Meri Dusri Mohabbat - 36 in Hindi Love Stories by Author Pawan Singh books and stories PDF | मेरी दूसरी मोहब्बत - 36

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मेरी दूसरी मोहब्बत - 36

Part - 36 Pitaji ka Manana

पवन पूरी रात अपने फैसले के बारे में सोचता है और फाइनली अपनी नतीजे पर पहुंच जाता है सुबह वह अपने पापा से बात करने उनके पास जाते हैं तो देखते कि वह अपने दोस्तों के साथ बैठे बातें कर रहे होते हैं उनके पास जाकर कहता है,

पवन- पापा मुझे आपसे बात करनी है??

पवन के पापा-मैं थोड़ा बिजी हूं मैं तुमसे थोड़ी देर में बात करता हूं।

पवन - मैं आपका इंतजार कर रहा हूं पवन यह कहकर वापस अपने कमरे में चला जाता है।

उनके दोस्तों में से एक दोस्त उन से बोलते हैं, -अरे पवन बहुत टाइम से घर नहीं था कहां था पवन?

पवन के पापा-अरे भाई साहब कुछ नहीं है आपको तो पता ही है आजकल के बच्चों का घर में रहने का मन कहां करता है बस घूमने गया था अपने दोस्तों के साथ।

दूसरा दोस्त-हमने सुना है कि आपका बेटा बहुत अच्छा लेखक है,हमने इंटरव्यू देखा था टीवी पर पवन का आपका बेटा बहुत होनहार हैं।

पवन के पापा-अरे होनकर कैसे नहीं होगा आखिर बेटा किसका है ये बोल वह मूँछों को ताव देते हैं।

दूसरा दोस्त- अरे भाई साहब अब हम चलते है बाकी बाते फिर कभी आ कर करेंगे।

पवन के पापा-अरे आप का ही घर है जब चाहे आ सकते हो आप सब।

पवन अपने पापा का वेट कर रहा होता है वह पवन के पास जाते हैं,

पवन के पापा-तो बोलो क्या कहना था तुम्हे?

पवन-मैंने अपना decision ले लिया है की मुझे क्या करना?

पवन के पापा-अच्छा तो बताओ किस नतीजे पर पहुंचे तुम?

पवन-मैं शादी के लिए तैयार हूं जैसा आप चाहते है में वैसा ही करूंगा पर आपको भी अपना वादा याद है ना?

पवन के पापा-उसकी चिंता तुम मत करो तुमने शादी के लिए हां करके मेरा दिल खुश कर दिया अब शाम तक तुम्हारा काम हो जाएगा शाबाश बेटा।

पवन को ये सुन कर बहुत ख़ुश होता है पर वो शादी को ले कर भी परेशान हो जाता है।

फिर सुरेश जी के पास के फोन आता हैं जिसे उन्हें पता चलता है की उन्हे वापस पार्टी का member बना लिया गया है और उनकी पोस्ट भी वापस कर दी गई वह उनसे माफी भी मांगता है

ये सुनकर उन्हे बहुत खुशी होती है वो खुशी से अपनी पत्नी के पास जाते है और उनसे कहते है,

सुरेश जी- अरे भाग्यवान कहा हो तुम जल्दी यह आओ मुझे कुछ बताना है तुम्हे!!??

अवनी की मां-क्यों चिल्ला रहे हैं आप,आ रही हो मैं वह उनके पास जाती है सुरेश जी-कहते हैं,मुझे मेरी पोस्ट वापस मिल गई और वापस मै अपनी पार्टी का मेंबर बन चुका हूं ।

अवनी की मां को यह सुनकर बहुत खुशी महसूस होती हैं,

अवनी की माँ- मैंने आपसे कहा था ना कि उन्हें एहसास हो जाएगा कि आप से जिम्मेदार इंसान और कोई है ही नहीं, देखिए अब आपको आपकी पोस्ट वापस मिली ना आप खामखा ही परेशान हो रहे थे

