EK KAHANI AISI BHI - 1 in Hindi Horror Stories by Abhishek Joshi books and stories PDF | एक कहानी ऐसी भी - भाग 1

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एक कहानी ऐसी भी - भाग 1

आज  बहुत  देर  से  उठा  था  |

सायद  रात  की  दारू  उतरी  नहीं  थी  |

ओर  सर  भी  भारी  लग  रहा  था  

पिछले  कुछ  दिनों  से  उसकी  मुसकेलिया  थम ने  का  नाम  नहीं  ले  रही  थी  |

वो  कितना  भी  कुछ  करले  हालत  बद  से  बदतर  होते  जा  रहे  थे  |

इसी  के  चलते  उसने  दारू  ओर  सिगरेट  की  लत  भी  लगा ली  थी  |

 

आज  जब  वो  उठा  तो  बस  यही  दोहराता  रहा  वो  मुजे  मार  डालेगी  |

 

खैर  ये  बात  अनुज  की  अनुज  मिश्रा  | 

जैसा  उसका  नाम  था  वैसा  ही  उसका  रिश्ता  |

वो  घर मे  सबसे  छोटा  था  |

 

कहने  को  तो  परिवार  बहुत  बड़ा  था  |

ओर  खुस - खुशाल  भी  |

सब  एक  दुशरे  को  बहुत  प्यार  करते  थे  |

 

पर  जब  से  उन्हों  ने  पुराना  वाला  घर  छोड़ा  था  |

ओर  नए  घर  मे  शिफ्ट  हुए  तब  से  आए  दिन  कोई  न  कोई  जघड़ा  खड़ा  ही  रहता  है  |

 

घर  मे  मम्मी  - पापा  , बड़ा  भाई  - भाभी  , अनुज  ओर  उसकी  पत्नी  , एक  भतीजा  ओर  अनुज  की  बेटी  ये  उनका  परिवार  था  |

पापा  राकेश  ओर  मम्मी  रीना  ने   अनुज  को  बहुत  लाड़  प्यार  से  बड़ा  किया  था  |

क्योंकि  वो  घर  का  छोटा  बेटा  था  |

ओर  इसी  तरह  भाई  प्रेम  ओर  भाभी  सोनाली  भी  अनुज  का  ओर  उसकी  पत्नी  का  बहुत  खयाल  रखते  थे  |

 

किसी  भी  बात  को  लेकर  परिवार  के  बीच  कोई  भी  मन  - मुटाव  नहीं  था  |

तो  फिर  आखिर  ऐसा  क्या  हुआ  की  एक  हसता  - खेलता  परिवार  |

अपने  आप  बिखर  ने  लगा  |

ऐसा  क्या  हुआ  की  मंगल  वीला  मे  शिफ्ट  होते  ही  उनका  अमंगल  सरू  हो  गया |

 

मै  फिर  से  कहानी  पर  लौटता  हु |

 

बात  ये  थी  की  आज  जब  अनुज  को  जगाया  ओर  जागते  ही  उसने  ये  बोला  की  वो  मुजे  मारदे  गी  |

तो  सब  सहमे  हो  गए  सब को  ये  लगा  की  ये  कल की दारू  का  असर  है |

ओर  वो  बहेकी  बहेकी  बाते  कर  रहा  है  |

पर  किसी  को  क्या  पता  था  ये  दारू  का  असर  नहीं  |

किसी  ओर  चीज  का  असर  है  |

 

ये  तो  सिर्फ  सरुआत  थी  |

किसी  को  मालूम  नहीं  था  |

की  दूर  खडा  कोई  उनपे  नजर  रख  रहा  है  |

उनकी  सब  गति  - विधियों  की  जानकारी  ले  रहा  है |

 

सब को  लगा  अनुज  डिप्रेसन  मे  जा  रहा  है  |

जिसके  कारण  उसे  ऐसे  खयालात  आते  है  |

यू की  वो  हॉरर  फिल्म्स  ओर  सीरियल  भी  बहुत  देखता  था  |

इसी के  चलते  ये  मालूम  करना  कठिन  था  की  मसला  क्या  है  |

 

फिर  सबके  समाजने  के  बाद  उसे  थोड़ी  हिम्मत  आई  ओर  वो  फ्रेश  होने  चला  गया  |

यू  घर  मे  जघड़े  होते  रहते  थे  पर  अनुज  को  इस  तरह  से  पहेली  बार  डरा  हुआ  सब  ने  देखा  है  |

अनुज  जब  फ्रेस  होकर  आता  है  तो  उसकी  लाड़ली  परी  उसकी  बेटी  उसके  सामने  खड़ी  होती  है  |

ओर  प्रिया  टिफिन  लेकर  आती  है  वैसे  तो  अनुज  साढ़े  नो  बजे  निकल  जाता  है  पर  आज  दस  बजने  बाद  भी  वो  घर  पर  था  |

उसने  प्रिया  से  टिफिन  लिया  ओर  वो  चल  पड़ा  उसने  परी  की  ओर  भी  नहीं  देखा  |

 

आखिर  ऐसा  क्या  हुआ  की  अनुज  इतना  बदल  गया  |

 

ओर  वो  कोन  था  की  कोन  थी  जो  सब  पर  नजर  रख  रही  है  |

 

जानने  के  लिए  इंतेजार  करे  |

 

एक  कहानी  ऐसी  भी  - भाग  - २