temporary certificate in Hindi Motivational Stories by Disha Jain books and stories PDF | टेम्पररी सर्टिफिकेट

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टेम्पररी सर्टिफिकेट


ऋषभ को आज नींद नहीं आ रही थी। वह थोडी-थोड़ी देर में इन्स्टाग्राम और ट्वीटर पर अपना प्रोफाइल चेक कर रहा था। एक महीने पहले एक सिंगिंग कॉन्टेस्ट के लिए उसने ऑडिशन दिया था लेकिन उसमें उसका सिलेक्शन नहीं हुआ। जिसके लिए उसने बहुत मेहनत की थी, वर्षों इंतजार किया था, उसमें उसे असफलता मिली थी। लेकिन जज के फीड्बैंक उसे उपयोगी हो सके ऐसे थे। उन्होंने कहा था कि “तुम्हारी आवाज़, ऐटिट्यूड सभी बहुत अच्छे हैं लेकिन सूर को सही करने के लिए और ज्यादा मेहनत करने की ज़रूरत है। अगली बार फिर से ट्राइ करना।”

लेकिन आज शाम ही ऑडिशन वाला शो टी. वी. पर दिखाया गया। आज ऋषभ की असफलता लोगों के सामने आ गई। अभी तक ऋषभ को सिलेक्ट नहीं होने का इतना दुःख नहीं था। क्योंकि उसने अपने आप को मना लिया था कि वह मेहनत करके एक बार फिर से ट्राई कगा। लेकिन शो के रिलीस होने के बाद वह हिम्मत हार गया। इसका कारण था उसके सोशल मिडिया अकाउन्ट पर आए हुए बहुत सारे नेगेटिव कॉमेन्ट्स।

“यू आर अ फेल्यर!”

“मैंने कहा था कि म्यूज़िक में करियर बनाने के सपने नहीं देखने चाहिए।”

“कितना खराब सिंगिंग था।”

“मिस्टर बेसूरे, हाउ आर यू?”

यह सब पढ़कर ऋषभ निराश हो गया। उसके बड़े भाई सुनीत ने भी उसका अकाउन्ट देखा। ऐसे नेगेटिव कॉमेन्ट्स पढ़कर उसी रात उसने ऋषभ के कमरे में जाकर कहा,

“ऋषभ, मेरी एक बात सुनोगे? थोड़े दिनों के लिए तुम अपने फोन को साइड में रख दो। मैसेज मत चेक करना।”

“आइ नो भाई! लेकिन मेरी परफॉरमन्स के लिए एकाध लाइक तो आएगा, इस आशा में मैं बार-बार चेक रहा हूँ।”

“हमम... एक बात पूछू? क्या उन लोगों के लाइक मिलने से कॉन्टेस्ट में तुम्हारा सिलेक्शन हो जाएगा?”

“नहीं!” ऋषभ ने कहा।

“तो फिर कमेन्ट्स को इग्नोर करो ना !”

“लेकिन... लेकिन भाई, मेरे म्यूज़िक करियर का क्या होगा?”

“यह एक फेल्यर तुम्हारे करियर का एन्ड थोड़े ही है?”

“ओ. के. वेट... मैं तुम्हे एक स्टोरी पढ़कर सुनाता हूँ। एक फेमस सिंगर की, रियल लाइफ स्टोरी !” और सुनीत ने एक वेबसाइट पर से पढ़ना शुरू किया।

महाराष्ट्र के एक गाँव में एक नन्ही सी बच्ची रहती थी। उसके पिताजी एक महान संगीतकार और उसके गुरु भी थे। वह लड़की पाँच भाई-बहनों में सबसे बड़ी थी। पर किस्मत भी ऐसी कि वह सिर्फ तेरह वर्ष की थी तब उसके पिता की मृत्यु हो गई। घर चलाने के लिए उस लड़की ने कभी नाटक कंपनी में एक्टिंग की, तो कभी नौकरी की और मराठी फिल्मों में कुछ गाने भी गाए। तभी एक दिग्गज संगीतकार ने उसे सिंगिंग को अपना करियर बनाने की सलाह दी। उन्होंने एक फेमस प्रोड्यूसर से लड़की के बारे में बात की। प्रोड्यूसर ने उसे एक फिल्म के लिए गाना गाने के लिए मुंबई के स्टूडिओ में बुलाया। वे संगीतकार भी उसके साथ वहाँ गए।

