Meri Dusri Mohabbat - 60 in Hindi Love Stories by Author Pawan Singh books and stories PDF | मेरी दूसरी मोहब्बत - 60

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मेरी दूसरी मोहब्बत - 60

Part 60: Dhokha

अवनी (खुद से बात करते हुए)-मैं वंशिका को इन सब में कामयाब होने नहीं दे सकती मुझे जल्द से जल्द उसकी असलियत सबके सामने लानी होगी??

अवनी पवन से मिलने उसके कमरे में जाती है पर पवन अपने कमरे में सो रहा होते हैं, फिर उसकी नजर टेबल पर पड़ी दवाइयों पर पड़ती है,

अवनी- पता नहीं पवन दवाइयां ठीक से ले रहा है कि नहीं? पता नहीं वह लड़की पवन को दवाइयां ठीक से दे भी रही है कि नहीं?

अवनी जब उन दवाओं को देखती है तो उसके होश उड़ जाते हैं,

अवनी- ये वो दवाइयां नहीं है जो पवन लेता हैं?? पर पवन ये क्यों ले रहा है??

अच्छा अब समझ आया की ये सब वंशिका कर रही है वही उसे ये दवा दे रही है, तभी वो मुझसे बोल रहीं थी की उसकी याददाश्त अब कभी वापस नहीं आएगी तो ये अब इस हद तक गिर गई की वो पवन को और बीमार कर रही हैं,

इससे तो पवन के mind पर बहुत बुरा असर हो सकता है, जरूर अभी भी वो ये ही दवा खा कर सोया होगा??

मुझे अभी अंकल आंटी से बात करनी होगी उन्हे बताना होगा की ये लड़की किस हद तक गिर चुकी है।

अवनी उनके पास जाती है, पवन के माता पिता वंशिका के साथ बैठे होते हैं,अवनी गुस्से में आ कर वंशिका को थापड़ मार देती है।

अवनी (चिलाते हुए)-तुम इस हद तक गिर जाओगी मैंने नही सोचा था तुम पवन को गलत दवा दे रही हो?? ताकि उसे कुछ याद ना आए ?? ऐसे करने से उसकी जान को खतरा हो सकता है पर तुमने ये एक बार भी नहीं सोचा??

मैंने तुम पर भरोसा कर के यहां बुलाया और तुमने इसका गलत फायदा उठाया??

अंकल ये देखिए ये दवा पवन ले रहा है जिसकी पवन को कुछ याद ना आए और ये दवा वंशिका उसे दे है?

योगेंद्र जी- बेटा पहले तुम शांत हो जाओ जैसा तुम सोच रही हो वैसा कुछ नहीं है?? हो सकता है तुम्हे कोई गलतफहमी हुई हो भाला वंशिका ऐसा क्यों करेगी? वो तो इतनी दूर से पवन के लिए आई है और तुम उसे ही गलत बोल रही हो और तुमने उसे थप्पड़ मार दिया यह तूने बहुत गलत किया अवनी??

अवनी-अंकल जी मैं सच बोल रही हु ये दवा गलत है आप मुझ पर भरोसा करो ये‌‌ लड़की आप सब को धोका दे रही है?

माया जी- मुझे पता है तुम पवन के लिए बहुत सोचती हो पर वंशिका भी उसके लिए गलत नही सोचेंगी,??

वंशिका( नाटक करते हुए) मुझे पता नही तुम किन दवाओं के बारे में बात कर रही हो ये दवा वो नहीं है, और मुझे नही पता ये सब तुम क्या बोल रही हो, बिना सोचे समझे इतना बड़ा blame कर रही हो मुझे पर ये सब सुन कर मुझे बहुत बुरा लग रहा हैं,

मुझे पता है तुम्हें जलन हो रही है पवन को मेरे साथ देख कर इसलिए ये सब तुम कर रह हो ना?

अगर तुम्हे ऐसा लगा रहा है की मैं तुम दोनों के बीच में आ रही हू तो मैं यहां से चली जाती हूं?

