Wo Nigahen - 15 in Hindi Fiction Stories by Madhu books and stories PDF | वो निगाहे.....!! - 15

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वो निगाहे.....!! - 15


उनकी भीगी निगाहे से देखना
हमारा दिल चीर सा गई.......!!








झटके से दरवाजा खुला धानी जो आंखों पर हाथ धरे लेटी थी l भीनी सी खुशबू आई धानी अच्छे से पहचानी थी उसकी आँखें चमक के साथ साथ नाराजगी के भाव भी थे l फिर मुहँ फेर कर लेट गई l

वो आवाक से खडा रह गया l अपना सिर झटका.... उसे अच्छे से पता था यही होने वाला है l

मायूर अंदर आते हुये कैसी हो अब आराम है कि नहीं? उसके पास बैठते हुये पूछा!

धानी यूही लेटी रही कुछ ना बोली!

आराम है कि नहीं धानी कुछ तो बोलो नाराज हो क्या?

इस बार भी कुछ नहीं बोली!

धानी आपको मेरी कसम है! बोल ना आराम है कि नहीं?

हा आराम है! मै कौन होती हूँ नाराज वाराज होने वाली? तल्ख लहजे में बोली!

अच्छा आपको नहीं पता? धानी को घूरते हुये मायूर बोला !

"नहीं पता मुझे "और तुम ये आप आप करके बात मत किया करो!

अच्छा जब आपको कुछ पता हि नहीं तो मेरा यहा ठहरने का क्या हि मतलब! और हा शुरू से हि आपको आप आप कहा है तो आदत पड गई! उठते हुये बोला l

जैसे ही बाहर जाने लगा धानी फ़ौरन उसका हाथ पकड लि l मुडी हिलाकर ना जाने के लिए कहने लगी l उसकी आँखें भरी आई थी l

मायूर उसकी भरी आंखों को देख तुरंत हि उसे अपने गले से लगा लिया ! धानी ने भी कसकर गले लगा लिया l सुखद अनुभूति से दोनों कि हि आंखें बन्द हो गई l ये पहली दफ़ा था जब दोनों गले लगे थे l कुछ वक़्त तक दोनों हि एक दूसरे को अपनी बाहो में भरे रहे l मायूर उसके सिर पर हाथ फ़ेरने लगा l सुनो तुम ना बकबक करती हुई अच्छी लगती हो तुम्हारी ये खामोशी चुभती है धानी बड़े प्रेम से उसका नाम पुकारा l
मायूर कि बाते सुनकर धानी कि पकड़ मायूर पर और कस गई l
अभी तो आप आप कर रहे थे और सीधा तुम उसके गले लगे हुये हि पूछी l
तुम्हें पसन्द नहीं मेरा आप कहना तो अब से मेरी तुम हो समझी मेरी बकबक l वो भी उसके गले लगे हुये हि बोला l

तुम आये क्यों नहीं थे इतने दिन से तुम्हारी आस थी देखने कितनी तरस गई थी तुम्हें देखने के लिये उसके सीने पर मुक्का जडते हुये बोली l

अरे मार क्यों रही हूँ बकबक तुम्हें इस हाल में देखने कि हिम्मत ना थी दर्द लहजे में बोला l मायूर उसे पूरी बात ना बताकर अधूरी हि बात बताई l

इस वक़्त दोनों कि आंखें नम थी होठो पर मुस्कान एक दूसरे के सानिध्य में l

अनायस हि मायूर कि नजर दरवाजे पर पडी सामने देख कर तेजी से धानी से अलग हुआ l
उसके अलग होते ही धानी भी मायूर कि दिशा में देखा जिस ओर वो देख रहा था आश्चर्य से उसकी आँखें बडी बड़ी हो गई l
झट से अपनी जोरो से आँखें बंद कर लेट गई l उसकी इस हरकत पर मायूर अवाक सा रह गया l

क्रमशः!!