Meri Dusri Mohabbat - 70 in Hindi Love Stories by Author Pawan Singh books and stories PDF | मेरी दूसरी मोहब्बत - 70

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मेरी दूसरी मोहब्बत - 70

Chapter -70 Jack ki do maa

सिम्मी सोन अपने बेटे को पाकर बहुत खुश है। अब जैक भी खुश है। दोनों को खुश देखकर बाकी सब भी खुश हो जाते हैं। तभी अवनी कहती है लेकिन मेरी एक शर्त है.... सब बिल्कुल चुप हो जाते हैं ...

सब हैरान हो जाते हैं... अवनी की अब क्या शर्त होगी

पवन - क्या हुआ बताओ.. क्या शर्त है...

अवनी - सिम्मी सोन और रोजर को हमारे घर आना पड़ेगा। दो दिन के लिए हमारे घर में रहेंगे।हमारे मेहमान बनकर..

सिम्मी सोन - नहीं मैडम .... हम अब इटली की टिकट कराएंगे ...

पवन - मान जाइए... आप घर चलिए । हम तीनों की टिकट करा देंगे। आपको इंडिया घूमाएगें। जैक के साथ और यादें बन जाएंगी। आप सभी को farewell party देकर भेजेंगे।

जैक - mom मान जाओ। आपको इंडिया घूमा दूगाँ।

फिर कहाँ आएंगे हम इंडिया।

सिम्मी सोन- ठीक है । तेरा मन है तो रूक जाते हैं।

अवनी और पवन खुश हो जाते हैं। सभी गाड़ी से पवन के घर आ जाते हैं।

पवन - मां, पिताजी देखिए कौन आया है...

जैक (दौड़ता हुआ) - दादाजी दादी जी, मैं आप सभी के साथ दो दिन और रहूंगा।

योगेन्द्र जी- वाह ! चल मैं तुझे बगीचा लेकर चलूंगा।

जैक - हाँ वहां बहुत मजा आता है। मां को भी बगीचा दिखाऊंगा।

योगेन्द्र जी - ठीक है

अवनी जैक, रोजर और सिम्मी सोन का गैस्ट रुम में रुकने का इंतजाम करती है।

घर का माहौल बहुत खुशनुमा हो जाता है।

अगला दिन

सब तैयार होकर घूमने जाते हैं जैक अपनी माँ को बगीचे के सभी पेड़ दिखाता है। खूब मस्ती करता है। अपनी माँ और रोजर को बिल्कुल गाइड की तरह सब जगह दिखा रहा है।

अवनी - देखो हमारा जैक दुबारा गाइड बन गया। अब पता गाइड इसका काम नहीं शौक भी है।

पवन - देखो कितने महीनों बाद वह पुराने जैक की तरह खुश दिखाई दे रहा है। thanks अवनी । आसान नहीं था तुम्हारे लिए but तुमने सबकी feelings को समझा।

सिम्मी सोन - yes of course, really thank you very much.

मैं हमेंशा आपका thankful रहूंगी।

अवनी - नहीं नहीं, आप मुझे माफ़ करें। आपको बहुत दुख झेलने पड़े हमारी वजह से। actually मुझे जैक अब अपने बेटे जैसे लगने लगा था.... इस वजह से जैक की जुदाई मुझे बर्दाशत नहीं हो रही थी.... कहते कहते आंखो में आँसू आ जाते हैं।

माया जी - ओह तुम दोनों क्या बात लेकर बैठे हो। पवन हम सबको आइसक्रीम खिलाओ...

पवन सभी के लिए आइसक्रीम लाता है । सब प्यार से मस्ती में आइसक्रीम खाते हैं। पवन और अवनी का प्यार भी और गहरा होने लगता है।

योगेंद्र जी - ये देखो वैष्णो रेस्टोरेंट यहाँ हर चीज देशी घी की है। बहुत स्वादिष्ट। आज हम सभी यहीं लंच करेंगे। सिम्मी सोन जी आज आपको इंडिया की जायकेदार dish खिलाएंगे...

सिम्मी सोन - जी thanks.

सभी रेस्टोरेंट में अंदर आकर बड़ी टेबल लेकर बैठ जाते हैं।

पवन - ‌सभी को मैन्यू देता है। लो भई ऑडर दो।

तभी सामने की टेबल पर शिवेन नाम का एक पत्रकार बैठा हुआ है।

शिवेन - hello I am a journalist. Ma'am आप इटली की सिम्मी सोन हैं। जिनकी कहानी अखबार में आई थी। आपको आपका बेटा मिला...

