Meri Dusri Mohabbat - 37 in Hindi Love Stories by Author Pawan Singh books and stories PDF | मेरी दूसरी मोहब्बत - 37

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मेरी दूसरी मोहब्बत - 37

Part - 37 Sagai ya Drama

पवन की सगाई की खबर सुनते ही अवनी के परिवार वालो को धक्का सा लगता है | उनको यकीन नहीं हो रहा होता की पवन एसा कैसे कर सकता है | जितना प्यार उन्हें पवन पर वहां आने से पहले आ रहा होता है, उतना ही गुस्सा उन्हें पवन की सगाई का सुन के आता है |

सुरेश जी ( अपने परिवार से ) – ओये चलो ओये ! अब यहाँ रुकने का कोई फायदा नही है | जिसके लिए हम यहाँ आये थे अब वो ही किसि और से सगाई कर रहा है तो अब यहाँ रुकने का कोई फायदा नही है |

अवनी की माँ – नही अवनी के पापा, जरूर कोई गलतफ़हमी हुई है | पवन ऐसे किसी और से सगाई नही कर सकता | हमे एक बार पवन से बात करनी चाहिए |

सुरेश जी – तुम्हे इतना कुछ हो जाने के बाद भी पवन पर भरोसा है ? ये सजावट उसके जन्मदिन के लिए नही हुई है उसकी सगाई के लिए हुई है, और तुम्हे अब भी उसपे भरोसा है |

अवनी की माँ – ये भी तो हो सकता है की हमारे पवन की कोई मजबूरी हो !

सुरेश जी – हमारा पवन ? अगर वो इतना ही हमारा पवन होता तो हमे फ़ोन कर के भी तो बता सकता था आज उसकी सगाई है, या उसकी कोई मजबूरी है ! पर उसने एक बार बताना भी ज़रूरी ही नही समझा और तुम उसे हमारा पवन कह रही हो |

अवनी की आँखे आंसूओं से भर आई थी ! वो कहना तो बहुत कुछ चाहती थी पर कुछ कह नही पा रही थी |

अवनी – पापा, पवन ऐसा नही कर सकता | मुझे उस पर भरोसा है | जो लड़का मेरे लिए कैलिफ़ोर्निया तक आ गया | मेरे लिए जेल तक गया | मुझे आलोक के गलत इरादो से बचाया और मुझे इंडिया वापस लाया, वो मुझे ऐसे धोका नही दे सकता |

सुरेश जी – बेटा अवनी ! तू सही कह रही है पर ये भी तो सच है कि पवन की सगाई हो रही है | हम चाह के भी कुछ कर नहीं सकते |

अवनी – पापा मेरी तो किस्मत ही ख़राब है | पता नही मैंने कौनसे गलत करम किये थे जो मेरे साथ हर बार ऐसा होता है |

अवनी की माँ – कभी कभी हमे जेसा दिखता है वेसा होता नही है | हमे एक बार पवन से बात करनी चाहिए | हम हमारी बेटी की किस्मत ऐसे ख़राब नही होने दे सकते |

सुरेश जी - देखो भाग्यवान, मैंने आजतक तुम्हारी कोई बात नही टाली है, पर इस बार बात अपनी बच्ची की है, हम रिस्क नही ले सकते | पवन ने भले ही हमारी बहुत मदद की हो पर ऐसा भी तो हो सकता है किवो सिर्फ अवनी को दोस्त मानता हो, और सिर्फ अवनी ही उसे एक तरफ़ा प्यार करती हो |

अवनी की माँ – ये आप कैसी बाते कर रहे हो अवनी के पापा, मैंने पवन की आँखों में वो प्यार देखा है अवनी के लिए, आप खुद ही सोचो आज के ज़माने में दोस्ती के लिए कोई इतना कैसे कर सकता है |

अवनी के पापा और मम्मी बात ही कर रहे होते है तभी पवन के पापा उनकी तरफ आते है |

पवन के पापा – अरे सुरेश जी आप यहाँ !!

सुरेश जी – राम राम सा | हम तो बस यहाँ से गुज़र रहे थे तो सोचा पवन बेटे से मिलते हुए चलें | फिर पता चला कि आज पवन की सगाई है |

पवन के पापा – अरे अब आप आ ही गए है तो हमे भी आपकी खातिरदारी का मौका दीजिये |

सुरेश जी – अरे नही नही आप ये कैसी बात कर रहे है ! हम तो सिर्फ मामूली से नेता हैं, बस आपका आशीर्वाद बना रहे हमपे|

पवन के पापा – अरे ऐसी बात नही है सुरेश जी ! आप बहुत इमानदार और अच्छे इंसान हैं | हम तो बहुत खुश किस्मत हैं जो आप हमारी पार्टी में हैं और जो कुछ भी आपके साथ हुआ हमे उसका बहुत अफ़सोस है | वो बस एक ग़लतफहमी के कारण हुआ था | हमे उम्मीद है आपने हमे माफ़ कर दिया होगा |

सुरेश जी – अरे ये आप कैसी बात कर रहे हैं | ये तो आपका बड़प्पन है जो आप ऐसा कह रहे हैं |

