Tu mera koi na ...hoke bhi kuch lage in Hindi Love Stories by vedika patil books and stories PDF | तू मेरा कोई ना होके भी कुछ लगे...

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तू मेरा कोई ना होके भी कुछ लगे...

कभी किसी ऐसे शख्स से मिले हो, जिसे शुरुआत में तो आप पसंद नहीं करते थे, पर वक्त के साथ वो नापसंद पसंद में बदली हो! ज़िंदगी में आप रोज़ हज़ार लोगों से मिलते हो, पर शायद ही कोई आपके दिल को छू लेता है। मेरे भी लाइफ में है एक ऐसा शख्स जो मेरे लिए बहुत मटर करता है, जितना कभी सोचा नहीं था उतना। वो बिलकुल मेरे जैसा है। पर उसे शायद पता नहीं है। मैंने सोचा था कि मुझे कभी किसी से प्यार नहीं होगा। क्योंकि मेरे पास दिल नहीं है। पर उसी शख्स ने मुझे मुझमें इमोशन्स होने का एहसास दिला दिया। वो एक शख्स जिसके लिए मैं सिर्फ़ ख़ुशी चाहती हूँ। जिसके सपनों को पूरा होते हुए देखना चाहती हूँ। चाहे मैं रहूँ या न रहूँ, बस उसके चेहरे की हँसी बरकरार देखना चाहती हूँ।

कभी कभी लगता है कि उसको पाने की चक्कर में मैं खुदको खो रही हूँ क्या? पर अब जो लगता है कि मुझे उसे हासिल नहीं करना है, मुझे उसे उसके हाल पर छोड़ना है। क्योंकि उसमें उसकी ख़ुशी है और उसकी ख़ुशी में मेरी ख़ुशी। जब भी वो प्रॉब्लम में होता है न उसे मुझे बताने की ज़रूरत नहीं पड़ती, मैं समझ जाती हूँ पर वो नहीं समझाता कि उसके लिए मैं हूँ हमेशा, बस उसे थोड़ा खुलके बात करने की ज़रूरत है। पर अब तो मेरे लिए वो भी ठीक है क्योंकि बस मैं हूँ उसके लिए हमेशा, वो भी बिना किसी वजूद के... चाहे वो माने या न माने...!

"सच कहूँ तू मुझे कुछ नहीं चाहिए उससे, बस उसका प्रेजेंस चाहिए मेरे लाइफ में, मिलेगा क्या? पता नहीं इस रिश्ते को क्या ही नाम दूं, पर जो भी है पूरे दिल से हैऔर वो हमेशा रहेगा!"

वैसे तो किसी का इंतज़ार करना मेरे बस की बात नहीं है! किसी को ख़ुद से ऊपर नहीं रखना मुझे पर उसके लिए सारी हदें पार कर चुकी हूँ। कोई मेरे लिए इतना इंपोर्टेंट बन जाएगा, कभी सोचा नहीं था, पर उसके ज़िंदगी में आने से मैं पूरी बदल गई हूँ...! पर कुछ चीज़ें हैं जो मेरे हाथ में नहीं हैं, जैसे कि जैसा मैं उसके लिए फ़ील करूँ वैसा वो भी मेरे लिए करे। और वो ज़रूरी भी नहीं है। क्योंकि शायद कुछ चीज़ें अधूरी ही अच्छी लाती हैं। अधूरी में और मेरी अधूरी कहानी!

सो जो जैसा है वैसे चलना देते हैं, बस इसी उम्मीद में कि वो कभी तो मेरी फ़ीलिंग्स को समझेगा। कभी तो मुझे अपना मानेगा, कभी तो वो मेरा सिर्फ़ कुछ नहीं बहुत कुछ लगेगा। बस इसी उम्मीद में जीना है अब मुझे। मेरे सपनों के पीछे भागना है उसकी यादों के साथ। कभी ना कभी हमारे रास्ते मिल जाएंगे जैसे पहले टकराए थे एक दूसरे को, वैसे फिर एक दूसरे को टकराएंगे पर इस बार बिछड़ाने के लिए नहीं तो हमेशा साथ रहने के लिए।

मुझे अभी भी उसका इंतज़ार है। वैसे उसके बिना जीना सीख रही हूँ, पर उसकी यादें को बिना नहीं। वो तो हमेशा दिल में रहती है और हमेशा दिल में रहेगी। बस आख़िरी में एक गाना डेडिकेट करना चाहती हूँ उसके लिए जो ऐसा लगता है बस उसी के लिए बना है - "ज़ुबानियाँ तेरी ज़ूठी भी सच लगे, तू मेरा कोई ना होके भी कुछ लगे"