Part -6 Writer or Rajkumar?
सीकर जिले के सिकरवारी किले के राजकुमार की शादी उसके पिताजी ने पाली जिले की राजकुमारी सौंदर्या से तय कर दी है। दोनों बचपन के दोस्त हैं। लेकिन ज़रूरी नहीं कि बचपन के दोस्त एक-दूसरे से प्यार भी करते हों।
जब से राजकुमार की शादी तय हुई थी तभी से वह समझ नहीं पा रहा था कि क्या करे?
क्योंकि वह तो किसी और लड़की से प्यार करता है। इस जबरदस्ती शादी के लिए उसका मन नहीं मान रहा था। लेकिन वह करता भी क्या ? क्योंकि उसके पिताजी जी सिर्फ आदेश ही देते हैं। किसी के मन की बात सुनना और जानना उनके लिए जरूरी नहीं था।
राजकुमार अपने मखमली बिस्तर पर लैटा है। बैचेन है, करवटें बदल रहा है। सोचता है - क्या करूँ। समझ नहीं आ रहा। पिताजी तो मेरे बात मानेंगे नहीं। उन्होंने सौंदर्या के पिताजी को वचन जो दिया है। सौंदर्या के पिताजी दोस्त तो भी हैं, और रियासतें भी दे रहें शादी में। पिताजी का वर्चस्व जो बढ़ जाएगा पाली में मेरी शादी करने से। लेकिन सब कुछ यश के लिए नहीं होता दिल भी कोई चीज़ है आखिरकार । पर पिताजी को यह बात कौन समझाए।
सोचते सोचते ही राजकुमार की आँख लग जाती है।
सुबह नींद खुलते ही फिर शादी की चिंता सताने लगती है राजकुमार को। नहा धोकर नाश्ता करके वह अपने बचपन के दोस्त सोहन के साथ तालाब पर घूमने आता है।
सोहन - राजकुमार की ओर देखते हुए कहता है की क्या हुआ कुछ परेशान लग रहें हो।
सोहन आज तुम्हारे दोस्त को तुम्हारी बहुत जरूरत आन पड़ी है।
क्या हुआ राजकुमार बोलिए तो सही आप हमारे किले के राजकुमार हैं और हमारे बचपन के दोस्त भी। आपके लिए जान हाजिर है। आज्ञा दें।
सोहन मुझे तुमसे यही उम्मीद थी।
अपनी परेशानी बताइए राजकुमार- सोहन ने दोस्ती निभाते हुए कहा।
सोहन पिताजी ने मेरी शादी राजकुमारी सौंदर्या से तय कर दी है।
अच्छा राजकुमारी सौंदर्या - (खुश होते हुए) ये तो बहुत खुशी की बात है राजकुमार वो आपकी बचपन की दोस्त भी हैं। कितनी सुन्दर और सुशील है। आपकी तो उनके साथ खूब जमती है।
अरे! दोस्त सोहन - मेरी दोस्त है सौंदर्या लेकिन फिर भी मैं ये शादी नहीं करना चाहता।
क्यों सोहन ने चौंकते हुए पूछा।
अरे! दोस्त मेरे जीवन में कोई और है, जिसे मैं प्यार करता हूँ।
ओह! तो यह बात है । अब समझा। (कुछ सोचते हुए) राजकुमार आप अपने पिताजी को स्पष्ट बता दीजिए कि आप शादी नहीं करना चाहते।
नहीं सोहन मैं ऐसा नहीं कर सकता पिताजी कभी नहीं मानेंगे। ये तुम्हें नहीं पता। वो सिर्फ आदेश देते हैं। न कुछ सुनते हैं, न समझते हैं।
फिर आप ही बताइए मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूँ - सोहन ने कहा ।
दोस्त मेरे दिमाग में एक योजना आई रही है। इसमें तुम्हारी मदद की जरूरत है।
क्या? - सोहन ने पूछा ।
तुम मेरी नकली किडनैपिंग का बंदोबस्त करा दो।
लेकिन राजकुमार इससे क्या होगा, जब आपको आपके पिताजी छुड़वा लेंगे, तब तो शादी हो ही जाएगी।
