Meri Dusri Mohabbat - 18 in Hindi Love Stories by Author Pawan Singh books and stories PDF | मेरी दूसरी मोहब्बत - 18

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मेरी दूसरी मोहब्बत - 18

Part - 18 Bhaag gaye

रात को सबके सोने के बाद अवनी चुपचाप अपने कमरे से निकलती है भागने के लिए और वो उस मे कामयाब भी हो जाती है घर से बाहर उसकी एक फ्रेंड उसका कार मे वेट कर रही होती है वो कार मै बैठ कर निकल जाती है

और दूसरी तरफ पवन भी भागने में कामयाब हो जाता है वो सीधा बस स्टॉप पर जाता है और बस का वैट कर रहा होता है (अवनी की मां अवनी से बात करने उसके कमरे मे जाती है )

वो अवनी को कमरे मे ना देख कर परेशान हो जाती है वो जा कर सुरेश जी को बताती है

सब अवनी को ढूंढने लगते है तभी सुरेश जी बोलते है - पवन कहां है ???

रूपेश- पवन भी अपने कमरे मे नही है

सुरेश जी- ये दोनो फिर से भाग गए अब क्या जरूरत थी ये सब करने की जब दोनो कि शादी के लिए सब राज़ी थे ये कर के फिर से अवनी ने मेरा दिल दुखाया हैं

(सुरेश जी गार्ड को बुलाते है )

जाओ और दोनो को दिल्ली के हर एक कोने मे ढूंढों मुझे दोनो सुबह तक घर पर चाहिए।

इतना सुनते ही गार्ड दोनो को ढूंढ़ने निकल जाते हैं।

अवनी अपनी दोस्त से कहती है - थैंक्यू यार तूने मेरी हेल्प की बस रात को तेरे पास रुकूंगी और सुबह मेरी फ्लाइट है तो मैं निकल जाऊंगी ।

अवनी की दोस्त- हां हां कोई बात नही बस तू आलोक से मिल और सब बीच की problems को खतम कर।

वैसे एक बात बोलूं??

अवनी -हां बोल ना!!!

अवनी की दोस्त- आलोक को ऐसे तुझे छोड़ कर नही जाना चाहिए था देख यार मैं तुझे भड़काने की कोशिश नही कर रही हूं पर मुझे ऐसा लगता है की कोई अगर किसी को प्यार करता है तो उसे ऐसे बीच रास्ते मे नही छोड़ कर जाता उसका साथ देता है अगर उसने तुझे भागने को कहा था तो उसे तेरे साथ होना चाहिए था पर वो‌ अपने सपने पूरे करने निकल गया उसने तेरे बारे में सोचा कि तू अब वापस अपने घर कैसे जायेगी अपने मां पापा का कैसे सामना करेगी पर उसने ऐसा नहीं सोचा क्योंकि उसे सिर्फ अपनी पड़ी थी अगर मैं तेरी जगह होती कभी उस से माफ़ नही करती मिलना तो बहुत दूर की बात है।

अवनी -यार भागने को मैने उसे कहा था !!!

अवनी की दोस्त -अगर तूने उसे भागने को कहा तो उसने भी तो तेरे बात से agree किया ना चल छोड़ यार जो हुआ सो हुआ अगर तू आलोक से मिले तो ये सब जरूर पूछना की उसने तब तेरा साथ क्यों नही दिया तुझे जवाब मिल जायेगा।

अवनी की दोस्त की बाते अवनी को परेशान करने पर मजबूर कर देती है वो सोच मे पड़ जाती है की वो आलोक के पास जा कर सही कर रहीं हैं की नही ??

दूसरी ओर पवन बस का वेट करता है तभी सामने से बस आती है और वो उस बस मैं बैठ जाता है उसके अंदर ही अंदर बहुत सी बाते चल रही थी ।

पवन खुद से बात करते हुए बुदबुदा कर कहने लगता है - मुझे अच्छा क्यों नही लग रहा मै तो हमेशा से भागना चाहता था और आज successful भी हो गया मुझे तो खुश होना चाहिए है पर मैंने ऐसा कर के अवनी का और उसके घर वालों का भरोसा तोड़ा है पर मैं क्या करता मुझे जो वो समझ रहे है वो मै हूं ही नही तो मैं अवनी से शादी कैसे कर सकता था हा मुझे अवनी बहुत अच्छी लगती है और उसे मेरे बारे मे कुछ नही पता और बिना सच बताए मै कुछ नही कर सकता इसलिए जो मैने किया वो बिल्कुल सही किया। अब चाहे कुछ भी ही मैं पीछे नहीं हट सकता, पर मुझे अवनी से तो बात करनी चाहिए थी उसे बता देता,,, नही नही अगर बता देता तो वो मुझे भागने कहां देती सही किया मैने जो किसी से कुछ नही कहा अब मैं सीधा अपने घर जाऊंगा ये सब यही खत्म करके।

(अवनी अपने दोस्त के घर पहुंचती है )

अवनी की दोस्त- देख तू बिल्कुल परेशान मत होना अंदर चल और आराम से सोच की जो तू कर रही है क्या‌ वो सही है अगर तुझे सही लगे तो सुबह निकल जाना ।

अवनी- हां तू सही बोल रही है पर मुझे आलोक से मिलना है मै उससे प्यार करती हूं यार ।

अवनी की दोस्त- अच्छा ठीक है तू मिल पर आज रात थोड़ी मस्ती करते है क्या बोलती है??

