Anish - a simple boy in Hindi Short Stories by DINESH KUMAR KEER books and stories PDF | अनीश - एक साधारण लड़का

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अनीश - एक साधारण लड़का

लगभग सोलह साल का अनीश नाम का एक लड़का साधारण लड़का, बस स्टैंड पर पानी बेचकर अपना गुजारा करता था। एक दिन जब वह पानी बेच रहा था तो बस में बैठे एक व्यारी ने उसे बुलाया। अनीश, व्यापारी के पास पहुंचा तो व्यापारी ने उससे पूछा कि पानी की बोतल कितने रुपए की है ?
अनीश ने कहा- दस रूपए की। व्यापारी ने उससे कहा कि सात रूपए में देगा क्या ? व्यापारी की बात सुनकर अनीश मुस्कुराकर उनके हाथ से पानी की बोतल लेकर आगे चला गया।
व्यापारी के पास बैठा एक पुजारी यह सब देख रहा था। वह यही सोच रहा था कि आखिर लड़का मुस्कुराया क्यों ? इसके पीछे जरूर कोई रहस्य है। इसके बाद पुजारी, बस से उतरकर उस लड़के के पीछे गए और फिर लड़के के पास जाकर पूछा कि व्यापारी ने जब मोल - भाव किया तो तुम क्यों मुस्कुरा रहे थे ?
तब अनीश बोला कि महाराज मैं इस वजह से हंस रहा था, क्योंकि व्यापारी जी को प्यास नहीं लगी थी। वह तो केवल बोतल की कीमत पूछ रहे थे।
फिर पुजारी ने उससे कहा - तुम्हें कैसे पता कि व्यापारी जी को प्यास लगी ही नहीं थी ? तो लड़के ने जवाब दिया कि जिसको वाकई में प्यास लगी होती है, वह सबसे पहले बोतल लेकर पानी पीता है, उसके बाद पानी की कीमत पूछता है। पहले कीमत पूछने का अर्थ है कि प्यास लगी ही नहीं है।
व्यापारी, अनीश की बात को समझ गया और दोबारा बस में जाकर बैठ गया।
मतलब साफ है कि हर किसी व्यक्ति का कोई ना कोई लक्ष्य होता है और वह उसे पाना चाहता है। जो लोग बिना तर्क - कुतर्क के अपने लक्ष्य को पाने में लग जाते हैं, वह उसे पाकर ही दम लेते हैं, जबकि कुछ लोग हर कामों में कमी निकालते रहते हैं और सोच विचार में ही उलझे रहते हैं। इसी वजह से वह अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाते।