अजब गजब
दुनिया में कुछ ऐसी बातें हैं जो सुनने में अजूबे लगती हैं पर वे सत्य हैं . ऐसे कुछ उदाहरण पढ़िए -
1 . दुनिया का सबसे गहरा पोस्ट बॉक्स पानी के करीब 33 फ़ीट ( 10 मीटर ) नीचे है - दुनिया का सर्वाधिक गहरा पोस्ट बॉक्स सूसामई बे ‘ जापान में स्थित है जो पानी के 10 मीटर अंदर है . यह जापान के वायकॉम प्रांत के नाकामुरा शहर में स्थित है . यहाँ के लोगों ने सोचा कि हमारे यहाँ और सैलानी आने चाहिए , इसलिए वहां के पोस्ट मास्टर मात्सुमोतो ने एक आश्चर्यजनक आईडिया दिया . टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पोस्टमॉस्टर ने समुद्र के 10 मीटर नीचे एक मेल बॉक्स लगाने का फैसला किया . लोग पानी के अंदर जा कर अपना कार्ड मेल बॉक्स में डाल सकते थे पर कार्ड वाटरप्रूफ होना चाहिए और उस पर आयल बेस्ड पेंट से लिखना होता था . कहा जाता है कि मास्तुमोतो का यह आईडिया बहुत कारगर रहा .
2 . एक अजीबोगरीब ओपेरा हाउस ( रंगमंच ) - अमेरिका और कनाडा के बॉर्डर पर एक ऐसा ओपेरा हाउस है जिसका स्टेज और आधे दर्शक कनाडा में होते हैं और आधे दर्शक अमेरिका की धरती पर बैठते हैं . हॉल के बीच में सीट के नीचे एक काले रंग की लाइन दोनों देश की सीमा है . इसी तरह आधी लाइब्रेरी कनाडा में है तो आधी अमेरिका में . इसका नाम हास्केल लाइब्रेरी ओपेरा हाउस है जो 1904 में बना था . ओपेरा हाउस दूसरी मंजिल पर स्थित है . इसका स्टेज कनाडा की भूमि पर है पर प्रवेश द्वार अमेरिका में है . कैनेडियन दर्शक को अपनी कार कनाडा में पार्क कर एक विशेष मार्ग द्वारा अमेरिका से हो कर प्रवेश करना पड़ता है और शो के बाद वापस कनाडा आना पड़ता है . यों कह सकते हैं - यह अमेरिका में एकमात्र ऐसी लाइब्रेरी है जहाँ एक भी किताब नहीं है और एकमात्र अमेरिकी रंगमंच जिसका स्टेज अमेरिका में नहीं है .
3 . प्रकाश की गति भी धीमी हो सकती है - हम सभी जानते हैं कि लाइट की स्पीड बहुत ज्यादा होती है , लगभग तीन लाख किलोमीटर / सेकंड ( 3,00,000 km per sec ) पर कभी यह घट कर मात्र 17 मीटर / सेकंड भी हो जाती है . जी हाँ , जब लाइट पानी या गैस के माध्यम से होकर गुजरती है तो इसकी स्पीड बहुत कम हो जाती है , अल्ट्रा कोल्ड एटॉमिक गैस में मात्र 17 मीटर प्रति सेकंड हो जाती है .
4 . चाँद पर मूत्र त्यागने वाला एकमात्र व्यक्ति - अमेरिकी अंतरिक्षयात्री बज्ज एल्ड्रिन 20 जुलाई 1969 को चंद्रमा पर उतरने वाला दूसरा व्यक्ति था , अपने साथी नील आर्मस्ट्रांग के कुछ मिनटों के बाद . उन्होंने ने बाद में बताया कि चंद्रमा पर लैंड के बाद उन्होंने पेशाब किया था पर अपनी डायपर में पैंट के अंदर .
5 . अंटार्कटिका में ‘ ब्लड फॉल्स ‘ है - अंटार्कटिका में एक ग्लेशियर है जिसका नाम ‘ ब्लड फॉल्स ‘ है . इस से निकलने वाले पानी का रंग लाल होता है इसलिए इसे ‘ ब्लड फॉल्स कहते ‘ हैं . इस ठंडे ग्लेशियर के शीर्ष के पिघलने से लगातार लाल रंग का पानी निकलते रहता है . यहां के पानी में आयरन की मात्रा बहुत अधिक होने से इसका रंग लाल होता है .
6 . मादा कंगारू को तीन योनियां ( vagina ) - मादा कंगारू को तीन वेजिना ( योनियां ) होती हैं . इसकी तीसरी योनि , जो मध्य में होती है , गर्भधारण के समय ही खुलती है और गर्भाशय ( uterus ) तक जाती है .
7 . हमारा टंग प्रिंट भी अद्वितीय होता है - हम सभी जानते हैं कि हर व्यक्ति का फिंगर प्रिंट यूनिक ( अद्वितीय ) होता है . इसलिये हमें अपनी पहचान के लिए अक्सर बायोमेट्रिक फिंगर प्रिंट देना पड़ता है . ठीक उसी तरह हर व्यक्ति के जीभ का प्रिंट भी यूनिक होता है . इसे लिंगुअल इम्प्रेशन कहते हैं और फॉरेंसिक डेंटिस्ट्री में पहचान के लिए यूज किया जाता है .
