Meri Dusri Mohabbat - 61 in Hindi Love Stories by Author Pawan Singh books and stories PDF | मेरी दूसरी मोहब्बत - 61

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मेरी दूसरी मोहब्बत - 61

Part 61: Memory Relapse

अवनी दिल्ली वापस चली जाती है |

दिल्ली पहुँचते ही अवनी को माता का मंदिर दिखता है और वो वहां जाती है और अंदर जाते ही माता के आगे रोते हुए माता से कहती है – हे माता रानी तू इतनी परीक्षा क्यूँ ले रही है मेरी ?

Awani- पहले अलोक को मेरी लाइफ में लायी और उसे मुझसे छीन लिया, मैंने तुम्हारा फैसला समझ के तुम्हे कुछ नही कहा फिर तुमने पवन को मेरी ज़िन्दगी में भेजा तो मुझे लगा की finally अब मुझे मेरी असली मोहब्बत मिल गयी पर तुमने उसे भी मुझसे छीन लिया ?

आखिर क्यूँ ? तुम खुदको माँ कहती हो ना तो फिर अपनी संतान को दर्द में कैसे देख सकती हो ? मैंने सोच लिया है कि अब मैं तुम्हारे दरवाज़े पर कभी नही आउंगी !

अवनी मंदिर से रोते हुए अपने घर की तरफ चली जाती है |

उधर दूसरी तरफ पवन अपने रूम में सोया होता है | पवन को वजीराबाद का वो पुल दिखाई देता, वहां दुल्हन के जोड़े में उसे एक लड़की दिखाई देती है वो उसे बुलाता है पर वो उसकी शकल नही देख पाता | तभी उसकी नींद खुल जाती है और वो चौंक कर उठता है और सोचता है कि पता नही ये कैसा सपना देखा उसने !

उसे पता नही क्यूँ अकेलापन सा महसूस होता है | पवन पानी पीता है और खिड़की की तरफ जाता है |

वो चाँद कि तरफ देखता है और उससे कहता है – ए चाँद ! तू सबको देखता है, कुछ लोग तुझे मामा कहते हैं तो कुछ लोग तुझे प्यार का प्रतीक मानते हैं | लोग जब एक दुसरे से नही मिल पाते हैं तो तुझमे ही अपने प्यार को देख लेते हैं | तेरे आसपास इतने तारें है, तू सबको रौशनी देता है, फिरभी तू अकेला है, तेरी रौशनी कभी कम नही पड़ती | क्या तुझे कभी अकेलापन महसूस नही होता ?

तभी पवन को खिड़की से किसी कि आवाज़ आती है | वो एक लड़की कि आवाज़ होती है वो कह रही होती है – अब एक बार मेरी शादी हो जाए फिर मेरे पति कि सारी प्रॉपर्टी मेरी हो जाएगी | एकबार सब सही से हो जाए फिर सारे पैसे ले कर में इंडिया से बहार चली जोगी |

पवन उसे देखने कि कोशिश करता है पर अँधेरा काफी जादा होता है इसलिए उसी कुछ दिखाई नही देता | वो सोचता है की पता नही कैसे कैसे लोग होतें है, शादी जैसे पवित्र रिश्ते को भी मज़ाक बना कर रखा हुआ है | पवन सोने के लिए वापस चला जाता है |

दूसरी तरफ अवनी जब अपने घर पहुँचती है तो उसके घर वाले उसे देखके चौंक जाते है |

अवनी के पापा – अवनी पुत्तर तू यहाँ क्या कर रही है ? तू तो पवन के पास थी ना ? सब ठीक तो है ?

अवनी – कुछ नही पापा, बस थोडा थक गयी हूँ, आप लोगो की याद आ रही थी इसलिए आ गयी |

इतना कह के वो अवनी अपने पापा से लिपट जाती है | सुरेश जी उसके माथे पर चूमते हैं और उसकी तरफ देखते हैं तो अवनी की सूजी हुई आँखे उन्हें दिखती हैं |

सुरेश जी – अवनी पुत्तर ये तेरी आँखें इतनी सूजी हुई क्यूँ है ? तू रोई है ? बता मुझे क्या हुआ |

अवनी – नही नही पापा जी वो तो आँख में कुछ चला गया था |

सुरेश जी – पुत्तर मैं तेरा बाप हूँ, मैं तुझे खुदसे भी जादा जानता हूँ | देख कुछ तो हुआ है वरना तू ऐसे पवन को छोड़ कर नही आती, मुझसे कुछ मत छुपा |

अवनी ( रोते हुए ) – पापा ! मैं हार गयी, मैं थक गयी |

सुरेश जी - तू पहले बैठ यहाँ आराम से, पानी पी और फिर बता क्या हुआ |

अवनी थोडा पानी पीती है और फिर बताती है कि पवन कि याददाश्त वापस नही आ रही और ये सब वंशिका का किया धरा है | वो अपने पापा को सब बताती है कि कैसे वंशिका पवन को गलत दवाई दे रही है और उसने पवन के परिवार को अपनी तरफ कर लिया है और अब पवन की family अवनी पर विश्वास नही करती |

