Part - 38 Shaadi ki Taiyaari
पवन के पिताजी अवनी को पवन से मिलाने ले जाते हैं, तभी पवन की माँ वहां आ जाती है |
पवन की माँ – अरे आप यहाँ क्या कर रहे हैं ? आपको शर्मा जी कबसे ढूंढ रहे हैं|
पवन के पिता जी – अरे मैं तो अवनी बेटी के साथ था | अवनी का परिवार भी यहीं हैं | इन् सबको लगा था कि आज पवन की सगाई है, बेचारे डर ही गए थे और मैंने भी मज़ाक में कह दिया कि पवन की सगाई हो रही है | मैं इन्हें पवन से मिलाने ले जा रहा था |
पवन के पिता जी अवनी की फैमिली को introduce करवाते हैं
अवनी – नमस्ते आंटी !
( पवन की माँ कुछ जवाब नहीं देती और अवनी को अनसुना कर देती है
पवन की माँ – अरे पवन अभी तय्यार हो रहा है, अवनी बाद में मिल लेगी पवन से, पहले आपका शर्मा जी से मिलना जरुरी है आप उनके पास जाइये |
पवन के पिता जी – मैं शर्मा जी से मिल के आता हूँ, आप सब तब तक इंतज़ार कीजिये |
पवन के पिता जी चले जाते हैं और पवन की माँ भी चली जाती है
अवनी के पिता जी (अवनी से) – अवनी बेटा ! पवन की माँ ने तुम्हे अनसुना क्यों कर दिया ? क्या कोई बात हो गयी है क्या ?
अवनी – पता नही पापा मेरी तो कोई बात भी नही हुई है उनसे कभी, हो सकता है कि गाने की आवाज़ के कारण वो सुन ना पायी हों |
अवनी की माँ – हाँ ! यही हुआ होगा | गाने जादा loud चल रहे हैं,तभी वो सुन नहीं पायी होंगी |
सुरेश जी – चलो हम बैठ जाते हैं, जब पवन आयेगा तो उससे बात करेंगे |
सगाई शुरू होने वाली होती है, background में romantic गाना बजता है और होने वाले दूल्हा दुल्हन की एंट्री होती है। उधर पवन की भी एंट्री होती है, नीले सूट में पवन किसी प्रिंस से कम नही लग रहा होता | अवनी पवन को बस देखती रह जाती है पवन अवनी को देखता है और सोचता है की ये अवनी नही हो सकती, ज़रूर वो सपना देख रहा होगा । फिर वो दुबारा अवनी की तरफ देखता है और उसके पास जाता है |
पवन – I know तुम यहाँ नही हो, ज़रूर मैं सपना देख रहा हूँ |
अवनी (हंसती है) – अरे पवन तुम सपना नही देख रहे, मैं सच में यह हूँ |
अवनी पवन को जोर से पिंच करती है,
पवन चिल्लाता है – ouch !! इतनी जोर से कौन पिंच करता है
अवनी – अब हो गया यकीन या फिरसे पिंच करू |
पवन – नही नही मेरी माँ, मुझे माफ़ करो | मुझे हो गया यकीन | पर तुम यहाँ कैसे ?
अवनी – मैं अकेली नही आई, मम्मी पापा भी साथ में आये हैं |
पवन – अरे अंकल जी नमस्ते ! आंटी जी नमस्ते !
सुरेश जी – अरे जीते रहो बेटा |
पवन – आप लोग यहाँ कैसे ?
सुरेश जी – क्यों हम आ नही सकते तुमसे मिलने ?
पवन – अरे नही नही अंकल जी आप ही का घर है आप कभी भी आ सकते हो |
अवनी की माँ – असल में बेटा हम तो तुमसे बात करने आये थे फिर हमे यहाँ आ के पता चला की आज तुम्हारी सगाई है | हम तो हैरान ही हो गए थे कि तुम्हारी सगाई है और तुमने हमे एक बार बताया भी नही |
पवन – नही आंटी जी ऐसी बात नही है | आज मेरी दोस्त की सगाई है | होने तो मेरी ही वाली थी पर फिर...
