Meri Dusri Mohabbat - 53 in Hindi Love Stories by Author Pawan Singh books and stories PDF | मेरी दूसरी मोहब्बत - 53

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मेरी दूसरी मोहब्बत - 53

Part 53: Friendship

दोनों के बीच गहरी दोस्ती हो जाती है साथ - साथ के साथ सारा दिन दोनों साथ रहते हैं इस क्लास में साथ बैठते हैं कैंटीन में साथ घूमते हैं और यहां तक कि वंशिका पवन के साथ बाइक पर बैठकर बाहर घूमने भी जाती है।

एक दिन वंशिका अपने दोस्तों के साथ होती है तभी उसकी एक दोस्त (वंशिका से कुछ पूछती है )-यार आजकल तेरी और पवन की दोस्ती आसमान छोरी है तुम दोनों साथ में इतना रहते हो कि तू तो हम सबको भूल ही गई है?

वंशिका - ऐसी कोई बात नहीं है वह मेरा अच्छा दोस्त है और तुम लोग भी मेरे दोस्तों हो, बस उसके साथ थोड़ा समय बिताना अच्छा लगता है। बाकी तुम तो मेरे हमेशा दोस्त रहोगे तुम्हारी जगह कोई नहीं ले सकता।

पिया (वंशिका की दोस्त) - यार उसका status तो देख तू? कहां तू और कहां वो,दोस्ती भी अपने बराबर वाले से करनी चाहिए यार, सच बताऊं तू इतनी सुंदर stylish हैं और वो एक दम उसे तो dressing का कोई scence नहीं हैं।

वंशिका -तू पागल है क्या? यह सब कुछ मैं क्यों देखूंगी वो मेरा दोस्त है मैंने उससे दोस्ती उसके nature को देखकर कि है ना की उसके स्टेटस को देख कर, और तुम लोग ऐसा सोचते हो, पर मैं ऐसा नहीं सोचती वो अच्छा लड़का है, और मुझे उसके साथ रहना अच्छा लगता है मेरे लिए इतना ही काफी है।

पिया - अब तुझे कैसे समझाए, चल तेरी मर्जी तेरी लाइफ जो तू करना चाहे, अब क्लास का टाइम हो रहा है क्लास में चलते हैं।

वंशिका के मन में पिया की बातें चल रही थी क्योंकि उसे बिल्कुल अच्छा नहीं लगा कि वह पवन के बारे में ऐसा सोचते हैं इसलिए वह नहीं चाहती कि अब उसके बारे में कोई भी ऐसा सोच इसलिए वो एक फैसला लेती है।

Class में वंशिका को पवन का message आता हैं,

जिसमें( लिखा होता है)- आज तुम बहुत सुंदर लग रही हो ये पिंक कलर का top तुम पर बहुत suit कर रहा है, पर अगर तुम अपने बालो को खुला रखोगी तो मां कसम बिल्कुल जहर लगोगी।

वंशिका जब भी टैक्स पड़ती है तो उसके होंठों पर मुस्कुराहट आ जाती है।

थोड़ी देर बाद जब पवन वंशिका की तरफ मुड़ कर देखता है तो वंशिका की बाल खुले होते हैं उसे देखकर पवन को खुशी होती है कि वंशिका उसकी बातों पर ध्यान देती है।

कॉलेज खत्म होने के बाद दोनों बाहर मिलते हैं पवन ( वंशिका से कहता है ) -क्या बात है मैंने तुमसे एक ही बार कहा और तुमने मेरी एक ही बर में बात मानली मुझे अच्छा लगा कि तुम मेरी बात को importants देती हों?

वंशिका- ऐसा कुछ नहीं है मुझे भी खुले बाल ज्यादा पसंद है इसलिए मैंने अपने बाल open किए तुम्हे इतना खुश होने के कोई जरूरत नहीं हैं।

(वंशिका पवन को थोड़ा छेड़ती है)

पवन (मुस्कुराते हुए कहता है)- सच में तुम बहुत शरारती हो।

वंशिका( पवन से कहती है)- पवन मैं तुमसे कुछ बोलना चाहती हूं अगर तुम्हें बुरा ना लगे तो?

पवन-मैंने तुम्हारी बात का कभी बुरा माने जब से हमारे बीच दोस्ती हुई है? तो तुम बिंदास बोलो?

वंशिका – पवन में बस ये बोलना चाहती हूं कि मैंने कल हमारे बारे में किसी को बात करते हुए सुना और हमारे बारे में कॉलेज में बातें हो रही,मैं नहीं चाहती कि पूरे कॉलेज को यह बात पता चले तो क्या हम कॉलेज में ना मिलकर कभी-कभी बाहर मिल सकते हैं?

पवन - अगर हमारे बारे में कॉलेज में बातें हो रही है तो होने दो ना, हम दोस्त ही तो हैं। अच्छा अगर तुम यही चाहती हो कि मैं तुमसे कॉलेज में ज्यादा ना मिलूं तो नही मिलूंगा पर मैं तुमसे मिले बिना कैसे रहूँगा तुम ही बताओ?

