Sath Zindgi Bhar ka - 34 in Hindi Love Stories by Khushbu Pal books and stories PDF | साथ जिंदगी भर का - भाग 34

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साथ जिंदगी भर का - भाग 34

कुंवर सा उधर अजय ने एक तरफ इशारा किया जहां आस्था का दुपट्टा पेड़ से लटका हुआ था

बिना एक पल गवाह एकांश स्वयं करते तो बाकी सब दौड़कर उधर जाने लगे एकांश पानी से बाहर आया

उसकी नजर आस्था को ढूंढ रही थी और आखिर उसे आस्था दिखाई दी किसी की बाहों में वह शख्स आस्था को अपने सीने से लगाए

उसके हाथ रख कर रहा था उसके होंठ आस्था के माथे को चूम रहे थे

वह भीगा हुआ था इससे साफ जाहिर था कि उसी ने आस्था को पानी से निकाला है एकांश बस खामोशी से उसे देखता रहा

आस्था को बस सही सलामत देखकर उसकी आंखें नम हो गई वरना पिछले कुछ मिनट में उसकी आंखें नम हो गई

इतने बुरे बुरे ख्याल आए थे यह वही जानता था सब लोग वहां आ गए भाभी सा रूद्र ने उसे आवाज दी

जिसे सुनकर आस्था साहब गई उसने उस शख्स पर की पकड़ और मजबूत कर ली

लेकिन रूद्र को उस शख्स पर गुस्सा आने लगा वह आस्था के करीब अपने बाईसा के अलावा किसी और को कैसे देख सकता था भाभी सा आप ठीक हैं

इधर आइए रूद्र ने कहा और उसके और जाने लगा उसी शख्स ने रुद्र की और गुस्से भरी निगाह डाली और जल्दी से अपना कोट उतारकर आस्था को पहना दिया

और फिर एक बार आस्था को अपनी बाहों में ले लिया किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था हाथ था

क्यों इस तरह बिहेव कर रहे हैं वह सब एक दूसरे को देखने लगे आस्था एकांश ने उसे धीरे से पुकारा और आस्था की आवाज सबको सुनाई दी

आस्था प्लीज इधर देखिए एकांश को बहुत फिक्र हो रही थी उसे बिल्कुल परवाह नहीं थी

कि उसकी आस्था किसी और की बाहों में है उसे सिर्फ आस्था को देखना था कि वह ठीक है या नहीं अचानक आस्था ने अपना शरीर ढीला छोड़ दिया और बेहोश हो गई

पिल्लू आंखें खोलो बच्चा उस शक्स ने फिक्र से उसे उठाते हुए कहा बाकी सब भी उस और आ गए

और उनकी नजर सिर्फ आस्था पर ही रुक गई व्हाट द हटिय जल्दी वह शख्स ठीक चीख पड़ा

और आस्था को अपनी बाहों में ले आगे बढ़ गया वहीं से कुछ दूर दूरी पर हो रहे मेडिकल कैंप में वह आस्था को ले गया

उसे बेड पर लेटा कर उसकी नब्ज चेक करने लगा डॉक्टर वरद क्या हुआ है

वहां के बाकी डॉक्टर और नर्स अपने सामने इतने लोगों को और बॉडीगार्ड्स को देख कर हैरान हो गए

उस और आए डॉक्टर माही बिल्लू का बीपी चेक कीजिए और नर्स arrange कीजिए

आए वी फॉर हर doctor she got पैनिक इसे पैनिक अटैक आया है इसलिए बेहोश हो गई है

और वह ऊपर से पानी में गिर गई है कि इस गुड स्विमर लेकिन फिर भी उसके नाक मुंह से पानी चला गया है

वह भी चेक कीजिए वर्थ जल्दी-जल्दी सब बता रहा था और उस हिसाब से डॉक्टर उसे ट्रीटमेंट दे रहे थे

उस अनजान शख्स को आस्था को पिल्लू बोलता देख और उसके बारे में इतना कुछ जानता देख सब हैरान हो गए

लेकिन उससे भी ज्यादा हैरान हो आस्था को देखकर थे पानी के फोर्स की वजह से आस्था का काला रंग कुछ-कुछ जगह से धूल चुका था और जहां से वह रंग भूरा था

वहां उसकी गोरी स्किन सबको दिखाई दे रही थी उन्हें अब आस्था और उसे शख्स के बारे में सब जानना था

डॉ भरत वरद आस्था को अच्छे से सुला सुला कर बाहर गया उसे भी उन लोगों के बारे में जानना था