अवनी की माँ पवन की बात काट देती है –
हाँ हाँ हमे तुम्हारे पिताजी ने सबकुछ बता दिया है | तुम्हे कुछ भी बताने की ज़रूरत नही है | तुम्हारे पापा ने बताया कि तुमने ये सगाई क्यों नही की |
पवन उनकी बात सुन शर्माता है
अवनी की माँ – अरे पुत्तर ! हमसे शर्माने की क्या ज़रूरत, मैं तो तुझे देखते ही जान गयी थी की तू अवनी से बहुत प्यार करता है |
पवन और अवनी एकदूसरे को देख के शरमाते हैं,अवनी की माँ सुरेश जी को इशारे में वहां से चलने को कहती हैं |
सुरेश जी – अच्छा पुत्तर तुम दोनों बातें करो, हम दोनों अब चलते हैं, घर पे कुछ काम है तो जल्दी जाना होगा |
अवनी के माँ और पिता जी वहां से चले जाते हैं फिर पवन अवनी को वहां से बाहर ले जाता है |
पवन – तुम्हे ये तो पता चल गया की मैं तुम्हे पसंद करता हूँ | पर तुमने मुझे नही बताया कि क्या तुम भी मुझे पसंद करती हो या नही |
अवनी – मेरा जवाब तुम्हे तब मिलेगा जब तुम खुद अपने मुह से confess करोगे अपनी feelings के बारे में |
पवन – ओह अच्छा ! तो मैडम चाहती हैं कि में उन्हें प्रोपोस करूँ |
अवनी – और क्या ! मुझे तो तुम्हारे पापा ने बताया तुम्हारी feelings के बारे में . तो जवाब भी मैं उन्ही को देदेती हु ना
पवन – नही उसकी ज़रूरत नही है |
पवन अपने पैरो के बल बैठ जाता है और अवनी को प्रपोज करता है –
पवन-अवनी आज मैं जो भी हूँ सिर्फ तुम्हारी वजह से हूँ | तुम्हारी वजह से में आज एक successful राइटर बन पाया, तुमने ही मुझे प्यार करना सिखाया | हाँ तुम थोड़ी सी पागल हो पर मेरे लिए तुम काफी हो | क्या तुम मुझसे शादी करोगी ?
अवनी (शर्माती है) – पवन असल में तो तुमने मुझे जीना सिखाया | आज मैं यहाँ सिर्फ तुम्हारी वजह से ही हूँ, तुम ही मेरी दूसरी मोहब्बत हो | हाँ मैं तुमसे शादी करने को त्यार हूँ |
पवन ख़ुशी के मारे अवनी को गले लगा लेता है | ये सब पवन के पापा और माँ देख लेते हैं पवन के पापा अवनी के पास जाते हैं और कहते है –
पवन के पापा- अवनी बेटा ! हमने सब देख लिया है अब तो बस तुम अपने परिवार वालो लो बुलाओ और साथ में पंडित को | हम जल्द ही तुम दोनों की शादी की डेट फिक्स करवाना चाहते हैं | अब हमसे और नही रहा जाता | एक ही तो हमारा बेटा है जल्दी से इसकी शादी हो जाये अब |
अवनी – जी अंकल जी ! में कल ही माँ पापा को ले के आती हूँ |
अगले दिन अवनी और उसका परिवार पवन के घर आते हैं ! वो लोग साथ में फलों की टोकरियाँ और फूलों के गुलदस्ते भी लातें हैं |
पवन के पिता जी उनका स्वागत करते हैं और सबको पवन की दादी से मिलाते हैं-
अवनी दादी जी के पैर छूती है
अवनी-– नमस्ते दादी माँ !
पवन की दादी – अरे, लड़कियां पैर नही छूती है | मेरा आशीर्वाद हमेशा तुम्हारे साथ है | कितनी सुन्दर बहु ढूंडी है मेरे पोते ने | (हस्ते हुए) अब तो तुम दोनों जल्दी से शादी कर लो अबतो मुझे दादी से परदादी बनना है |
पवन की दादी को अवनी बहुत पसंद होती है पर पवन की माँ इस रिश्ते से कुछ जादा खुश नही होती | पवन की माँ खुद एक राज घराने से होती है और वो नही चाहती की एक मामूली सी सांसद की बेटी उनकी बहु बने | पर परिवार की ख़ुशी के कारण वो कुछ नही कहती है | पर उनसे रहा नही जाता और वो पवन के पापा के पास जाती हैं |
पवन की माँ – देखिये मुझे ये रिश्ता पसंद नही है, एक मामूली सी लड़की पता नही हमारे रीति रिवाज़ निभा पायेगी या नही | में इतने दिनों से कुछ नही कह रही पर अब नही कहा तो कभी नही कह पौगी |
पवन के पिता जी – अरे भाग्यवान ये तुम क्या कह रही हो | देखो अवनी काफी संस्कारी है, वो भले ही राजघराने से ना हो पर तुम्हे अपने बेटे की पसंद पर एक बार भरोसा करना चाहिए ना, और फिर देखो अबतो माँ को भी अवनी बहुत पसंद आई है | तुम खामाँखां चिंता कर रही हो |
अच्छा अपने बेटे की ना सही पर माँ की पसंद पर तो भरोसा करो, माँ ने ही तो तुम्हे चुना था और देखो तुम इतने सालो से इस खानदान को संभाल रही हो, वैसे ही अवनी भी सब संभाल लेगी | चलो पंडित जी आ गये हैं, ख़ुशी ख़ुशी इस रिश्ते को अपना आशीर्वाद दो |
पंडित जी – जजमान ! दस दिन बाद सगाई का शुभ महूरत है और उसके एक महीने बाद शादी का शुभ्महुरत निकल रहा है, नही तो फिर 6 महीनो तक कोई शुभ दिन नही है |
शादी की तारिख पक्की हो जाती है और सब एक दुसरे को गले लगाते हैं | पर पवन की माँ के मन में कुछ चल रहा होता है,
क्या अवनी और पवन की शादी हो पायेगी ?