सिम्मी सोन - जी ... जी..

पवन - I am Pawan Sikarwar. हम ही वो इंडियन फैमिली है जिन्होंने जैक को गोद लिया था। actually आपको आधी बात पता है। जब हमने जैक को गोद लिया उस समय इसके मां पापा मृत घोषित थे। कुछ समय उस हादसे से जैक की मां बच गई। हम जैक को इंडिया ले आए थे। सिम्मी सोन इटली से यहां जैक को लेने आईं हैं...

ये मेरी वाइफ अवनी है । इतने समय से मेरी वाइफ ने जैक की अपने बेटे की तरह देखभाल की।

अवनी - जी मैं अवनी हूँ। जैक को मैंने अपना बेटा माना । मेरी feelings को आप समझ सकते हैं। इसलिए मैं जैक को वापिस देने के लिए agree नहीं थी।

सिम्मी सोन- लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं है। इन्होंने ने बड़ा दिल करके जैक को लौटा दिया है। बल्कि ये सब हम तीनों को इंडिया घूमाने के लिए लेकर आए हैं। हमारी परसों की इटली टिकट है । हम happily वापिस इटली जा रहे हैं।

शिवेन - ओ that's great news . देखिए मीडिया केवल बदनाम ही नहीं करती । आपके अच्छे कामों को भी हाइलाइट करती है। please ek group photo और एक जैक व उसकी दोनों मां के साथ।

पवन - ok .

शिवेन दोनों फोटो किल्क कर लेता है। सभी को thanks बोलकर चला जाता है।

सभी खुशी खुशी खाना खाते हैं और घर आ जाते हैं।

अगले दिन जैक की farewell party होती है। सभी जैक के साथ मिलकर फोटो खिंचवाते हैं...

अवनी जैक, उसकी मां और रोजर के लिए बहुत सारे गिफ्टस देती है।

सिम्मी सोन - ओह !! ये गिफ्टस की क्या need थी। आपने सबसे बड़ा गिफ्ट जैक तो दे दिया है। thanks alot अवनी जी। देखना God आपको भी जल्दी ही खुशियां देगा ...

अब जैक का जाने का दिन आ जाता है।

जैक, सिम्मी सोन और रोजर सभी से विदाई लेते हैं। पवन और अवनी भी उन्हें छोड़ने एयरपोर्ट आते हैं।

एयरपोर्ट पर-

जैक अवनी से चिपट जाता है।

जैक - मैं आपको letter लिखूंगा। फोन भी करूंगा।

अवनी - हां, भूल मत जाना अपनी मां को ....

जैक - बिल्कुल नहीं। मैं हमेशा आप सभी को याद रखूंगा । बड़ा होकर आपसे मिलने भी आऊंगा...

पवन - ओके my son Good bye... ध्यान रखना अपना भी और अपनी मां की भी । हम तुम्हें फोन करते रहेंगे।

अवनी और पवन वापिस घर आने के लिए गाड़ी की तरफ आते हैं...

तभी अवनी को उल्टी जैसा लगता है। वह पवन को बताती है।

पवन तबीयत खराब लग रही hai उल्टी आने वाली है..

पवन - चलो उधर वाशरूम है । मैं तुम्हारा बाहर ही वेट करता हूं। तुम जाओ।

अवनी - ठीक है । वह वाशरूम में जाकर उल्टी करती है। बाहर आकर...

पवन - क्या हुआ सब ठीक है। डाक्टर के पास चलते हैं । मैंने appointment ले ली है।

अवनी - ठीक है दिल बहुत घबरा रहा है।

पवन - हो सकता जैक की वजह से। उसकी जाने से ऐसा हो। बहुत समय से साथ था। याद तो मुझे भी आ रही hai । उसके बिना घर सूना सूना लगेगा। मन भी कैसा होता है। जब हम उससे नहीं मिले तो सब ठीक था। आज उसके बिना कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा। कोई समय के साथ ये घाव भी ठीक हो जाएगा। मैं तुम्हारे लिए नींबू पानी लाता हूं।

अवनी - नींबू पानी पीकर अच्छा लग रहा है।

क्या आने वाली है Pawan और अवनी की ज़िंदगी में कोई खुश खबरी ?