जो आस्था को लेकर इतना परेशान थे स्पेशली अकाउंट के बारे में उसने एकांश की आंखों में आस्था के लिए अलग ही तड़प देखी थी

हंसता कैसी है वह एकांश ने जल्दी से उससे पूछा बिल्लू ठीक है लेकिन आप सब कौन हैं वरद हम उनकी फैमिली लेकिन यह सवाल हमें आपसे पूछना चाहिए कि आप कौन हैं

और हमारी भाभी साहब को फिल्म लूं क्यों कह रहे हैं और उन्हें इस तरह गले लगाने का हक आपको किसने दिया रूद्र ने गुस्से में कहा और वरद बिल्कुल भी पसंद नहीं आया था

मैं हमेशा से ही उसे पिल्लू ही बोलता हूं और रहा सवाल गले लगाने का तो मैं अपनी बहन को गले लगा हूं

य फिर कुछ भी करो इट्स नन आफ योर बिजनेस वरद ही गुस्से में बोल पड़ा बहन है वो मेरी भाभी सा के दादा हैं

जो आउट ऑफ कंट्री गए थे पढ़ाई के लिए दूध ने कहा और वरद ने हां में सर हिलाया

आस्था ने रूद्र को भले ही अपना पास्ट पूरा ना बताया हो लेकिन कभी कबार वह बातों ही बातों में थोड़ा जिक्र कर देती थी

उसी से रूद्र को वरद के बारे में पता चला था अब मुझे यह पता चलता कि आप सब कौन हैं और आपका और मेरी बिल्लू का क्या रिश्ता है

वरद ने कहा वह वाइफ है हमारे भाई सा की रूद्र ने एकांश की ओर इशारा करते हुए कहा जो अभी आस्था को रखें गए टेंट की ओर देख रहा था क्या बकवास है

कैसे हो सकता है कल ही 18 की हुई है और शादी व्रत को गुस्सा आ गया

जब वह कुछ महीने पहले वापस गांव आया था तभी उसे वृंदा जी के बारे में पता चला वहां के लोगों से पूछने पर उन्होंने बताया कि

आस्था के कोई रिश्तेदार उसे लेकर चले गए हैं उसने आज तो को बहुत ढूंढने की कोशिश की लेकिन उसे कुछ भी पता नहीं चला

आज जब वाटरफॉल किनारे बैठा हुआ था उसे ठीक सुनाई दी जब उसने किसी को घिरते देखा

तब बिना पल गवाए पानी में छलांग लगा ली आस्था स्वयं कर रहे थे लेकिन उस पर गिरने की वजह से उसे सांस लेने में प्रॉब्लम हुई

और वह डूबने लगी वरद उसे किनारे ले आया और उसे होश में लाने लगा उससे इतने सालों बाद अपने सामने अपने दादा को देख आस्था उसके गले लग गई वरद भी खुशी से उसे गले लगाते हुए सहला रहा था

रूद्र के अचानक आए आवाज से आस्था डर गई उसने अपना धुला रंग देख लिया था सबकी नजरों से बचने के लिए वह अपने आपको वरद के पीछे छुपान लग गई

और वरद ने उसे अपना कोट पहना दिया लेकिन एकांश कि वह प्यार भरी पुकार सुन आस्था बेहोश हो गई

आप उनके भाई जहां तक हमें पता है वह अकेले बेटे की वृंदा जी की फिर कैसे अजिंक्य सगा भाई नहीं हूं

उसका मेरी मॉम टीचर गांव के स्कूल में वही हमारी मुलाकात आस्था और वृंदा काकी से हुई थी

आस्था दिन भर हमारे साथ ही रहते इसलिए मेरा और मेरी मां दोनों का बहुत अच्छा रिश्ता बन गया था उसके साथ लेकिन आस्था की शादी जहां तक मुझे पता है

उसे तो कुछ रिश्तेदार लेकर गए थे फिर यह सब कैसे वरद वह अजिंक्य जी के आगे कुछ बोलने से पहले ही डॉक्टर सुहाना वरद के पास आ गई वरद राहुल सर तुमसे बात करना चाहते हैं

इट्स अर्जेंट डॉक्टर सुहाना ने वहां आते हुए कहा इस यू वांट आप उससे मिल सकते हैं

मैं कुछ देर में आया वह कहते हुए चला गया एकांश से जल्दी से आस्था की तरफ बढ़ गया लेकिन उसे जाकर देख कर सब रुक गए

