ओर देखा , तो किसी का कोई सवाल पूछने की हिम्मत ही नहीं हुई |  हर कोई बस चुप्म्चाप वहां खड़ा रहा | तो काश्वी आगे बोली | 

काश्वी :: "अगले एक हफ्ते मैं आपको आपके सारे पैसे दे दूंगी | पर तब तक मुझे कोई भी यहाँ दिखना नहीं चाहिए |" उसके बाद , सब वहां से चले गये |काश्वी के पास बहुत सारे सवाल थे | इस वक्त काश्वी का गुस्सा अपनी चरम सीमा पर था | ओर वो अपना गुस्सा अपनी माँ पर नहीं उतारना चाहती थी | इसलिए वो चुपचाप वहां से चली गई | 

काश्वी की माँ , काश्वी को सब बताना चाहती थी | अपर वो ये बात अच्छे से जानती थी , की जब से काश्वी को उसकी सचाई के बारे में पता चला है | काश्वी को खुद पर कंट्रोल नहि है | इसलिए उन्होंने भी काश्वी को कुछ देर अकेला छोड़ दिया | 

वहीँ  दूसरी तरफ , राघव की माँ ने उस के लिए एक रिश्ता ढून्ढ लिया था | पर राघव को अभी शादी नहीं करनी थी | क्यूंकि , पता नहीं , पर वो हर वक्त काश्वी के बारे मे ही सोचता रहता था | पर जब राघव की माँ , ने अपनी कसम दे डाली | तो राघव के पास कोई चॉइस नहीं बची | 

राघव एक जॉइंट फॅमिली में रहता था | फॅमिली बिज़नस भी राघव  खुद ही देखता था | उसके पिता राजीव रॉय ने अपना खुद का प्रॉपर्टीज का बिज़नस शुरू किया था | जो आज देश का सबसे बड़ा कारोबार बन चुक है | पुरे देश में , रॉय परिवार की एक अलग ही पहचान है | शायद इसलिए , राघव के पास कोई चॉइस नहीं बची थी | राघव की माँ रंजना रॉय , ने तो कसम ही कहा ली थी , की इस बार तो अपने बेटे की शादी तो करवा कर ही रहेंगे | 

प्रॉब्लम ये थी  की राघव को सर्प दोष था | जिसके कारन अगर राघव की शादी जल्द ही नहीं हुई | तो उसकी मौत भी हो सकती थी | ओर ये सर्प दोष मिटाने के लिए , राघव को एक नाग योग में जन्म लि हुई लड़की से ही शादी करनी होगी | जो राघव के सारे दोष , अपने सर लेकर , उसे प्रोटेक्ट करेगी |

रंजना की बचपन की दोस्त यामिनी की बेटी , मलिका की कुंडली राघव से बहुत अच्छे से मेल खा  रही थी | इसलिए रंजना ने सोच लिया था , की राघव की शादी अब तो मलिका से हो होगी | 

इतना सर्द , गुस्से वाला , राघव सिर्फ एक जगह आकर कमज़ोर पड़ता था | अपने परिवार में | राघव अपनी माँ को इतना परशान नहीं देख सकता था | इसलिए वो इस शादी के लिए मान भी गया था | 

पर राघव को ये नहीं पता था , की उसकी ये शादी कोई आम शादी नहीं होने वाली थी | क्यूंकि राघव अपनी सचाई बहुत अच्छे से जनता था | राघव के पिता नाग वंश से थे | जिसके कारन राघव खुद एक नाग वंश का वारिस था | पर ये बात सिर्फ नागलोक के नाग नागिन ओर राजीव जी ही जानते थे | 

राघव को चिंता ये थी , की वो कैसे एक इंसान से शादी कर सकता है | इससे तो उस लड़की की ज़िन्दगी बर्बाद हो जाएगी | पर अपनी माँ के आगे , ओर नाग वंश के वरिश होने के कारण  , उसकी शादी सिर्फ नागिनों की नागिन , शेष नागिन से ही हो सकती थी | 

ओर ये तो तय ही था | की राघव नागलोक का अगला होने वाला नागराज है |  बस अब इंतज़ार था , तो शेष नागिन का | ओर राघव को अब शायद पता था , की उसे अब आगे क्या करना है | 

तो क्या लगता है दोस्तों आपको | 

क्या होगा आगे ? कैसे दोनों मिलेंगे ओर देश की रक्षा करेंगे ? काश्वी को कमल के पास कुछ अपना पण सा महसूस क्यूँ हो रहा था ? ओर क्या राघव सच में एक इंसान से शादी कर लेगा ?

जानने हैं इन सभी सवालों के जवाब तो बने रहिये मेरे साथ |