Meri Dusri Mohabbat - 16 in Hindi Love Stories by Author Pawan Singh books and stories PDF | मेरी दूसरी मोहब्बत - 16

Featured Books
Categories
Share

मेरी दूसरी मोहब्बत - 16

Part - 16 True Love

पवन वर्तिका दोनों डांस करने मे busy होते है तभी पवन कि नज़रे अवनी को ढूंढती है अवनी उसे कही दिखाई नहीं देती।

पवन डर जाता है और वर्तिका से कहता है अवनी कही नज़र नहीं आ रही???

उस पर वर्तिका बोलती है अरे घबराओं मत यही होंगी और कहा जाएगी।

पवन- मैं  देखकर आता हूँ

पवन अवनी को पूरे club मे देखता है पर वो उसे कही नज़र नहीं आती वो बहार जाता है तो अवनी बहार बैठी होती है

पवन अवनी से पूछता है – तुम यहां क्या कर रही हो?? पार्टी अंदर चल रही है ना कि बाहर ।

(अवनी गुस्से से )-मुझे पता है अंदर मेरा मन नहीं लग रहा था तो मे बहार आ गई तुम जाओ ना वर्तिका के साथ डांस करो वो wait कर रही होंगी।अवनी पवन को ताना मारते हुए कहती है।

तभी वर्तिका भी बाहर आ जाती है और दोनों से कहती है चलो अंदर बाहर क्या कर रहे हो????

पवन समझ जाता है कि अवनी का mood  ठीक नहीं वो वर्तिका को समझाता है चलो अब घर चलते है टाइम ज्यादा हो गया है अगर ज्यादा लेट हुआ तो अंकल गुस्सा हो जायेंगे।

वर्तिका -अभी तो आये है यार थोड़े देर रुक जाते है ना??

पवन -नहीं वर्तिका समझा करो,वो वर्तिका को समझा कर चलने के लिए मना लेता है।

(तीनो घर के लिए निकल पड़ते है )

वर्तिका – अवनी तुम अचानक से कहां चली गई थी???

अवनी – वो यार मुझे थोड़ा अजीब feel हो रहा था तो बस बाहर चली आई थी।

वर्तिका – वैसे पवन तुम डांस तो बहुत अच्छा करते हो??

अवनी तुम्हे हमारा डांस देखना चाहिए था!!!

पवन – तुम भी कुछ कम नहीं हो हमारी केमिस्ट्री देख कर वहा लोग जल रहे थे पवन वर्तिका से कहता है

वर्तिका (खुश हो के ) – अच्छा सच मे फिर तो हमारी जोड़ी खूब जमेगी है क्यों अवनी सही बोल रही हूँ ना?

(अवनी इस पर कुछ जवाब नहीं देती )

अवनी - तुम्हे बहुत मज़े आ रहे है??? मेरा वहा मन नहीं लग रहा था ये सोच कर कि पता नहीं कैसे इस मुसीबत से बाहर निकलूं और तुम मज़े से डांस कर रहे थे।

पवन उस पर जवाब देता है - तुम्हारी वजह से इतना लम्बा matter हुआ है अगर तुम उस दिन ही सब सच बता देती तो ये सब कुछ होता ही नहीं।

वर्तिका अवनी कि बातों से समझ जाती है कि उसे कुछ और बात परेशान कर रही है पर वो उस टाइम अवनी से कुछ नहीं कहती।

(कुछ देर बाद तीनो घर पहुंचते है )

सुरेश जी - आ गए??? और वर्तिका बेटा कैसा लगा दिल्ली घूम कर???

वर्तिका – अंकल जी बहुत अच्छा लगा मेरा तो वापस आने का ही मन नहीं था!!!!

सुरेश जी – हा हा हा कोई बात नहीं अब जब भी आउंगी तो दिल्ली ज़रूर घुमाएंगे तुमको।उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा।

तभी अवनी कि माँ पवन को साइड मे ले जा कर पूछती है की कुछ बात बनी? डान्स वंक्स किया दोनों ने???

पवन – अरे आंटी जी एक तो आप बात बात पर जैम्स bond मत बना करो यार जब देखो ये किया,वो किया, ऐसे करो,वैसे करो, बस करो आप मैं खुद सब हैंडल कर लूंगा।

अवनी कि माँ - पवन बेटा मैं तो बस पूछ रही थी तुम गुस्सा क्यों हो रहे हो।

पवन -आप बस कुछ पूछिए मत क्यों कि जब आप कुछ पूछती है तो मुझे tension होती है पवन ने चिढ़ते हुए कहा।

अवनी कि माँ – अच्छा ठीक है कुछ नहीं पूछ रही बस तुम सब संभाल लेना वो पवन को polite हो के बोलती है।

पवन -हाँ ठीक है आंटी जी

अवनी सीधा छत पर जाती है और वहा जा कर बैठ जाती है तभी वर्तिका आती है उसके पास उससे कहती है कि सच बता कि तुझे अच्छा नहीं लग रहा था ना पवन जब मेरे साथ डांस कर रहा था??

अवनी – ये तू क्या बोल रही है भला मुझे क्या फ़र्क पड़ेगा कि वो तेरे साथ डांस करें या किसी ओर के साथ!!

वर्तिका – तू सच बोल रही है ना???

अवनी – हा यार मैंने कभी तुझसे से झूठ कहा है क्या???

वर्तिका -ये तो अच्छी बात है मैं फालतू कि tension ले रही थी..चल आजा नीचे चलते है लूडो खेलते है

अवनी -मेरा मन नहीं है!!!!