उन सबकी नजरें आस्था की और ही जा रही थी एकांश आस्था के पास बैठ गया वहां मौजूद नर्स ने वरद के कहने पर उसके कपड़े चेंज करवा दिए थे उसने आस्था के सर पर हाथ रखा और प्यार से उसके बालों को सहलाने लगा

जान निकाल दी थी अपने आस्था हमें अपना ख्याल रखने को बोलते हैं लेकिन आप अपना ख्याल रखना क्यों नहीं रखते आपको कुछ हो जाता तो क्या करते हम

आस्था बताइए ना क्या करते कैसे जीते आप जिंदगी है हमारी आस्था जान है हमारी आपके बिना जी ना हमारे लिए मौत से भी ज्यादा खौफनाक है

एकांश उससे बोले जा रहा था लेकिन आज तो होश में ही थी कहां एकांश ने अपने लबों की मोहर उसके सर पर चेहरे पर थी और

वैसे ही उसका हाथ था में उसकी और देखते हुए बैठा रहा काफी देर बीत चुकी थी लेकिन आस्था अब भी बेहोश थी सभी वहां बैठे-बैठे थक चुके थे लेकिन आस्था को छोड़कर वहां से कोई भी घर जाना नहीं चाहता था वरद लौट आया था

आस्था को चेक करने लगा इन्हीं होश क्यों नहीं आ रहा है एकांश नहीं फक्र से पूछा उल्लू को नींद का इलेक्शन लिया गया है वरद कहते हुए चुप हो गया

एकांश सूर्यवंशी एकांश ने अपना नाम बताया भाई सा भाभी सा को होश आया या नहीं रूद्र ने जैसे ही वरद को अंदर आते हुए देखा वह भी आ गया

एकांश में हताश होते हुए ना में सर हिला दिया रूद्र सबको हवेली लेकर जाओ हम आज तक के साथ नहीं रुकते हैं

एकांश भाई साहब कोई भी नहीं मानेगा इससे अच्छा हम भाभी सा को यहां से ले चलते हैं

बाकी का ट्रीटमेंट हवेली चलकर पूरा करेंगे रूद्र ने बारी-बारी एकांश और वरद की ओर देखते हुए कहा ठीक है वैसे भी मैं और

मेरी टीम भी यहां से जाने ही वाले थे मैं उन्हें इनफॉर्म करके जरूर संभाल लेता हूं फिर चलते हैं

वरद ने एकांश की ओर देखते हुए कहा रूद्र ने सभी को समझा कर बस में बैठा दिया और हवेली जाने को बोला एकांश और आस्था के लिए उसे गाड़ी मंगवाई थी

वह खुद भी उन्हीं के साथ आने वाला था एकांश ने आस्था को गोद में उठाया और गाड़ी की तरफ बढ़ गया रूद्र ने गाड़ी का दरवाजा खोल दिया वह खुद ड्राइविंग सीट पर तो वरद उसके बाजू में बैठा हुआ था

आस्था एकांश के गोद में सर रखे हुए थे

कुछ ही देर में हवेली पहुंचकर एकांश ने आस्था को ठीक से बिस्तर पर लेट आया वरद में सब कुछ अच्छे से चेक किया

और बाहर आ गया बाकी सभी उसी का इंतजार कर रहे थे कैसी हैं

आस्था हम दादा सा ने वरद से पूछा ठीक है भरत वरद को सभी की आंखों में आस्था के लिए फिक्र और प्यार दिखा रहा था

आस्था की शादी को लेकर वह बहुत कुछ पूछना चाहता था सब से लड़ना चाहता था लेकिन उन सब की स्पेशली एकांश की आस्था के लिए फिक्र और मोहब्बत देखकर वह खामोश रह गया

आपको सब बताते हैं हम डॉक्टर वरन आपका हक है अपने बहन के बारे में जानने का अजिंक्य जी वरद को खामोश देखते हुआ पाकर बोल पड़े जी वरद नहीं बस इतना ही कहा बाकी सारी बातें बाद में होंगी काका सा पहले आप आस्था भाभीसा का रंग के बारे में बोलिए

उन्होंने हमें कुछ बताया क्यों नहीं ऐश्वर्या ने पूछा सभी के दिल में यह सवाल था

लेकिन एकांश को पूछने का सोचा ही नहीं एकांश भी वरद की ओर देखने लगा अब तक नहीं लेकिन ऐश्वर्या के कहते हैं