अवनी-यह तो बहुत अच्छी बात है पापा मैंने भी मां से कहा था, आपने हमेशा अपना काम ईमानदारी अपनी जिम्मेवारी समझकर किया है मेरा भी दिल कहता था सब ठीक हो जाएगा

अवनी उनसे गले मिलने के लिए आगे बढ़ती है तो सुरेश जी उसे नजरअंदाज कर देते हैं। फिर अपनी पत्नी से बात करने लग जाते

सुरेश जी- हैं हां सच कह रही थी तुम मैं आज बहुत खुश हूं मेरा सम्मान मुझे वापस मिल गया

अवनी की माँ- मुझे पता है यह सब किसने किया है ? इन सब के पीछे पवन का हाथ है,उसी की वजह से आपको आपकी पोस्ट वापस मिली है,

सुरेश जी-पवन ने किया है?? वह यह सब आखिर क्यों ‌करेगा?? और मैंने तुम्हें मना किया था ना कि मुझे उसका नाम दोबारा नहीं सुनना,

अवनी की मां-आप ठंडे दिमाग से सोचो उस दिन आप पवन के साथ बाहर टहलने गए थे और आपने उसे सब बताया होगा तो हो सकता है, कि उसने अपने पापा से कह कर यह सब कुछ करवाया हो, क्योंकि उसके पापा देश के गृहमंत्री है ना।

सुरेश जी (गुस्से में)- अगर उसने यह सब कुछ किया है तो मैं अभी वापस अपनी पोस्ट से रिजाइन करता हूं मुझे उसका अब कोई एहसान नहीं चाहिए पहले उसने बहुत कुछ दे दिया है उसने हमें।

अवनी की मां-आप गुस्से में यह सब कुछ बोल रहे हैं पर आप एक बार शांति से सोचिए उसने हमें धोखा दिया ही नहीं उसने हमेशा हम सब की भलाई ही चाहि, हमने जब भी उससे कोई मदद मांगी उसने हमेशा हमारा साथ दिया, अवनी को लेने कैलिफ़ोर्निया तक चला गया अगर उसने हमसे कुछ छुपाया भी था, तो उसके पीछे उसकी कोई वजह रही होगी हो सकता है कि वह सही वक्त का इंतजार कर रहा हो‌‌ और सही वक्त आने से पहले ही सब कुछ खराब हो गया, उस दिन पुलिस स्टेशन में भी वो चुप रहा यहां क्योंकि उसके पापा के बीच और आप में कुछ कहासुनी ना हो जाए।

अवनी की मां उन्हें एहसास दिलाती है की हमने पवन के साथ गलत किया है फिर सुरेश जी इस पर बोलते हैं,

सुरेश जी- शायद तुम सही कह रही हो और उनकी आंखें भर आती हैं मैंने उसकी वजह जाने की कभी कोशिश ‌नहीं कि और इतना बुरा बोल दिया, वह तो हमेशा मुझे संभालता था जब भी मैं उदास होता था मैंने अवनी पर भी इल्जाम लगाए उस दिन, अवनी को भी इतना उल्टा सीधा बोला। अवनी बेटा मुझे माफ कर दो मैंने उस दिन गुस्से में आकर तुमसे बहुत कुछ कह दिया,

अवनी-नहीं पापा आप क्यों माफी मांग रहे हो सारी गलती मेरी थी अगर मैं आपको सही समय पर सच बता देती तो यह नौबत नहीं आती ।

