Meri Dusri Mohabbat - 7 in Hindi Love Stories by Author Pawan Singh books and stories PDF | मेरी दूसरी मोहब्बत - 7

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मेरी दूसरी मोहब्बत - 7

Part – 7 Meeting Awani

गुंडे राजकुमार को एक कार में बैठाकर ले जा रहे थे। नशे के इंजेक्शन की वजह से राजकुमार को बेहोश कर दिया गया था। गुंडे नोएडा आ जाते है। जंहा पर वह एक फैक्ट्री में एक कमरे में राजकुमार को बंद कर देते है। टेबल पर खाने की थाली सजी होती है। राजकुमार को धीरे धीरे होश आता है तो वह चोंककर खड़ा हो जाता है और इधर उधर देखता है।

वहाँ उसे कोई भी नही दिख रहा था। वह भागकर कर कमरे का दरवाजा खोलने की कोशिश करता है लेकिन वह बाहर से बंद था इसलिए वह वापस उदास होकर कुर्सी पर बैठ जाता है। उसे थाली में खाना रखा हुआ मिलता है। जिसे वह जल्दी से खा लेता है। फिर गुस्से में बोलता है।

कँहा फस गया यार! अच्छा खासा जिंदगी चल रही थी। लेकिन नही! मुझे तो कुछ करना ही है। साला इससे अच्छा तो हम सौंदर्या से शादी कर लेते।

अब यहाँ से कैसे निकला जाए? सोचना पड़ेगा!

राजकुमार वापस दरवाजे के पास जाता है और दरवाजे के छेद से बाहर की तरफ देखता है तो बाहर उसे चार लोग बंदूक लिए खड़े दिखाई दे रहे थे।

हमने इस लड़के को क्यों पकड़ रखा है? एक गुंडे ने पूछा।

अरे बहुत मोती फर्म है ये लड़का! सीकर जिले का राजकुमार है।

ओह तो हम इसको किडनैप करके इसके शाही परिवार से पैसे मांगेंगे? दूसरे गुंडे ने पूछा।

अबे नही बे! इसको मार देना है। पैसे तो हमे पहले ही मिल चुके है। इसके लिए। बस अब तो काम खत्म करना है! गुंडे ने जवाब दिया।

तो हम इंतज़ार किसका कर रहे है?

बॉस का! गुंडे ने जवाब दिया।

राजकुमार ये सुनकर डर जाता है। और भागकर पीछे कुर्सी पर सिर रखकर बैठ जाता है।

अरे बाप रे! मतलब ये लोग मुझे आज रात टपकाने वाले है। भाग ना होगा यहाँ से मुझे वरना लेने के देने पड़ जाएंगे! राजकुमार ने सोचते हुए कहा।

लेकिन मै करू क्या? ये सोचकर राजकुमार ऊपर नीचे सब तरफ देखता है तभी उसे ऊंचाई पर exhaust पंखे की खिड़की नजर आती है।

मिल गया भागने का तरीका! इतना कहकर कुर्सी को टेबल पर रखकर वह खिसकाते हुए खिड़की के पास ले जाता है और फिर जल्दी से एक चम्मच को exhaust पंखे में फंसा देता है जिससे पंखा टूट जाता है और फिर अपने घुसो से वह उसे बाहर की तरफ धकेल देता है।

जल्दी से राजकुमार चढ़कर उस खिड़की से बाहर की तरफ निकलने लगता है तभी वह फंस जाता है। उसका आधा हिस्सा कमरे में और आधा बाहर था।

यार ये कैट वूमेन कैसे कर लेती है। इतनी छोटी जगह से निकलना! मै तो फंस गया हूं। तभी राजकुमार को गुंडे के कमरे में आने की आवाज आती है।

मर गया यार ये लोग तो कमरे में आ रहे है! इतना कहकर राजकुमार अपने आप को बाहर की तरफ ढेकलने लगता है।

तभी कमरे के दरवाजे की खुलने की आवाज आती है लेकिन उससे पहले ही राजकुमार बाहर की तरफ एक कूड़ेदान में जाकर गिरता है। गिरते ही वह उठकर भागने लगता है और उन्हीं गुंडों की कार ले लेता है जिसमे उन्होंने चाबी लगी छोड़ दी थी।

गुंडे जैसे ही कमरे में आते है वह राजकुमार को ना देखकर गुस्से में एक दूसरे को कहते है।

ये साला शाही मुर्गा गया कँहा?

