EK KAHANI AISI BHI BHAG - 7 in Hindi Horror Stories by Abhishek Joshi books and stories PDF | एक कहानी ऐसी भी - भाग 7

Featured Books
  • आखेट महल - 19

    उन्नीस   यह सूचना मिलते ही सारे शहर में हर्ष की लहर दौड़...

  • अपराध ही अपराध - भाग 22

    अध्याय 22   “क्या बोल रहे हैं?” “जिसक...

  • अनोखा विवाह - 10

    सुहानी - हम अभी आते हैं,,,,,,,, सुहानी को वाशरुम में आधा घंट...

  • मंजिले - भाग 13

     -------------- एक कहानी " मंज़िले " पुस्तक की सब से श्रेष्ठ...

  • I Hate Love - 6

    फ्लैशबैक अंतअपनी सोच से बाहर आती हुई जानवी,,, अपने चेहरे पर...

Categories
Share

एक कहानी ऐसी भी - भाग 7

आपने  देखा की  राकेश  जि  ओर  प्रेम  अभिमन्यु  को  ढूंढ  लेते  है  |

पर  ये  क्या  अनुज  तीन  दिन  पहले  ही  दुशरी  दुनिया  मे  पहोच  गया  है  |

ओर  वहा  वो  विचित्र  घटना ओ  को  देखता  है  |

लासों  का  ढेर  |

खून  पीते  आदमी  और  ओर  भी  बहुत  कुछ  |

 

अब  आगे  

अभिमन्यु  अब  राकेश  जि  ओर  प्रेम  के  साथ  जा  रहा  है  |

अनुज  को  बचाने  के  लिए  |

वो  उनके  घर  गया  |

पर  वहा  उसे  कुछ  अजीब  नहीं  लगा  |

पर  जब  वो  अस्पताल  मे  दाखिल  हुआ  उसे  अजीब  सा  अहेसास  हुआ  |

की  जैसे  कोई  अनुज  के  आस - पास  घूम  रहा  है  |

वो  अनुज  के  पास  गया  | 

 

अनुज  का  चहेर  पूरा  काला  पड़  गया  था  |

ओर  आंखे  भी  अंदर  धस  गई  थी  |

जैसे  की  कोई  संकेत  हो  |

 

अभिमन्यु  ने  राकेश  जि  से  कहा  |

ये  सब  कितनों  दिनों  से  चल  रहा  है  |

राकेश  जि  ने  कहा  तकरीबन  चार   दिनों  से  |

इसका  मतलब  अब  हमारे  पास  सिर्फ  तीन  दिन  बचे  है  |

तीन दिन  बाद  अनुज  अपना  सरीर  छोड़  के  प्रेतयोनि  मे  चला  जाएगा  |

 

क्या  अनुज  को  वापस  लाने  का  कोई  उपाय  नहीं  है  |

ऐसी  कोई  जंजीर  नहीं  जिसे  मेरा  महाकाल   ना  तोड़  पाए 

 

है  एक  रास्ता  मुजे  भी  उस  दुनिया मे  जाना  पड़ेगा  |

उसे  वापस  लाने  के  लिए  |

 

इधर  अनुज  दुशरी  दुनिया  मे  बहुत  परेशान  हो  रहा  था  |

कभी  उसे  डरावनी  आवाजे  सुनाई  देती  तो  | 

कभी  शैतानी  हसी  | 

जो  भी  आता  उसके  पास  उसे  खंजर  से  घाव  देके  चला  जाता |

फिर  दूजा  कोई  आके  उस  घाव  पर  नमक  डाल  देता  |

वो  दर्द  से  तड़प  रहा  था  |

मौत  की  भीख  मांग  रहा  था  |

गिड़गिड़ा  रहा  था  |

पर  कोई  उसपे  ध्यान  नहीं  दे  रहा  था  |

अब तो  उसने  भी  भगवान  को  पुकार  लगाई  के  |

हे  भगवान  यदि  तू  सच  मे  हे  तो  मुजे  यहा  से  बहार  निकाल  |

अन्यथा  मुजे  भी  पूर्ण रूप  से  इनकी  तरह  बना  दे  |

 

अब  अभिमन्यु  भी  पूरी  तैयारी  मे  था  |

क्योंकि  वो  भी  जानता  था  की  उनके  पास  समय  बहुत  कम  है  |

पहले  तो  उसे  घर  मे  जाकर  ये  देखना  था  की  काले  जादू  का  असर  सिर्फ  अनुज  पर  ही  हुआ  है  |

या  किसी  ओर  पर  भी  अगर  ऐसा  हुआ  तो  ये  बहुत  खतरनाक  साबित  होगा  |

 

वो  घर  पर  गया  पर  सब  खैरियत  थी  |

काले  जादू  का  असर  सिर्फ  ओर  सिर्फ  अनुज  पर  ही  हुआ  था  |

 

अब  बात  ये थी  की  उसे  पहले  अनुज  से  संपर्क  साँधना  होगा |

क्योंकि  उस  दुनिया  मे  अनुज  कहा  पर  ये  जानना  भी  बहुत  कठिन  था  |

 

अभिमन्यु  इस के  लिए  अस्पताल  गया  पर  |

डॉक्टर  ने  इन  सब  के  लिए  मना  कर  दिया  |

फिर  एक  बाप  की  लाचारी  को  देखते  हुए   |

उन्होंने  हा  कहेदी  |

अब  अभिमन्यु  भी  ध्यान  लगाकर  अनुज  के  बगल  मे  बैठ  गया  |

थोड़ी  देर  बाद   अभिमन्यु  को   एक  काला  साया  दिखाई  दिया  |

उसके  पीछे  वो  चलता  गया  |

बहुत  आगे  जाने  के  बाद  वो  रुक  गया  |

ओर  अभिमन्यु  भी  रुक  गया  |

पर  ये  क्या  सामने  अनुज  चीला  रहा  था  मुजे  बचा  लो  |

प्लीज  अभिमन्यु  मुजे  बचा  लो  |

क्या  वो  सच  मे  अनुज  ही  था  या  कोई  ओर  जानने  के  लिए  पढे  |

एक  कहानी  ऐसी  भी  भाग - ८