Meri Dusri Mohabbat - 32 in Hindi Love Stories by Author Pawan Singh books and stories PDF | मेरी दूसरी मोहब्बत - 32

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मेरी दूसरी मोहब्बत - 32

Part - 32 Gundagardi

सुरेश जी रात को सोने की कोशिश करते हैं पर उन्हें नींद नहीं आती यह सोच कर कि वह अपनी पार्टी का हिस्सा नहीं है वह‌‌ उठकर खड़े हो जाते हैं और बाहर की ओर जाने लगते हैं वहीं दूसरी और पवन खिड़की से उन्हें बाहर की तरफ जाते हुए देख लेता है वो उन्हें देख कर थोड़ा हैरान हो जाता है कि इस समय वह कहां जा रहे हैं फिर वो उनके पास जाता है और उनसे पूछता है,

पवन-अंकल जी आप इतनी रात को कहां जा रहे हो?

सुरेश जी-कुछ नहीं बेटा बस नींद नहीं आ रही थी तो सोचा थोड़ा टहल आता बाहर!!

पवन-तो मैं भी आपके साथ चलूंगा अगर आप चाहे तो?

सुरेश जी-हां हां बेटा जरूर चलो !!

फिर दोनों टहलने के लिए निकल जाते हैं पवन उनकी तरफ देखता है वो उन्हें बहुत उदास लग रहे थे क्योंकि जब भी वह उनके साथ होता था तो वह कुछ ना कुछ बात किया करते थे पर ऐसा कुछ नहीं हो रहा था इस बार पवन को लगा कि कुछ तो बात है जो इन्हें परेशान कर रही है वो सुरेश जी से पूछता है,

पवन-क्या हुआ अंकल जी मुझे आप कुछ परेशान से लग रहे हैं कुछ बात हुई है क्या?

सुरेश जी-ऐसा कुछ नहीं हैं बेटा सब कुछ ठीक है मैं ठीक हूं!!

पवन-आप झूठ बोल रहे हैं जब मैं आपके साथ होता हूं तो आप बहुत अलग होते हो आप मुझसे बातें करते हो मेरे साथ मजाक करते हो पर अब मैं आपके साथ हूं तो आप बिल्कुल अलग से लग रहे हो,अगर कोई बात है तो आप मुझे बता सकते हैं हो सकता है कि मैं आपकी कुछ मदद कर दो अपना बेटा ही समझ कर बता दीजिए!!

सुरेश जी को पवन की सहानुभूति बहुत अच्छी लगती है वह उसे बताते हैं-

सुरेश जी-दरअसल बेटा मुझे मेरी पार्टी वालों ने निकाल दिया है और उनका कहना है कि मैं जिम्मेदार इंसान नहीं हूं जबकि मैंने इतने सालों से सब कुछ किया है पर मेरी ईमानदारी का आज ये सिला मिला है कि 1 सेकंड में उन्होंने मुझे लात मार के बाहर निकाल दिया बस यही बात मुझे रात भर परेशान कर रही थी और मुझे नींद नहीं आ रही थी इसलिए बाहर थोड़ा टहलने निकल आया!!

पवन-क्या पार्टी से निकाल दिया?? आपने मुझे पहले क्यों नहीं बताया आप मुझे अभी तक अपना नहीं मानते तभी तो आपने मुझे कुछ नहीं बताया,आप इतने परेशान थे पर आपने एक बार भी मुझसे कुछ नहीं कहा,,

वह आपके साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं मैं आपको जानता हूं आप बहुत अच्छे और ईमानदार इंसान हैं ‌अपनी सारी जिम्मेदारियां निभाते हैं देखना उन्हें इस बात का एहसास हो जाएगा और वह पार्टी में आपको फिर से शामिल कर लेंगे आप बिल्कुल भी टेंशन मत लो और पहले की तरह मुस्कुराइए,

मुसीबतों का क्या है वह तो जिंदगी में आती जाती रहती है पर हमें हमेशा हर एक मुसीबत का हंसकर सामना करना चाहिए बहुत जल्द आप फिर से अपने पार्टी के मेंबर होंगे यह मेरा दिल कहता है क्योंकि आप बहुत अच्छे इंसान हैं अच्छे इंसानों के साथ हमेशा अच्छा होता है।