एकांश को भी यह बात खलने लगी हालात और कुछ मजबूरी और रहा सवाल बताने का इस काले रंग का और आस्था का रिलेशन तो उसकी उम्र के 7 साल से है वरद क्या मतलब है आपका डॉक्टर वरद और ऐसी कई बातें हैं

जो हमें आपसे जाने हैं आस्था का पास्ट जानना है उनका इस तरह आग से डरना लोगों से कम बात करना और यह रंग क्यों क्या मजबूरी थी

जैसे हालात थे सब कुछ लेकिन उससे पहले और एक बात है जो आज सबके सामने आनी चाहिए बाबा सा आज तो बता दीजिए

ऐसी क्या बात हो गई कि आपने डायरेक्ट हमारी और आस्था की शादी करवा डाली एकांश वजह आपको पता है कुंवर सा अजिंक्य जी ने अपनी नजर चुरा ली जो वजह आपने हमें बताई वह आधा सच है जानते हैं

आस्था की कुंडली हमारे एक होने का रीजन है लेकिन यह भी जानते हैं कि हमारे बाबा सा ना बड़ा फैसला ऐसे नहीं कर लेंगे आस्था

आपके हिफाजत के साथ-साथ आस्था की हिफाजत के लिए हमें यह कदम उठाना पड़ा आस्था के रंग के बारे में हमें पहले ही पता था वृंदा जी ने हमें बताया था लेकिन क्यों उन्हें यह कदम उठाना पड़ा हम इस बारे में नहीं जानते जैसे कि आप को महफूज रखने के लिए आस्था एक जरिया थी

वैसे ही आपसे शादी उन्हें महफूज रखने का जरिया थी उस रात आस्था के साथ अजिंक्य जी ने उस रात की सारी सच्चाई बता दी

सबकी आंखें नम हो गई आपने पहले क्यों नहीं बताया बाबा सा एकांत में हड़ताल होते हुए कहा उसकी आस्था के लिए इतना बड़ा हादसा हुआ है

इस बात से उसे जरा सा भी अंदाजा नहीं था जी काका सा आपको बताना चाहिए था

हम उस शख्स को जान से मार देंगे रूद्र गुस्से से भर उठा उन्हें उनकी सजा हम दे चुके हैं रोज एकांश आपने आस्था को बहुत अच्छे से संभाला है और इस बात के लिए हम आप पर बहुत नाज है इस बार भी उन्हें संभालिए यह ऐसे हताश मत होइए अजिंक्य जी ने उसके कंधे पर हाथ रख कर कहा सच कह रहे हैं वह कुंवर सा आपने कहा ना आपको जानना है

आस्था का पास्ट तो हम बताते हैं आपको इस उनके रंग को अपनाने की वजह वरद बोलिए

एकांश ने खुद को संभाल लिया हर मामले में बहुत बहुत स्ट्रां था लेकिन जब भी बात आस्था की होती अपने आप वह दिमाग की जगह दिल से फैसले ले लेता आस्था उसकी ताकत के साथ साथ बहुत बड़ी कमजोरी भी बन चुकी थी

आस्था का 😘😘 पास्ट

संजय काका वृंदा का की और मेरी छोटी पिल्लू बस इतना ही परिवार था आस्था का 5 साल की उम्र में ही संजय काका की मौत हो गई

उनके जाने के बाद सब कुछ बदल गया अकेली विधवा औरत पर लोगों की गंदी नजर पड़ती देर नहीं लगती फिर भी वह किसी तरह आस्था को संभाल रही थी लेकिन कुछ ही महीनों में उन्हें यह महसूस होते देर नहीं लगी कि

जो गंदी नजर उन पर है वही गंदी नजर आस्था पर भी थी जो ज्यादातर आस्था को घर में ही रहने लगी या फिर अपने साथ खेत पर ले जाते पहले ही उनके रिश्तेदार बहुत कम थे

और काका के बाद बचे कुचे रिश्तेदार ने भी अपना मुंह फेर लिया था अपने 7 साल की बच्ची को सबसे कैसे बचाएं उन्हें यह समझ नहीं आ रहा था उस समय शायद कुछ प्रॉपर्टी का इशू हुआ ठीक से तो पता नहीं लेकिन काका के बड़े भाई ने हंगामा किया

वह काका की प्रॉपर्टी पर अपना हक चाहते थे लेकिन गांव क पंचों ने वह सारी जमीन और घर आस्था के नाम कर दिया गुस्से में उन्होंने आस्था के घर को आग लगा दी