8 . शक्तिशाली भूकंप से पृथ्वी के दिन पर प्रभाव पड़ता है - हम जानते हैं कि धरती अपनी धुरी पर स्पिन करती है पर किसी शक्तिशाली भूकंप से धरती के चक्रण की धुरी ( axis of spin ) बदल सकती है . 2004 में सुमात्रा में
आये सुनामी और भूकंप के चलते पृथ्वी की धुरी 3 इंच खिसक गयी और दिन 6. 8 माइक्रो सेकंड ( एक सेकंड का दस लाख वां हिस्सा ) छोटा हो गया है . 2010 में आये चिली के भूकंप के चलते दिन 1.28 माइक्रो सेकंड छोटा और जापान में आये 2011 के भूकंप के चलते दिन 1.8 माइक्रो सेकंड छोटा हो गया है .
9 . नॉर्थेर्न लेपर्ड कैन ईट थ्रू आईज - नॉर्थेर्न लेपर्ड अमेरिका और कनाडा में पाए जाने वाले मेढ़क की एक खास प्रजाति है जो अपना भोजन आँखों की मदद से खाता है . अपने भोजन को गले के नीचे पेट में ले जाने के लिए लेपर्ड फ्रॉग भोजन को अपनी आँखों से पुश कर पेट में ले जाता है .
10 . हेयर स्प्रे में बैक्टीरिया रहते हैं - 2008 में वैज्ञानिकों ने शोध में देखा है कि आमतौर पर इस्तेमाल किये जाने वाले हेयर स्प्रे में बैक्टीरिया होते हैं जिन्हें माइक्रो बैक्टीरियम हटानोनिस और माइक्रो बैक्टीरियम ऑक्सीडैंस कहते हैं .
11 . एइफ्फेल टावर सूर्य की विपरीत दिशा में झुकता है - फ्रांस की राजधानी पेरिस में स्थित एइफ्फेल टावर एक वर्ल्ड हेरिटेज है . गर्मियों में सूरज की गर्मी के चलते इसकी धातु फैलती है और इसकी ऊंचाई भी बढ़ जाती है और साथ ही यह दूसरी ओर करीब 7 इंच तक झुक जाता है .
12 . धरती पर दूसरा वेनिस - वेनिस अपनी खासियत के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है . यहाँ सड़कें पानी की होती हैं . इसी तरह का यूरोप में ही दूसरा शहर नीदरलैंड ( हॉलैंड ) में स्थित जितहूम है जिसे ‘ वेनिस ऑफ़ नीदरलैंड ‘ कहते हैं . यह दुनिया के सर्वाधिक खूबसूरत शहरों में गिना जाता है . यह एक मानव निर्मित नहर ( कैनाल ) है . यहाँ की आबादी लगभग 2800 है और इस शहर में कोई सड़क नहीं है . लोग कैनाल में बोट से आते जाते हैं और 176 पुल द्वारा आपस में जुड़े हैं . यहाँ के घर की छत पर घास फूस का छप्पर होता है . इस छोटे शहर को देखने प्रतिवर्ष 10 लाख से ज्यादा सैलानी आते हैं .
13 . सर्वाधिक मूल्यवान कुत्ता - दुनिया के सर्वाधिक कीमती कुत्ते का मूल्य करीब 20 लाख अमेरिकी डॉलर यानी लगभग 16.5 करोड़ रुपये था . AFP ( एजेंसी फ्रांस प्रेस ) ने चीनी समाचार पत्र किअंजिआंग इवनिंग न्यूज़ का हवाला देते हुए कहा था कि 2014 में चीन में एक पेट शो में इसे ख़रीदा गया था . यह एक विशेष प्रजाति , तिबत्ती मैस्टिफ पप्पी ( Tibetan mastiff puppy ) , का कुत्ता है .
14 . सर्वाधिक कीमती जींस पैंट - विश्व के सर्वाधिक मूल्यवान जींस पैंट की कीमत 87, 000 अमेरिकी डॉलर्स यानी करीब 72 लाख रुपये . पर यह जींस नया नहीं था बल्कि एक बहुत ही पुराना , 140 वर्षों से भी ज्यादा ,फटा चिटा बदरंगा पैंट जिसे एक नीलामी में ख़रीदा गया . यह प्रसिद्ध Levi’s कंपनी का जींस था जिसे अमेरिका के न्यू मेक्सिको में एक नीलामी के दौरान स्टीवेंसन और हॉटनेर ने ख़रीदा था . स्टीवेंसन का लॉस एंजेलिस में डेनिम रिपेयर की 30 साल पुरानी दुकान थी .
15 . सोना , गजब का धातु - सोना या गोल्ड को दुनिया में कहीं भी परिचय की आवश्यकता नहीं है . यह दुनिया की सर्वाधिक कीमती धातुओं में एक है . इसकी कुछ विशेषताएं हैं -
विश्व का दो तिहाई सोना अकेले साउथ अफ्रीका में होता है .
75 % सोने की वार्षिक खपत आभूषण बनाने में होती है .
अंतरिक्ष यात्रियों के हेलमेट पर सोने की परत होती है जो सूर्य की अल्ट्रा वॉयलट किरणों से उनकी रक्षा करती है .
2013 में वैज्ञानिकों और भूगर्भशास्त्रियों ने पता लगाया है कि भूकंप के बाद सोना मिलता है . पृथ्वी के नीचे बहुत गहराई पर प्लेट्स के आपस में टकराने से पतली सी क्रैक या आड़ी तिरछी दरार होती है . इस से होकर हाई प्रेशर द्रव निकलता है जिसके वाष्प बनने से सोना मिलता है .
सोने को हम खा सकते हैं , अगर खाना चाहें तो . स्वीट और पेस्ट्री आदि पर इसकी बारीक परत चढ़ा कर सजा सकते हैं और खा भी सकते हैं पर पेट में जाने के बाद बचता नहीं है बल्कि मल के साथ बाहर निकल जाता है . आयुर्वेदिक दवाओं में स्वर्ण भस्म आज भी यूज होता है .
समाप्त