girls are so delicate in Hindi Motivational Stories by AAShu ______ books and stories PDF | कितनी नाजुक होती हे लडकियां

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कितनी नाजुक होती हे लडकियां

बचपन में खिलौना तुट जाए,तो रो -रो कर बुरा हाल कर देती हे,
मगर, जब दिल तुट जाए, तो किसी को पता तक नहीं चलने देती,
कितनी नाजुक होती है लड़कियां ........

अपनी पसंद का सूट न मिले ,तो त्योहार नही मनाती,
मगर मां - बाप की खुशी के लिए, एक नापसंद इंसान के साथ जिंदगी गुजार देती है,
कितनी नाजुक होती हे लड़कियां .........

एक छोटी सी खरोच लग जाए,तो बवाल कर देती ही,
मगर,बच्चे को जन्म देने का दर्द , खुशी_ खुशी सह जाती हे,
कितनी नाजुक होती है लड़किया...........

भाई-बहन अकेला छोड़ घूमने चले जाए, तो उधम मचा देती है,
मगर जब पति देश की सेवा करने बॉर्डर पर चला जाए,तो अकेले रहना सीख जाती है,
कितनी नाजुक होती ही लड़किया...........

मां-बाप दो दीन के लिए भी घर से बाहर चले जाए,तो कॉल कर-करके परेशान कर देती हे,
मगर, हमसफर जब जिंदगी भर का साथ छोड़ दे,तो खुद को मजबूत कर संभाल लेती हे,
कितनी नाजुक होती है लड़कियां.............

मां जब घर का एक काम करने को कहे,तो दस बहाने बना लेती है,
मगर ,जब खुद के बच्चो की जिम्मेदारी सर पर आती हे,तो दूसरी के घरों का काम भी कर लेती हे,
कितनी नाजुक होती है लड़कियां..............

कॉलेज में अगर कोई परेशान करे,तो भाई से शिकायत लगाकर उसके टांगे तुड़वा देती हे,
मगर,जब वासना भरी नजरो का शिकार होती हे, तो खुद उनको मुंह-तोड़ जवाब देकर जी लेती हे,
कितनी नाजुक होती है लड़किया...............

घर में कदम रखते ही मां- मां पुकार कर , सर में दर्द कर देती हे,
मगर,मां जब दुनिया में ही ना दिखे ,तो सबसे बड़ा दर्द भी रो-रो कर सह जाती हे,
कितनी नाजुक होती है लड़किया..............

जब मां-बाब में लड़ाई हो रही हो,तब बाप की साइड लेकर मां से पंगा ले लेती हे,
मगर, जब बाप का भी सहारा छूट जाए, तब अंदर ही अंदर खुद से लड़कर ,सिर्फ बच्चो के खातिर जी लेती है,
कितनी नाजुक होती ही लड़किया............

मां बाप जब किसी चीज की कीमत देख कर मना कर दे, तो जब तक ना मिले तब तक गाल फूला कर बैठ जाती है,
मगर, जब बच्चो की भारी भरकम फीस की क़ीमत अदा करनी हो, तो अपने पसिने को खून बनाकर,हर क़ीमत अदा कर देती है,
कितनी नाजुक होती है लड़किया............

बच्चो की जिंदगी बनाने में, खुद की जिंदगी खर्च कर देती है,
मगर जब बच्चो का घर बन जाए , तो उनके घर में अनजान बनकर एक कोने में, सिर्फ सांसों के सहारे जिंदगी काट लेती है,
कितनी नाजुक होती है लड़कियां...........

बचपन से जवानी तक, जवानी से अधेड़ी तक, अधेड़ी से बूडापे तक
सब उतार-चढ़ाव पार कर जाती है,
और आखिर में, अपने दिल के टुकड़ों को छोड़, अनंत में विलीन हो जाती हे,
कितनी नाजुक होती है लड़कियां..........

इतनी नाजुक होते हुए भी , कठिन से कठिन परिस्थिति सहने की ताकत रखती हे लड़कियां ...................!

पुरुषो के मुकाबले औरतों में शारीरिक बल भले ही कम हो, मगर मानसिक बल के मामले में वो पुरुषो से हमेशा आगे रहती है, और वही मानसिक बल उसे जीवन की हर परीक्षा पार करने में मदत करती है !