Meri Dusri Mohabbat - 63 in Hindi Love Stories by Author Pawan Singh books and stories PDF | मेरी दूसरी मोहब्बत - 63

Featured Books
Categories
Share

मेरी दूसरी मोहब्बत - 63

Part 63:Awani ki shaadi

पवन दिल्ली जाने कि तय्यारी करने लगता है | वो अपने कपडे और सामान पैक करना लगता है | तभी उसकी माँ वहां आ जाती है और उससे पूछती है कि वो कहाँ जा रहा है |

पवन – माँ मैं अवनी से बात करने जा रहा हूँ | उसने मेरे लिए काफी कुछ झेला है | मैंने जाने अनजाने में पता नही कितने दुःख दिए हैं उसे |

माया जी – हाँ तू कह तो सही रहा है | ना जाने कितने दिनों से वो लड़की हम सबको सच के बारे में बताना चाह रही थी पर हममे से किसी ने उसपर भरोसा नही किया | पर बेटा तू उसको मनायेगा कैसे ?

पवन – माँ अब चाहे कुछ भी हो जाए, मैं अवनी को मना के रहूगा चाहे उसके लिए मुझे उसके पैर पकड़ने पड़े या अपनी जान ही क्यूँ ना देनी पड़ जाए |

माया जी – अरे शुभ शुभ बोल ! ऐसे नही बोलते है | बड़ी मुश्किल से तो वापस मिला है तू हमे पवन, अगर इस बार कुछ हुआ तो मैं तो अपनी जान ही दे दुगी,और तू ऐसे मरने की बात करेगा तो मैं तुझे कहीं जाने ही नही दूंगी | समझा तू !

पवन – अरे sorry माँ ! अब नही बोलूगा ऐसे | ये तो मैं ऐसे ही डायलाग बोल रहा था | अगर मैं ही अपनी जान दे दूंगा तो अवनी को कोई और भगा ले जायेगा |

पवन सुनील शेट्टी की एक्टिंग करते हुए बोलता है - मैं उसे भूल जाऊं ऐसा हो नही सकता और वो मुझे भूल जाए मै ऐसा होने नही दूंगा !

पवन की माँ और पवन जोर से हस्ते है |

माया जी – अच्छा तेरी पैकिंग हो गयी हो,तो मेरा भी एक काम करना |

पवन – हाँ बोलिए ! पैकिंग तो मेरी हो ही गयी है |

माया जी – मैंने ना गुलाब जामुन बनाये थे,अवनी के लिए लेता जा | उसे भी बहुत पसंद हैं !

पवन – वो गुलाब जामुन आपने बनाये थे ?

माया जी – हाँ ! क्यूँ ! तूने खाए नही ?

पवन – खाए थे माँ और बहुत स्वादिष्ट बने थे | पर वो वंशिका की बच्ची ने मुझे झूट बोला की वो गुलाब जामुन उसने बनाये थे |

माया जी – उसका तो नाम ही मत लो | एक नंबर की धोकेबाज लड़की है वो | ना जाने कितने लोगो का घर तोड़ेगी !

पवन – नही ! अब वो कुछ नही कर सकती | पापा ने specially उसपे नज़र रखी हुई है और अगर उसने इस बार कुछ किया ना तो वो सीधा अबकी बार हवालातों के पीछे जाएगी |

माया जी – चलो ये तो बहुत बढ़िया हुआ | खेर उसकी बातें छोडो,अबतो वो हमारी लाइफ में कभी वापस नही आएगी | तुम सिर्फ अवनी पर ध्यान दो | मुझे पूरा भरोसा है कि अवनी को तुम ले कर ही आओगे |

पवन अवनी के लिए गुलाब जामुन पैक कर के रख लेता है फिर अपने माँ और पापा के पैर छू कर उनका आशीर्वाद लेता है | और वहां से दिल्ली के लिए निकल जाता है |

पवन दिल्ली पहुँचता है और पहुँचते ही सबसे पहले उसी मंदिर में पहुँच जाता है जहां अवनी आखिरी बार गयी थी | पवन वहां माता के आगे माथा टेकता है और अवनी से मिलने की प्रार्थना करता है |

वहां से निकलने के बाद पवन सीधा अवनी के घर पहुँचता है | जब पवन अवनी के घर जाता है तो वो वहां सजावट हो रही होती है | पवन बाहर गार्ड्स से पूछता है तो पता चलता है की अवनी की शादी की सजावट हो रही होती है | पवन ये सब देख के दंग रह जाता है | पवन अन्दर जाता है तो पवन के सामने अवनी के चाचा जी आ जाते हैं |

चाचा जी – अरे पवन ! तू यहाँ क्या कर रहा है |

पवन – चाचा जी नमस्ते ! मैं अवनी से मिलने आया हूँ,ये सब क्या हो रहा है ? कहाँ है वो ?

