Meri Dusri Mohabbat - 59 in Hindi Love Stories by Author Pawan Singh books and stories PDF | मेरी दूसरी मोहब्बत - 59

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मेरी दूसरी मोहब्बत - 59

Part 59: Galat Dawai

अगले दिन अवनी पवन के घर पहुंचती है वो पवन के लिए गाजर का हलवा बनाकर लाती है क्योंकि गाजर का हलवा पवन को बहुत ही पसंद होता है।

अवनी-पवन तुम्हारे लिए मैं आज का गाजर का हलवा बना कर लाई हूं खुद अपने हाथों से तुम्हें गाजर का हलवा बहुत पसंद है ना? पता है पहले जब मेरे घर आया करते थे तो मेरे ही हाथ का गाजर का हलवा खाते थे, तो आज भी खा कर बताओ ना कैसे बनाया है मैंने गाजर का हलवा?

पवन- अरे ये तो coincidence ho गया आज तो वंशिका ने भी गाजर का हलवा बनाया है ही उसे कहा था कि मेरे लिए बनाने को, पर कोई बात नहीं मैं तुम्हारे हाथ से भी खलूंगा.

पवन अवनी से गाजर का हलवा लेकर खाने वाला होता है तभी वंशिका वहां पर आकर कहती है,

पवन गाजर का हलवा खा के बताओ ना कैसे बनाएं??

पवन अवनी को वापस हलवा पकड़ा देते और वंशिका के हाथ से गाजर का हलवा खाता है और वंशिका से कहता है बहुत अच्छा बनाया हैं तुमने तो बिल्कुल पहले जैसा तुम्हे याद है कि तुम मेरे लिए कॉलेज में गाजर का हलवा लेकर आती थी और अपने हाथों से खिलाती थी?

पवन वंशिका से बात करने में बिजी हो जाता है जब अवनी यह सब देखती है तो उसे जलन होने लगती है।

जोगींद्र जी- अवनी को देखकर उससे पूछते हैं?

अरे अपने बेटा तुम्हारे हाथ में क्या है?

अवनी-कुछ नही मैं तो बस गाजर का हलवा लाई थी आप सबके लिए??

योगेंद्र जी-अरे वाह!! आज हमारे घर में भी गाजर का हलवा बना है पर मैं सबसे पहले तुम्हारे हाथ से बना हुआ हलवा खाऊंगा,

वह अवनी से हलवा लेकर खाने लगते हैं और उसके हलवे की तारीफ करते हैं, अवनी को ये सब बहुत अच्छा लगता है।

योगेंद्र जी अवनी को मायूस देखते हैं तो( वह उसे कहते हैं),

मुझे पता है बेटा तुम क्यों नाराज हो तुम्हारे लिए बहुत मुश्किल हो रहा होगा ना पवन वंशिका को साथ में देख कर? मुझे पता है तुम ये हलवा उसके लिए ही लाई थी, पर उसने खाया नहीं तो तुम्हें बुरा लग रहा है,

पर ये सब कुछ दिनों की बात है मुझे पता है तुम बहुत जल्द सब कुछ ठीक कर दोगे, वंशिका भले ही हमारे घर रह रही है हमारे बेटे का ध्यान रख रही है पर तुम्हें पता है ना यह सब हम नाटक कर रहे हैं, वह तुम्हारी जगह कभी नहीं ले सकती ना मेरी बेटी की जिंदगी में और ना हमारी जिंदगी में, तो तुम अपना दिल छोटा मत करो, मैं हमेशा तुम्हारे लिए हूं जिससे तुम अपने दिल की बात कर सकती हो?

अवनी -मुझे जानकर बहुत खुशी होती है अंकल आप मुझे बहुत support करते हों, जब मैं आपकी बातें सुनती हो ना तो मुझ में एक नई उम्मीद जाग जाती है और मेरी हिम्मत अपने आप बढ़ जाती है, मुझे पता है कोई मेरा भरोसा करें ना करें पर आप मुझ पर पूरा भरोसा करते हैं,और यह भरोसा मैं आपका कभी टूटने नहीं दूंगी, मुझे वंशिका से बात करनी होगी वो यहां मेरी मदद करने के लिए आई है ना कि पवन को गाजर का हलवा खिलाने, मुझे लग रहा है कि वह भी अपने पुरानी यादों में खो चुकी है और उसे याद नहीं आ रहा है कि वह यहां क्यों आई है जिसे की मुझे याद दिलाना होगा इससे पहले कि देर हो जाए?

योगेंद्र जी- हां तुम उससे बात करो उसे समझाओ कि वह यहां क्यों आई है?

अवनी वंशिका के पास जाकर उससे बात करती है,

अवनी वंशिका और को ढूंढती है तो वो देखती है की बाहर गार्डन में दोनों बैठे होते हैं और आपस में बात कर रहे होते अवनी उनके पास जाती है और कहती है,

पवन क्या मैं वंशिका से 2 मिनट के लिए बात कर सकती हूं अगर तुम्हें बुरा ना लगे तो?

पवन (हैरान हो कर) ऐसी क्या बात है जो तुम्हें अकेले करनी है जो तुम मेरे सामने नहीं कर सकती??

वंशिका- पवन कुछ बातें ऐसी होती है जो लड़कियों की secret  होती है वह लड़के नहीं सुन सकते इसलिए अगर अवनी को कुछ बात करनी तो तुम थोड़ी देर के लिए हमें अकेला छोड़ दो बस थोड़ी देर की तो बात है?

