unsung heroes in Hindi Short Stories by DINESH KUMAR KEER books and stories PDF | गुमनाम नायक

Featured Books
Categories
Share

गुमनाम नायक

1857 ई. के क्रांति के महानायक बिहार के सासाराम के निशान नगर बड्डी गॉव निवासी सेनापति निशान सिंह चौहान जी को अंग्रेजों ने कैमूर की पहाड़ीयों से धोखे से पकड़ लिया..
 
सासाराम लेवी के डिप्टी सुप्रिटेंडेंट कैप्टन नालेन ने..निशान सिंह चौहान जी को गिरफ्तार कर लिया..और उन्हें सासाराम के ऑफिसर कमांडिंग कर्नल स्टोटर्न को सुपुर्द कर दिया..।।
 
निशान सिंह चौहान जी पे कोर्ट मार्शल द्वारा मुकदमा चलाया गया.. मुकदमे की औपचारिकता पूरी कर राजद्रोह के अपराध में अंग्रेजों ने ( तोप ) से उड़ा देने का आदेश दिया..।।
 
7 जून 1858 ई. को सुबह सासाराम के गोरक्षणी मुहल्ले में निशान सिंह चौहान जी को (तोप ) के मुंह पे रखकर गोले से उड़ा दिया गया..।।
 
तोप से उड़ाने से पहले अंग्रेजों ने निशान सिंह चौहान जी से पूछा की तुम्हारी अंतिम इच्छा क्या है..?? इस पर निशान सिंह चौहान जी ने मुंह पे ( थूक ) दिये.. और अंग्रेजों से बोलें की मेरे देश को छोड़कर बाहर चले जाओ। यही मेरी अंतिम इच्छा है..।।
1857 ई. के क्रांति में इन्हें पहाड़ी शेर के नाम से जाना जाता था..।।
 
गोरिल्ला युद्ध के निशान सिंह चौहान जी महारथी थे..अंग्रेजों को बुरी तरह कई बार पराजित किये थे ये..।।
 
आज भी बिहार के किसी भी गॉव में चले जाइये और किसी से भी पूछिये कि पहाड़ी शेर किन्हें कहते हैं..??
तो बच्चा - बच्चा बता देगा कि 1857 ई. की क्रांति के महानायक अंग्रेजों को कई बार बुरी तरह से पराजित करने वाले निशान सिंह चौहान जी को पहाड़ी शेर कहते हैं..।।
 
भारत देश के आज़ादी के इस शूरवीर अमर बलिदानी का पूरा देश सदैव ऋणी रहेगा.. जय हिंद.. जय भारत..।।
 
पहाड़ी शेर निशान सिंह चौहान जी के बलिदान दिवस पर कोटि कोटि नमन