Is janm ke us paar - 19 in Hindi Love Stories by Jaimini Brahmbhatt books and stories PDF | इस जन्म के उस पार - 19

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इस जन्म के उस पार - 19

( कहानी सो समझने के लिए आगे के भाग जरूर padhe🙏🏻🙏🏻)


(वीर - ये अयंशिका थोड़ी बेवकूफ नहीं है क्या.?उसके ऐसे कहने पर तीनो उसे बुरी तरह घूर ने लगते है तभी यस्वी 😏, "बोल भी कौन रहा है खुद उल्लू का पठा किसी और को कह रहा है.!"वीर 😲 - तुमने मुझे उल्लू कहा। यस्वी 😜,"उपस.. नहीं नहीं उल्लू तो समझदार होते है तुम तो गधे हो. 😤!"वीर कुछ कहता उससे पहले ही सूर्यांश इसे डांट के,"चुप भी हो जा.. अपनी ये बकवास बाद मे कर अभी देखने दे.!!")


तीनो अयंशिका को ढूंढ़ते हुए अंदर आ जाते है जहाँ धर्म को कोई धक्का देता है और वो चपला पर गिर जाता है.. चपला 😤 "अंधे हो क्या जो गिर रहे हो.!"

धर्म :- नहीं किसीने मुझे धक्का दिया.!!

तभी वरदान भी धर्म पर गिर जाता है.. वरदान 😠"कौन है.? "

यहां अयंशिका उस महल मे आगे बढ़ रही थी वही एक गोले के पास रुक के, "ओह तो ये मन्त्र है.!!मन मे :- पढ़े क्या..?? पढ़ ही लेते है..!"वो उस मंत्र को थोड़ी जोर से पढ़ती है."किस्मत का बहता झरना रुक जाये वो रुक जाये वो., गायब हुआ जो टंत्रो से छूट जाये वो छूट जाये वो.!!"

अयंशिका मंत्र पढ़ती है की यहां वो लोग दिखने लगते है जो की बोने होते है जो एक के ऊपर एक चढ़े हुए थे. उसपे एक बोना , "ओय डरो हमसे वरना.!!

धर्म हस्ते हये, "वरना क्या अपनी रेल को और लम्बी बनोगे.!"😄

वरदान भी हस्ता है 😄तभी वो छोटे छोटे बोने खुश हो के,"हम दिख रहे हव वाह हम दिख रहे है.. वो नाचने लगते है।"

वरदान थोड़ा झूके :- अच्छा आप ने हमारी दोस्त को देखा.!

एक छोटा सा बोना आगे आ के :- हा वो ही गई है महल मे उसने ही मंत्र पढ़कर हमें गायब वाले जादू से आजाद किया है।

वरदान :- कोनसा महल.? तभी वही पास ही एक महल दिखाई देता है और अयंशिका उसके अंदर से आती है वरदान भाग के उसके गले लग जाता है.., "आप ठीक तो है.!!"

अयंशिका मुस्कुरा के :- हम्म. बिलकुल ठीक है.!!इनकी वजह से.. वो लोग पीछे देखते है की वहा एक बड़ी उम्र का आदमी जिसने शाही पोशाक पहनी थी देखने मे राजा ही लग रहे थे वो आके, "मायावी जंगल मे आपका स्वागत है. मे यहां का राजा हु.. मतलब जादूगर ही.. 😄अयन नाम है मेरा..!!"

वरदान :- जी हमारा नाम वरदान है.!!और ये धर्म ये चपला.!!

अयन :- आइये ना अंदर चलके बात करते है। सब अंदर चले जाते है।

अयंशिका :- अपने उन्हें गायब क्यों किया था.?

अयन :- उनकी रक्षा के लिए आद्रोना.!!

वरदान :- आपको कैसे पता के.??

अयन 🙂:- जाहिर सी बात है मे यहां का बेहतरीन जादूगर हु.. पर अगर कोई मेरा जादू तोड़ सकता है तो वो सिर्फ आद्रोना है.!!

धर्म :- ओह तो आप जानते है इन सबके बारे मे.!!

अयन :- हा पढ़ भी चूका हु और कुछ जान भी चूका हु.!!

अयंशिका :- क्या आप हमारी मदद कर सकते है.?

अयन :- क्यों नहीं अद्रोना मुझे भी ख़ुशी मिलेगी.. क्या मदद करू.??

अयंशिका :- हमारी शक्तियों के बारे मे और उस मुर्दे के बारे मे.!!

अयन :- जिस मुर्दे को जिन्दा किया गया है वो एक हावसी था जिसे राजा की बेटी के साथ जबरदस्ती करने के लिए बहुत बुरी सजा मिली थी.. वो बदला लेने आया है.. पुराणों के अनुसार ज़ब भी ऐसे हावसी बुरी आत्मा बन वापस आते है.. तब सबसे अच्छी और पवित्र शक्ति यानि की आद्रोना उसे रोक सकती है.. पर अगर बुरी शक्ति उस पवित्र शक्ति को छुति है तो वो आप से बाहर हो जाते है शर्ते उन्हें खुद पर काबू रखना आता हो.!!जैसे की.... हा जैसे की माँ पार्वती के महाकाली रूप की गाथा... ज़ब रक्तबीज के वजह से वो अपना होश खो बेथी थी.. तब महादेव ने. उन्हें रोका था।

वरदान :- अर्थ की अगरकोई ठोस वजह होंगी तो अयंशिका को रोका जा सकता है।

अयन :- हा.!!चयन हमेशा आद्रोना का ही रहेगा.. की अच्छाई या बुराई.!!

अयंशिका :- पर हमारी शक्तियों का क्या.?वो कैसे मिलेगी हमें.??

