Part 1 - Suicide Spot
अगर कोई लड़की किसी पूल पर हाथ हवा में फैलाये खड़ी नदी के पानी को निहार रही हो तो जरूरी तो नही वो सुसाइड करने वाली हो? हो सकता है कि वो नजारा देख रही हो तो मुसाफिरों और आशिकों अपनी सीट की पेटी बांध लें क्योंकि हम ला रहे है आपके लिए एक अनोखी कहानी वो भी मेरी जुबानी जिसका नाम है मेरी दूसरी मोहब्बत |
अब कहानी शुरू होती है। हमारे हीरो पवन सिकरवार से जो कि एक फ्लॉप लेखक है और कुछ अच्छा लिखने के लिए अच्छी कहानी ढूंढ रहे है। अब उन्हें अच्छी कहानी मिली या नही ये तो नही पता लेकिन उन्हें उनकी पहली मोहब्बत जरूर मिल गई दूसरी तरफ है हमारी हीरोइन अवनी अवस्थी जो कि काफी अमीर और फलते फूलते दिल्ली की पंजाबी फैमिली का हिस्सा है लेकिन उनको कहानियों में कोई दिलचस्पी नही है इसलिए इन्हें कोई कहानी तो मिली नहीं लेकिन दूसरी मोहब्बत जरूर मिल गई। लेकिन कैसे?
अरे बताते है बताते सब्र रखो भइया सब बताएंगे आये है तो बता कर ही जाएंगे।
हमारी हीरोइन अवनी वजीराबाद के पुल पर खड़ी हाथ हवाओ में पसारे दुल्हन के लिबास में रात के 1 बजे खड़ी है तभी वहाँ पर एक गाड़ी रुकती है जिसमे से हमारे हीरो पवन सिकरवार उतर कर उसे आवाज लगाते है।
पवन - ओए इतनी रात को पुल पर हवा खाने का सही टाइम नहीं है। नीचे उतर जाओ
इसपर अवनी ने गुस्से में जवाब दिया।
अवनि - मै तुम्हे यहाँ दुल्हन के लिबास में हवा खाने के लिए खड़ी दिखाई देती हूँ?
पवन- तो फिर तुम वहां कर क्या रही हो?
अवनि- मै सुसाइड करने के लिए यहाँ खड़ी हूँ!
पवन- हाहाहा अच्छा मजाक है। भला इतनी खूबसूरत लड़की जिसने इतना मंहगा लहंगा पहना हो वो सुसाइड करना क्यो चाहेगी?
अवनि- मै ये बात तुम्हे क्यो बताऊँ?
पवन- देखो अगर तुम सच में सुसाइड के लिए आई हो तो क्या तुम मेरी मदद कर सकती हो मरने से पहले।
अवनि- तुम पागल हो क्या? मरने वाले से मदद मांग रहे हो।
पवन-अरे यार मरने से पहले कम से कम एक का तो भला करके जाओ।
अवनि -अच्छा ठीक है बोलो। लेकिन थोड़ा जल्दी क्योंकि मेरे पास टाइम नही है।
पवन- मरने की इतनी भी क्या जल्दी है। पूरी रात पड़ी है तुम्हारे पास। वैसे मेरा नाम पवन सिकरवार है और मै एक फ्लॉप लेखक हूँ तो मै एक अच्छी कहानी ढूंढ रहा हूँ। क्या तुम अपनी कहानी मुझे बता सकती हो?
अवनि- कितने कमीने हो तुम यहाँ मै मरने वाली हूँ और तुमसे मेरी कहानी सुनना चाहते हो जिससे तुम पैसे ओर फेम कमा सको। you're such an asshole
पवन - देखिये मोहतरमा आप तो मरने वाली ही है। तो आप मेरा भला करके ही मरो। आप टेंशन मत लो मै आपको अपनी कहानी में credit भी दूंगा।
ये सुनकर अवनी पुल पर बैठ जाती है।
पवन - दो मिनट रुकिए मै जरा किताब और कलम अपनी कार से लेकर आता हूँ।
अवनि- कितना बकवास आदमी है! इतना कहकर अवनि बस उसको कलम और एक कागज लेकर वापस आते हुए देखती है।
पवन- वैसे क्या मै पूछ सकता हूँ कि अपने शादी वाले दिन ही क्यों मरना चाहती है?
अवनि- देखो ज्यादा मुझसे मजे लेने की जरूरत नहीं है और ये तुम मेरे पैरों की तरफ क्यों देख रहे हो ? तुम्हे लगता है कि मै कोई भूतनी हूँ?
पवन- ऐसा मेने कब कहा मोहतरमा बस ऐसे ही चेक कर रहा था। मुझसे आजकल इतनी रात को लोग पुल पर खड़े दिखते नही है।
अवनि- तुम्हे कहानी सुन्नी है या नही?
पवन- हाँ जी बताइए।
अवनि- मेरा नाम अवनि है। मै हरियाणा के सांसद सुरेश प्रभु की बेटी हूँ। जब मै दिल्ली में पढ़ने आई थी तब मैं एक लड़के से मिली जिसका नाम आलोक था। वो काफी हैंडसम था। बिल्कुल अलग था। मैं उससे प्यार करने लगी थी। वो विदेश जाना चाहता था। कैलिफोर्निया में।
पवन ने चौंकते हुए पूछा।-तो फिर क्या हुआ?
