Meri Dusri Mohabbat - 17 in Hindi Love Stories by Author Pawan Singh books and stories PDF | मेरी दूसरी मोहब्बत - 17

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मेरी दूसरी मोहब्बत - 17

Part - 17 Faisla

वर्तिका रोते रोते अपने कमरे मे आती है और अपना सामान पैक करने लगती है अवनी कमरे मे जाकर उसे रोकते हुए कहती है,

अवनी-यार मुझे माफ कर दे मैंने गुस्से में कुछ भी बोल दिया और तू मेरी best friend है इतना तो तू मेरी बातों को नजरअंदाज कर ही सकती हैं।

वर्तिका (गुस्से से)- हां कर सकती थी पर तूने किसी और की वजह से मुझे घर से जाने को कहा है और ये मै बिल्कुल बर्दाश नहीं कर सकती। अगर तुझे पवन पसंद है तो तू मुझे बोल सकती थी पर इस तरह से जो तूने को कहा, वो बिल्कुल गलत था और मै जा रही हूं तुझे जिससे भी शादी करनी है तू कर मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। और तू इसकी टेंशन मत ले की तेरे घर वाले क्या बोलेंगे अगर मैं ऐसे चली गई क्योंकि अगर वो कुछ पूछेंगे तो मैं संभाल लूंगी पर सच नही बताऊंगी।

अवनी वर्तिका को रोकने की बहुत कोशिश करती है पर वर्तिका नही रुकती।वर्तिका को जाते सुरेश जी देख लेते है,

सुरेश जी- अरे बेटा तुम इतनी रात को ऐसे सामान के साथ कहां जा रही हो ??

वर्तिका- अंकल जी वो अचानक मेरी cousin sister ki तबीयत खराब हो गई है और दरअसल हम दोनो साथ मे ही रहते है मैं यहां दिल्ली आ गई थी और वो कानपुर मे अकेली थी तो उसका फोन आया की तबीयत खराब हो गई तो मुझे जाना होगा !!

(सुरेश जी)- ठीक है बेटा एक काम करो मैं तुम्हारे साथ एक guard भेज देता हूं??

पवन बोलता है - जी नही अंकल जी मैं वर्तिका को एयरपोर्ट तक छोड़ देता हूं वो comfortable bhi फील करेगी

वो जानबूझकर कर बोलता हैं क्यूंकि उसे कुछ सही नही लगता और वो सच जाने के लिए वर्तिका के साथ जाना चाहता है।

सुरेशजी ठीक है तुम चले जाओ पर बेटा वर्तिका जब सब सही हो जाए तो शादी मे ज़रूर आना !!!

(वर्तिका)जी अंकल बिल्कुल आऊंगी आप चिंता मत कीजिए।

(पवन वर्तिका दोनो निकल जाते है घर)

वहा अवनी अपने कमरे मे टेंशन मे अपने आप से बात करते हुए सोचती है -

ये मैंने क्या कर दिया मुझे हो क्या गया है मैं अपनी ही बेस्ट friend को घर से जाने के लिए कैसे बोल सकती हूं वो भी पवन की वजह से। मुझे क्या फर्क पड़ता है अगर वो उसके साथ कही भी जाए पर ये जो भी हो रहा है मुझे रोकना होगा क्योंकि मुझे सिर्फ आलोक से प्यार है मैं किसी और के बारे मे सोच भी नहीं सकती अब मुझे एक डिसीजन लेना ही होगा अगर मे घर वालो को सच नही बता सकती तो मुझे यहां से निकलना होगा मुझे आलोक के पास जाना हैं

हां ये करना बिलकुल सही होगा मुझे जल्दी ही कैलिफोर्निया जाना होगा आलोक के पास।

अवनी कैलिफोर्निया जाने के लिए planning करना शुरू कर देती है वो अपने एक फ्रेंड को passport और visa के लिए कहती है

और दूसरी तरफ पवन वर्तिका से पूछता है- कि आखिर बात क्या हुई है तुम दोनो मे और मुझे सच सुना है सिर्फ सच।

वर्तिका उसे सब सच बाती है और कहती है- कि मुझे ऐसा लगता है की वो तुम्हें पसंद करने लगी है इसलिए उसे अच्छा नही लगता था जब भी मैं तुम्हारे साथ होती थी पर उससे मैने पूछा तो वो मानने को तैयार ही नही है

पवन ये सुनकर दंग रह जाता है और कहता है वर्तिका तुमको कोई गलतफहमी हुई है वो सिर्फ आलोक से प्यार करती है ये बात तुम्हे भी पता है

वर्तिका का - हां मुझे पता है पर मैं।जानती हूं की उसके दिल मे कुछ तो है तुम्हारे लिए जो वो छुपा रही है देखना तुमको बहुत जल्द समझ आ जायेगा

Airport पर वर्तिका उतर जाती है और जाते जाते कहती है की अगर अवनी तुम्हारे लिए कुछ सोचती है तो उसमे कुछ गलत नही है क्योंकि तुम हो ही इतने अच्छे की कोई भी लड़की तुमको पसंद कर ही लेंगी,अच्छा अब मैं चलती हूं अपना ध्यान रखना और अवनी का भी bye।

( पवन ये सुन कर टेंशन मे आ जाता है)