सुरेश जी-बेटा तुम्हारी बात सुनकर मुझे अच्छा लग रहा है पर मुझे ऐसा कुछ नहीं लग रहा पर अगर तुम कहते हो तो मैं तुम्हारी बातों पर भरोसा कर लेता हूं कोशिश करता हूं कि मैं उदास ना रहूं!! खुश रहूं तुम सच में बहुत अच्छे इंसान हो तुम्हारे साथ में जब भी होता हूं मुझे बहुत अच्छा लगता है पॉज़िटिव सा महसूस होता है।

पवन को यह सुनकर बहुत अच्छा लगता है वह खुश होता है कि वह उन्हें समझाने में कामयाब रहा और उनकी परेशानी दूर करने में भी!!

वही घर पर अवनी की मां देखती है कि सुरेश जी कमरे में नहीं है वह थोड़ा घबरा जाती है और सीधा अवनी के कमरे में जाती है तो वह देखती है की अवनी‌ कमरे में अकेली होती है पर उसके पापा नहीं होते वह अवनी से कहती है

अवनी की माँ - बेटा तुम्हारे पापा यहां आए थे क्या??

अवनी-नहीं यहां तो पापा नहीं आए, क्यों क्या हुआ आप इतना घबराई हुई क्यों लग रही है??

अवनी की मां- बेटा आज उनको फोन आया था उनकी पार्टी से उन्हें निकल दिया गया हैं यह बात उन्हें बहुत परेशान कर रही थी तो मैंने सोचा वह तुम्हारे पास आकर इस बारे में बात कर रहे होंगे पर वह यहां नहीं है कहां गए होंगे??

अवनी-पार्टी से निकाल दिया पर क्यों?? और यह क्या रीजन होते कि तुमने कुछ नहीं किया तुम जिम्मेदार नहीं हो यह क्या मतलब हुआ ?? हम सब जानते हैं सालों से पापा ने क्या कुछ नहीं किया उनसे ज्यादा जिम्मेदार इंसान और कोई हो ही नहीं सकता वह लोग ऐसा कैसे कर सकते हैं मैं पापा के साथ जाऊंगी ऑफिस और बात करूंगी,

आप पापा को बोलना घबराने की कोई जरूरत नहीं है उनकी बेटी उनके साथ है और ये भी तो हो सकता है कि वह पवन के पास गए होंगे क्योंकि वह पवन से अपनी ज्यादातर परेशानियां शेयर करते हैं चलिए पवन के पास चलते हैं

दोनों पवन के कमरे में जाती है पर ना पवन कमरे में होता है ना सुरेश जी,

अवनी-हो सकते हैं दोनों बाहर घूमने गए हो वो दोनो थोड़ी देर में आ जाएंगे अगर पवन उनके साथ है तो घबराने की कोई बात नहीं है वह सब संभाल लेगा आप तो पवन को जानती है ना कि कैसे वो एक मिनट में मूड ठीक कर देता है सबका,पापा का भी कर देगा मूड ठीक वो देखना आप!!!

अवनी की मां-ठीक है बेटा मैं अपने कमरे में जाती हूं और उनका इंतजार करती हूं तुम सो जाना और ज्यादा सोचना मत।

उनके जाने के बाद अवनी थोड़ा सोचने लगती,

अवनी (मन मे )-पापा बहुत ज्यादा परेशान होंगे आई होप कि वो पवन के साथ हो तो वो‌ सब ठीक कर ही देगा।

दूसरी तरफ पवन और सुरेश जी आपस में बात करते हुए जा रहे थे तभी बाइक पर दो लड़के आते हैं और तेजी से बाइक चलाते वक्त पानी के छींटे सुरेश जी पर पड़ जाती है

सुरेश जी-अरे अंधे हो गए हो क्या दिखाई नहीं देता,पवन इन लोगों का रोज का काम है बस दूसरे को परेशान करते हैं सारे कपड़े गंदे कर दिए??

तभी वह दोनों अपनी बाइक वापस पीछे की ओर लाते हैं

और सुरेश जी से बोलते हैं, क्या बोल रहा है बे !!

