complete doctor in Hindi Drama by Ekta Vyas books and stories PDF | सम्पूर्ण डॉक्टर

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सम्पूर्ण डॉक्टर

'तुम एक दिन मुझसे भी बड़ी डॉक्टर बन कर मेरा और अपने माता-पिता या नाम रोशन करोगी।' शहर के जाने-माने सर्जन(डॉक्टर ) केमुँह से अपने प्रति ये भविष्यवाणी सुन कर सीमा भाव-विभोर हो गयी थी। उसने मेडिकल की डिग्री मिलने के बाद पापा के मित्र औरशहर के जाने-माने सिविल सर्जन के सानिध्य में प्रैक्टिस शुरू कर दी थी। उसकी लगन, परिश्रम और केस के तह तक जाने का जुनूनदेख कर रूप डॉक्टर साहब बहुत प्रभावित थे।

लगभग छः माह बाद उसके पास एक DNC का केस आया था। यह उस महिला की पहली प्रेग्नेंसी थी महिला बहुत खूबसूरत थी।उसकी उम्र लगभग 24-25 वर्ष की रही होगी।

तुम DNC क्यों करवाना चाहती हौडॉक्टर सीमा ने ये लड़की के चेहरे को गौर से देखते हुए पूछा।

लड़की ने उपेक्षा से कहा, 'उसे मेरी बिल्कुल भी परवाह नहीं है। शादी से पहले बड़ी-बड़ी बातें करता था। तीन साल हो गए, कई बारकहने के बावजूद कहीं घुमाने नहीं ले गया। बहुत जिद करने पर रेस्तरां में कभी-कभार ही जाता है। ऐसे कंजूस और बेपरवाह आदमीके साथ मैं पूरा जीवन नहीं गुजार सकती।'इसलिए उसके बच्चे की माँ नहीं बनना चाहतीं और तलाक़ लेकर ख़ुश रहना चाहती हूँ।

'किसी दूसरी लड़की के साथ उसका सम्बंध है?' डॉक्टर सीमा पूछा

'बिल्कुल भी नहीं।' महिला ने दृढ़ता से इंकार किया।

'तुम्हारे ऊपर हाथ उठाता है?'

'उसने कभी ऊँची आवाज़ में बात भी नहीं की। उल्टा मैं गुस्से से कपड़े बिखेर देती हूँ रसोईघर के बर्तन बिखेर देती तो वह शांति से सबठीक कर देता है और अलमारी में लगा देता है। खाना बनाऊँ तो बना कर मुझे भी खिलाता है फिर ख़ुद है खाता है

'फिर ऐसे पति को क्यों छोड़ना चाहती हो?' तुम क्यों ख़ुशहाल परिवार में नहीं रहना चाहती, डॉक्टर सीमा ने असमंजस से पूछा।

'क्या ऊपर बताए कारण पर्याप्त नहीं हैं ?मैं ऐसे आदमी की बच्चें की माँ नहीं बनना चाहती और उसके साथ नहीं रहना चाहती थी वहडॉक्टर्स सीमा के सवालों से से असहज हो कर बोली।

'तुम्हारे पति से मिलना चाहती हूँ।' उसकी बात से बेपरवाह महिला ने कहा।

'आपके बारे में अच्छी तरह स्टडी करके आयी हूँ। आप मुझे मेरे पति और इस बच्चे से से छुटकारा दिलवा सकती हैं। उससे मिलने कीछोड़िए। आप अपनी फीस बताइए प्लीज।'

'केस को ठीक से समझने के लिए तुम्हारे पति से मिलना जरूरी है। तुम्हें ठीक लगे तो किसी और डॉक्टर्स से बात कर लो।' डॉक्टरसीमा ने दो टूक कहा और दूसरे काम में लग गई।

महिला पहलू बदल कर कुछ देर सोचती रही। फिर मोबाइल पर कॉल कर पति को बुला लिया।

डॉक्टर सीमा को महिला का पति सीधा और सच्चा लगा। वह एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था और अपनी आय के सापेक्षयथासंभव पत्नी को खुश रखने की कोशिश करता था। डॉक्टर सीमा के पूछने पर लड़की ने सहमति में सिर हिलाया।

लड़का महिला को और अपने बच्चे को छोड़ने के लिए में बिल्कुल राज़ी ही नहीं था। अलबत्ता उसने कहा कि महिला उससे दूर रह करखुश रह सकती है तो उसकी खुशी के लिए वह तैयार है। पर अपने बच्चे को हरगिज़ नहीं मार सकता

डॉक्टर सीमा में ने गंभीरता से दोनों की काउंसलिंग की। अंततः महिला स्वेच्छा से तलाक और डी एन सी का विचार त्यागने को राजीहो गई।

सिविल सर्जन (डॉक्टर साहब )को जैसे ही है इस बात पता चला तो नाराज हो कर बोले, 'हमारे पेशे में भावनाओं की कोई कद्र नहींहोती। तुमने अच्छा खासा पैसा कमाने का मौक़ा हाथ से जाने दिया।'

डॉक्टर ने सहजता से कहा, 'हमारा काम ना सिर्फ़ मरीज़ों ये भी का इलाज करना है सर। ज़िंदगी की सच्चाई के बारे में बताना भीहमारा काम है ।महिला नादानी में बहक गई थी। वह जिसे आजादी समझ रही थी वो उसकी भूल थी। इस नासमझी से उसका जीवनबर्बाद हो जाता। मेरी समझ में सच्चा डॉक्टर वही है जो मरीज़ों का इलाज करे, साथ ही उनका ज़िंदगी पर भी विश्वास बना रहने मैंसहायता करें और उनका घर टूटने से बचाए मैंने ईमानदारी से अपना फर्ज निभाया।'

डॉक्टर साहब तल्ख़ स्वर में बोले, 'डॉक्टरी तुम्हारे वश की नहीं है सीमा ।बेहत्तर है कोई और काम तलाश लो।'

सीमा ने विजयी भाव से मुस्करा कर हाथ जोड़े और चुपचाप लौट आयी। एक हॉस्पिटल के निर्माण के लिए जिसमें ना सरस मरीज़ोंका इलाज होगा बल्कि उनको जीवन की सच्चाइयों से भी रूबरू कराया जा सके।