नहीं दोस्त ऐसा नहीं है। मेरी जन्मपत्री से पिताजी ने पता करवाया है कि मेरा विवाह फागुन माह में शुक्ल पक्ष की षष्ठी को ही होना चाहिए । पंडित ने कहा है यदि इस शुभ मुहूर्त में मेरा विवाह नहीं हुआ तो पूरे छह महीने का इंतजार करना पड़ेगा।
अच्छा समझ आया तो आप चाहते हैं कि उस दिन आपका किडनैप करा दिया जाए।
ताकि विवाह टल सके - सोहन ने झट से उत्तर दिया।
हाँ सही समझे, लेकिन तुम चतुर्थी को किडनैपिंग कराना ताकि असली लगे। तुम सब इंतजाम कराओ।
ठीक राजकुमार हो जाएगा- सोहन ने विश्वास दिलाते हुए कहा
इस प्रकार योजना बनाकर दोनों दोस्त अपने - अपने घर चले जाते हैं।
रात का समय हो चला है- राजकुमार भोजन करके अपने कमरे में लेटे हुए हैं । उधर सोहन सीधा अपने दोस्त रामसिंह के पास जाता है। सारी समस्या बताता है।
सोहन और रामसिंह पूरी योजना बनाकर राजकुमार पूरा प्लान समझाते हैं।
अब योजना के अनुसार राजकुमार और राजकुमारी सौंदर्या को मेले में घूमने जाना है । जहाँ जब वे कुछ खरीदारी करने के लिए गाड़ी से उतरेंगे। तभी किडनैपर राजकुमार की किडनैपिंग कर लेंगे।
महल से निकलते ही राजकुमार अपने दोस्त सोहन को सुरक्षाकर्मी के हाथ संदेश भिजवाता है कि राजकुमार ने बुलाया है। गाड़ी भेजी है आप भी मेले में घूमने चलेंगे। सोहन महल पहुंचता है। सोहन तुम हमारे पीछे-पीछे आना मैं और सौंदर्या एक गाड़ी में जाएंगे।
सोहन - ठीक है राजकुमार।
राजकुमार और सोहन दोनों महाराज से आज्ञा लेने जाते हैं।
दोनों महाराज के चरण स्पर्श करते हुए आशीर्वाद लेते हैं।
महाराज - यशस्वी रहो। बरखुरदार सौंदर्या के साथ मेले में घूमकर शाम तक समय तक लौटना है। सौंदर्या को समय से वापिस पहुँचा देना । कल से आपकी माता जी व उनकी माताजी को विवाह की बहुत सी रस्म पूरी करनी हैं।
ठीक है पिताजी जी, जैसी आपकी आज्ञा - राजकुमार ने कहा।
गाड़ी में बैठते हुए ड्राइवर को राजकुमार को पाली जिले की तरफ पहुँचने का आदेश दिया।
अब राजकुमार एक गाड़ी में व राजकुमार दूसरी गाड़ी में पाली किले की तरफ जा रहे हैं।
हमें राजकुमारी सौंदर्या पाली महल के बाहर के दुर्गा देवी के मंदिर पर मिलेंगी। राजकुमार ने सुरक्षाकर्मी को बताया।
अब करीब एक घंटे के उपरांत ही राजकुमार पाली किले का दुर्गा मंदिर पहुँच जाते हैं।
राजकुमारी सौंदर्या अपनी सहेली के साथ राजकुमार का बेसब्री से इंतजार कर रही है। वहीं करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर सिंधी जिले में प्रसिद्ध प्रताप बाग का मेला लगता है। जहाँ आज राजकुमार और राजकुमारी सौंदर्या घूमने जा रहे हैं।
वैसे तो दोनों मिलते रहते थे लेकिन शादी तय होने के बाद राजकुमारी व राजकुमार की पहली मुलाकात है। राजकुमारी सौंदर्या राजकुमार से प्यार करती है इसलिए खुश है। राजकुमार आज अपनी योजना को अंजाम देने वाला है इसलिए खुश है। दोनों ही खुश हैं, लेकिन कारण अलग - अलग ।