तुझे सामने से बाइक‌ आती हुई नहीं देखी क्या और हमें बोल रहा है कि हम अंधे हैं तो तू साइड हो जाता देख तेरे सारे कपड़े खराब हो गए थोड़ा ध्यान देना चाहिए था ना यह बोलकर दोनों हंसने लग जाते हैं।

पवन को यह सुनकर बहुत गुस्सा आता है वो उनसे बोलता है,

पवन - तमीज नहीं है कि बड़ों से कैसे बात करनी चाहिए एक तो गलती करते हो और फिर बदतमीजी भी करते हो माफी मांगो इनसे अभी और इसी वक्त!!

पहला बाइक वाला बोलता है-माफी मांग लूं???सॉरी भाई ये हो तो नहीं हो सकता और तू हमें ज्ञान देना बंद कर और यहां से निकल ले इनके साथ जो भी तेरे ये लगते हो नहीं तो मार मार के चेहरा बिगाड़ दूंगा समझ में आई।।

पवन-मैं कह रहा हूं ना इन से माफी मांगो नहीं तो तुम दोनों के साथ अच्छा नहीं होगा?

दूसरा लड़का-नहीं मांग रहे माफी बोल क्या करेगा खड़े हैं हम तेरे आगे??

पवन उसकी गर्दन पकड़ के उसे बहुत जोर से पटक देता है और तभी दूसरा वाला भी पवन की तरफ उसे मारने आता है पवन उसे भी उठा कर पटक देता है।

सुरेश जी -- रे बेटा छोड़ दो यह उनका रोज का काम है तुम इनके चक्कर में मत पड़ो चलो वापस घर चलते हैं।

तभी वहां पुलिस आ जाती है,पुलिस को देख वह दोनो लड़के वहा से भाग जाते हैं

पुलिसवाला- क्या चल रहा है रात में सबको ज्यादा जवानी चढ़ी है वह अपने कॉन्स्टेबल से कहता है कि पकड़ लो इस लड़के को और ले चलो थाने फिर इनसे wwe करता हूं मैं थाने में।

पुलिसवाला सुरेश जी को पहचान जाता है अरे आप तो सुरेश प्रभु हैं आप क्या कर रहे है इनके साथ पॉलिटिक्स छोड़ के गुंडागर्दी ज्वाइन कर लिया है क्या आपने??

सुरेश जी-दरअसल यह दोनों बदतमीजी कर रहे थे, अच्छा हुआ आप सही समय पर आ गए इन दोनों को पकड़ लीजिए वो अभी-अभी यहां से भागे हैं इसमें पवन की कोई गलती नहीं है।

पुलिसवाला-हमने इस लड़के को देखा था लड़ते हुए, किसकी गलती है किसकी नहीं है वो मैं देख लूंगा। वह पवन को भी पकड़ कर ले जाने लगते हैं।

सुरेश जी-मैं कह रहा हूं ना इसमें पवन की कोई गलती नहीं है वही दोनों बदतमीजी कर रहे थे मैं कह रहा हूं ना आप मेरे बात क्यों नहीं सुनते!!!

पुलिसवाला-देखिए आप हमसे बदतमीजी नहीं कर सकते माना कि आपके यहां के अध्यक्ष है पर आपको भी कोई अधिकार नहीं है बदतमीजी करने का हम देखेंगे किसके साथ क्या करना है, और अगर आपने हमारी बात नहीं सुनी तो हम आपको भी अपने साथ ले चलेंगे इसलिए आप शांत रहे।

सुरेश जी-आप मेरी बात सुनो ना इसमें पवन की गलती नहीं है

सुरेश जी बार-बार उनसे ऊंची आवाज में बात करते हैं तो पवन उन्हें समझाता है

पवन - अंकल जी आप शांत हो जाइए मैं सब संभाल लूंगा आप बस घर जाइए!!

पुलिस वाले को गुस्सा आ जाता हैं और वह कहता है एक काम करो इन्हीं भी पुलिस थाने ले चलो इन्हें एक बार में बात समझ में नहीं आती तो वह उन्हें भी पकड़ कर थाने ले जाते हैं।

क्या अवनी को इस बारे में पता चल पाएगा?? क्या वह अपने पापा और पवन को जेल से निकाल पाएगी??