चाचा जी – ओये तू क्यों बार बार आ जाता है मेरी बेटी का घर बर्बाद करने | पिछले कुछ महिनो से वो डिप्रेशन में चली गयी थी और अब बड़ी मुश्किल से तो वो निकली है इन् चक्करों से और तू फिर आ गया उसी दुःख देने | अब तू उसका घर बसने दे |

पवन – नही नही मेरा ऐसा कोई इरादा नही है चाचा जी | मैं बस उससे मिलने आया हूँ | जो भी हुआ वो अनजाने में हुआ | प्लीज एक बार उससे मिलने दीजिये,अवनी का जो भी फैसला होगा मुझे मंज़ूर होगा बस वो एक बार अपने मू से बोल दे कि वो मुझसे प्यार नही करती,तो मैं यहाँ से चला जाऊंगा |

चाचा जी पवन को घर से बहार का रास्ता दिखा देते हैं |

पवन अवनी के दरवाज़े से आगे जाता है तो वहां उसे वहां एक रूम की खिड़की खुली हुई दिखती है | वो उससे अन्दर चला जाता है | पवन अवनी के रूम में जा के अवनी को धुंडने लगता है, वहां अवनी बेठी होती है | पवन को देख के वो खुश तो बहुत होती है पर अपने emotion कण्ट्रोल कर लेती है और वहां से भाग जाती है |

पवन कमरे से बहार आ के अवनी का पीछा करने कि कोशिश करता है पर अवनी पता नही कहाँ गायब हो जाती है |

चाचा जी पवन को फिर से देख लेते है और उससे कहते है कि तू दुबारा कैसे आ गया चल बहार जा |

पवन उनको बताता है कि अवनी ना जाने कहाँ चली गयी है और उसे अवनी को धुन्दना होगा | चाचा जी सरे लोगो को अवनी को धुंडने को कहते हैं पर वो नही मिलती |

पवन अवनी को ढूँढ़ते – ढूँढ़ते वजीराबाद के उसी पुल पे पहुँच गया जहाँ वो दोनों पहली बार मिले थे |

वहां एक लड़की शादी के जोड़े में बेठी होती है | पवन को समझ आ जाता है कि ये अवनी है और उसकी आँखों में आंसू आ जाते है |

अवनी भी पवन को देखती है और उसके आँखों में भी आंसूं आ जाते हैं,पर वो अपनी नज़रे छुपा लेती है |

अवनी – तुम यहाँ क्या कर रहे हो पवन ?

पवन – मैं वापस आ गया हूँ अवनी ! मुझे बहुत कुछ याद आ गया है और वंशिका कि सच्चाई भी हम सबके सामने आ चुकी है | तुम please मुझे माफ़ करदो अवनी,मैं तुम्हारे बिना नही जी सकता |

अवनी – नही ! तुम जाओ यहाँ से,मैं अब तुम्हारे पास वापस नही आ सकती पवन |

पवन – पर क्यों ?

अवनी – क्योंकि मेरी शादी होने वाली है और अब मैं किसी और की अमानत बन जाउंगी

पवन अवनी के करीब जाता है और उससे पूछता है – अच्छा ? अगर आज तुम्हारी शादी है तो तुम यहाँ क्या कर रही हो अवनी ? और तुम्हारी आँखों में आंसू क्यूँ है? बोलो? यही वो जगह थी ना जहाँ हम पहली बार मिले थे ?फिर तुम यहाँ क्या कर रही हो ?

अवनी कुछ जवाब नही देती

पवन – ओह अच्छा ! कहीं तुम दुबारा से यहाँ से कूदने के लिए तो नही आई ?

अवनी – तुम्हे उस्से क्या ?मैं मरुँ या जियूं तुम्हे क्या फर्क पड़ता है ?तुम जाओ उस वंशिका शंशिका के पास |

पवन – ओह! तो तुम्हे jealousy हो रही है?

अवनी – मैं क्यूँ jealous होने लगी?

पवन – क्योंकि कि तुम मुझसे प्यार करती हो इसलिए |

अवनी पवन को जोर का धक्का देते हुए कहती है – मैं तुमसे कोई प्यार नही करती समझे | मैं अपने होने वाले पति से प्यार करती हूँ |

पवन – ओह ! मेरा पति मेरा देवता है वाला टाइप प्यार ?

पवन जोर से हसने लगता है |

अवनी – तुम्हे तो सब मजाक लगता है ना,मैं जा रही हूँ यह से !

पवन (मुस्कुराते हुए) – हाँ जाओ जाओ बिलकुल जाओ |

ये सुन कर अवनि पवनो को मारने लगती है और रोने लगती है | जैसे ही रोना शुरू करती है पवन उसे गले लगा लेता है और बोलता है –

मुझे पता है तुम मुझसे बहुत प्यार करती हो अवनी और तुम मुझे कभी छोड़ के नही जाओगी और मै भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ | I know मुझसे अनजाने में बहुत बड़ी गलती हुई है पर सच्चाई तो ये है कि मैं तुम्हारे बिना नही जी सकता |

मुझे एक मौका दो अवनी ! बस एक आखिरी बार | मैं वादा करता हूँ कि मैं तुम्हे कहीं छोड़ के नही जाऊंगा |

अवनी जोर जोर से रोने लगती है और बोलती है की वो भी उससे बहुत प्यार करती है पर अब उसकी शादी फिक्स हो गयी है और मैं कुछ नह कर सकती |

पवन – तुम चिंता मत करो, मुझे बस तुम्हारे सस्थ की जरूरत है | तुम मेरा साथ दोगी तो हम दोनों साथ मिल के सबको मना लेंगे |

पवन अवनी को मना के घर ले जाता है | वहां जा के वो लोग देखते है की बरात वापस जा चुकी होती है और पवन के घरवाले भी वहां आ जाते है | सभी उन् दोनों को गुस्से में देख रहे होते हैं |

क्या पवन सबको मना लेगा और अवनी से शादी करलेगा ? या हो जायेगा उससे दूर ?