भाग ६
अब तक आपने देखा की शिवन्या ने प्रजा को सुरक्षित स्थान पर पोहचाने के लिए राजा से कहा
अब आगे की कहानी देखते है।
राजा विलम ने रानी से कहा जिन लोगो के घर कच्चे है ओर जिनके घर इस मूसलाधार बारिश में बह गए है हम उनको हमारा जो दूसरा महल है वहा सुरक्षित भेज देते है , रानी ने कहा ये सही बात है। फिर राजा विलम ने अपने सैनिकों को भेजा बहुत सारे रथ भी भेजे ताकि ज्यादा से ज्यादा प्रजा के लोग महल तक सुरक्षित जा सके।
शाम तक सैनिकों ने प्रजा के लोगो को राजा के दूसरे महल सुरक्षित ले जाते है , इतने सारे रथ ले जाते वक्त बहुत परेशानी हुई लेकिन सब सही सलामत पहुंच चुके थे ,लेकिन बारिश तो रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी। रानी कहती है अगर इसे ही बारिश चलती रही तो जिन प्रजा के घर बचे हुए है वह भी बह जायेंगे।
राजा कहते है बात तो आप ठीक कह रही है रानी लेनिक अब प्राकृतिक समस्या के आगे हम क्या कर सकते है। निलंबा ने कहा यह बात भी बिल्कुल सही है, तब रानी भगवान शिव को प्राथना करती है, है शिव इस प्राकृतिक समस्या का आप ही समाधान कर सकते है यह बारिश जल्द रोक दीजिए ताकि प्रजा शांति से रह सके।
जब उसने यह बात बोली तब रानी को लगा जैसे की वह बहुत महत्वपूर्ण चीज भूल तो नहीं रही , लेकिन फिर उसने अपने दिमाग पर ज्यादा जोर नहीं लगाया ओर वह राजकुमारी शिवन्या के पास चली गई , शिवन्या अपने कक्ष में दासी के साथ खेल रही थी तब रानी ने आकर कहा चलो पुत्री आपका सोने का समय हो गया है आइए में आपको सुला देती हु , तब शिवन्या नटखट ओर मजाक के अंदाज में कहती है मां मेने आपसे कितनी बार कहा है अब में छोटी बच्ची नहीं हु १० साल की हो गई हु।
तब रानी ने कहा बेटा आप जितने भी साल के हो जाओ रहोगी तो मेरी प्यारी सी शिवन्या ही ठीक है ओर १० साल की उमर छोटी ही होती हे तो आईए ओर सो जाइए चलिए । तब शिवन्या ने कहा मां आप मुझे कोई कहानी सुनाओ तो ही मुझे निंद्रा आयेगी, तब रानी ने कहा ठीक है चलो ये लो तकिया ओर इसके ऊपर सिर रख कर आंखे बंध करो में कहानी सुनाती हु।
रानी ने अपनी ही कहानी सुनाई उसने कहा एक राजा रानी थे उनकी शादी बड़ी धूम धाम से हुई थी, दोनो अपने दांपत्य जीवन में बड़े ही खुश थे, सब कुछ ठीक ही चल रहा था परंतु एक दिन फिर शिवन्या ने कहा परंतु क्या मां? तब रानी ने कहा आगे सुनिए परंतु एक दिन रानी को पता चलता है की उनका मां बनना मुश्किल है उनके नसीब में संतान का सुख शायद ही है। धीरे धीरे उनकी शादी के १० साल हो जाते है परंतु फिर भी उनके नसीब में माता पिता बनने का सुख नहीं आया।
फिर एक दिन रानी ऐसे ही टहल रही थी वहा उसे एक बूढी अम्मा मिली उन्हों ने रानी को संतान पाने के लिए शिव जी की मन्नत के बारे में सुझाव दिया यह बात बोलते ही रानी को अचानक से याद आ गया की उनकी मन्नत तो अभी भी अधूरी है उन्हों ने संतान होने पर १००० गरीबों को खाना दान में नही दिया था। शिवन्या सो चुकी होती है, तब रानी ने सोचा शिवन्या के भी अब तो १० साल हो गए में यह मन्नत केसे भूल सकती हु।
वह तुरंत ही भागती हुई राजा के कक्ष में जाति है , राजा उन्हे देख कर बोलते है अरे निलंबे यह क्या आप इसे भाग क्यों रहे है ओर इतनी परेशान सी क्यों दिख रही है , तब रानी ने कहा महाराज हमसे बहुत महत्वपूर्ण बात भूलने की भूल हो गई राजकुमारी शिवन्या के जन्म पहले हमने जो शिव की की मन्नत मांगी थी हम वो पूरी करना ही भूल गए , संतान का जन्म होने के बाद हमने १००० गरीबों को खाना दान में अभी तक नही दिया। राजा ने कहा अरे हां यह बात हमारे दिमाग से भी निकल गई।
रानी ने कहा कल ही हम गरीबों को खाना दान करने जाएंगे शायद यह इतना तेज तूफान ओर बरसात इस लिए हो आ रही है यह सब प्रभु शिव की लीला है ताकि हमे यह बात याद आ सके।तब राजा ने कहा तुम सही कह रही हो कल सुबह होते ही हम १००० गरीबों को खाना दान करने निकल जायेंगे।
दोस्तो कहानी यही तक रखते है इसका अगला भाग जल्द ही आएगा। 😊