वर्तिका -अरे मन को छोड़ तू बस चल वर्तिका अवनी को नीचे ले आती है और उसे पवन के कमरे मे ले कर जाती है वहा रुपेश, पवन लूडो के सामने बैठें होते है तभी वर्तिका बोलती हम दोनों भी खेलेंगे ।

रुपेश -हाँ क्यों नहीं वर्तिका जी (रुपेश वर्तिका को बड़े प्यार से कहता है )

(चारो खेलना शुरू कर देते है)

सबसे पहले रुपेश गेम से बाहर होता है और फिर वर्तिका, पवन ओर अवनी के बीच गेम बचा होता है वर्तिका पवन को support करते हुए कहती है मुझे तो लग रहा है पवन ही बाज़ी मरेगा???

रुपेश – वर्तिका जी ये गेम है कुछ भी हो सकता है देखते जाओ बस??

देखते ही देखते अवनी पवन को हरा देती है अवनी ख़ुशी से नाचने लगती है पवन अवनी को देख कर बहुत खुश होता है ओर मन मे कहता है तुम्हे हस्ता हुआ देख मैं रोज़ हारने को तैयार हूँ,तभी वर्तिका बोलती है क्या बात है तुम तो हार कर बड़े खुश लग रहे हो???

पवन – कुछ नहीं बस सोच रहा था कि कभी कभी हारना कितना अच्छा होता है.. चलो भाई मे तो चला सोने बहुत नींद आ रही है और पवन वहा से चला जाता है

अवनी,वर्तिका सोते वक़्त आपस मे बात करते है -

अवनी – तेरा प्रोजेक्ट कब तक चलेगा दिल्ली मे?

वर्तिका – अभी दो दिन है....

अवनी – तुझे नहीं लगता कि तू पवन कि तरफ ज्यादा ध्यान दे रही है पर मे तुझे एक बात बता दू वो बिलकुल तेरे टाइप कर नहीं है मुझे तो वो बहुत बोरिंग लगता है और तू यार इतना chill करने वाली लड़की है तेरे साथ अच्छा नहीं लगेगा वो तू सुन रही है ना मे क्या बोल रही हूँ???

वर्तिका सो जाती है, अवनी उसकी तरफ देखती है फिर वो भी सो जाती है

(अगली सुबह )

वर्तिका पवन को बोलती है कि मुझे अपने प्रोजेक्ट के लिए जाना है और मुझे यहां कुछ पता भी नहीं तो तुम मेरे साथ चलोगे???

पवन – मै?? तभी अवनी को सामने से आते हुए देख लेता है अवनी को देख कर बोलता है हाँ बिलकुल चलूँगा।

वर्तिका खुश हो जाती है।

अवनी – कही जाने का प्लान बन रहा है क्या?

वर्तिका हाँ वो मुझे काम था तो सोचा पवन को भी ले जाऊ??

अवनी – कैसा काम?

वर्तिका – ऑफिस के प्रोजेक्ट के लिए जाना है तो जगह नहीं पाता तो सोचा पवन थोड़ी हेल्प करदेगा मेरी।

अवनी – पवन क्यों??? रुपेश को बोल देती हूँ वो चला जाएगा???

वर्तिका – नहीं रुपेश घर पर नहीं है मै पवन के साथ ही जाउंगी।

अवनी को ये सुन कर वर्तिका पर गुस्सा आता है और वो कहती है - तू मेरे साथ एक मिनट चल वो वर्तिका को ले कर कमरे मे जाती है और कहती है - तू 24 घंटे पवन पवन क्यों करती रहती है जब देखो उसके साथ रहने का बहाना बनाती है???

वर्तिका – तो इस मे प्रॉब्लम क्या है तुझे बड़ी जलन हो रही है अगर मै उसके साथ टाइम स्पेंड करना चाहती हूँ तो??? उस दिन पार्टी मे ही मैं समझ गई थी कि तुझे हमें साथ देख कर अच्छा नहीं लग रहा था इसलिए तुझसे पूछा भी था पर तूने खुद कहा था कि तुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है तो अब क्या हुआ तुझे???

अवनी – ऐसा कुछ नहीं है मै बस ये बोलना चाहती हूँ कि तुझे अकेले जाते देख पापा कही गुस्सा ना हो जाये इसलिए मे रुपेश को ले जाने का बोल रही थी

वर्तिका – मै बच्ची नहीं हूँ सब समझती हूँ कि तुझे कुछ तो हुआ है पर मुझे ये समझ नहीं आ रहा कि जब तू आलोक से प्यार करती है तो तुझे जलन क्यों हो रही है??

अवनी को गुस्सा आ जाता है – देख वर्तिका मैंने तुझे कहा ना कि ऐसा कुछ नहीं है अगर फिर भी तुझे ऐसा लग रहा है तो मुझे और कुछ नहीं कहना और अगर तुझे मेरा बिहेवियर अच्छा नहीं लग रहा तो तू यहां से जा सकती है

वर्तिका को सुन कर बहुत बुरा लगता है- ओह!!! तू ये ही तो चाहती थी कि मे यहां से चली जाऊ वो बात तेरी ज़ुबान पर आ ही गई तू बहुत बदल गई है अवनी फिर वर्तिका वहा से चली जाती है)

अवनी सोच मे पड़ जाती है- वर्तिका सही तो बोल रही थी मुझे कुछ फ़र्क नहीं पड़ना चाहिए जब मे आलोक से प्यार करती हूँ पर मुझे फ़र्क क्यों पड़ रहा है. मै सिर्फ आलोक से प्यार करती हूँ और जल्दी ही पापा को सब सच बता दूंगी फिर पवन अपने रास्ते चला जाएगा और मुझे भी इस मुसीबत से छुटकारा मिल जाएगा |

क्या अवनी आलोक को भुला कर पवन को अपना लेगी??? या सच बता कर पवन को जाने देगी?????