रचनाकार:
पलक जैन “जानवी“
ACKNOWLEDGEMENT
The writing of this book would not have been possible without the family support. I am thankful to “ MATRUBHARTI PUBLICATIONS " without whom this book would never have been published. I am also grateful to my hindi teacher, my library teacher, young authors as my inspiration, friends and my family. Lastly, I would also like to thank my almighty god who gave me strength as well as power to complete this book.
प्रस्तावना
जय जिनेंद्र!!!
कहते हैं मनुष्य ही इस वसुधा में नूतन परिवर्तन लाकर प्रगति की ओर बढ़ता चला जाता है। यह कोई नई बात नहीं। एलॉन मस्क, वैरन बफ्फट आदि व्यवसायी इसी काम में हाथ बँटा रहे हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की अपने लक्ष्य की प्राप्त करने के लिए इनका रास्ता कितना कठिन रहा होगा? उनकी क्या मानसिकता रही होगी?तो आइए जानने की कोशिश करते हैं इस किताब के माध्यम से। चलिए अपनी सीट की पेटी बाँध लें, बस कुछ ही देर में सफलता की ओर जाने वाली फ्लाइट टेकऑफ करने वाली है…
अंतर्वस्तु
Station-1:
सुदृढ़ चरित्र
Station-2:
आशा
Station-3:
कर्म
Station-4:
सुनहरी यादें
Station-5:
ईर्ष्या
Station-6:
वक्त
Station-7:
संगति
Station-8:
मन की बात
Station-9:
परिश्रम
Station-10:
बातचीत की कला
Station-11:
आत्मविश्वास
सुदृढ़ चरित्र
~1~
कोई आपको ना समझे तो टेंशन मत लेना क्योंकि अच्छे लोग और अच्छी किताबें हर किसी को समझ नहीं आती।।
~2~
भौतिकवादिता की चपेट में सुदृढ़ चरित्र को न खोना,
सुदृढ़ चरित्र को अपनाना ही है संस्कारों का सोना।।
आशा
~3~
जीवन के इस सफर में हम उसी दिन बड़े हो जाते हैं,
जिस दिन हम अपने आँसू पोंछकर फिर खड़े हो जाते हैं।।
~4~
क्यों होते हो निराश,क्यों होती है निराशा?
सदैव रहो आशावादी, सदैव रखो आशा।।
हे मनुष्य! तू ये क्या करता है?
निराश होने से तू डरता है?
तू ही है इस पृथ्वी की शान,
तुझसे नहीं है कोई और जीव महान।
मत डर चल खड़ा हो जा,
गया वो ज़माना जब तू बच्चा था,
अब तो बड़ा हो जा ।।
कर्म
~5~
कर्म की गठरी बाँध के जग में फिरे इंसान,
जैसा करे वैसा भरे विधि का यही विधान,
कर्म करे किस्मत बने जीवन का यह है मर्म,
प्राणी तेरे भाग में तेरा अपना कर्म।।
सुनहरी यादें
~6~
जिनके पास अपने हैं वो अपनों से झगड़ते हैं,
जिनका कोई नहीं अपना वो अपनों को तरसते हैं, कल न हम होंगे न गिला होगा सिर्फ कुछ हसीन यादों का सिलसिला होगा,
जो लम्हें हैं चलो हँसकर बिता लें जाने कल जिंदगी का क्या फैसला होगा।।
~7~
बड़े मज़े की बात है ही है न ABCD never leaves us alone:
बचपन में
A-Apple
B-Ball
C-Cat
D-Dog
E-Elephant
यौवन अवस्था में
A-Android
B-Bluetooth
C-Currency
D-Dance
E-Enjoy
बुढ़ापे में
A-Arthritis
B-Blood pressure
C-Cholesterol
D-Diabetes
E-Emergency
ईर्ष्या
~8~
ईर्ष्या और निंदा करने वाला व्यक्ति सज्जन को बदनाम ज़रूर कर सकता है, लेकिन खुद सज्जन नहीं बन सकता।।
वक्त
~9~
वक्त नूर को भी बेनूर बना देता है,
फकीर को भी हुजू़र बना देता है,
वक्त की ही कद्र कर बंदे वक्त कोयले को भी कोहिनूर बना देता है।।
ये तो सोच ना कि तू अकेला है,
माना राह थोड़ी तो सख़्त है,
मगर कर सकता है कुछ आलौकिक तू ,
जब तक तेरे साथ ये वक्त है।।
अजी,अभी बाकी है…
संगति
~10~
