Jai Shri Ram in Hindi Short Stories by DINESH KUMAR KEER books and stories PDF | जय श्री राम

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जय श्री राम

जय श्री राम

एक बार एक व्यक्ति को रास्ते में यमराज मिल गये वो व्यक्ति उन्हें पहचान नहीं सका। यमराज ने पीने के लिए व्यक्ति से पानी माँगा, बिना एक क्षण गंवाए उसने पानी पिला दिया। पानी पीने के बाद यमराज ने बताया कि वो उसके प्राण लेने आये हैं लेकिन चूँकि तुमने मेरी प्यास बुझाई है इसलिए मैं तुम्हें अपनी किस्मत बदलने का एक मौका देता हूँ।

*यह कहकर यमराज ने एक डायरी देकर उस आदमी से कहा कि तुम्हारे पास केवल 5 मिनट का समय है।*

इसमें तुम जो भी लिखोगे वही हो जाएगा लेकिन ध्यान रहे *केवल 5 मिनट।*

उस व्यक्ति ने डायरी खोलकर देखा तो उसने देखा कि पहले पेज पर लिखा था कि उसके पड़ोसी की लॉटरी निकलने वाली है और वह करोड़पति बनने वाला है।

उसने वहां लिख दिया कि उसके पड़ोसी की लॉटरी न निकले।

*अगले पेज पर लिखा था कि उसका एक दोस्त चुनाव जीतकर मंत्री बनने वाला है, तो उसने लिख दिया कि उसका दोस्त चुनाव हार जाए।*

इस तरह, वह पेज पलटता रहा और अंत में उसे अपना पेज दिखाई दिया।

जैसे ही उसने कुछ लिखने के लिए अपना पेन उठाया यमराज ने उस व्यक्ति के हाथ से डायरी ले ली और कहा वत्स तुम्हारा पांच मिनट का समय पूरा हुआ, अब कुछ नहीं हो सकता।

*तुमने अपना पूरा समय दूसरों का बुरा करने में व्यतीत कर दिया और अपना जीवन खतरे में डाल दिया।*

अंतत: तुम्हारा अंत निश्चित है। यह सुनकर वह व्यक्ति बहुत पछताया लेकिन सुनहरा मौका उसके हाथ से निकल चुका था

.......यदि ईश्वर ने आपको कोई शक्ति या अवसर प्रदान किया है, तो कभी किसी का बुरा न सोचें, और न ही बुरा करें।।। बल्कि शक्ति का सदुपयोग हो, सेवा हो, सहायता हो, शांति , समृद्धि, प्रेम बढाने में सहयोग करें । दूसरों का भला करने वाला सदा सुखी रहता है, और ईश्वर की कृपा सदा उस पर बनी रहती है..!!!*







आओ कान्हा आओ मेरे सूने आँगन मे
आँखे भी पथरा गयी हैं
सूख गए हैं आँसू भी
खत्म कर दो इंतज़ार मेरा
किलकारी की गूंज ले आओ
आओ कान्हा आओ मेरे सूने आँगन में

मुस्कान मधुर सी ओठो पे
मोहक सुंदर सा मुखड़ा
पॉव में पैजनिया सजा के
हाथो में मुरली ले आओ
आओ कान्हा आओ मेरे सूने आँगन में

नटखट सी चाल तेरी
घुंगराले काले बाल तेरे
मेरी भी छवि झलके तुझ में
हाथो में माखन ले आओ
आओ कान्हा आओ मेरे सूने आँगन में

सबकी गोद में खेले तुम
मुझ को भी अपना जानो
मेरी ममता की प्यास बुझाने
मोर पंख भी साथ ले आओ
आओ कान्हा आओ मेरे सूने आँगन में

मन में तेरी आस लगी है
प्यास लगी इन आँखों को
बंजर सी इस धरती पे मेरे
बारिश की बूंदे बन आओ
आओ कान्हा आओ मेरे सूने आँगन में

आओ कान्हा आओ मेरे सूने आँगन मे

आँखे भी पथरा गयी हैं
सूख गए हैं आँसू भी
खत्म कर दो इंतज़ार मेरा
किलकारी की गूंज ले आओ
आओ कान्हा आओ मेरे सूने आँगन में

मुस्कान मधुर सी ओठो पे
मोहक सुंदर सा मुखड़ा
पॉव में पैजनिया सजा के
हाथो में मुरली ले आओ
आओ कान्हा आओ मेरे सूने आँगन में

नटखट सी चाल तेरी
घुंगराले काले बाल तेरे
मेरी भी छवि झलके तुझ में
हाथो में माखन ले आओ
आओ कान्हा आओ मेरे सूने आँगन में

सबकी गोद में खेले तुम
मुझ को भी अपना जानो
मेरी ममता की प्यास बुझाने
मोर पंख भी साथ ले आओ
आओ कान्हा आओ मेरे सूने आँगन में

मन में तेरी आस लगी है
प्यास लगी इन आँखों को
बंजर सी इस धरती पे मेरे
बारिश की बूंदे बन आओ
आओ कान्हा आओ मेरे सूने आँगन में