सुरेश जी – पुत्तर तू चिंता न कर भगवान पर भरोसा रख | वंशिका जो कर रही है वो उसी के सामने आयेगा | मैं तेरे साथ तू, मैं सब ठीक करदुंगा | तू जा, अपने कमरे में आराम कर |

अवनी अपनी कमरे में जाती है और सोने की कोशिश करती है |

सुरेश जी को काफी टेंशन हो जाती है और उन्हें भी कुछ समझ नही आता की अब सब कैसे ठीक होगा |

पवन भी अपने कमरे में सो रहा होता तभी उसे फिरसे वही सपना दिखता है, वही वजीराबाद का पुल, वही शादी के जोड़े में एक लड़की वहां बेठी होती है | पर इस बार वो लड़की के बहुत क्लोज होता है | वो उसके कंधे पे हाँथ रख के उसे अपनी तरफ खींचता है |

जैसे ही वो पवन की तरफ मुडती है आसपास एकदम से सब थम जाता है, हवा भी धीमी हो जाती है और उसके सामने अवनी खड़ी होती है | तभी अवनी पवन से पूछती है कि तुम मुझे कैसे भूल सकते हो पवन, मैं अब जीना नही चाहती और तभी वो अचानक से पुल से कूदने के लिए भागती है, पवन उसे रोकने के लिए भागता है | तभी अवनी वहां से कूद जाती है | पवन अवनी का हाँथ पकड़ लेता है, अवनी उसकी तरफ देखती है और वो देख रहा होता है, फिर धीरे धीरे दोनों के हाँथ छूट जाते है और अवनी नीचे गिर जाती है | पवन जोर से चिल्लाता है – अवनी !!

तभी पवन की नींद खुल जाती है, वो अवनी – अवनी चिल्ला कर उठता है | पवन की आवाज़ सुन कर उसके घर वाले उसके कमरे में आ जाते हैं |

पवन के पापा – क्या हुआ पवन ? तुम चिल्ला क्यूँ रहे हो ?

पवन – अवनी ! अवनी कहाँ है पापा जी ? मेरा सर दर्द से फटा जा रहा है पापा जी |

पवन को सबकुछ याद आने लग जाता है तभी पवन की माँ उसे पानी देती है लेकिन पवन जैसे ही पानी पीता उससे पहले ही वो बेहोश हो जाता है |

पवन की माँ घबराकर कहती है कोई जल्दी से डॉक्टर को बुलाओ | वंशिका भी ये सब देख रही होती है और वो डॉक्टर को बुलाती है | डॉक्टर पवन को दवाई दे कर जाता है और घरवालो को बताता है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है, ऐसा कई बार हो जाता है |

थोड़ी देर बाद पवन को होश आता है तो वो देखता है की सबलोग उसके रूम में ही बेठे होते हैं -

पवन – माँ ? पापा जी ?

पवन उठने की कोशिश करता है, तो उसकी माँ उसी सहारा देते हुए उसी उठाती है -

माँ – आराम से बेटा ! तू अभी कमज़ोर है |

पवन – क्या हुआ था माँ, मुझे कुछ याद नही आ रहा !

माँ - तू बेहोश हो गया था बेटा, मेरी तो जान ही निकल गयी थी | क्या हुआ था पवन तुम अवनी का नाम ले कर क्यूँ चिल्ला रहे थे ?

पवन – अवनी ?

वो याद करने की कोशिश करता है तो उसी सब याद आ जाता है और वो बताता है की उसने अवनी को सपने में देखा था | और सपना टूटने के बाद भी उसे कुछ कुछ बाते याद आ रही थी, और फिर उसके सर में दर्द उठने लगा और वो बेहोश हो गया |

पवन अपने माँ और पापा से अवनी के बारे में पूछता है तो पवन के पापा सारी कहानी बताते हैं की कैसे वो अवनी को वज़िराबाद के पुल पर मिला था और कैसे उसे उससे प्यार हो गया | पवन को ये सब सुन कर बहुत दुःख होता है | उसे समझ नही आता कि अब वो क्या करे |

वो वंशिका और अवनी के बीच में फस गया था | वो किसी के साथ नाइंसाफी कैसे होने देता |

वंशिका ये सब सुन रही होती है और वो डर जाटी है की अब उसका plan fail हो जायेगा और अब वो पवन की प्रॉपर्टी और पैसे हड़प पायेगी |

वो सोचने लगती है कि कैसे भी कर के पवन की सारी यादें वापस नही आनी चाहिए, क्युकि अगर ऐसा हुआ तो पवन अवनी की सारी बातें मान लेगा और उसे उस घर से बहार निकाल देगा | फिर उसे ना पैसे मिलेंगे और ना ही जाय्दात |

वंशिका plan बनाती है की वो पवन को नकली दवाई खिलाएगी और उसकी यादाश्त वापस नही आने देगी | वो पवन के लिए खाना बनाती है और साथ में नकली दवाई और पानी ले के जाती है |

क्या पवन वो दवाई खा लेगा और अवनी के बारे में उसे कभी कुछ याद नही आयेगा या फिर उसके सामने खुलेगा वंशिका का राज़ | देखते है नियति के इस खेल में कौन जीतेगा और कौन हारेगा !