मेकअप की उम्र में ही धर्म का ध्यान कर लेना चाहिए, बाकी चेकअप की उम्र में कुछ नहीं हो पाएगा।।
~11~
संसार तो एक कड़वा वृक्ष है इसके दो फल ही अमृत देसी मीठे होते हैं-
एक मधुर वाणी और दूसरी सज्जनों की संगति।।
सज्जनों की संगति ही लक्ष्य की ओर राह है,
कर पाएगा तू कुछ हासिल तूने अगर उसे सच्चे दिल से चाह है।।
मन की बात
पता है ‘मन’ बड़ा ही चमत्कारी शब्द होता है इसके आगे ‘न’ लग जाए तो बन जाएगा ‘नमन’,
अगर पीछे ‘न’ लग जाए तो बन जाएगा ‘मनन’,
तो ‘नमन’ व ‘मनन’ करते चलिए,
जीवन जीना और भी सार्थक हो जाएगा।।
~14~
मैंने सदैव एक बात ज़रूर नोट की है,
जो सीधा, सच्चा और ईमानदार होता है उसकी इज़्ज़त ज़ीरो है,
जो झूठ बोलता है व बेईमानी करता है वो ही सब का हीरो है।।
परिश्रम
~15~
जितने भी कर्म करो, यह बहुत ज़रूरी है,
यह कोई व्यर्थ की मजबूरी नहीं,यह एक सुनहरा धन है,
जिसे जितना व्यय करोगे,उतना कम है,
अजी,यही तो परिश्रम है।।
बातचीत की कला
~16~
सदैव मीठा बोलो ,
तुम बातचीत में मिश्री का रस घोलो।।
~17~
क्या कर सकता है वो मनुष्य भला?
जिसके पास नहीं है ये अद्भुत बातचीत की कला।।
आत्मविश्वास
~18~
कर सकता है तू कुछ खास,
बस रख खुद पर विश्वास।।
~19~
तू निर्बल नहीं तू जलती हुई मशाल है,
अगर ठान ले तू कुछ तो कर सकता तू भी कमाल है।।
~20~
आत्मविश्वास ही सफलता का रहस्य है।।
सफलता को छूने वाली निम्न हस्तियाँ…
(1)डाॅ.एपीजे अब्दुल कलाम: कलाम जी का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को धनुषकोडी गांव, रामेश्वरम, तमिलनाडु में मछुआरे परिवार में हुआ था, वे तमिल मुसलमान थे. इनका पूरा नाम डॉक्टर अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम है. इनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन था. वे एक मध्यम वर्गीय परिवार के थे. इनके पिता अपनी नाव मछुआरों को देकर घर चलाते थे. बालक कलाम को भी अपनी शिक्षा के लिए बहुत संघर्ष करना पढ़ा था. वे घर घर अख़बार बाटते और उन पैसों से अपने स्कूल की फीस भरते थे. अब्दुल कलामजी ने अपने पिता से अनुशासन, ईमानदारी एवं उदार स्वभाव में रहना सिखा था. इनकी माता जी ईश्वर में असीम श्रद्धा रखने वाली थी. कलाम जी के 3 बड़े भाई व 1 बड़ी बहन थी. वे उन सभी के बहुत करीब रिश्ता रखते थे.
(2)एल्बर्ट आईनस्टाईन: अल्बर्ट आइंस्टीन विश्व के जाने माने वैज्ञानिक और थ्योरिटीकल भौतिकशास्त्री है. इन्होंने साधारण रिलेटिविटी की थ्योरी को विकसित किया. विज्ञान के दर्शन शास्त्र को प्रभावित करने के लिए भी इनका नाम प्रसिद्ध है. अल्बर्ट आइंस्टीन का विश्व में सबसे ज्यादा नाम द्रव्यमान – ऊर्जा के समीकरण सूत्र E=MC square के लिए है, यह विश्व का बहुत ही प्रसिद्ध समीकरण है. अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने जीवन में बहुत से अविष्कार किये, कुछ अविष्कारों के लिए आइंस्टीन का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया. वे एक सफल और बहुत ही बुद्धिमानी वैज्ञानिक थे. आधुनिक समय में भौतिकी को सरल बनाने में इनका बहुत बड़ा योगदान रहा है. सन 1921 में अल्बर्ट आइंस्टीन को उनके अविष्कारों के लिए नोबल पुरस्कार से नवाजा गया. अल्बर्ट आइंस्टीन ने कड़ी मेहनत कर यह मुकाम हासिल किया. इनको गणित में भी बहुत रूचि थी. इन्होंने भौतिकी को सरल तरीके से समझाने के लिए बहुत से अविष्कार किये जोकि लोगों के लिए प्रेरणादायक है.
