Meri Dusri Mohabbat - 21 in Hindi Love Stories by Author Pawan Singh books and stories PDF | मेरी दूसरी मोहब्बत - 21

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मेरी दूसरी मोहब्बत - 21

Part - 21 Ek saal baad

( एक साल बाद )

पवन शीशे के सामने अपने बाल संवार रहा होता है और अपने आप से बात करता है!!!

क्या बात है पवन बहुत हैंडसम लग रहा है ।

(तभी पवन की मां उसके पास आती है)

पवन की मां- लगना भी चाहिए आज तुम्हारे लाइफ का बहुत बड़ा दिन जो है।

पवन -हां मां बहुत बड़ा दिन‌ तो है पवन अपने मां से अपनी खुशी ज़ाहिर करते हुए कहता है।पवन की मां पता नही कब से तुम्हे लिखने का शौक चढ़ा और इस मै तुम्हे कामयाबी भी मिल गई पर मैं इतना जानती हु की ये सब दिल्ली से आने के बाद ही हुआ है वो मुस्कुराते हुए कहती है |

पवन -अरे मां ऐसा कुछ नही है एक दिन मुझे सपना आया की मैं बहुत बड़ा राइटर बन गया हूं बस तभी से मन हुआ की मुझे राइटर बनना हैं पवन की मां मुझे सब समझ आता है मां हूं तेरी।

पवन- अच्छा मां अब मैं चलता हूं आज के दिन लेट नही होना।

पवन की मां -हां बेटा जाओ।

(पवन अपने बुक की प्रोमो के लिए नोएडा निकल जाता है)

अवनी को गए हुए एक साल हो गया अवनी की मां अवनी के‌‌ पापा से कहती है

सुरेश जी- पता नही कहां होंगी कितना ढूंढा इस एक साल मे उसे कही पता नही चला और नही पवन का मुझे तो डर है कही अवनी के साथ कुछ गलत तो नहीं हुआ होगा ना ???

अवनी की मां -ऐसा मत कहिए अवनी जहा भी होगी ठीक होगी मेरा दिल कहता है

तभी अवनी के चाचा बोलते है- भाई साहब मैं तो कहता हुं उस पवन का पहले आप पता लगाओ मुझे तो लगता है अवनी उसके साथ ही होगी मुझे तो वो मुंडा पहले ही ठीक नहीं लगता था बहुत तेज लगता था दिमाग से पर भाई साहब आप तो कुछ ज्यादा ही भरोसा करते थे उस पर अगर मुझे कही मिल गया ना मार मार के हड्डी तोड़ देनी है मैने उसकी।

सुरेश जी- oye तू पहले शांत हो ऐसा कुछ नही करेगा तू हम आराम से बात करेंगे अगर पवन का पता चलता है तो।

(तभी रूपेश भागता हुआ आता है )

पापा जी पवन टीवी पर आ रहा हैं

अवनी के चाचा- क्या पवन पर टीवी पर चलो भाई साहब चल के देखते है

टीवी पर पवन की बुक के बारे मे बताया जा रहा था उस बुक का‌ नाम था दूसरी मोहब्बत पवन इस बुक के प्रोमो के लिया नोएडा के वीनस मॉल मे आने वाला था ये सुन कर घर वालो के होश उड़ जाते है और एक उम्मीद मिल जाती है अवनी के मिलने की।

अवनी के चाचा -देखो तुसी भाई साहब ये तो बहुत बड़ा राइटर बन गया अपनी बुक के प्रोमो के लिए नोएडा आ रहा है चलो भाई साहब चल कर पूछते है अवनी कहां है अगर इसने झूठ बोला तो मै उसे छोड़ूँगा नही ।।

सुरेश जी- ओए तो चुप कर ये भी तो हो सकता अवनी सच में उसके साथ ना हो अगर होगी तो आराम से पूछेंगे जैसा भी होगा वो हमसे सच ही बोलेगा।

अवनी के पापा और चाचा पवन से मिलने नोएडा के लिए निकल जाते हैं।

पवन मॉल के बाहर अपनी कार से उतरता है तो मीडिया वाले पवन को घेर लेते हैं पवन जैसे तैसे मॉल के अंदर आ जाता है तभी एक लड़का भागता हुआ पवन के पास आता है

अजय - अरे पवन कैसा है तू?

अजय तू क्या बात है तू कैसा है मै तो एक दम मस्त बाकी तू ये सब देख ही रहा है‌पवन‌ ने‌ जवाब ‌दिया।।

अजय- हां यार तू राइटर कब से बन गया ये शौक कब से चढ़ गया तुझे ???

पवन-बस यार मुझे खुद नहीं पता चला ये सब कैसे हुआ पर जो हुआ बहुत अच्छा हुआ ।

अजय- तू दिल्ली गया था ना पिछले साल कोई बाबा से जादू टोटका करा लिया क्या ?!

पवन( हस्ते हुए )-अरे भाई नही बस बोल रहा हुआ न कभी कभी चीज़े लाइफ मे अचानक ही होती है चल अंदर आ तुझे पता चलेगा की आखिर ऐसा क्या किया है मैंने जो आज ये भीड़ मेरे पीछे है।

अजय -हां हां बिल्कुल।

दोनो एक हॉल में जाते हैं वहा बहुत से लोग बैठे होते हैं जो पवन का वेट कर रहे होते हैं |

पवन stage पर जाता है और अपनी बुक हाथ मे ले कर कहता है की जब आप ये बुक पढ़ेंगे तो आप सब को पता चलेगा की कैसे एक लड़की की दूसरी मोहब्बत बनने से बच गया मैं और मेरी कोई पहले मोहब्बत बनने से उम्मीद करता हूं आप सब को मरी कहानी पसंद आयेगी ।

तभी एक reporter audience मे से पूछता है की क्या सिर्फ ये एक कहानी है या आपका कोई एक्सपीरियंस है ??