आस्था अंदर ही सो रही थी काकी ने किसी तरह उसे बचाया उन्होंने आस्था को पूरी तरह है से काले रंग में रंग दिया और आग की लपट में आने की वजह से बात बता कर उसे बचाने की नाकाम कोशिश की आस्था ने जब स्कूल ज्वाइन की तभी उसका और मेरा कॉन्ट्रैक्ट हुआ

उसके रंग की वजह से कोई उससे के साथ खेलता नहीं था मुझे उसके लिए बुरा लगा और बस तभी से हमारा रिश्ता बन गया मां को भी बहुत पसंद थी मां के कहने पर वृंदा का की और मेरे घर छोड़ने लगी और आमा रिश्ता भी हो गया उसका मुझे दादा कहना और मेरे मुंह से अपने लिए पिल्लू सुनना बहुत पसंद था

उसे अगर गलती से भी मैंने कभी उसे हाथों पुकारा ना तो मुंह फुला कर बैठ जाती थी वर्थ के चेहरे पर कहते हुए भी स्माइल आ गई उसके रंग से तो मैं भी अनजान था

1 दिन में ऐसे ही जिद करके उसे स्विमिंग सिखाने ले गया और तभी मुझे सच्चाई पता चली

मां के पूछने पर वृंदा काकी ने सब बताया बहुत रोई थी का की और बिल्लू अपनी मां के आंसू देख नहीं पाई उसी वक्त उसने प्रॉमिस किया कि वह कभी भी अपना असली रंग किसी के सामने नहीं आने देगी

और वह प्रॉमिस आज तक निभा रही है फिर भी काकी को उसकी बहुत फिक्र होती थी

मेरी मां के साथ या फिर अपने घर में नहीं दो जगह आस्था की जिंदगी बन गई थी कभी वह बाहर ही नहीं निकली इसलिए अनजान रह गई इस दुनिया से फिर भी हम जितना हो सके उसे बाहर की दुनिया से कंफर्ट कराने की कोशिश करते वक़्त खामोश हो गया

सबकी आंखों में आंसू थे आस्था का पास्ट जानकर सभी को बहुत बुरा लग रहा था इतना कुछ हो गया है भाभी सा के साथ और हमने भी उन्हें परेशान किया ऐश्वर्या को बुरा लग रहा था

उसे अपना आस्था के साथ पहला बिहेवियर याद आ गया और उसकी आंखें नम हो गई सिर्फ आपने ही नहीं ऐश्वर्या हमने भी तो उनकी तरफ ठीक से ध्यान नहीं दिया मृणाल जी ने कहा सभी अपने बर्ताव पर शर्मिंदा हो गए

आपने आस्था को ढूंढा क्यों नहीं वरद और आप कहां थे एकांश कुछ यीशु होने की वजह से मैं मां और मैं दिल्ली गए थे वहीं से सिंगापुर का की और आस्था को सिर्फ इतना पता था कि हम बाहर जा रहे हैं

वहां क्यों फंस गए की आस्था को हमारा कुछ कांटेक्ट नहीं मिला 2 महीने बाद आया था मैं बहुत ढूंढा बिल्लू को पर वह मिली ही नहीं हताश होकर वापस जाना पड़ा मुझे बरतने सच्चाई बयां की वरद आप क्या आपकी मां को यहां बुला सकते हैं

उन्हें देख आस्था कुछ बेहतर फील करेगी ekansh नहीं भुला सकता वह वह नहीं रहे व्रत की आंखें नम हो गए क्या मतलब 2 साल पहले हार्टअटैक से उनकी मां वरद से आगे कुछ बोला ही नहीं गया आई एम सॉरी हमें नहीं पता था एकांश को बुरा लगा

अपनी मां के गुजर जाने का कम उस से बेहतर कौन जान सकता था वरद ने सिर्फ सीखी सी मुस्कान दी सब्जी को लगभग उसके सवालों का जवाब मिल गए थे उनके दिल में आस्था के लिए और प्यार बढ़ गया सब ने दिल ही दिल डिसाइड किया कि वह आस्था को बहुत प्यार और खुशियां देंगे वरद को गेस्ट रूम में लेकर जाइए

दाईमा और आस्था के पास रखिए उन्हें जैसे ही हो जाए हमें इन्फॉर्म कीजिए आप सब भी रेस्ट कीजिए कल हम वापस जाएंगे

