कामिनी जी याचना कि ओर एक नजर डाल...... अयाची कि ओर देख जो खुद सिर झुकाय बैठा था l
याचना दो दिन बाद तुम्हारी शादी है तो तैयार रहना कोई तमाशा नहीं होना चाहिए! समझी?
याचना चौक उठी आश्चर्य से अपनी मम्मी को देखे जा रही कभी अपनी मम्मी को देखती कभी पापा कभी अपने दादा को!
याचना एक टक अपने दादा को देखे जा रही थी उसके दादा उससे नजरे चुरा रहा थे याचना कि जब निगाहो कि तपिश सह ना पाय तो झूठी मुस्कुराहट के साथ उठकर उसके सिर पर हाथ फ़ेर कर चले जल्दी से चले गये l क्योंकि आयाची कि आंखें नम थी जिसे वो याचना नहीं दिखाना चाहता है
याचना अपने दादा के ऐसे जाते देख समझ गई उसके दादा उसकी शादी के लिये मान गये है l याचना एक नजर अपने माँ पापा देख शादी के लिये हा कर देती है उनका जवाब सुने बगैर हि तेजी से अपने कमरे चली गई l रोके हुई आंसू बह निकले!
क्यों दादा क्यों दादा आपने भी इस शादी के लिये हा कह दि एक बार भी मुझसे पूछना जरुरी ना समझा l क्यों दादा क्यों कहकर बिलख पडी कुछ वक़्त यू हि रोती रही lआप सब मेरी इस शादी से खुश हैं तो अब मै कुछ किसी से नहीं कहुगी रोऊगी तो बिलकुल भी नहीं फिर बड़ी बेदर्दी से आँखो को रगड़ दिया l
फोन उठाकर चन्द्रा को मेसेज कर शादी का बता दिया फोन सोफ़े पर फ़ेक खुद बेड पर पेट बल लेट गई l
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अयाची अपने कमरे में बेबसी से रो पडा मुझे माफ़ कर देना मेरा बच्चा तुम्हारे लिए यही ठीक है तुम उस राज से अनभिज्ञ रहो l मुझे पूरा भरोसा है मेरे महादेव पर वो तुम्हारे साथ कुछ गलत नहीं होने देगे l मै इस वक़्त तुम्हारे पास नहीं आ सकता हूँ जानता हूँ इस वक़्त तुम खुद बहुत परेशान होगी रो रही होगी मै ना चाहता तुम मेरी आँखों को पढ लो कोई तो बात ऐसी है जो तुमसे छिपी है l कतई तुम्हें उस बात का पता नहीं लगने दुगा जानता हूँ यदि तुम्हें पता चल गया कि तु.. तुम नहीं नहीं बिल्कुल भी नहीं पता लगने दे सकता हूँ l मैं कल हि जाकर उस लडके से मिलुगा जो तुम्हारे लिए मम्मी पापा ने पसंद किया है l कुछ सोच कर अर्जुन को मेसेज कर, अयाची अपना लैपटॉप उठाकर काम करने लगा l
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सामर्थ्य माँ से मिलकर अपनी छोटी के कमरे में आया देखा मैत्री बिस्तर पर आंखों पर हाथ धरे लेटी थी l चेहरा एकदम मुरझाया सा लग रहा था कबसे वो मुस्कुराई ना हो लगता है देखने से अपनी बहन को इस हाल में देख सामर्थ्य कुछ लडखडा सा गया lखुद को सम्भाल कर वो अपनी बहन को बहुत चाहता है उस हादसे के बात से अपनी बहन को इस रूप में देखने कि हिम्मत ना थी इसलिए भी सामर्थ्य दूर चला गया था घर परिवार से अपने बिजनेस में खुद को पूरी तरह झोक दिया था l
सामर्थ्य जाकर मैत्री के सिर पर हाथ फ़ेरने लगा l किसी के स्पर्श पर मैत्री चौक उठी उठकर बैठ गई l अपने बराबर में सामर्थ्य को देख एक नजर अपने भाई को देख मुहँ फ़ेर कर बैठ गई l
जारी है....!