सारा दिन बिना कुछ खाए-पिए वह लड़की स्टुडिओ में घंटों इंतज़ार करती रही। फिर उस फिल्म प्रोड्यूसर ने उसकी आवाज़ सुनी और उसे तुरंत ही यह कहकर रिजेक्ट कर दिया कि “इस लड़की की आवाज़ बहुत पतली है। फिल्म की हिरोइन को सूट नहीं होगी!”

वापसी में उस लड़की और संगीतकार, दोनों को एक ही जगह जाना था। इसलिए दोनों मुंबई के गोरेगाँव स्टेशन पर खड़े थे। मूसलाधार बारिश हो रही थी। संगीतकार ने लड़की को फिर से गाना गाने के लिए कहा जो उसने स्टूडियो में गाया था। इस बार उनका गाना सुनकर वे अवाक् रह गए। वे लड़की की प्रतिभा को पहचान गए और उसे दूसरी फिल्म में गाने का मौका दिया। बस तभी से उस लड़की की संगीत में करियर की शुरुआत हुई, जहाँ से उसने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

क्या आप जानते हैं, वह लड़की कौन थी? जिन्हें ‘भारत रत्न’ से नवाज़ा गया है और जो लाखों लोगों के दिल में बसती है, स्व. लता मंगेशकर। उनके पिता का नाम था पंडित दीनानाथ मंगेशकर! और जिन्होंने लता जी को पहला मौका दिया था, वे दिग्गज संगीतकार थे गुलाम हैदर।

उसके बाद तो लता जी को श्रेष्ठ गायक कलाकार के अनेक कई अवार्ड से सम्मानित किया गया। उनके द्वारा गाए गए गीत इतिहास के पन्नों में और लोगों के दिलों में हमेशा के लिए अंकित रहेंगे।

जिसकी आवाज़ को कभी “पतली” कहकर रिजेक्ट कर दिया गया था, वे ही बाद में भारत की “स्वर कोकिला” कहलाई! यह सुनकर ऋषभ को बहुत आश्चर्य हुआ। “लताजी को मैं जानता हूँ, लेकिन उनकी लाइफ स्टोरी के बारे में मुझे पता नहीं था।”

सुनीत ने कहा, “यह तो अच्छा है, लताजी के ज़माने में कोई ट्वीटर या इंस्टाग्राम नहीं था। नहीं तो उन्हें भी लोग ट्रोल करके परेशान कर डालते। लोगों को तो क्या है, ऋषभ? आज एक सर्टिफिकेट देते हैं, और कल उसे फाड़कर दूसरा सर्टिफिकेट दे देते है। इसमें हम क्यों परेशान हो जाएँ? तुम क्यों ऐसे टेम्पररी सर्टिफिकेट को सीरियसली लेते हो?” सुनीत ने कहा।

सुनीत की बात सुनने के बाद ऋषभ ने अपना ट्वीटर अकाउन्ट खोला और अपना स्टेट्स बदलकर लिखा, “बीज़ी प्रैक्टिसिंग फॉर द नेक्सट ऑडिशन !” और सभी सोशल मीडिया अकाउन्ट से लॉग आउट कर दिया, उन्हें चेक करना भी बंद कर दिया।

उसके बाद ऋषभ दिन-रात संगीत की साधना में लग गया और दो साल बाद ऑडिशन में उसका सिलेक्शन हो गया! जिस दिन उसका शो टी. वी. पर रिलीज़ हुआ, उस दिन सुनीत ने आकर ऋषभ को बधाई दी।

“कॉन्ग्रेट्स ब्रदर! देखो तो सही, रातोंरात तुम्हारे फॉलोअर्स का काउन्ट कितना बढ़ गया है।” “नहीं देखना है भाई। इन लोगों के सर्टिफिकेट का क्या भरोसा? इससे तो कॉलेज के सर्टिफिकेट्स अच्छे है! कभी बदलते तो नहीं !”

दोनों भाई हँस पड़े।