योगेंद्र जी-नहीं वंशिका बेटा तुम कहीं नहीं जाओगी मैं अवनी को समझाता हूं, सुनो अवनी बेटा जैसा तुम सोच रही हो वैसा कुछ भी नहीं है वंशिका पवन का बुरा नहीं चाहा सकती, जैसे तुम उसका बुरा नहीं सोच सकती,

तुम्हें जरूर कोई गलतफहमी हो गई है वंशिका तो उसका पूरा ध्यान रखें रही हैं,उसे सही टाइम पर सारी सही दवाई दे दी और मैं नहीं चाहता कि मेरे बेटे को कुछ भी हो वह वंशिका से प्यार करता है और वंशिका यहां से चली गई तो मेरा बेटा फिर पहले की तरह हो जाएगा और मैं यह नहीं चाहता इसलिए तुम यह सब सोचना बंद करो और वंशिका की मदद करो ताकि पवन जल्द ठीक हो जाए? तुम ही वंशिका को लेकर आई थी और अब तुम ही कह रही हो कि वंशिका पवन को ठीक नहीं होने दे रही?

मुझे तो लग रहा है तुम कुछ ज्यादा सोच रही हो बेटा तुमने पवन‌‌ के‌ लिए इतना किया है ना कि तुमने अपने ऊपर ध्यान ही नहीं दिया कुछ वक्त अपने लिए भी निकालो और पवन के बारे में इतना सोचना छोड़ दो?

और पवन की चिंता तो छोड़ दो तुम उसके पास हम सब है हम सब पवन को संभाल लेंगे तुम घर जाओ और थोड़ा अपने ऊपर ध्यान दो तुम बहुत परेशान हो बस और कुछ नही।

अवनी-अंकल मैं बिल्कुल ठीक हूं आप मेरी बात पर भरोसा क्यों नहीं कर रहे हैं? एक दवाइयां सही नहीं है,यह लड़की बहुत शातिर है आप सब को इसने अपने काबू में कर लिया आपको मुझ पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है क्या आपको लगता है कि यह सब जानबूझकर कर रही हो?

योगेंद्र जी-मुझे तुम पर पूरा भरोसा है पर अभी तुम पवन को लेकर ज्यादा ही परेशान हो गई ही, बस मैं यह चाहता हूं कि तुम बस थोड़ा अपने ऊपर ध्यान दो उनकी चिंता छोड़ दो वो ठीक हो जाएगा।

अवनी जब पवन के माता-पिता की बातें सुनती है तो उसका दिल टूट जाता है और वह बाहर की तरफ चली जाती है और रोने लगती है, तभी वंशिका वहा आती है उसे परेशान करने के लिए?

वंशिका -oh my poor girl मैंने कहा था ना कोई तुम पर भरोसा नहीं करेगा तुमने मेरी बात नहीं मानी और यहां पर सब कुछ मेरे control में है तो मरी बार क्यों नहीं समझती? देखो मैं अवनी अगर तुमको और अपनी insult करवानी है तो तुम शौक से करवाओ पर मैं तो यही चाहूंगी कि तुम अपनी इज्जत का भी थोड़ा ख्याल रखो? इसलिए यहां से चली जाओ यहां पर तुम्हारी अब किसी को जरूरत नहीं है.

अवनी- ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है अभी तुम्हारा वक्त है तो सब कुछ तुम्हारे हिसाब से हो रहा है लेकिन जिस दिन मेरा वक्त आएगा ना उस वक्त में तुम्हें बताऊंगी कि मैं क्या कर सकती हूं??

