Tere Khwabon Ke Silsilse: A story of hope and pain in Hindi Poems by बैरागी दिलीप दास books and stories PDF | तेरे ख़्वाबों के सिलसिले: उम्मीद और दर्द की कहानी

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तेरे ख़्वाबों के सिलसिले: उम्मीद और दर्द की कहानी

भाग 1

तेरे ख़्वाबों के सिलसिले,
उम्मीद और दर्द की कहानी।

जब रात ढलती है,
और चाँद निकलता है,
तेरी यादों की हवा,
मेरे दिल को छू जाती है।

ख्वाबों की दुनिया में,
बस तू है मेरी रौशनी,
पर रात चाँदनी से ख़ाली,
हर रोज़ ढल जाती है ज़िंदगी।

मेरी उम्मीदें सजाएं,
तेरी आँखों में खिले हैं,
पर जब तेरा चेहरा छूटे,
दर्द की धूप में जले हैं।

तेरे ख़्वाबों के सिलसिले,
मेरी ज़िंदगी की मशालें,
जब तू दूर चला जाता है,
दिल मेरा जल जाता है।

उम्मीद की किरणों को ढूँढता,
मैं तेरे सपनों के साथ,
पर हर बार तेरे ख़्वाबों से,
हाथ निकल जाता है जुदा।

दर्द की रातों में बदलती,
हर लम्हा अधूरी कहानी,
तेरे ख़्वाबों के सिलसिले,
उम्मीद और दर्द की कहानी।

भाग 2

तेरे ख़्वाबों के सिलसिले, उम्मीद और दर्द की कहानी,
जो जीने की राहों में भी बनी है दीवानी।

हर रात तेरे ख्वाबों की गलियों में घूमूं,
चाँदनी की रोशनी में अपनी ज़िंदगी संवारूं।

पलकों के पीछे छिपी धधकनों की आवाज़,
बदल देती है हक़ीक़त को रंगीन ख़्वाबों की सौगात।

दिल की गहराइयों में बसती है एक ख़्वाहिश,
तेरे संग जीने की, तेरे संग मरने की आरज़ू के बिना किसी का भी कोई वजह नहीं।

पर रातों के काले सिलसिले भी चुपचाप उभरते हैं,
जब ख़्वाबों की डोर तोड़ी जाती है, और ज़िंदगी की रेत बह जाती है।

दर्द की उम्मीद बनकर मचलती है तेरी हंसी,
कुछ अलग सा एहसास जगाती है मेरी ज़िंदगी में रातों की तन्हाई में।

जीने के लिए ख़ुद को तोड़ती हैं मेरी सांसें,
पर कभी ना तूटती है मेरी उम्मीद, जो ख़्वाबों की सिलसिले में जी रही है।

तेरे ख़्वाबों के सिलसिले, उम्मीद और दर्द की कहानी।

भाग 3

तेरे ख़्वाबों के सिलसिले,
उम्मीद और दर्द की कहानी।
जब दिल को छू गए वो सपने,
बन गए तोहमतों की जवानी॥

महक उठे थे वो ख़्वाब जो,
दिलों के रास्ते सजाते थे।
पर रातों की गहराइयों में,
दर्द के दरिया बहाते थे॥

जाने कब खो गए वो सपने,
अधूरे रह गए इस दिल में।
इन ख़्वाबों की धूप में जलकर,
बुझ गए वो दर्द के मेल में॥

तू बस गुज़रता है रातों की तरह,
मेरी रूह में छांव बिखेरता है।
पर मेरे दिल की गहराइयों में,
दर्द की तस्वीर जगा देता है॥

ये उम्मीदों की डोर जुड़ी हुई,
तेरे ख़्वाबों से दिल के लिए।
पर दर्द के अजनबी रास्तों पर,
दिल को ख़ो गए वो जहां से॥

तेरे ख़्वाबों के सिलसिले,
उम्मीद और दर्द की कहानी।
जब दिल को छू गए वो सपने,
बन गए तोहमतों की जवानी॥

भाग 4

तेरे ख़्वाबों के सिलसिले लिखी है दर्द की कहानी,
उम्मीद की राहों में बिखरी है हर रात ज़िंदगानी।

चांदनी की किरनों से बनी है तेरी पलकों की झील,
दिल के क़रीब आती हैं और ले जाती हैं अपनी तन्हाई।

हर रोज़ उम्मीद की एक कश्ती बसाती है तू ख्वाबों में,
ज़िंदगी की लहरों में जो डूबती है वही बनाती है तू आहें।

आँखों में छाँव छूपी है और दिल में धड़कनों की रौशनी,
पर तेरे ख़्वाबों के सिलसिले छूट जाते हैं तबीयत के ग़मों से।

हर रात चांदनी के साथ तेरा ख्वाब बदलता है रंग,
जब खो जाती है उम्मीद की किरणें, दर्द का ज़ोर चढ़ जाता है तंग।

फिर भी जीने की ख़ट्टी मीठी चाहत से जलती है ये रातें,
दिल में बसी तेरी ख्वाहिशों की आग सदियों तक नहीं बुझाती है।

तेरे ख़्वाबों के सिलसिले सदीयों चलते रहेंगे यादों में,
उम्मीद और दर्द की कहानी लिखी है इस ज़िंदगी की परछाईं में।

भाग 5

तेरे ख़्वाबों के सिलसिले,
उम्मीद और दर्द की कहानी,
चांदनी रातों में बीते पल,
यादों की एक कहानी।

जब तू खोया रहता था सपनों में,
मैं तेरे संग उड़ती थी हवाओं में,
जीने का अरमान था ये मेरा,
मगर तेरे बिना था कुछ अधूरा सा।

चांदनी रातों में चाँद जैसा,
तू आया था मेरी दुनिया में ख्वाबों सा,
प्यार की बारिश की बूंदों से,
बन गया था एक अद्भुत सफर हमारा।

ख़्वाबों की उड़ान से ज़्यादा ऊँचा,
हमने सच्चाई का रास्ता चुना,
पर जैसे-जैसे दिन बिताते गए,
उम्मीदों में छिपे थे कई गम अपार।

तेरी हंसी के चमके थे सितारे,
मेरे दिल में बसी थी मोहब्बत की प्यारी धुन,
पर जब ख़्वाबों का जग मिला हकीकत से,
दिल में चुभता हुआ दर्द की लहर गहरी उभरी।

तेरे ख़्वाबों की मिठास से रंगी हर पल,
मगर अंधकार में खो गया हर सवेरा,
आज ज़िंदगी चुपचाप ज़मीं पर लेटी है,
मेरे दिल में एक ख़्वाब सदा रहता है तेरा।