पवन क्या फर्क पड़ता है सर बस आप कहानी का मजा उठाएं आपको पसंद आएगी। तभी पवन की नज़र बाहर की तरफ जाती उसे वहा एक लड़की जाते हुए देखती है उससे लगता हैं अवनी है पवन बाहर की ओर भागता है उस लड़की के पीछे और पीछे से उसे पुकारता है ।

अवनी???

पर वो लड़की कोई ओर होती है ।

पवन- माफ कीजिएगा मेम मुझे लगा मेरी एक दोस्त है।

पवन को भ्रम होता है उससे लगता है अवनी उसके प्रोमो में आई है।

पवन - काश अवनी तुम यहां होती तुमने मेरे बोले हुए झूठ को आज सच‌ करके आज‌ कहां पहुंचा दिया मैने तुमसे झूठ कहा था कि मैं एक राइटर हूं,और तुम मेरा कितना मजाक उड़ाती थी मुझे फ्लॉप फ्लॉप बोल कर अगर आज तुम देखती की ये फ्लॉप राइटर एक हिट राइटर बन चुका है मुझे पता है तुम बहुत खुश होती ।

तभी अजय भागता हुए आता है और कहता है

अरे पवन किससे बात कर रहा है ??

पवन- कुछ नही बस ऐसे ही ।

अजय- अंदर सब इंतजार कर रहे है

पवन जैसे ही अंदर जाने के लिए आगे बढ़ता है उसे एक लड़की की आवाज आती है

मुझे आपका ऑटोग्राफ मिलेगा ???

पवन मुड़ कर देखता है तो वो वर्तिका होती है

पवन- वर्तिका तुम ??

वर्तिका- हां मैं नहीं आ सकती ???

पवन -नही नही मुझे लगा नही था की तुम यहां आओगी ??

वर्तिका- तुम्हारा इंटरव्यू देखा था टीवी पर फिर पता चला की तुम यहां आने वाले हो तो बस तुम्हे congratulation बोलने चली आई आखिर कर तुमने एक अच्छी बुक लिख ही डाली मुझे तो पहले ही पता था की तुम एक दिन बहुत बड़े राइटर बनोगे पर कभी तुमसे कह नही पाई।

पवन -वो तो यार बस ऐसे ही किस्मत ने साथ दे दिया तो यहां तक पहुंच गया ।

अच्छा अजय तू अंदर चल मैं बस 5 minute मे आता हू?

अजय ठीक है पर जल्दी आना !!

पवन -वर्तिका क्या तुम्हारी उस दिन के बाद से अवनी से कोई बात हुई??

वर्तिका- नही उस दिन के बाद से उसका कभी मुझे फोन नहीं आया और ना ही मैंने किया, वैसे तुम ये सब क्यों पूछ रहे हो ???

पवन- मै वहा से बिना बताए निकल गया था या यूं कहे लो की भाग गया था मैंने इस बारे में अवनी को भी नहीं बताया था मैं जानता हूं की गलत किया मैंने सब को धोखे मे रख कर पर मेरे पास कोई और रास्ता नही था और तब से मेरी भी अवनी से कोई बात नही हुई ।

वर्तिका -पवन तुम्हारी कोई गलती नही है इन सब मे जो भी तुमने किया अपने लिए किया अगर तुम वहा से नही भागते तो तुम्हारी शादी अवनी से हो जाती तुम एक अनचाही शादी में रहना पड़ता जो की तुम दोनो के लिए ही गलत था। और अवनी तो आलोक से प्यार करती है वो वैसे भी तुम्हारे साथ खुश नहीं रह पाती।

पवन- तुम्हारी सारी बात सही है पर मुझे हमेशा इस बात का अफ़सोस रहेगा की मैने अवनी के घर वालों को धोखे में रखा अगर सब सच बता कर वहां से जाता तो आज अवनी और अवनी के घर वाले मेरे इतने बड़े दिन में आज मेरे साथ शामिल होते चलो अब पुरानी बातो को याद करने से कोई फायदा तो है नही तुम मेरे साथ अंदर चलो ना ??

वर्तिका -पवन वो मुझे अभी एक बहुत जरूरी काम है बस तुमसे मिलने आई थी,अब तुम जाओ अंदर सब तुम्हरा वेट कर रहे होंगे।।

पवन -हां ओके बाय फिर मिलते हैं

पवन ये कहे कर अंदर की तरफ जाता है हॉल मै सब उसे वहां congratulate करते है ।

वही अवनी के पापा और चाचा भी वहां पहुंच जाते है सब को वापस जाते देखे अवनी के चाचा बोलते है,

लगता है प्रोमो खत्म हो गया है कही पवन आज भी हाथ से ना निकल जाए वो पवन को ढूंढ़ने लगते है।

पवन सिक्योरिटी गार्ड्स के साथ रूम से बाहर निकलता है वो उनसे कहता है आप बस थोड़े देर वेट करो मैं आता हू वो washroom ke तरफ़ जाता है तो सामने से अवनी के पापा और चाचा को आते देखे वो हक्का-बक्का रह जाता है और उनकी नज़र भी पवन पर पड़ती है वो पवन की तरफ भड़ते हैं।।

क्या इस बार भी पवन उनसे बच पाएगा या उन्हे सब सच बता देंगे क्या होगा अब पवन का???