भाग 1
इश्क़ की राहें: सुकून और बेचैनी के दरमियाँ
इश्क़ की राहें, रौशनी की बाहें,
सुकून और बेचैनी के दरमियाँ।
मैंने ढूंढ़ा था ख़ुद को तेरे आगे,
पाया है सिर्फ़ तेरे दीवानेपन के बाद।
खो गया हूँ ख़ुद को तेरी छाँव में,
तेरे बिना अधूरी है ये कहानी।
जब तेरे होंठों से छू जाती है ख़ुशबू,
बह जाती हैं यादें, जीवन की कहानी।
इश्क़ की राहों में मुझको भूल न जाना,
दरिया हूँ तेरे प्यार की जो नहरों में बहूँ।
सुकून और बेचैनी के दरमियाँ,
मेरे दिल की धड़कन हैं तेरे नाम की कहानी।
जब तू मेरे पास होती है,
सब कुछ भूल जाता हूँ दुनियाँ की।
तेरे संग जीने की ख़्वाहिश में,
हर ग़म और दर्द भूल जाता हूँ मैं।
इश्क़ की राहों पे चलने का मज़ा,
ज़िंदगी की राहों में पाया है तेरा साथ।
सुकून और बेचैनी के दरमियाँ,
इश्क़ की राहें बनीं हमारी कहानी।
भाग 2
इश्क़ की राहें: सुकून और बेचैनी के दरमियाँ
इश्क़ की राहें चमकती हैं चाँदनी के साथ,
सुकून और बेचैनी के दरमियाँ जाने कहाँ।
आँखों में उम्मीदों का तारा जगमगाता है,
हर ख़्वाब इश्क़ की दास्ताँ सुनाता है।
प्यार की राहों में जब जीना सीख जाते हैं,
हर दर्द को मुस्कान में बहाते हैं।
मोहब्बत के धुंधले सिलसिले ये कहते हैं,
हम तन्हा नहीं, ये राहें आवाज़ देती हैं।
दिल के तारों में आँधी उठी जब प्यार की,
हमसे बेहतर कोई यहाँ जानता नहीं।
इश्क़ की राहों में जब चलना सीखते हैं,
हर दर्द को खुशी में बदलना सीखते हैं।
सुकून और बेचैनी के दरमियाँ ये लम्हे हैं,
प्यार के मगर सबसे महकते रास्ते हैं।
इश्क़ की राहों में जब चलना सीखते हैं,
हर दर्द को खुशी में बदलना सीखते हैं।
दिल की राहों पर जब आगे बढ़ते हैं हम,
प्यार की राहों में बस ख़ुदा होते हैं।
भाग 3
इश्क़ की राहें: सुकून और बेचैनी के दरमियाँइश्क़ की राहें सुकून के बीच,
बेचैनी के दरमियाँ ये उम्मीद की चीख।
मोहब्बत की मुसाफ़िरी है ये,
दिल के ज़ख़्मों की पुकार है ये।
चल पड़े हैं हम तन्हाई की राह पे,
कुछ जुदाई की चुभती नग़मा है ये।
दिल के हर रोज़गार में छिपे हैं,
प्यार के एहसासों के रंग सारे।
ये राहें बहुत भरी हैं उम्मीदों से,
मगर तन्हाई की आहटें भी यहाँ।
मोहब्बत की राहों में ख़ोया हैं हम,
आशिक़ी के सफ़रों का सहारा है ये।
सुकून और बेचैनी की इस दुनिया में,
इश्क़ की राहें निभाना हमारा काम है।
उम्मीदों की रोशनी और दर्द की आहटें,
इश्क़ की राहें हमसे ही बनाना है।
भाग 4
इश्क़ की राहें: सुकून और बेचैनी के दरमियाँ
इश्क़ की राहें, सुकून की तलाश में,
बेचैनी के दरमियाँ, दिल की उदासी में।
बिछड़े दिल की धड़कन, बदनाम रातों में,
तनहाई की लम्बी राहें, जुदाई की बातों में।
प्यार के सिलसिले, तराशे गए लफ़्ज़ों से,
मोहब्बत की क़ैद में, रह गया ये दिल ज़ख़्मी।
क़रार के चश्मे, बेचैनी के आंसू बहाते हैं,
मुहब्बत की राहों में, खोया ये दिल ज़मीं।
ज़िंदगी की कश्ती, इश्क़ की लहरों में,
उलझे हुए दिल के, नादान अरमानों में।
खो गया है इश्क़ में, सुकून का मकाम,
बेचैनी की आग में, जलता ये दिल आज़ाम।
दर्द की तारीफ़ करें, ये गज़ल है इश्क़ की,
रूह की गहराई में, लिखा हुआ ये दिल का इक नाम।
भाग 5
इश्क़ की राहें: सुकून और बेचैनी के दरमियाँइश्क़ की राहें चाहत के साथ चली,
सुकून और बेचैनी के दरमियाँ जली।
जैसे मौसम की हर रूप में बदलाव,
इश्क़ की धुंध में भी थे रंग उदास।
प्यार की हर लहर में है समंदर का आसरा,
हो जाए जब बेचैनी, मिले सुकून का सहारा।
हो जाता है इश्क़ का सफ़र रूह का परिंदा,
खो जाते हैं रास्ते, पर थमता नहीं परिंदा।
उम्मीद के सिलसिले, अस्तित्व की खोज,
जैसे छुपा हुआ हो सच्चा प्यार का रोग।
जाने कब आएगा वो मुक़द्दर का दिन,
जब रहेगा सुकून, ना रहेगी बेचैनी हिम्मत की नींद।
इश्क़ की राहें सुकून के गाने गाएं,
बेचैनी के सूर में भी ख़ुदा का आदेश पाएं।
इश्क़ की राहें बाधाओं का सामना करें,
सुकून और बेचैनी के दरमियाँ मोहब्बत का नाम भरें।
इश्क़ की राहें जीने का आदर्श बन जाएं,
सुकून और बेचैनी के दरमियाँ ख्वाब सजाएं।
इश्क़ की राहें हर दिन नया मंज़र दिखाएं,
सुकून और बेचैनी के दरमियाँ आशा पाए।