Meri Dusri Mohabbat - 47 in Hindi Love Stories by Author Pawan Singh books and stories PDF | मेरी दूसरी मोहब्बत - 47

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मेरी दूसरी मोहब्बत - 47

Part 47: Mission Search Pawan

पवन के पापा अवनी को देखकर पूछते हैं अरे बेटा तुम यहां??

अवनी-जी अंकल वह कल आप अपनी फाइल मेरे घर छोड़ गए थे ना तो मैंने सोचा कि कहीं जरूरी फाइल ना हो इसलिए मैं बस लौटाने आ गई।

पवन की पापा- अरे हां बेटा कल मैं इसे ढूंढ ढूंढ कर थक गया कल मैं इतना परेशान हों गया था मुझे लगा मैंने कहीं फाइल गुम कर दी हैं,

अच्छा तुम समय पर ले आई बहुत काम की फाइलें हैं अभी मुझे इसे ले कर ऑफिस जाना है पवन के पापा अपनी file लेकर ऑफिस निकल जाते हैं।

अनुज- एक बात सच-सच बताना तुम्हारा मुझसे मिलने का मन था ना? क्योंकि फाइल तो रुपेश भी लेकर आ सकता था, पर तुम आ गई, क्योंकि तुम्हें मुझसे मिलने का मन कर रहा था।

अवनी पहले कुछ थोड़ा सोचती है और फिर उसके बात का जवाब देकर कहती हैं।

अवनी-हां सच बताऊँ तो मुझे तुमसे मिलने का मन था वो क्या हैं ना मुझे तुमसे कविता सुनने का बड़ा मन कर रहा था, तो मैं सोच रही थी कि तुमसे मिल कर कुछ कविताएं सुन लूँ बहुत दिन हो गए हैं।

तुमने मुझे एक भी कविता नहीं सुनाई और पहले कितनी कविताएं सुनाएं करते थे तुम मुझे??

अनुज (हकलाते हुए बोलता हैं) - ओह!! कविता सुने का मन हैं तुम्हारा? वो क्या है ना अवनी जो कुछ भी हुआ मेरे साथ उसके बाद से मैं कुछ चीजों पर ध्यान नहीं दे पा रहा हूं, पर मैं तुमसे वादा करता हूं मैं बहुत जल्द तुम्हे बहुत अच्छी कविता सुनाऊँगा।

अवनी अनुज को बहाने बनाते हुए देखती हैं तो समझ जाती है कि दाल सच में काली है अब उसका शक उसे सही लगता होते हुए नजर आ रहा था,

अवनी- क्या बात है ?पहले जब तुम मुझे कविता सुनाते थे तो मैं बहाना बनाती थी,कि मुझे नहीं सुननी और आज तुम बहाना बना रहे हो चलो कोई बात नहीं जब तुम्हारा मन हो तो सुना देना।

तभी अनुज के पास एक कॉल आती है, अवनी यह कॉल बहुत जरूरी है और मैं इसको attend करके आता हूं तुम थोड़ा wait करो ठीक है मैं बस अभी आया,

अवनी का शक पक्का तो हो गया था इसलिए वह उसकी बातें सुने के लिए उसके पीछे- पीछे चली जाती हैं,

अनुज फोन उठाता हैं और वह फोन उसकी मां का होता है,

अनुज- आई तेरे को कितना समझाया में तू फोन नहीं करेंगी अपुन तेरे को फोन करेगा?