अयन :- शक्तिया हमारे पास ही होती है आद्रोना बस पहचाननी पडती है 😊।वैसे ज्यादा नहीं जानता हा दो शक्तिया के बारे मे बता सकता हु.!!

अयंशिका :- कौन सी.?

अयन 🤔:- हा शायद बिना किसी हाथ के उपयोग के बावजूद किसी भी चीज को मन के विचरो से घूमने की शक्ति.. अनुगामी शक्ति.!!और दूसरी है बचाव शक्ति.!!

अयंशिका :-आप हमें शिखाएंगे.!!

अयन :- जरूर पर अभी आपको खा के आराम करना चाहिए कल से शुरू करते है.!

रात को अयंशिका सो रही थी की वहा वरदान आता है.. उसे ठीक से कंबल ओढ़ा के उसके माथे को चुम लेता है जिससे अयंशिका नींद मे ही मुस्कुरा देती है। वरदान भी उस मुस्कुराते हुए देख चला जाता है। की बाहर अयन से टकरा जाता है.!!

वरदान हड़बड़ा जाता है है. 😳"बो. वो. मे!!"

अयन😁 :- जानता हु की आद्रोना से बहुत प्यार करते हो.!

वरदान 😲 :- "तुम्हे कैसे पता चला.?"


अयन :- अब तुम्हारी आँखों मे इतना साफ दिखता है.. कोई पागल भी समझ जायेगा और अयंशिका वो भी तुमपे ज्यादा भरोसा करती है।

वरदान अपने सर मे हाथ घुमाकर :- हा वो..!!

अयन :- छोड़ो मे तो ये बताने आया था की तुम रक्षक हो.!

वरदान :- मतलब.??

अयन :- अरे तुम्हारे हाथ का ये निशान.!!वरदान के हाथ पर एक त्रिशूल और सूर्य बना हुआ था.. उसे देख अयन जब मेने ये देखा ना तभी लगा की कही देखा है.. अब जा के पढ़ा तो पता चला की तुम आद्रोना के रक्षक हो.!!जो उसकी मदद करता रहेगा हर कदम.!और उनके ही कारण वो बुरी शक्ति का खात्मा होगा.!!

वरदान :- हम्म. ये तो है..!शायद तुम सच कह रहे हो क्युकी ज़ब से हम अयांशिका से मिले है तबसे हमें ऐसा लगता ही है।अच्छा अयन क्या तुम हमें भी कुछ जादू शिखा सकते हो.??

अयन :- हम्म जरूर मेरे राजकुमार.!!तब तो ये अच्छी बात है तुम्हारा प्यार उनकी सबसे बड़ी ताकत बनेगा.!!

वरदान :- हम्म.!!वो चला जाता है..।

यहां वो बुरी शक्ति जोर से चिल्ला रही थी... कहा है आद्रोना..?? मुझे वो चाहिए... मे उसे हासिल करके रहूंगा..!!!उसकी चीखो से पूरा जंगल काँप उठा था.. उसके रूप को जो देखता वो बेहोश हो जाता.. डरावनी गरजना करने के बाद वो आगे बढ़ गया की जहाँ वो जाता वही के धरती जल के रख हो जाती थी।

यहां सुबह अयंशिका को अयन ध्यान लगाना शिखा रहा था।'आद्रोना आओ अब पुरे एकाग्र मन से इस मटके को मन से उचक ने की कोशिश करो.!'

अयंशिका वैसे ही करती है। उससे हो जाता है। वो ख़ुशी से उछल जाती है..!!यहां वरदान भी कुछ जादू शिखता है ताकि वो मदद कर पाए.!!

तीन दिन हो गए थे.. पर अब भी अयंशिका बचाव की शक्ति नहीं शिख पाई थी.. वरदान ये देख रहा था की अयन "ध्यान दो आद्रोना.!!"

वरदान :- रुको. तुम इस शक्ति का वार हम पर करो और अयंशिका हमें बचाहेगी.!!

अयन मान जाता है और वैसे ही करता है की पर अयंशिका बचाने जगह गुस्सा हो जाती है, "अयन.!"😡अयंशिका के आसपास की सारी ज़मीन और पेड़ हवा मे उछल जाते है।

अयन डर जाता है की जैसे ही अयंशिका नज़र उसकी और घूमती है की सभी चीजें उसकी और आ जाती है.. अयन उससे बचते हुए,"वृद्धशिका भव.!"कहता है अपनी छड़ी से तो सारी चीजें चूर चूर हो जाती है।


अयंशिका गुस्से मे 😠😠अपने हाथ से अयन के गले पर नज़र साधती है तो अयन का दम घुटने लगता है . अयंशिका उसे हवा मे लटका देती है... वरदान,"अयंशिका. रुकिए.. हमने उनसे कहा था.. रुकिए.!हम ठीक है देखिए हमारी तरफ.. वो अयंशिका का चेहरा अपनी तरफ करता है। अयंशिका का ध्यान उस तरफ जाता है वो बड़े ही प्यार से उसके गाल पर हाथ रख,"वरदान..!"और वरदान की बाहो मे झूल जाती है।

अयन जोर से खस्ता है.. उसे धर्म संभाल लेता है वरदान अयंशिका को अपनी गोद मे उठा के अंदर ले जाता है।

वरदान :- अयंशिका. अयंशिका उठिये.!!

अयन आके :- वो कुछ देर मे अपने आप ठीक हो जाएगी.!!

वरदान :- आज जो.!!

अयन :- वही आद्रोना की असल शक्ति है.. जो तुमने देखा.. पर अब भी वो उन्हें सहन नहीं कर पाती बस इसलिए बेहोश हो गई है।वरदान अयंशिका को देख उसके माथे पर चुम लेता है।


....... बाकि अगले... भाग...मे..!!