एकांश ने कहा और अपने रूम की तरफ बढ़ गया वह बालकनी में बंधे झूले पर आकर बैठ गया

और कल रात आस्था के साथ बिताए लम्हों को याद करने लगा अब क्या करें हम आस्था पहले ही आपने इतना कुछ सहा है

इतनी तकलीफ से उठाई है और अभी भी आपको हम ऐसे जगह खड़े हैं आस्था कि हम कुछ समझ नहीं आ रहा है

हमारे साथ रहकर भी आपको तकलीफ होगी और दूर जाकर भी शायद आपकी तकलीफ की वजह बने समझ नहीं आ रहा है अब क्या करें तो करें क्या क्यों सब कुछ इतना कॉन्प्लिकेटेड होता जा रहा है

एकांश हर बढ़ते पल के साथ अपने पेशंस को खो रहा था

उसके अंदर बचे हुए तूफान से वह प्रस्टेट हो गया और अपना सारा गुस्सा जिम में आज आकर उतारने लगा

काफी देर में बिताने के बाद ठंडे पानी का शावर लेकर वह बेड पर लेट गया आस्था को होश आ चुका था

आस्था एकांश उसके कमरे में आया आस्था ने अपने आप को पूरी तरह ब्लैंकेट से कवर किया हुआ था

उसकी आंखों से आंसू थे एकांश उसके और बड और आस्था डर से खुद में ही सिमट गई और एकांश के कदम वहीं रुक गए

अगर आप कंफर्टेबल नहीं हैं तो हम यहां से चले जाते हैं लेकिन प्लीज आस्था आप घबराइए मत एकांश जाने के लिए मुड़ गया कुंवर जी

आस्था ने उसे पुकारा और एकांश ने सुकून से गहरी सांस छोड़ी आप नाराज हैं गुस्सा है हमसे आस्था ने रोते हुए किसी तरह कहा नहीं आस्था बिल्कुल नहीं क्यों गुस्सा होंगे हम आपसे एकांश ने वह खड़े होते हुए कहा हमें बताना नहीं

बता पाए हम हिम्मत नहीं हुई हमारी आस्था कोई बात नहीं आस्था लेकिन प्लीज रोना बंद करें आपको पता है ना

हमें आपकी आंखों में आंसू पसंद नहीं है एकांश ने कहा और आस्था ने अपने हाथ फैला दिए एकांश जल्दी से उसकी तरफ गया

आस्था उससे लिपट गई एकांश ने उसे अपनी बाहों में समा लिया मां को प्रॉमिस किया था

उन्होंने मना किया था अपने रंग को छुपाने को कहा था आस्था से सकते हुए कह रही थी उसकी आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे आस्था की हर एक सिसकी से एकांश किस कदर तड़प रहा था

इसका अंदाजा सिर्फ वही लगा सकता था बस कीजिए आस्था अब रोइए मत एकांश उसे संभाल रहा था

कुछ देर बाद आस्था खामोश हो गई तो दोनों अभी एक दूसरे की बाहों में सुकून तलाश कर रहे थे

दादा वरद कहां है आस्था को अपने भाई की याद आई यही है हम बुलाते हैं उन्हें एकांश आस्था को नार्मल होते देख अच्छा लगा

उसने कॉल कर वरद को बुलाया वरद जो काफी देर से उन दोनों की बातें बाहर खड़ा सुन रहा था अंदर आ गया

आस्था उसकी और बढ़ गई और उसे गले लगाकर सिसक सिसक कर रोने लगे दा मां चली गई हमें अकेला छोड़कर आस्था से बोला भी नहीं चाह रहा था

मुझे पता है पिल्लू नाउ स्टॉप क्राइंग वरद उसे शांत करवा रहा था

दादा हम इतने बुरे हैं सब हमें छोड़ कर चले जाते हैं पहले बाबा फिर मां आप और मासी मां भी चले गए उस रात वह पाटिल काका उनके बेटे ने और एक था

उसने हमें मां को मार भी दिया आस्था कह रही थी और उसकी हर एक आवाज एकांश को बैंक यहां तकलीफ दे रही थी उसने अपनी मुट्ठी इतनी पैक कर ली थी

कि नाखून हथेली में चुभ कर वहां से खून आने लगा था

बस करो पिल्लू अब मत रो आस्था ने अपने आंसू साफ किए बाकी सभी घरवाले भी उससे मिलने आए सभी ने उससे पहले की तरह ही प्यार से बात की आस्था भी नॉर्मल हो चुकी थी

So readers kesi LG rhi h stroy app logo ko mza aa rha h ye nhi app logo ko comment jarur kre milte h next part me