पवन जरूर किसी की चुगली करनी होगी तुम लड़कियों को इसके अलावा और कुछ आता ही नहीं है पवन ये हंसते हुए कहता है और वहां से चला जाता है।

अवनी -वंशिका तुम्हें याद है ना कि मैंने तुमसे क्या कहा था? की मुझे तुम्हारी मदद चाहिए? वैसे मैं thank you करती हूं कि तुम मेरी एक चिट्ठी पर यहां पवन की मदद करने आ गई, पर अब हमें आगे सोचना होगा कि हम पवन की याददाश्त वापस कैसे ला सकते हैं ?

मुझे पता है कि तुम कभी पवन से प्यार करती थी पर तुम सारी situation जानती हो कि वह मुझसे प्यार करता हैं बस उसे वह सारी चीजें याद नहीं है क्या तुमने कुछ सोचा है कि पवन की याददाश्त कैसे वापस लाई जा सकती हैं? अगर कुछ सोचा है तो प्लीज मुझे बताओ फिर हम वैसे ही करेंगे?

वंशिका- तुम कितनी भोली हो अवनी तुम्हें दिख नहीं रहा की पवन मेरे साथ कितना खुश है, और तुम चाहती हो कि मैं अपनी खुशी को अपने पैरों तले रौंद दू उसे सब कुछ याद दिला कर ?वो मुझसे कितना प्यार करता है,मेरे बिना रह भी नहीं पा रहा भी नहीं पता पर तुम चिंता मत करो मैं उसका बहुत अच्छे से ख्याल रखूंगी?

और सच बताऊं तो मैं तुम दोनों के बीच में नहीं आना चाहती थी, पर जब मैंने पवन की आंखों में अपने लिए इतना सारा प्यार देखा तो मेरा मन सच में बदल गया, मुझे लगा कि मुझे इतना प्यार करने वाला लड़का का ही मिलेगा, देखो वो तुमको अब भूल चुका है तुम अपना टाइम मत खराब करो उसको सब वापस याद दिलाने में, और वैसे भी बहुत लड़के हैं पवन को भूल जाओ तुम्हें कोई ना कोई अच्छा लड़का मिल जाएगा?

अवनी (चौक हुए) यह तुम क्या कह रही हो वंशिका? तुम्हें पता है ना मैं पवन से कितना प्यार करती हूं मैने ही तुम्हें यहां बुलाया था उसकी खातिर और अब तुम्हें अपना पुराना प्यार याद आ गया अब तुमको नजर आ रहा है की वो तुमसे कितना प्यार करता है या करता था??

पहले तुम्हे ये क्यों समझ नही आया जब तुम उसे छोड़ कर चली गई, देखो पहले ही बहुत सारी problems हैं मेरी life में तुम और मत बढ़ाओ, अगर तुम्हें मेरी मदद करनी है तो यहां रुक सकती हो अगर नहीं करनी तो तुम वापस चली जाओ, पर पवन की जिंदगी में मेरे अलावा और कोई नहीं आ सकता।

वंशिका- wait!! Wait!! Wait!! तुम मैं एक बता दूं कि उसकी जिंदगी में अब मैं आ चुकी हूं,तुम्हारा chapter close हो चुका हैं, तुमने मुझ पर भरोसा करके गलती कर दी, तुमने अपना ही प्यार मुझे सौंप दिया तुम एक बार ये तो सोच लेती कि मैं आखिरकार कभी उसकी गर्लफ्रेंड हुआ करती थी हमारे बीच में बहुत प्यार हुआ करता और तुमने उस प्यार को चिंगारी दे दि।

अवनी- मैं तुम्हारी सच्चाई सबको बता दूंगी कि तुम सब को धोखा दे रही हो खासकर की पवन को फिर वह तुम्हें खुद ही इस घर से धक्के मार कर बाहर निकाल देंगे?

वंशिका- हां हां जरूर बताओ तुम्हारी बात पर यकीन करेगा कौन पवन तो बिल्कुल नहीं करेगा,और उसके माता-पिता वह अपने बेटे के लिए मुझ पर उंगली नहीं उठाएंगे क्योंकि उन्हें अपने बेटे को ठीक जो करना है, पर अगर तुम फिर भी सब कुछ सच बताना चाहती हो तो बता सकती हो मैं तुम्हें रोकूंगी नहीं पर हां मुंह की तुम्हें ही खानी पड़ेगी देख लेना।

वंशिका की बातें सुनकर अवनी का दिल टूट जाता है उसने जो उम्मीद बांध कर रखी थी उस उम्मीद को वंशिका ने चकनाचूर कर दिया था, अब उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह अब सब कुछ कैसे करेगी?

वंशिका अवनी को नजरअंदाज करके चली जाती है और अवनी सोचने लगती है, कि वंशिका सही कह रही है उसकी बातों पर कौन यकीन करेगा पवन तो उसकी बात सुनेगा ही नहीं पर उसे उम्मीद होती है, कि जोगींद्र जी उसकी बात जरूर सुनेंगे पर उसके लिए उसके पास वंशिका के खिलाफ सबूत होना चाहिए ,और उसे समझ नहीं आ रहा था की वो कहां से उसके खिलाफ़ सबूत ला आए जिसके की सबकी यकीन हों जाएं की वह गलत है।

क्या अवनी वंशिका के खिलाफ सबूत ढूंढ लेगी?