एक डरावनी कहानी: "खोज" (600 शब्द)
एक बड़े अज़ीब मृगजाल में एक समर्थ खोजकर्ता नाम रवि राज काम कर रहा था। रवि को अजीबोगरीब रहस्यों का पीछा करना पसंद था और उसके अनुसार, एक पुराने मंदिर के गुप्त सीक्रेट के बारे में कहानियां सच हो सकती थीं। एक रात, जब उसे रास्ते में भटकते हुए बहुत दूर जाने की ज़रूरत पड़ी, उसे एक नए रहस्यमय स्थान का पता लगा।
वह स्थान देखने के लिए उत्सुक हो गया और एक आगे निकल दिया। रास्ते में जाते जाते, उसे एक अनूठे वृक्ष के नीचे एक पुराना खिलौना मिला। उसके असामान्य रूप से चमकदार रंग और रोशनी के लिए रोशनी उसे दिखाई दी। रवि ने उसे अपने साथ ले लिया और अपनी खोज जारी रखने के लिए वापस चला गया।
रास्ते में आगे बढ़ते हुए, रवि के मन में एक अजीब सी घबराहट होने लगी। उसे लगता था कि वह अकेला नहीं है। अंधकार के साये ने उसके अंदर डरावनी सोचों को जगाया। धीरे-धीरे उसके दिमाग में भयानक कल्पनाएं घुस गईं। वह खिलौना जिसे उसने ऊपर उठाया था, अब अपने आप में रहस्यमय नज़र आ रहा था। उसकी रोशनी अचानक गायब हो गई और वह सिर्फ अंधकार में खोया सा दिखने लगा।
रवि के हृदय धड़कने लगे, और उसकी साँस तेज हो गई। उसने खिलौना फेंक दिया, लेकिन वह बार-बार वापस उसके पास आ जाता। उसे लगता था कि कोई अदृश्य शक्ति उसके साथ खिलवाड़ कर रही है।
फिर एक और घटना हुई। उसे वही वृक्ष दिखाई दिया, जिसके नीचे वह खिलौना मिला था। रवि को लगता था कि वह स्थान किसी रहस्यमय ताकत का गहरा संबंध रखता है। वह वृक्ष उसे अपनी भाँति बुला रहा था।
उसके हाथ त्रिकोणाकार खिलौने के साथ झूलते हुए, रवि ने वृक्ष की ओर बढ़ना शुरू किया। रास्ते में आगे बढ़ते हुए उसे लगता था कि वह एक अलग दुनिया में पहुँच गया है। धीरे-धीरे वृक्ष क
Kahani 2
काला जंगल
पूरे गांव की आँखों के सामने एक खतरनाक जंगल था। इसे "काला जंगल" के नाम से जाना जाता था। गांव के लोग इस जंगल की भयानक कहानियों से घबराते थे, और किसी को भी उस जगह में जाने की ज़िद नहीं थी।
एक रात, एक धनी किसान रामु ने दोस्तों के साथ शराब पीकर शरारती मिजाज में कहा, "मैं काले जंगल में जाकर देखता हूं कि ये सभी कहानियां सच हैं या नहीं।" उसके दोस्त उसके विचार का समर्थन नहीं करते थे, लेकिन उसे दिखाने के लिए भी रामु अपनी जिद पर अड़ा रहा था।
अगले दिन, सूरज की पहली किरणों के साथ, रामु ने अपनी बैलगाड़ी को लेकर रास्ता खोजना शुरू किया। वह बैलगाड़ी जंगल की एक छोटी सी गली में पहुंच गई।
जंगल की गहराइयों में चलते हुए, रामु को एक अजीब सी संवेदना होने लगी। वह लगातार भयानक स्थितियों में पड़ता गया। धीरे-धीरे, जंगल की वातावरण में अब एक दरावनी आवाज़ आने लगी।
रामु के दिल की धड़कने तेज हो गई। उसने खुद को साँस लेने के लिए विश्राम दिया, लेकिन आवाज़ बढ़ती ही जा रही थी। उसने अपने बैलगाड़ी की चाबी निकाली, लेकिन उसके हाथ ठंडे और घिसे हुए थे।
बिना किसी रूझान के बैलगाड़ी को छोड़कर, रामु पैदल होने लगा। जंगल के अंदर जाने के लिए वह अब तैयार था। धीरे-धीरे वह जंगल की गहराइयों में खो गया।
जंगल के भीतर वातावरण अब और भी विचित्र और डरावना था। रामु को एक अजीब सा डर आने लगा। जंगल में आवाज़ें आती और बदलती दिखाई देने लगीं। वह भयानक दृश्यों के बीच खड़ा हो गया।
सामने से एक रात की चादर जैसे अंधकार ने उसे घेर लिया। रामु के दिल में डर और बढ़ गया। वह पलकें झपकाने लगा और बार-बार अपनी माँ का नाम लेने लगा।
तभी, एक दरावनी आवाज़ उसे अपनी ओर खींचने लगी। रामु की खुद पर क़ाबू होने लगी और वह दौड़ने लगा