आगे...... अंतिम भाग
राधव की सगाई हो गई। इसबात से चाहत खुश थी। मगर कहीं ना कहीं उसे दोस्ती टूटने का डर परेसान करता था। मन ही मन इसबात से डरती, कहीं उसका और राधव रिश्ता ना टूट जाए।
राधव चाहत की उलझनों को बहोत अच्छे से समझता था। पर उसे यह समझ नहीं आ रहा था। चाहत को कैसे भरोसा दिलाउ। वो चाहत से कहता, Don't worry Yaar "अब कुछ गलत नहीं होगा और तुम्हारा भरोसा नहीं टूटेगा। यह सुनकर चाहत छुप हो जाती।
राधव ने उसकी दोस्ती पर कोई फर्क पड़ने नहीं दिया। चाहत का भरोसा राधव ने टूटने नहीं दिया। प्यार और नौकरी के बीच चाहत के प्रति अपनी दोस्ती नहीं भुला।
राधव की सगाई के कुछ दिन बाद...... चाहत ने राधव को मैसेज किया। और दोनों की फालतू बातें चालू हो गई। कैसे हो बंदर? ठीक से खाना खाता है न तु? प्यास तो लगती है न? प्यार के साथ साथ काम पर भी ध्यान देना, और पार्टी कब देगा तु? और राधव! जी बॉस में ठीक हूं, दिन में एक ही बार खाता हूँ पर पानी पी लेता हूँ, और तेरी जन्म दिन की पार्टी, तेरी जॉब की पार्टी, सब बाकी है, पहले तेरी पार्टी करेगे फिर में दूंगा।
बातों बातों मे चाहत ने उसे खुदसे ज्यादा बात करने से मना कर दिया। जब राधव ने वजह पूछी तो चाहत ने जवाब दिया "में तुम्हारा काम जानती हूँ, तेरा पुरा दिन जॉब के कामों मे चला जाता है, बड़ी मुश्किल से थोड़ा वक़्त मिलता है और अब तुम्हें अपनी जिवनसाथी को भी वक़्त देना पड़ेगा, इसलिये कह रहे है। हम दोनों अब से कम बात करेगे।
चाहत की ऐसी बाते सुनकर राधव को हँसी आई और उसने चाहत को बोला "ऐसा कुछ नहीं है" सबको वक़्त देना पड़ता है। फिर चाहत ने उसे समजाते हुए बोला, पागल! ऑफिस, घर, और तुम्हारा प्यार अभी वो जरूरी है। उसमे ज्यादा ध्यान दे। चाहत की यह बातें सुनकर उसे फिर हँसी आई और वो मुस्कुराने लगा।
चाहत और राधव का रिश्ता ऐसा ही है, कम बात करते है मगर जब भी करते है ऐसे ही मौज मे रहते है। आज भी दोनों के बीच मजाक मस्ती, understanding, और एक दूसरे की फिकर, उतनी ही है जितनी पहले थी।
किस्मत ने जिस काम के लिये राधव और चाहत को मिलाया था। वो पुरा हो गया। चाहत को अब दोस्ती पर भरोसा है। अब वो लड़को से बात करने में घबराती नहीं है। राधव ने उसे फिर जीना सिखा दिया। अच्छे और बुरे की पहचान करना सिखा दिया।
और सबसे बड़ी बात जो राधव ने चाहत को सिखाई है। वो है की "Ignore all stupid and negative thoughts" क्योंकि वो यह बात जानता है, चाहत बहोत सोचती है। और उसके मन मे कुछ न कुछ चलता ही रहता है।
आखरी बात.... चाहत ने अपनी किताब में राधव के लिये कुछ लिखा है यह सोचकर की राधव इसे पढ़ेगा। वो बात में आप सबसे शेर कर रही हूँ।
राधव! इस साल या अगले साल हम दोनों की शादी हो जायेगी। तुम अपनी दुनिया में और में अपनी दुनिया मे व्यस्त हो जाउंगी। लेकिन हम तब भी दोस्त रहेगे, जीवन में जब कभी जरूरत होगी, हम एक दूसरे की मदद जरूर करेगे। हमारे रिश्ते की उम्र कितनी है वो तो नहीं जानते है मगर जब तक साथ है सदा अपनी दोस्ती के लिये वफादार रहेगे।
यह सिर्फ तुम्हारे लिये..... तुम मेरे वो दोस्त हो जिसे हम कुछ भी कह सकते है। कोई भी बात शेर कर सकते है। तुम मेरे वो दोस्त हो जो मेरी सारी फालतू बात सुनता है। तुम मेरे वो दोस्त हो जो मेरी हर बात समझ जाता है। तुम मेरे वो दोस्त हो जिसने मुझे बेहतर से बेहतर बनाया है। हा! तुम्हारे पास मेरी परेशानीओ का solution होता नहीं है, पर जब तुम हर बात पर "ऐसा कुछ नहीं होता है" बोलते हो न, वो भी बहोत काम आता है। तुमसे आज तक कभी कहा नहीं है पर आज कहना चाहते है.....
"You are the most valuable person in my life and i am very lucky because you are my friend"
जानते है, जब यह किताब तुम तक पहोचेगी और तुम इसे पढ़ोगे तब बहोत खुश होंगे। मुझसे मिलना चाहोगे, मन ही मन सोच में पड़ जाओगे की में ऐसी भी हूँ क्य।? क्योंकि तुमने तो कभी मुझे ऐसी बाते करते हुए देखा नहीं है न। तो जनाब यही सच है की मेरे आज में तु मेरा एक लौता खास है। और हा! यह सब पढ़कर ज्यादा हवा में मत उड़ना और भूलना मत, तुम बंदर हो और वह रहोगे।
एक आखरी बात इसे पढ़कर Emotional मत हो जाना, अगर कुछ पूछना हो या याद आ रही हो तो तुरंत मैसेज कर देना, मेरा मोबाइल नंबर आज भी वही है जो पहले था।
Miss you My friend बंदर 🐒
(तुम्हारी दोस्त चाहत)
आप सबको कैसी लगी यह स्टोरी? बताएगा जरूर। ।
कहानी को पुरा पढ़ने के लिये शुक्रिया! उम्मींद है आपको यह कहानी पसंद आई होगी। कहानी को रेटिंग देना भुलिएगा नहीं।
-Miss Chhotti