My mother in Hindi Short Stories by DINESH KUMAR KEER books and stories PDF | मेरी माँ

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मेरी माँ

माँ : जिसके बिना हमारा अस्तित्व नहीं
 
माँ एक मिश्री घुला शब्द है जिसकी व्याख्या नहीं हो सकती । वह एक ऐसी शख्सियत है जो हर कीमत पर संतान का साथ देती है। स्नेह और देखभाल का इससे बड़ा दूसरा उदाहरण देखने में नहीं आता । आज के दौर में एकल परिवार की परंपरा ने मां का सम्मान कम किया है पर इससे उसके अस्तित्व पर आंच नहीं आती । वह वैसी ही है जैसी सदियों पहले थी संतान के लिए स्नेह से भरपूर । आज हम उस दिन की बात करेंगे जिसके बिना हमारा अस्तित्व ही नहीं होता । कहा जाता है कि भगवान हर जगह और हर समय उपलब्ध नहीं हो सकते इसलिए उन्होंने मां को बनाया । पूरी धरती पर मां के स्नेह और त्याग का दूसरा उदाहरण नहीं मिलता । सच यही है कि अगर मां की देख भाल न होती तो हम लोग होते ही नहीं ।
वक्त बदलने के साथ - साथ सामाजिक रिश्तों में भी अवमूल्यन हुआ है और ज्यादातर घरों में बाहर की दुनिया शानोशौकत की है पर मां अब पर्दे के पीछे जा चुकी है । इन्हीं स्थितियों को देखते हुए मदर्स डे की परिकल्पना की गई। सबसे पहले मदर्स डे की शुरुआत ग्रीस से हुई और वहां इसे मांओं को सम्मान देने के लिए इस दिन को त्योहार की तरह मनाने की परंपरा शुरू की गई। यह एक अच्छी शुरुआत थी जो धीरे - धीरे पूरे विश्व में अंगीकार कर ली गई । दुनिया का सबसे प्यारा रिश्ता मां और उसकी संतान का होता है। पूरी दुनिया में वही होती है जो आपकी कामयाबी को देखकर खुश होती है और आपके दुख से दुखी हो जाती है। साधारण सी बात है और यह सबके लिए समझना जरूरी भी है कि अगर आपके पास अपार धन - संपत्ति है पर मां नहीं है तो इससे बड़ी निर्धनता और कोई नहीं । मां पहली शिक्षक है वह हमें अच्छे - बुरे का फर्क बताती है । वह उंगली पकड़ कर चलाने से लेकर हमें जीवन जीना सिखाती है । शिष्टाचार की भाषा सबसे पहले हम उसी से सीखते हैं ।
भले ही यह एक दिन का मौका क्यों न हो, भूले हुए संबंधों को फिर से जीवित करने का सबसे अच्छा अवसर है क्योंकि मां एक बच्चे के लिए सबसे अमूल्य उपहार है । वह परिवार के लिए हर वक्त काम करती है। उसके कामों की कोई सीमा नहीं । वह आपके जीवन में हर समय साए की तरह साथ रहती है । उसे सम्मान देना हमारा फर्ज बनता है । आप उसे कोई उपहार दें या नहीं पर उसका दिल न दुखाएं । आपके पास समय नहीं है फिर भी मां के लिए समय निकालिए उनके पास बैठिए उनका हाल पूछिए … इतना काफी होगा ।
मातृत्व दिवस पर माँ ( नारी ) शक्ति को नमन् ...
प्रेम, स्नेह, मातृत्व , साहस की असीम शक्ति से संपन्न और ईश्वर के महान वरदान मेरी माँ को कोटि - कोटि नमन् ...
 
माँ का आंचल, माँ का प्यार, माँ की ममता, माँ का स्नेह, माँ का प्रेम, माँ का मातृत्व