पता नही बॉस तुम लोग यहाँ पर क्या झक मरवा रहे थे हरामखोरो । एक काम ठीक से नही होता तुमसे।

सर अभी तो यंही था वो लड़का! एक गुंडे ने सिर झुकाकर कहा।

तो क्या उसके पंख लग गए या मिस्टर इंडिया वाली घड़ी मिल गई है उसे जिससे वो गायब हो गया है? गुंडों के बॉस ने गुस्से में एल गुंडे के बाल पकड़ते हुए पूछा।

बॉस शायद वो उस खिड़की से निकल गया है! दूसरे गुंडे ने खिड़की की तरफ मेज और कुर्सी को देखकर बोला।

तो मेरा मुंह क्या ताक रहे हो गधों? उसे ढूंढो जाकर! गुंडों के बॉस ने जवाब दिया।

इसे सुनकर सभी बाहर की तरफ दौड़ते है तो वहाँ उनकी गाड़ी नही थी।

लगता है वो लड़का हमारी गाड़ी ले गया! एक गुंडे ने कहा।

चलो ढूंढते है वरना बॉस हमे मार देगा! इतना कहकर सभी गुंडे एक और गाड़ी में बैठकर उसे ढूंढने निकल जाते है।

दूसरी तरफ,

राजकुमार कार के जरिये नोएडा से दिल्ली में एंट्री कर लेता है और शाहदरा की तरफ आता है। वह कार को एक होटल के पास रोकता है। गाड़ी में देखता है तो कुछ पैसे पड़े होते है।

साथ एक डायरी और कलम भी।

वह पैसे लेकर होटल में चला जाता है। कुछ खाने का ऑर्डर कर देता है। शाम के 10 बज चुके थे। राजकुमार सोचने लगता है की आखिर अब वो क्या करे?

यार वापस चला जाता हूँ । क्या हुआ अगर सौंदर्या काटे और छुरी से खाना खाती है। क्या हुआ वो साफ सफाई और तमीज़ से बात करती है। लेकिन राजकुमार नार्मल language में क्यो नही बोलते है। खैर वापस जाना मतलब सौंदर्या से शादी लेकिन उससे भी ज्यादा खतरनाक ये की कोई तो है जिसने इन गुंडों को मेरे लिए hire किया था।

आखिर कौन हो सकता है जो मेरी सुपारी दे? आखिर कितने लोगो को पता था कि मै मेले में जा रहा हूँ। जरूर कोई ना कोई राजमहल में रहकर मेरा गेम बजाना चाहता है। लेकिन उन्हें पता नही है कि मै उनका जुलूस निकाल दूंगा।

फिलहाल यही कहीं पास में कोई होटल देखकर रुक जाता हूं।

राजकुमार खाना खाकर वापस एक होटल की तलाश में कार चालू कर देता है।

वह कार को लेकर वजीराबाद के पुल को पार कर रहा था तभी उसे शादी के जोड़े में एक लड़की वहाँ हाथ फैलाये खड़ी दिखाई देती है।

वह जल्दी से गाड़ी को उसके पास रोकता है। और आवाज लगाता है।

ओये इतनी रात को पुल पर हवा खाने का सही टाइम नही है।

वह लड़की गुस्से में जवाब देती रहती है। लेकिन राजकुमार उससे मजाक करता रहता है।

राजकुमार सोचता रहता है कि कैसे वह उस लड़की की जान बचाये और उसे ये बात भी छुपानी थी कि वो राजकुमार नही है। इसलिए वह बोल देता है।

मरने की इतनी भी जल्दी क्या है? पूरी रात पड़ी है तुम्हारे पास वैसे मैं पवन सिकरवार हूँ।

एक फ्लॉप लेखक हूँ।

तो अब आप लोग समझ गए कि हमारे हीरो पवन सिकरवार कैसे अवनि अवस्थी से मिले?

चलो अब कहानी में आगे बढ़ते है।

पवन यही सब सोच रहा था की कैसे वह अवनि से मिला था लेकिन तभी अवनि की आवाज उसके कानों में पड़ती है।

क्या हुआ पवन? किस सोच में डूब गए?

कुछ नही बस ऐसे ही।

तो तुमने अपने परिवार के बारे में नही बताया।

हाँ मै अनाथ आश्रम में पला बड़ा हुआ हूँ। तो मेरा कोई नही है। फ्रीलांस कुछ मैगजीन के लिए लिखकर दिन गुजार रहा हूं।

तो फिर आगे क्या सोचा है?

कुछ नही। बस यहाँ से निकलकर एक अच्छी कहानी को लिखकर बुक पब्लिश करवाऊंगा।

सॉरी मेरी वजह से तुम यहाँ फंस गए हो! अवनि ने पवन का हाथ पकड़ते हुए कहा।

कोई नही। अवनि इतना सुनकर अवनि वहाँ से चली जाती है । अपने कमरे में।

पवन बस एक गहरी सांस लेकर बोलता है।

काश अवनि मै तुम्हे अपने बारे में सच बता सकता। लेकिन मै तुम्हे और तुम्हारे परिवार को खतरे में नही डाल सकता हूं।

तुम्हे उस लड़के की याद से निकाल कर वापस चला जाऊंगा! इतना कहकर पवन भी अपने कमरे में चला जाता है।

तो ये थे हमारे हीरो की कहानी लेकिन क्या हमारा हीरो अवनि और उसके परिवार को सच बताएगा? क्या अवनि अपने परिवार को पवन ओर उसके रिश्ते के बारे में बता पाएगी? या परिवार वाले करवा देंगे अवनि और पवन की शादी?