Women moving forward.... in English Women Focused by Purnima Kaushik books and stories PDF | आगे बढ़ती हुई महिलाएं....

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आगे बढ़ती हुई महिलाएं....

"यत्र नारयस्तु पूज्यनते, रमंते तत्र देवता " अर्थात जहां नारी का सम्मान होता है, वहां देवता निवास करते हैं| ...... भारतीय संस्कृति में नारी को देवी के रुप मेंउनके पूजा जाता है | नवरात्र के अंतिम दिनों में अकसर देखा जाता है कि छोटी छोटी कन्याओं को देवी, मां भगवती का स्वरुप मानकर उन्हें भोजन कराया जाता हैं और उन सभी कन्याओं के जाते समय उन्हें कुछ भेंट दी जाती है | नारी को देवी का स्वरूप माना जाना अधिकतर भारत में ही देखने को मिलता है |

इसके अलावा नारी के और भी कई किरदार होते हैं जिन्हें वह बहुत ही अच्छे ढंग से अदा करती हैं | कभी वह एक बेटी बन अपनी मां के काम में मदद करती है तथा उनके साथ एक सहेली की तरह हर सुख दुःख की बाते करती हैं और अपने पिता की तो लाड़ली होती हैं बेटियां..... कभी बहन बन भाइयों बहनों के साथ मस्ती मजाक की बाते करती हैं तो कभी मां बन बच्चों में अच्छे संस्कारो को डालती हैं और जरूरत होने पर उनकी गलतियों पर उन्हें डांटती भी है इसलिए तो मां को बच्चे कका प्रथम गुरु कहा जाता है | कभी दादी नानी की तरह बच्चों को नईं नई कहानियां सुनाती हैं| नारी अपने इन सभी किरदारों को निभाते हुए घर की सारी जिम्मेदारीयो को बखूबी निभाती हैं |

इसी के साथ आज नारी का अस्तित्व सिर्फ घर की जिम्मेदारियों तक ही सीमित नहीं रह गया है बल्कि वह घर से बाहर निकल कर अपने आप को साबित कर रही हैं | वर्तमान समय में नारी हर क्षेत्र में अपना करियर बना रही हैं | फिर चाहे वह शिक्षा हो या खेल, मीडिया हो या प्रशासन का कार्य, अभिनेत्री हो या संगीतकार, राजनीति हो या धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ कोई भी कार्य हर जगह नारी की उपस्थिति दर्ज की जा रही है | शिक्षा के क्षेत्र में जब महिलाओं ने कदम रखा तो उन्होनें अपनी मेहनत और लगन से सफलता प्राप्त कर देश का नेतृत्व करती नजर आ रही हैं | खेल में भी महिलाओं ने अपने शौर्य और साहस से कई सम्मानीय पदक जीते हैं और उन्हें देश के राष्ट्रपति द्वारा अनेक सम्मानित पुरुष्कार प्राप्त हुए हैं | इससे उन्होनें अपना नाम सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बनाया है | वहां भी महिलाओं को खेलों के लिए कई पुरुस्कार मिले हैं |

इन सभी के रहते हुए भी आज महिलाए समाज की कुछ कुरीतियों के जाल में बंधी हुई है | जैसे बाल विवाह, दहेज प्रथा, आदि ऐसी ही कुछ रीतियां हैं जो समाज में फैली हुई हैं, जिनका समाप्त होना बेहद जरूरी है | वैसे ये सभी रीतियां अब काफी हद तक समाप्त हो चुकी हैं और महिलाएं आज खुलकर अपने सपनों और लक्ष्यों को पूरा करने के लिए स्वतन्त्र हो कर आगे बढ़ रही हैं | अपनी पसंद का करियर चुनने के लिए महिलाएं आज पूर्ण रूप से स्वतंत्र हैं | नारी आज पुरुषो के समान ही आगे बढ़ कर अपने घर की जिम्मेदारियों को भी भली भांति निभा रही हैं | नारी को पूर्ण रूप से सम्मान और सभी का प्रोत्साहन मिलता रहें तो वह अपनी हर मंजिल को आसानी से प्राप्त कर लेगी |