अवनी- मस्ती???

अवनी की दोस्त- एक।एक ड्रिंक हो जाए तुझे याद है लास्ट टाइम हमने अपने कॉलेज की farewell मै की थी कितना मजा किया था यार चल आज वही यादें ताजा करते है

अवनी – नही यार बिल्कुल मन नही और मैं थोडी परेशान भी हू।

अवनी की दोस्त- मुझे पता है तू परेशान है तभी तो बोल रही हूं चल अब ज्यादा नाटक मत कर मै ड्रिंक बनाके लाती हूं

अवनी के घर पर माहोल बहुत गर्म होता है

अवनी की मां- देखो जी बच्चे ऐसे ही घूमने निकल गए होंगे आप शांत हो जाए आपकी तबीयत भी ठीक नहीं है अवनी की मां बात को दबाने की कोशिश करती है क्योंकि उन्हें तो सब पता ही था की पवन भागने वाला है पर वो अवनी को ले कर हैरान थी की उसने ऐसा क्यों किया पर वो समझ जाती है की जरूर आलोक से ही मिलने गई होगी।

सुरेश जी- तुम्हे मेरी तबीयत की पड़ी है और जो तुम्हारे बेटी हर बार मुझे धोखे में रखती है उसका कुछ नही मैने उसकी एक गलती माफ करने के बाद उसकी शादी पवन के साथ तय कर दी थी फिर भी उसने दोबारा ऐसा किया इस बार मैं उसे माफ नही करूंगा

अवनी की मां ये सुन कर बहुत टेंशन मे आ जाती है उन्हे अवनी की चिंता हो रही होती है

अवनी और अवनी की दोस्त साथ मै बैठ कर ड्रिंक करके बाते करने लगते हैं

अवनी (थोड़ा नशे में) - तुझे पता है तू बिल्कुल सही है आलोक मुझसे प्यार करता ही नही था अगर करता तो छोड़ कर जाता ही नही तुझे पता है जब मैं उस दिन अकली हो गई थी और कुछ समझ नहीं आ रहा था तो मैं suicide करने चली गई

अवनी की दोस्त -क्या??? Suicide वो अवनी की तरफ हैरानी से देखती है

अवनी -अरे आगे तो सुन मैं बस कूदने वाली थी की फिर एक इंसान ने मुझे उस दिन वो गलत चीज करने से रोक लिया उसने मुझे समझाया की लाइफ मे ये सब होता रहता है पर इसका मतलब ये नही की हम मरने को सही फैसला मान ले वो अपने दोस्त को पवन के बारे मैं बताती है।

अवनी की दोस्त- सच मे यार आज कल अपने मदद के लिए आगे नहीं आते और वो अनजान होके उसने तेरी मदद की क्या तूने उसे बताया की तू आलोक से मिलने जा रही है???

अवनी -नहीं यार पता नही क्यों बताने की हिम्मत ही नहीं हुई उसे पर जब वो मुझे घर पर नहीं देखेगा तो वो समझ जाएगा कि मैं निकल गई हू अपने रास्ते और फिर वो भी अपने रास्ते निकल जायेगा ये सब बाते करते करते अवनी पवन के बारे मे सोचते हुए इमोश्नल हो जाती है।  पता है वो बहुत caring है मैं पता नही क्यों उसके बारे मे सोचती रहती हूं । जब भी वो मेरे सामने आता हैं तो कुछ होता हैं अवनी हस्ते हुए कहती है।

अवनी की दोस्त -अच्छा सच में फिर तो मुझे कुछ गड़बड़ लग रही है। कही तू उससे प्यार तो नही करने लगी ?

अवनी -पता नहीं यार बस अच्छा लगता है जब मैं उससे लड़ती हू और वो मुझसे,,अलग सी फीलिंग होती है जो मैं तुझे बता नही सकती अवनी कहीं खो से जाती हैं वो पवन को याद करने लग जाती है उसे वो सब कुछ याद आने लगता है जो टाइम उसने पवन के साथ बिताया था थोड़ी देर बाद अपनी दोस्त से कहती है चल यार अब मैं सोने जाती हू बहुत पीली यार सुबह निकलना भी है अवनी वहां से उठकर चली जाती है सोने।

पवन बैठा बैठा सोच ही रहा था की तभी कोई उसके पास आकर बैठता है और बोलता है!!

अरे आप तो सुरेश जी के घर पर रह रहे थे ना शायद उनके होने वाले दामाद हो आप इतनी रात को कह जा रहे हो पवन जी???

पवन ये सुन कर घबरा जाता है कुछ नहीं बस मैं तो ऐसे ही उससे कुछ बोला नहीं जाता और वो उठ कर बस से उतरने लगता है ।

अरे आप कहां चल दिए सुनिए तो???

पवन बस से उतर जाता है और तेज़ी से चलने लगता है और चलते चलते सोचता है की कही इसने अवनी के पापा को बता दिया तो ?? सब गड़बड़ हो गई यार मेरे साथ ही हर बार ऐसा क्यों होता है? मुसीबत तो जैसे मेरी बेस्ट फ्रेंड बन गई है तभी सामने से एक कार उसे आते हुए नही देखती और उस कार से पवन टकरा जाता है और जमीन पर गिर जाता है उसके सिर से बहुत ब्लड निकल रहा होता है

क्या पवन सही टाइम पर हॉस्पिटल पहुंच पाएगा और अवनी को इस बात का पता चल पाएगा?