अभी तुम्हें जितना खुश होना है हो लो पर ये खुशियां ज्यादा दिनों तक तुम्हारे साथ टिक नहीं पाएंगी, मैं हार मानने वालों में से नहीं हूं,मैंने इससे बड़ी मुसीबतों का सामना किया है यह तो मेरे सामने कुछ भी नहीं है, और मुझे पता है आखिर में सच की ही जीत होती है और इस बार भी सच ही जीतेगा,

जो तुम यह सब नाटक कर रही हो ना वह बहुत जल्द सबके सामने आएगा और तुम फिर से अकेली हो जाओगी, और अच्छा हुआ कि तुम्हारे पति ने तुम्हें छोड़ दिया क्योंकि तुम्हारी जैसी मतलबी लड़की किसी के साथ रह ही सकती और ये बात तुम्हारे पति को समझ में आ गई होगी इसलिए उसने तुम्हें छोड़ दिया तुम इसी लायक हो,

पवन को अभी कुछ याद नहीं है मगर जिस दिन उसे सब याद आया ना वही तुम्हे धक्के मार के बाहर निकालेगा?

वंशिका (गुस्से से)- तुम अपने बारे में सोचो की अब तुम्हारा क्या होगा? मेरे साथ जो हुआ सो हुआ और हां माना कि मैं खुदगर्ज हूं मतलबी हूं इसलिए मुझे प्यार नहीं मिला, पर तुम तो ऐसी नहीं हो ना फिर तुम्हारे साथ ऐसा क्यों हो रहा है? पवन क्यों तुमसे दूर जा रहा है ? पहले तुम अपनी जिंदगी के बारे में सोचो फिर दूसरों पर उंगली उठना?

अवनी वंशिका की बातों को ignore करती हैं और सीधा पवन के कमरे में जाती है वो पवन को सोता हुआ देखकर उसके पास जाती है और उसका हाथ पकड़ कर कहती है,

मैंने बहुत कोशिश की सब को सच बताने की पर कोई मुझ पर भरोसा नहीं कर रहा अगर मैं तुमसे भी कहूँगी ना तो तुम भी मेरी बात नहीं मानोगे ?मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं क्या करू?वो तुम्हें मुझसे छीन रही है और मैं कुछ नहीं कर पा रही हूं,मैं हिम्मत हार रही हूं पवन अब मैं तुम्हें कैसे बताऊं कि मैं तुमसे कितना प्यार करती हूं, जब मैं तुम्हें वंशिका के करीब देखती हूं ना वह पल मेरे लिए मौत से कम नहीं होता मैं तुम्हें उसके साथ बर्दाश्त नहीं कर सकती,

और वह लड़की तुम्हारे लिए सही नहीं है तुम्हारा फायदा उठा रही है अगर वह तुमसे सच्चा प्यार करती ना तो मैं उसे तुम्हें हंसते-हंसते उसे सौंप देती,पर वो तुम्हारे प्यार के काबिल ही नहीं है पता नहीं तुम्हें क्यों यह बात समझ नहीं आ रही,

क्या मैं तुम्हें एक पल के लिए भी याद नहीं आती? हमारा प्यार इतना कमजोर था उसके झूठे प्यार के आगे तुम्हें मेरा प्यार नजर ही नहीं आ रहा??

अंकल आंटी ने भी मुझ पर भरोसा करना छोड़ दिया मुझे सबसे ज्यादा उन पर ही यकीन था पर अब उन्होंने भी मुझ से मुंह मोड़ लिया,

क्या तुम्हें मेरी आंखों में अपने लिए प्यार सच में नहीं दिखता या तो जानबूझकर देखना नहीं चाहते? या तुम कुछ याद ही नहीं करना नहीं चाहते ?अगर तुम कोशिश नहीं करोगे ना पवन तो मैं कुछ नहीं कर सकती, क्योंकि मैरी ताकत और हिम्मत दोनों तुम हो please पवन याद करने की कोशिश करो जल्दी से ठीक हो जाओ, कहीं फिर देर ना हो जाए कहीं मैं तुम्हें हमेशा के लिए खोना दूँ?

अवनी पवन का हाथ पकड़ कर रोने लगती है। और फिर वहां से अपने घर दिल्ली वापस आ जाती है।

क्या अवनी हिम्मत हार जाएगी और पवन को वंशिका का होने देंगी??