वंशिका- हां मुझे भी समझ नहीं आ रहा, पर हम एक काम कर सकते है ट्यूशन लगा लेते है, ट्यूशन में तो हम दोनों ही होंगे और वहां कोई हमें जानता भी नहीं होगा तो हम रोज मिलते सकते है। बताओ क्या कहते हो?

पवन-अरे वाह वंशिका तुम्हारा दिमाग तो बहुत तेज चलता है यह बिल्कुल सही रहेगा, बस अब तुम मुझे यह बताओ कि हम ट्यूशन कहां लगाएं?

वंशिका-े जब मैं स्कूल में थी ना तो एक नताशा नाम की मैडम थी जो हमें accounts पढ़ाती थी, बहुत अच्छा accounts  पढ़ाती थी तो कल मैं उनसे बात करती हूं वो मुझे पहले से जानती है, और उनका घर कॉलेज से थोड़ा दूर भी है तो हमें कोई देखेगा भी नहीं?

पवन -ठीक है कल हम कॉलेज के बाद सीधा ट्यूशन में मिलते हैं।

वंशिका - ठीक है मैं बात कर लूंगी और फिर कॉलेज के बाद तुम सीधा ही आ जाना मैं पहले से तुम्हे वहा मिलूंगी।

अगले दिन पवन कॉलेज के बाद सीधा नताशा ट्यूशन सेंटर पर जाता है जहां पर वंशिका उसका पहले से इंतजार कर रही होती है।

वंशिका नताशा से पवन को ( introduce कराती है)- मैम यह पवन है जिसके बारे में मैंने आपसे कल बात की थी यह भी मेरे साथ ट्यूशन लेगा।

नताशा जब पवन को देखती है तो उसे पहली नजर में पवन अच्छा लगता है नाश्ता उम्र में पवन से बहुत बड़ी होती है। पर इस बात को नताशा नजरअंदाज कर देती है।

धीरे-धीरे दोनों ट्यूशन आने लगते हैं पवन का मजाकिया अंदाज नताशा को पवन के और करीब लाता जा रहा था, पर पवन को इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था। फिर tuition खत्म होने के बाद दोनो एक restaurant में बैठे होते हैं।

वंशिका - अच्छा पवन तुमने अपनी family के बारे मुझे अभी तक नही बताया?

पवन- ओह हां दरअसल मेरे पापा farmer है और मां घर ही रहती है छोटी सी family हैं मेरी तो बाकी बातो तुम्हारे घर पर कौन - कौन हैं?

वंशिका- मेरे पापा lawyer है और मां स्कूल में teacher हैं और एक छोटा भाई है और में।

पवन -तुम तो बहुत अच्छी family से हो वंशिका।

वंशिका -तुम्हारी भी तो अच्छी family हैं।

पवन -अच्छा सच में तुम्हे कोई problem नही है, की मैं छोटे कस्बे से हूं?

वंशिका -बिल्कुल नहीं दोस्ती क्या अमीरी गरीबी देखकर थोड़ी होती है। तुम भी ना पवन कुछ भी सोचते हो?

पवन- बहुत अजीब बात है की हमें कितना टाइम हो गया साथ में और आज एक दूसरे के बारे पूछ रहे हैं, और तुम्हारी सोच मुझे बहुत अच्छी लगी।

पर पवन मन ही मन परेशान हो जाता है, की उसने उससे झूठ कहां

फिर वो (वंशिका से कहता है)- अच्छा अब चले क्योंकि आज पापा ने घर जल्दी बुलाया हैं?

वंशिका- हां ठीक है चलो।

दोनो वहा से निकल जाते पवन वंशिका को घर छोड़ता है

पवन -अच्छा अब कल मिलते हैं ट्यूशन में।

ये बोल कर पवन अपने घर के लिए निकल जाता है और रास्ते में उसे एक फोन आता हैं जिसके कारण वो बाइक रोकता हैं। वो फोन कॉल नताशा की होती है

पवन- हेलो!!

नताशा- हेलो पवन मैं नताशा तुम्हारी tuition टीचर ?

पवन- ओह मैम आप?

नताशा - वो कल tuition 2 hrs. का होगा क्योंकि syllabus बहुत ज्यादा है और मैं चाहती हूं की वो जल्दी ओवर हो ताकि exam तक दुबारा revision का हमें टाइम मिल जाए ?

नताशा जानबूझकर ऐसा बोलती ताकि वो पवन के साथ ज्यादा टाइम spend कर सके।

पवन - ठीक है मैम मैं वंशिका को बता दूंगा।

पवन खुश हो जाता है की उसे वंशिका के साथ कल ज्यादा टाइम मिलेगा साथ रहने के लिए, पर दूसरी तरफ वो परेशान भी होता है की वो सच कैसे उसे बताए, पवन बहुत stress में आ जाता हैं और एक bar में जा कर drink करता हैं।

क्या पवन वंशिका को अपनी सच्चाई बता पाएगा?