पवन -अगर वर्तिका सच बोल रही है की अवनी मुझे पसंद करती है तो मुझे खुशी है क्योंकि मुझे तो पहले ही अवनी पसंद है पर मुझे इस बात की टेंशन हो रही है अगर अवनी ने शादी के लिए हां करदी तो सब गड़बड़ हो जायेगा मुझे शादी अभी नहीं करनी मैं अभी शादी के लिए ready ही नही हूं, और अवनी को मेरी मे सच भी नही पता और ना ही उसे सच बता सकता हूं क्या यार एक मुसीबत से निकला नही की दूसरी तयार है ।

पर अब मुझे decision लेना ही होगा मुझे अब वापस अपने घर जाना होगा भले ही मुझे घर जाके कुछ भी झेलना हो पर अब मेरे पास और कोई रास्ता नहीं बचा क्योंकि अगर सब को मेरे बारे मे सच पता चल गया तो वो लोग मुझे माफ नही करेंगे और नही अवनी मुझे माफ करेगी इससे अच्छा होगा की मैं चुपचाप यहां से निकल जाऊं ये ही सही रहेगा।

पवन वापस घर की तरफ़ निकल पड़ता है घर जाकर वो अवनी के पास जाता है उससे बात करने । अवनी फोन पर बात कर रही होती है

(अवनी phone पर)

नही मेरे पास एक week का टाइम नही तू मुझे बस दो दिन में सब ready कर के दे मुझे बहुत urgent है फिर उसकी नज़र पवन पर पड़ती है पवन को देखकर वो घबरा जाती है और फोन रख देती है ।

अवनी (घबराते हुए) क्या हुआ क्या काम है बोलो?

पवन- इतना क्यों घबरा रही हो सब ठीक है ना?

अवनी -हां हां सब ठीक हैं तुम बताओ ना मेरे कमरे में कैसे? कोई काम या यूंही???

पवन- मै बताने आया था की वर्तिका को एयरपोर्ट तक मैं छोड़ आया हूं ।

अवनी -ओह अच्छा वो यार उसकी बहन की तबीयत ज्यादा ही खरब हो गई हैं इसलिए उससे जाना पड़ा ।

पवन- हां उसने सब बताया मुझे !!!अवनी तुम मुझसे कुछ कहना तो नही चाहती ??? पवन कोशिश करता है की अवनी खुद उसे सच बतादे ।

अवनी मै क्या कहूंगी कुछ भी तो नही तुम्हे ऐसा क्यों लगा कि मुझे कुछ तुमसे कहना है??? अवनी नाटक करती है और उससे कुछ नही कहती।

पवन – नही बस ऐसे ही। अच्छा मै अब जाता हूं तुम बात जारी रखो अपने...... फोन पर disturb कर दिया था तुम्हे मैने पवन वहा से चला जाता है

(अवनी के पापा के कुछ दोस्त घर आते है सुरेश जी पवन को उन सब से मिलवाते है )

सुरेश जी- ये है हमारा होने वाला दामाद पवन

(पवन सबसे मिलता है )

सुरेश जी- मै बड़ा किस्मत वाला हूं जो ऐसा दामाद मुझे मिला  सारे गुण है इस मे इस घर का दामाद बनने के लिए और आपको एक बात बताता हूं कुश्ती मे तो ऐसे ऐसे दाव पेंच जानता है की अच्छे अच्छे नही जानते होगे क्या कुश्ती लड़ता है ।

पवन को ये सब सुन कर बहुत अजीब लग रहा होते है क्योंकि उसे तो यहां से भागना था वो सुरेश जी को चुप करते हुए कहता है

अरे ऐसा कुछ नही है उस दिन तो पता नहीं कैसे बस जीत ही गया था अंकल आप तो बस सैंटी हो जाते हो आप इतने अच्छे हो कि।कोई भी आपके साथ अच्छा ही होगा ना ये सुन कर सुरेश जी के दोस्त पवन की तारीफ करते हुए कहते है -सच में बड़ा ही अच्छा लड़का है बहुत नेक विचार है इसके लड़का तो बड़ा अच्छा ढूंढा है तूने सुरेश???

(सुरेश जी हस्ते हुए )

बस किस्मत अच्छी समझ लो आप सब मेरी।

पवन - अंकल जी मै एक स्टोरी पर काम कर रहा हूं तो मुझे थोड़ा काम है आप लोग बाते कीजिए पवन बहाना बनाके वहा से निकल जाता हैं सीढ़ियों से जाते समय अवनी की मां से टकरा जाता है

अवनी की मां- अरे इतनी जल्दी मे कहा जा रहे हो बेटा???

पवन कुछ नही कमरे मे जा रहा था आंटी जी

अवनी की मां – तुमने अवनी को‌ कुछ बताया तो नहीं ना की मुझे सब पता है?

पवन- जी नही आप चिंता मत कीजिए मै उसे कभी नहीं बताऊंगा ।

अवनी की मां – मुझे तुम पर पूरा भरोसा है बेटा वैसे मुझे तुमसे कुछ और भी बात करनी थी ।

पवन -आंटी जी मुझे बहुत जरूरी काम है मै पक्का फ्री होने के बाद आप से बात करता हूं

अवनी की मां- ठीक है तुम जाओ बेटा अपना काम करो।

पवन बड़ी मुश्किल से वहा से निकल जाता है और बोलता है एक जगह से निकलता हूं तो दूसरी जगह फस जाता हूं ।

क्या पवन और अवनी एक दूसरे को बिना बताए घर से भाग पाएंगे या दोनो को एहसास होगा की वो दोनो एक दूसरे के लिए बने है और अपना फैसला बदल देंगे????