सुरेश जी अपनी फैमिली को introduce करवाते हैं |

अवनी – नमस्ते अंकल जी |

पवन के पापा – अवनी बेटा, पवन तुम्हारी बहुत बात करता है | तुम बहुत अच्छी लड़की हो | आओ अंदर चलो |

पवन के पापा – आप सब भी चलो अन्दर, खाने का पूरा इंतज़ाम करवाया है हमने | बाहर से chefs बुलवाए है हमने, आपसब खाना खा के ही जाना, वरना हम बुरा मान जायेगे “ कह देते हैं “ |

पवन के पापा के जादा फ़ोर्स करने पर सब अन्दर जाते है | सभी अन्दर जा के कुर्सी पर बैठ जाते हैं | सभी को पानी ऑफर किया जाता है | अवनी परेशान और उदास पवन के पापा के पास जाती है ।

अवनी – अंकल ! पवन कहाँ है ?

पवन के पापा – बेटा वो तो तैयार हो रहा है | आता ही होगा |

पवन के पापा देखते हैं कि अवनी बहुत दुखी है | उसकी आँखों में आंसू थे | वो समझ जाते है की अवनी, पवन को बहुत पसंद करती है | फिर मन ही मन मुस्कुराते हुए अवनी से कहते है –

पवन के पापा - अवनी बेटा एक मिनट बाहर चलो मुझे कुछ बात करनी है तुमसे|

अवनी – हाँ अंकल जी कहिये |

पवन के पापा – तुम पवन को बहुत पसंद करती हो ना ?

अवनी – अंकल जी ये आप क्या कह रहे हैं ? मैं समझी नही ?

पवन के पापा – हा हा ! तुम्हे मुझसे छुपाने की कोई ज़रूरत नहीं है | I know everything! तुम्हे यही लग रहा होगा ना कि अबतो पवन की सगाई होने वाली है तो मैं ये सब तुमसे क्यूँ कह रहा हूँ |

असल में बात ये है अवनी बेटा कि पवन भी तुम्हे बहुत प्यार करता है |

अवनी – क्या ? ये आप क्या कह रहे है और आप इतने sure केसे हैं ?

पवन के पापा – असल में आज पवन की सगाई नही है |

अवनी ( ख़ुशी से )- what !! आज पवन की सगाई नही है ! पर अभी तो आपने कहा था कि आज पवन की सगाई है |

पवन के पापा – हाँ, वैसे थी तो उसी की सगाई पर मेरे लिए मेरे बेटे की ख़ुशी से बढ़ कर मेरे लिए कुछ नहीं है | असल में तुम्हारे पापा को पार्टी में वापस लाने के लिए मैंने उसके सामने एक शर्त रखी थी की पवन को मेरे दोस्त की बेटी से शादी करनी पड़ेगी और वो मान गया | तबतक मुझे नहीं पता था कि वो तुम्हे पसंद करता है |

अवनी – फिर आपको कैसे पता चला ?

पवन के पापा – पवन ने हाँ तो बोल दी थी पर वो बहुत उदास था | फिर वो अपनी माँ को बता रहा था की वो ये सगाई मजबूरी में कर रहा है और वो तुमसे प्यार करता है | उसकी माँ उसको समझा रही थी की जो होता है अछे के लिए होता है तभी मैंने उनकी सारी बातें सुन ली |

और आज सगाई तो होगी पर पवन की नही, बल्कि उसकी दोस्त की, जिससे पहले उसकी सगाई होने वाली थी |

इसलिए हमने आप लोगों invite नही किया था क्योंकि सगाई तो किसी और की है | पर जब आप सब को मैंने यहाँ देखा तो सोचा चलो थोडा सा मजाक कर लिया जाये |

पवन के पापा – तो अवनी बेटा, कैसा लगा हमारा मजाक ? हा हा हा ! वैसे तो हम तुम्हे बताते नही पर तुम्हारा मुरझाया हुआ चेहरा हमसे देखा नही गया | तुम हस्ते हुए ही अच्छी लगोगी बेटा ! जरा सा हस दो | हम नही चाहते की हमारी होने वाली बहु की आँखों के निचे डार्क सर्कल्स हो जाये | और फिर तुम हमारे बेटे से हमारी शिकायत लगाओ और हमे डांट खानी पड जाये |

अवनी ( मुस्कुराते हुए ) – अंकल आप भी ना ! में ऐसा कुछ नही करुगी | आप हर मामले में मुझसे इतने बड़े है में तो ऐसा सोच भी नही सकती |

अवनी और पवन के पापा दोनों जोर जोर से हस्ते है | तभी अवनी का परिवार दोनों को हस्ते हुए देख लेता है और बहुत हैरान होता है |

सुरेश जी – अवनी बेटा ! तुम हस क्यों रही हो ? कहीं तुम्हे सदमा तो नही लग गया ? तुम ठीक तो हो ?

अवनी ( हस्ते हुए ) – पापा मुझे कुछ नही हुआ | dont worry !

सुरेश जी – फिर तू इतना हस क्यों रही है ? आज पवन की सगाई है और तू हस रही है ?

अवनी अपने परिवार को सब बताती है | फिर सब खुश हो जाते है और पवन से मिलने जाते हैं |

क्या अवनि और पवन एक हो पाएंगे?