अनुज की मां-अरे मैं जानती हैं पर बात ही कुछ ऐसी थी कि तुझे call करना पड़ा, अच्छा अब बात सुन इस छोकरे की दवाई खतम हो रही है तू फटाफट दवाइयां के कर अगर इसकी तबीयत खबर हुई और उसे कुछ हो गया तो हम सब मुसीबत में पड़ सकते हैं।

अनुज- क्या यार अपुन कि जिंदगी झंड हो गई है एक तरफ वो लड़की अपुन से कविताएं सुनने के लिए पीछे पड़ी है और वहां तू अपुन से दवाइयां लाने को कह रही है,और यहाँ अपुन को ‌कोई निकलने देता नहीं ‌बाहर,

ठीक अपुन थोड़ी देर में निकलता हैं यहां से, यहां के लोग इतना चिपके हुए रहते हैं बिलकुल अकेला नहीं छोड़ते कुछ भी करके निकलता हूँ।

अनुज की मां- बेटा तू जल्दी से आ ज्यादा इंतजार करेंगे तो कहीं देर ना हो जाए?

अनुज- ठीक आहे आई, अब में फोन रखता हैं अवनी अपुन इंतजार कर रही होगी?

(अवनी सुनने की कोशिश करती है पर उसे थोड़ा बहुत सुनाई देता है)

अवनी - यह किन दवाइयों के बारे में बात कर रहा है? और कहां जाने की बात कर रहा हैं?

मुझे इसका पीछा करना होगा तभी मुझे पता चलेगा आखिर चल क्या रहा है।

अनुज अवनी कि (ओर बढ़ता है)- एक दोस्त का फोन आ गया था उसे पता चला कि मेरे साथ इतना सब हों गया हैं तो बस परेशान हो गया।

अवनी- हां पवन emotional होने की बाद तो थी, पर अब सब ठीक हो गया है अपने दोस्त को बोलो अब तुम बिलकुल सही हों, वैसे अब में चलती हूं मुझे एक बहुत Important काम है, बस तुम अपना ध्यान रखना।

अवनी अनुज को झूठ बोल कर वहां से निकल जाती है और घर के पीछे जाकर छुप जाती है वह इंतजार करती है अनुज के बाहर निकलने का ताकि वह उसका पीछा कर सके।

थोड़ी ही देर बाद अनुज अपनी गाड़ी में बैठकर निकल जाता हैं और अवनी एक ऑटो लेकर उस गाड़ी का पीछा करती हैं,

अवनी (ऑटो वाले को बोलती हैं) - थोड़ा जल्दी चलाएं नहीं तो वह कार आगे निकल जाएगी( ऑटो वाला अपनी ऑटो की Speed बढ़ा देता है)

फिर अचानक अनुज गाड़ी रोककर एक medical Shop पर जाता हैं वहा से दवाइयां लेने लगता है फिर दवाईया लेकर फिर अपनी गाड़ी में बैठकर निकल जाता है, अवनी फिर उसका पीछा करने लगती है,

अनुज एक सुनसान सी जगह पर गाड़ी रोकता है, फिर उतर कर घर की ओर बढ़ता है,

अवनी भी उसकी गाड़ी की ठीक थोड़ा पीछे auto रोकने को कहती हैं,और वह भी ऑटो से उतर कर उसका पीछा करती है, फिर अवनी देखती हैं कि अनुज किसी घर की ओर बढ़ रहा है और वह फिर थोड़ी देर बाद उस घर के अंदर चला जाता हैं।

अवनी- सुनसान जगह पर किसका घर है और यहां किससे मिलने आया है फिर वो थोड़ा घर के पास जाती है और खिड़की से छुपकर अंदर देखने की कोशिश करती है

अंदर अनुज और उसकी मां आपस में बात कर रहे होते हैं,

अवनी- यह तो वही औरत है जिसने मुझे अनुज के बारे में बताया था, पर यह इतने सुनसान जगह पर इसके साथ क्या कर रही है ? कहीं ये दोनों मिले हुए तो नहीं है? हो सकता है जो उस दिन उन्होंने मुझसे कहा वह सब झूठ हों? अगर ऐसा है तो मेरा शक बिल्कुल सही था कि वो पवन नहीं है बल्कि अनुज है,

और यह औरत इसकी कोई जान पहचान वाली है इन दोनों ने मिलकर सारे ड्रामा किया, पर मेरा पवन है कहां?