सुरेश जी-अब एक काम करते हैं हम सब पवन के घर जाते हैं और उससे बात करते हैं।

फिर अचानक से अवनी की मां सुरेश जी को रोक कर कहती है मुझे आपसे कुछ और भी कहना था,

अवनी की माँ- दरअसल मुझे पता था कि पवन वो लड़का नहीं है जिससे अवनी शादी करना चाहती थी,मैं आपको‌‌ सब बताती हूं!! आप मेरी बात सुन ना, पवन घर से भागने की कोशिश कर रहा था क्योंकि उसे अच्छा नहीं लग रहा था कि झूठ बोलकर वो हमारे साथ रह रहा था, तो मैंने उसे अवनी से शादी करने के लिए कहा था मैंने उससे कहा कि वह पहले ही बहुत कुछ बुरा देख चुकी है और मुझे लगा वो‌‌ पवन ही हैं जो मेरी बेटी को खुश रख सकता है तो मैंने उसे रुकने को कहा और उसने मेरी बातें मान ली, मैं जानती हूं यह सुनकर आपको बहुत बुरा लगेगा पर मुझे उस समय जो सही लगा मैंने किया!!

अवनी-आपको पहले ही सब पता था और आपने मुझसे छुपा के रखा,मुझे तो बता देती??

सुरेश जी-मुझे तुम पर पूरा भरोसा है तुमने जो कुछ भी किया होगा सोच समझकर ही किया होगा और अब हमें पुरानी बातें सब कुछ भुला कर पवन के माता-पिता से अवनी का हाथ मांगना होगा, तो तुम यह सब चीजें भूल जाओ और जाने की तैयारियां करो।

अवनी की मां यह सुनकर खुश हो जाती है कि उनके पति ने उन पर भरोसा जताया और उनसे कुछ नहीं कहा । अवनी, उसके पापा और मां पवन से मिलने के लिए निकल पड़ते हैं और वहीं दूसरी तरफ पवन की सगाई की तैयारी शुरू हो जाती हैं ।

पवन यह सब देख कर मन ही मन बहुत परेशान हो जाता है कि उसे ये सब उसे मज़बूरी में करना पड़ रहा होता है उस समय भी वह अवनी को याद करता है,

पवन- मुझे माफ कर देना अवनी मुझे यह करना ही होगा शायद हमारी किस्मत में यही तक साथ लिखा था,पर मैं हमेशा तुमसे प्यार करता रहूंगा यह सिर्फ एक समझौता है,,

मेरे दिल में सिर्फ तुम रहोगी तभी उसकी मां उसके पास आती है,

पवन की माँ- बेटा तुम अभी तक तैयार नहीं हुए मैं कपड़े निकाल कर गई थी तुम अभी तक पुराने कपड़ों में ही खड़े हो??  बेटा तुम मुझे परेशान से लग रहे हो ?

तब पवन अपनी मां को सारी बात बताता है कि वे शादी मजबूरी में कर रहा है उसकी मां पवन का साथ देते हुए कहती है,

पवन की माँ- तुम जाकर मना कर दो, जब तुम प्यार किसी और से करते हो शादी भी उसी से करो क्योंकि किसी और की जिंदगी खराब करनी?

पवन- काश पापा आप की तरह समझदार होते पर आप समझ नहीं रही है अगर मैंने सगाई के लिए मना किया तो फिर से अवनी के पापा को बाहर निकलवा देंगे आप जैसे सोचती है काश वो भी ऐसा ही सोचते पर मैं प्यार तो सिर्फ अवनी से ही करता हूं।

पवन की मां-तुम कहो तो मैं उनसे बात करूं वह मेरी बात नहीं टालेंगे।

पवन-नहीं मां अब कोई बात नहीं करनी बस आप नीचे जाइए मैं थोड़ी देर में आता हूं फिर वह‌ वहां से चली जाती हैं।

अवनी का परिवार पवन के बाहर देखते हैं की घर की सजावट हो रही होती है तो वहां काम कर रहे आदमी से पूछते हैं कि यहां क्या हो रहा है,

वो आदमी जवाब देता है, आज पवन साहब की सगाई है।

यह सुनकर सबके होश उड़ जाते है,,

क्या अवनी का परिवार यह सब देख कर फिर भी पवन से बात करने अंदर जाएंगे ?? या यह सब देखकर वापस घर लौट जाएंगे??