(3)वैरन बफ़्फ़ट: वॉरेन बफेट बर्कशायर हैथवे को मालिक और शेयर बाजार के सबसे बेहतरीन निवेशको में से एक माने जाते हैं. फोर्ब्स पत्रिका द्वारा जारी की गई रैंकिंग के अनुसार वे दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक हैं और 2008 में जारी की गई सूची के अनुसार उनकी नेटवर्थ 62 अरब अमरिकी डॉलर से ज्यादा है. वॉरेन बफेट का जन्म 30 अगस्त 1930 के ओमाहा के नेब्रास्का कस्बे में हुआ था. ओमाहा का होने की वजह से उन्हें ओमाहा की देववाणी या ओमाहा का ऑरेकल भी कहा जाता है. वॉरेन के पिता का नाम हावर्ड बफेट और माता का नाम लीला स्टॉल था. उनके पिता भी शेयर बाजार में एक निवेशक और सलाहकार के तोर पर काम करते थे, तो ये कहना गलत नहीं होगा कि वॉरेन को निवेश करने की कला विरासत में मिली थी. उन्होंने ने भी अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए शेयर बाजार में ही अपना भविष्य तलाशने का फैसला लिया. उन्होंने वाॅशिंगटन डीसी के वुड्रो विल्सन हाई स्कूल से स्कूली शिक्षा पूरी की. पेंसिलवेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल से उपाधि लेन के बाद इन्होंने कोलम्बिया स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से प्रबंधन की पढ़ाई की. आज भी वे ओमाहा में ही अपने छोटे से मकान में रहते हैं जो इस बेहतरीन आदमी की सादगी और उसकी उच्च विचारों को पूरी दुनिया के सामने रखता है.
(4)थाॅमस अल्वा एडिसन: एडिसन अपनी उद्यमशीलता की भावना और अपने आविष्कारों को सफल व्यवसायों में बदलने की क्षमता के लिए भी जाने जाते थे। उन्होंने एडिसन इलेक्ट्रिक कंपनी (जिसे बाद में जनरल इलेक्ट्रिक के नाम से जाना गया) की स्थापना की और इलेक्ट्रिक पावर उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।अपने पूरे जीवन में, एडिसन एक विपुल आविष्कारक और एक अथक कार्यकर्ता थे, जो अपनी दृढ़ता और असफलताओं और चुनौतियों के बावजूद भी अपने विचारों को प्रयोग करने और परिष्कृत करने की इच्छा के लिए जाने जाते थे। उनके नवाचारों ने दुनिया को बदलने में मदद की और आधुनिक जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा है।
~सफलता ही आपकी निजी शक्ति है। अत: इसे अपनाने के लिए सदैव तत्पर रहें।।~
About the Book
अब आप सभी के मन में एक सवाल तो ज़रूर उमड़ रहा होगा कि इतनी छोटी होकर इतनी बड़ी बातें? जी, वो कहते हैं न कि घड़ा खरीदने से पूर्व उसे ठोकर मारकर ज़रूर देख लेना चाहिए कहीं वह कच्चा तो नहीं। बस अगर कोई तुम्हारी निंदा करे तो घबराना मत, बल्कि स्वयं को और भी सख़्त बना लेना। किसी ने बहुत खूब कहा है कि-
“निंदा से घबराकर अपने लक्ष्य को न भूलें,
क्योंकि लक्ष्य मिलते ही अक्सर निंदा करने वालों की भी राय बदल जाती है।”
लेखन मेरी जीवन यात्रा के भाँति है। यह अंत होकर भी आरंभ रहेगा। आगे और भी पुस्तकें आएँगी व आपको ऐसे ही सफलता की ओर ले जाएँगी। बस, ये सब अज़माके तो देखिए, सफलता खुद आपके चरण चूमेगी।।
~धन्यवाद~