इन दोनों ने उसके साथ कुछ गलत तो नहीं कर दिया? मुझे सच तक पहुंचना होगा,।

देखते ही देखते अनुज और उसकी आई कमरे के अंदर चले जाते हैं उन्हे कमरे में गए बहुत देर हों जाती हैं थोड़ी देर बाद वो दोनों कमरे से बाहर निकलते हैं।

अवनी – यह लोग दवाई के साथ अंदर गए थे और बहुत देर के बाद बाहर निकले इसका मतलब कि कमरे में कोई तो हैं?

अनुज- अब इसे दवाइयां दे दी है अब अपुन हर हफ्ते आकर चेक करता रहेगा, लेकिन रोज-रोज नहीं आ सकता,अब आई तुझे फोन करने की जरूरत नहीं है।

अनुज की मां- हां हां नहीं करूंगी फोन तू खुद आ के यहां पर सब संभाल लेना और अच्छा यह बता उस लड़की को तेरे पर यकीन हुआ कि नहीं? कि तू ही पवन हैं?

अनुज- हां यकीन तो हो ही गया है पर उस दिन हुई एक गलती की वजह से अपुन को लगता है वह मुझ पर नज़र रखने की कोशिश कर रही है आज सुबह उसने अपुन से कविता सुनाने को कहा, हो सकता है वो एडी जानबूझकर चेक कर रेली थी कि अपुन इच पवन है की नहीं?

अनुज की मां- तो फिर तूने उसे क्या बोला?

अनुज- अरे कहां आई अपुन को ये सारी चीजें कहां आती है पर अपने को ये सब सीखना ही पड़ेगा, नहीं तो उसे यकीन हो जाएगा कि अपुन अनुज हैं और अपुन ये होने नहीं दे सकता, अच्छा मैं अब चलता हूं पवन की मां है ना दिन भर अपुन के पीछे लगी रहती है और अपुन किसी को बताकर नहीं आया है पागलों की तरह ढूंढ रही होगी और आप दोनों इसका ध्यान रखना।

अनुज वहां से निकल जाता है अवनी अनुज को जाते हुए देख कर थोड़ा छुप जाती है ताकि वे उसे देख ना ले,

फिर अवनी थोड़ी देर इंतजार करती है कि कोई बाहर जाए और वह अंदर जा सके, थोड़ी देर बाद में वह देखती हैं, अनुज के मां-बाप घर से बाहर निकल के कहीं जा रहे होते हैंl,

अवनी- यह सही मौका है अब घर पर कोई नहीं है मुझे पता लगाना होगा कि अंदर है कौन हैं? पर मुझे पीछे के रास्ते से जाना होगा अवनी कैसे भी करके घर में घुस जाती है, वो अंदर कमरे की तरफ बढ़ती है और देखती है कि bed पर पवन लेटा होता है,

अवनी जब यह दिखती हैं, तो उसके होश उड़ जाते हैं वो पवन को गले लगा लेती है।

अवनी - क्या हाल हों गया तुम्हारा, मुझे पता कैसे नहीं चला कि वो पवन नहीं अनुज हैं,

यहां पर तुम कब से तकलीफ में हों और मुझे खबर तक नहीं हुई, मैंने कैसे उस पर भरोसा कर लिया, मैं कैसे नहीं समझ पाई कि वह तुम्हारी शक्ल का फायदा उठाकर हम सब को धोखा दे रहा था,

पर अब मैं उसका पर्दाफाश करके रहूंगी तुम्हें यहां से लेकर जाऊंगी इससे पहले कि वह वापस आ जाए मुझे तुम्हें यहां से लेकर जाना होगा।

वो पवन को वहा से उठाती है बाहर की तरफ ले जाती है फिर वह उसे auto में बिठाकर वहा से निकल जाती हैं।

क्या अवनी पवन को ठीक कर पाएगी और अनुज का पर्दाफाश हो पाएगा??