अवनि-मेरे पापा ने एक लड़के से मेरी शादी तय करदी। आलोक मुझसे प्यार करता था और मै भी उससे प्यार करती थी तो फिर मै कैसे किसी ओर से शादी कर सकती थी। इसलिए मैंने शादी वाले दिन आलोक के साथ भागने का इरादा किया लेकिन जब मै भागी तब आलोक का फ़ोन आया और उसने बताया कि वह तो मेरे बिना ही केलिफोर्निया निकल गया है और वो अपने सपने पूरे करना चाहता है। अब मै वापस नही जा सकती हूं क्योंकि मेरे पापा हरियाणा के बहुत बड़े माफिया है। वो मुझे जिन्दा नहीं छोड़ेंगे
पवन- देखो फिर तो अच्छा ही है क्योंकि तुम मरने जा रही हो तो वापस चली जाओ अगर तुम्हारे पापा ने तुम्हे मार दिया तो भी तुम्हारे लिए अच्छा है और माफ़ कर दिया तभी अच्छा होगा! पवन ने हँसते हुए जवाब दिया
अवनि- यहाँ मजाक चल रहा है क्या? वैसे भी तुम क्या जानो तुमने कभी प्यार किया हो तब ना फ्लॉप लेखक कहीं के।
पवन- देखो हमारे करियर का मजाक मत बनाइये और ब्रेकअप हमारा भी हुआ है लेकिन मै तुम्हारी तरह मरने नहीं निकला हूँ!
मैं देखने में ज़्यादा हैंडसम तो नहीं लेकिन एक लड़की थी जिसका नाम आरुषि था जिससे मैं बहुत प्यार करता था और शायद वो भी मुझसे प्यार करती थी..शायद !
आरुषि के लाखों हज़ारों आशिक़ों की तरह मै भी एक आशिक़ था, जिसको ये आश्कि डूबा ले गयी। एक बार की बात है, मै तनहा पार्क में रोज़ सैर करने जाता था। उसी पार्क में एक दिन बहुत ही सुन्दर लड़की आयी और मुझे बुलाने लगी। हम रोज़ यही मिलते रहे और एक दिन हम बहुत ही अच्छे दोस्त बन गए। हमारी दोस्ती इतनी गहरी हो गयी के अब पीछे जा पाना नामुमकिन था। मै अक्सर दिन ख़तम होने के बारे में सोचता था की शाम हो और मेरी मुलाकात उसके साथ हो पाए।एक दिन वो पार्क में आयी लेकिन मुझे कहने लगी ” मुझे लगता है की अब हमें ये दोस्ती ख़तम कर देनी चाहिए। ” मैंने उससे इसके पीछे का कारण पूछा और वो कहने लगी अब मेरा रिश्ता होने जा रहा है लेकिन हम फिर भी अच्छे दोस्त रहेंगे। असल में मेरे लिए एक बहुत ही अमीर फॅमिली से रिश्ता आया है और मै उसके लिए मना नहीं कर सकती। मुझे लगता है के अब हमें रोज़-रोज़ नहीं मिलना चाहिए।
इस तरह की बात उसके मुँह से सुनने के बाद मै खुद को नहीं रोक पाया। मेरा मन था के मै इस दुनिया में क्यों हूँ? फिर मुझे मेरे माँ और बाबा का ख्याल आया जिन्होंने अपनी पूरी ज़िन्दगी मुझपर कुर्बान कर दी। फिर मैंने खुद को संभाल लिया। कुछ महीनो बाद उसने मुझे मिलने को बुलाया। मै उसी पार्क में उसे मिलने गया। उसने मुझे कहा की वो मेरे बिना नहीं रह सकती। उसने कहा के वो आज भी मेरी है, एक पल मुझे विशवास हो गया। और मैंने फिर से मुस्कुराना शुरू कर दिया। मेरी ज़िन्दगी दुबारा रंगीन हो गयी। मगर वो बहुत ही ज़्यादा चालाक निकली, मेरे साथ प्यार के वादे करने के बाद, एक दिन वो मेरे ही एक अमीर दोस्त के साथ भाग गयी और मुझे भनक भी नहीं लगने दी।
ये सुनकर अवनि जोर जोर से हसने लगी।
अवनि - तुम्हारी बंदी भाग गई।
पवन -इसमें हंसने वाली कोई बात नहीं है।
अवनि - अच्छा अच्छा ठीक है। वैसे जैसा तुम्हारे साथ हुआ है उसमे प्यार नहीं था और मेरा वो प्यार है।
पवन -तो फिर तो तुम्हे उस लड़के को छोड़कर अपनी जिंदगी नए शुरू से शुरू करने चाहिए क्योंकि प्यार में खोया नहीं जाता प्यार तो पाने का नाम है।
अवनि - तो बताओ फिर मै क्या करू?
पवन- चलो मेरे साथ मै तुम्हारे पापा को समझाऊंगा वो मान जाएंगे पक्का!
ये सुनकर अवनि पवन के साथ वापस जाने को तैयार हो जाती है लेकिन क्या सच में अवनी के पापा मान जाएंगे या होगा कोई नया झमेला?