ये कहानी हैं 10 साल की रिया की। रिया बहुत ही शांत लड़की थी लेकिन जब उसका सब्र का बाण छूटता हैं तो उसका गुस्सा सातवें आसमान में चला जाता है।रिया ज्यादा घर से बाहर नहीं निकलती थीं और न ही उसका कोई दोस्त था। रिया ज्यादा इसलिए भी घर से बाहर नहीं जाती थीं क्योंकि उसे उनके पड़ोसियों का व्यवहार अच्छा नही लगता था।
रिया के घर में फिलहाल उसके मां पापा दादा और एक बहन थीं। रिया का बहुत ही खुशहाल परिवार था। रिया के पापा पत्थर के खदान में काम किया करते थे, साथ ही खेती की करते थे। रिया की अपनी मां से ज्यादा बनती नहीं थी, क्योंकि रिया की मां उसे बात बात पर अच्छा खासा सुना देती थे इसलिए उसे अपनी मां से ज्यादा लगाव नहीं था।
रिया स्कूल जाने में भी अनाकानी करती थी। पहले दीपावली की पंद्रह बीस दिन की छुट्टी मिलती थीं रिया की स्कूल में दीपावली कि छुट्टी लगी। छुट्टियां खत्म होने के बाद स्कूल चालू हो गया ।रिया फिर भी एक एक दिन करके टालते हुए आज जाऊंगी कल जाऊंगी स्कूल करके जाती ही नहीं थीं।
फिर उसे उसकी मां डांट लगाकर स्कूल भेज देती थी। और माताजी अपनी खेतो मे चली जाती थी काम करने । लेकिन रिया स्कूल से लंच की छुट्टी के बाद स्कूल से भाग आती थी और कही कहीं घूमती रहती थी। दूसरे दिन रिया फिर स्कूल जाने के लिए बहाना बनाने लगी लेकिन उसकी मां ने उसे जबरदस्ती तैयार करके स्कूल के लिए रवाना किया रिया आधे बीच में एक खंभे को पकड़कर रोने बैठ गई थी। फिर उसने अपनी मां को आते देखा तो जल्दी से bag पकड़ कर स्कूल चली गई । स्कूल में प्रेयर के बाद रिया स्कूल से भाग निकली बीच रास्ते में उसे उसका क्लास टीचर मिला- उसने पूछा बेटा कहा जा रहे हों,रिया बहाना बनके बोल दिया मेरा तबीयत ठीक नहीं है इसीलिए वो स्कूल से छुट्टी लेकर घर जा रही हैं।और वहा से रिया अपनी चाची के घर चली गई और स्कूल की छुट्टी होने तक वही रहने वाली थी ।लेकिन बीच में वो सो गई वही , स्कूल की छुट्टी का टाइम हो गया था रिया अभी तक घर आयी थी। उधर उसके पापा परेशान होकर स्कूल चला गया वहा पता चला रिया घर ही नहीं आयी थी । फिर पूरे गांव ढूंढा तो वो अपनी चाची के घर में मिली। उसके बाद रिया घर आ गई पापा ने इसे बहुत डांट लगाया।
अब रिया की स्कूल से गर्मी की छुट्टियां लग गई थी ।वैसे तो रिया घर में ही रहती थी। उसी समय उसके मामा किसी काम से उनके घर आए थे तो रिया अपनी मामा के साथ अपनी नानी के घर चली गई ।वहा रिया और इसके मामा की बेटी के साथ खूब मस्ती करती थी कड़ी धूप मे भी पूरे गांव में घूमती रहती थी।कभी तालाब में चली जाती थी तो कभी आम चुराने बगीचे में।एक बार बगीचे का मालिक ने रिया को आम चुराते हुए देख लिया था। रिया झटपट पेड़ से नीचे उतरी और बहुत तेज भागी की बगीचे मालिक उसे पकड़ नहीं पाया।
पर रिया को क्या पता था कि वहा उसके साथ क्या होने वाला था इस बात से बेहखबर रिया अपनी अपनी धुन में मगन थी।एक दिन रिया और उसके मामा के बेटी मिट्टी के बर्तनों के खिलौने से खेत रही थी तभी उसने पास उसका मामा आया । मामा में अपनी बेटी को पानी लाने के लिए भेजा, और उसके मामा रिया के पास आकर बैठ गए। रिया अपनी धुन में मगन थीं। तभी उसके मामा में रिया को अपने पास बुलाया रिया अपने मामा के पास जाकर बैठ गईं।मामा ने रिया के कंधे पर हाथ रखकर गलत तरीके से चुने लगा , रिया को बहुत अजीब लगा रिया ने अपने मामा को जोर से धक्का दिया और दौड़कर अपनी नानी के पास चली गई।
नानी के पास जाकर रिया बहुत रोने लगी ,नानी के पूछने पर भी रिया कुछ बोलती ही नही बस रोए जा रही थी। रिया उसके बाद अचानक रिया अपने घर जाने की जिद करने लगीं। नानी कहती हैं बेटा इतना ही जिद कर रही है तो कल तुम्हारे मामा तुझे घर छोड़ आयेंगे इतना सुनते ही रिया गुस्से में बोली मुझे इनके साथ कही नहीं जाना ये गन्दे है।रिया जोर से चिल्लाकर बोली। उसके बाद रिया के पापा रिया को लेने आ गए ।रिया अपने घर आ गई।
लेकिन रिया के साथ उसके मामा ने जो गलत व्यवहार किया था रिया वो बात किसी को भी नही बता पाती क्योंकि रिया को मालूम था की उसके बातों पर कोई विश्वास नही करेगा ।रिया ने अपनी मां को बताना चाहा पर चाहकर के भी बता नहीं पायी और रिया और उसकी मां की ज्यादा बनती भी नही थी। और तो और रिया के पास ऐसा कोई व्यक्ति भी था जो ये सब बातें बता सकें।रिया के मामा ने रिया के साथ जो भी हरकतें करने की कोशिश की थी रिया सारी बातों को अपने ही अंदर दबाकर रख लिया तभी से रिया अपने मामा से बेइंतहा नफ़रत करने लगती हैं।जब उसके मामा उसके घर आते रिया दूर दूर रहने लगती जाती थी।वो उनके पास जाना भी पसंद नहीं करती थी।रिया ने मामा के लिए इतनी नफ़रत पाल रखा था की रिया ने दोबारा अपनी अपने मामा के घर कदम नही रखा।
रिया को आज भी बहुत अफसोस होता हैं की जो भी उसके साथ हुआ था काश वो बाते किसी को बता पाए।
NOTE - रिया के साथ हुआ कल वो आपके बच्चों के साथ भी हो सकता हैं इसलिए अपने बच्चों को सही स्पष्ट, गलत स्पर्श के बारे में बताइए। अपने बच्चों के साथ इतनी कठोरता से भी न पेश आए कि बच्चें कोई बात share न कर सकें। दुनियां में न जानें ऐसे कितने बच्चे होंगे जो ऐसे हालातो से गुज़रे होंगे।