दुर्गा मंदिर पहुँचकर - राजकुमारी सौंदर्या बहुत सुंदर लिबास में अपनी सहेली के साथ इंटेज्जर कर रही हैं।
राजकुमार सौंदर्या को गाड़ी में बैठाने के लिए आमंत्रित करते हैं।
सौंदर्या राजकुमारी के साथ व उनकी सहेली सोहन की गाड़ी में है।
दोनों गाडियाँ प्रताप बाग के मेले में पहुंच जाती हैं।
जहाँ राजकुमार और राजकुमारी सौंदर्या मेले में घूम रहे हैं। सौंदर्या मेले से चुनरी खरीदने की इच्छा जाहिर करती है। एक दुकान पर रुककर राजकुमार और राजकुमारी सौंदर्या चुनरी खरीदते हैं। राजकुमार का सुरक्षाकर्मी गाड़ी के पास है। राजकुमार ने सुरक्षाकर्मियों को गाड़ी की निगरानी के लिए वहीं रूकने को कहा। वो और सौंदर्या दुकान में खरीदारी कर रहे हैं। सोहन और राजकुमारी की सहेली भी साथ हैं।
राजकुमार बैचेनी से इधर - उधर देख रहा है।
सौंदर्या लाल रंग की सुंदर चुनरी खरीदकर बहुत खुश है।
तभी अचानक से एक गाड़ी रुकती है और उसके लोग राजकुमार और राजकुमारी को ज़बरदस्ती अपनी गाड़ी में बैठाते हैं।
सोहन और राजकुमारी की सहेली पर एक सुरक्षाकर्मी बंदूक तानकर खड़ा हो जाता है।
राजकुमार हाथापाई करता है। लेकिन दो गुंडे राजकुमार और राजकुमारी को अपनी गाड़ी में बैठाने में कामयाब हो जाते हैं।
बंदूक तैनात करने वाला गुंडा भी सोहन और राजकुमारी की सहेली को धक्का देकर चलती गाड़ी में भागकर चढ़ जाता है।
तभी मौका देखकर राजकुमार होशियारी से राजकुमारी सौंदर्या को गाड़ी से बाहर धकेल देता है।
एक गुंडा कोशिश करता है गाड़ी से नीचे उतरने की। ताकि राजकुमारी को दुबारा पकड़ सके। इतने में राजकुमार के सुरक्षाकर्मी भागते हुए गाड़ी के पास पहुँचने वाले हैं।
सुरक्षाकर्मियों को आते देख गुंडे अकेले राजकुमार को लेकर भाग खड़े होते हैं।
अपनी किडनैपिंग पर राजकुमार मन ही मन खुश हो रहा है।
उधर गुंडे आपस में बात करते हैं कि पूरे दस लाख लेंगे, यदि राजकुमारी भी होती तो बीस लाख होते।
दूसरा गुंडा - अरे! तो क्या हुआ ये राजकुमार है शादी भी होने वाली है। हम इसका बीस लाख लेंगे। नहीं तो इसके पिता को इसकी टुकड़े ही मिलेंगे।
पहला गुंडा - हाँ यार मैंने पता किया इसकी परसों शादी है।इसका मुँह मांगी रकम देगा।
गुंडे एक-दूसरे की बात सुनकर जोर का ठहाका लगाते हैं।
राजकुमार सब सुन रहा है लेकिन उसका मुंह तो कपड़े से बंधा है। वह कुछ नहीं बोल पा रहा।
लेकिन राजकुमार को गुंडों की बातों से एहसास हो गया था कि ये किडनैपर असली हुई हैं। उसकी असली में किडनैपिंग हो गई है।
राजकुमार अपने को छुड़ाने की कोशिश करता है।
तभी आगे गाड़ी चलाने वाला गुंडा कहता है- ओए इसे ये इंजेक्शन लगा... नहीं तो ये परेशान करता ही रहेगा।
दूसरा गुंडा - तुरंत राजकुमार की बाजू में इंजेक्शन ठोक देता है ।
राजकुमार धीरे-धीरे बेहोश हो जाता है।
अब राजकुमार इन गुंडों के चंगुल से बच पाएगा या गुंडे राजकुमार के पिताजी से रकम वसूलने में कामयाब हो पाएंगे.....