Triyachi - 27 in Hindi Fiction Stories by prashant sharma ashk books and stories PDF | त्रियाची - 27

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त्रियाची - 27

भाग 27

इसके बाद सभी फिर से अपने काम पर लौट जाते हैं। दूसरी ओर त्राचा ग्रह पर त्रियाची तोशिबा के संबंध में कोई सूचना आने का इंतजार कर रहा था। हालांकि उसे बहुत अधिक इंतजार नहीं करना पड़ा क्योंकि कालबाहू एक नई सूचना लेकर त्रियाची से मिलने के लिए उसके महल जा पहुंचा था। 

त्रियाची- कालबाहू हमें तुम्हारा इंतजार था। बताओ तोशिबा के बारे में क्या सूचना लेकर आए हो ? 

कालबाहू- राजे सूचना मिली है कि तोशिबा ने 5 लाख लोगों की एक सेना तैयार की है। वो सीधे पृथ्वी पर आक्रमण कर उसे नष्ट कर वहां से शक्तिपूंज लेकर आना चाहता है। 

त्रियाची- क्या 5 लाख ?

कालबाहू- जी राजे। एक सूचना और भी है। 

त्रियाची- वो क्या है ? 

कालबाहू- हमारा अंदाजा था कि तोशिबा को पृथ्वी तक पहुंचने में करीब एक वर्ष यानि कि 6000 दिन लग सकते हैं, परंतु हमारा यह अंदाजा गलत निकला है। वो अपने ग्रह ताशाबा से पृथ्वी की दूरी को अपनी तकनीक से तैयार विमानों के माध्यम से 60 दिन में ही पार कर सकता है। 

त्रियाची- क्या कहा सिर्फ 60 दिन। यह तो बहुत कम समय है। 

कालबाहू- हां, राजे हमारे पास जो सूचना आई है उसके अनुसार उसके विमानों की गति बहुत अधिक है। 

त्रियाची- इतने कम समय में तो हमारी सेना भी तैयार नहीं हो सकती है। ना ही हम नए हथियार बना सकते हैं। तो क्या पृथ्वी का विनाश निश्चित है ?

कालबाहू- क्षमा करें राजे परंतु तोशिबा को रोकने का कोई मार्ग नजर नहीं आ रहा है। 

त्रियाची- कालबाहू हमें इसी समय पृथ्वी पर जाना होगा। 

कालबाहू- जैसा आप ठीक समझे। 

इसके बाद त्रियाची पृथ्वी के लिए रवाना हो जाता है। वहीं दूसरी ओर सप्तक भी प्रणिता, अनिकेत, रॉनी, यश और तुषार से मिलने के लिए शहर में आ जाते हैं। जल्द ही सभी उसी पुराने खंडहर में मिलते हैं। 

अनिकेत- सप्तक जी अब बताइए इस परेशानी का क्या समाधान है ?

रॉनी- तोशिबा को अंतरिक्ष में कैसे रोक सकते हैं ?

प्रणिता- हमारी शक्तियां इतनी नहीं है कि हम तोशिबा का सामना कर सके। 

यश- मुझे नहीं लगता कि हम तोशिबा को रोक सकते हैं। 

तुषार - राजा त्रियाची भी अपनी शक्तियों के साथ उसके रोक पाने में असमर्थ है। 

सप्तक- बोल चुके आप सभी लोग ? अब मेरी बात को बहुत ध्यान से सुनो। सबसे पहले तो अपने मन से निकाल दो कि तुम्हारी शक्तियां साधारण है। ये पंचतत्वों की शक्तियां है, जो किसी भी तरह से साधारण नहीं है। पंचतत्वों से इस सृष्टि का निर्माण हुआ है। वहीं शक्तियां तुम लोगों के पास है। तुम पांचों मिलकर अपने आप में सृष्टि हो। तोशिबा इस सृष्टि से अलग नहीं है। हां वो त्रियाची से अधिक शक्तिशाली हो सकता है, परंतु ऐसा नहीं है कि उसे हराया नहीं जा सकता। इसलिए अपनी शक्तियों पर यकीन रखो। रही बात उसे अंतरिक्ष में रोकने की तो मैं तुम सभी को ऐसी शक्ति प्रदान करूंगा जिससे तुम सभी अंतरिक्ष में जाकर तोशिबा को रोक सकते हो। 

इन लोगों की बातचीत चल ही रही थी कि त्रियाची भी वहां पहुंच जाता है। 

अनिकेत- राजा त्रियाची आप यहां अचानक ?

त्रियाची- महत्वपूर्ण सूचना थी तो सोचा कि आप लोगों को भी सूचित कर दूं। सूचना अधिक महत्वपूर्ण थी इस कारण मैं स्वयं ही आ गया। 

सप्तक- क्या सूचना लेकर आए हैं राजा त्रियाची ? 

त्रियाची – ओह सप्तक जी आप भी यहां हैं ?

सप्तक- ईश्वर जो करता है वो अच्छे के लिए करता है राजा त्रियाची। अगर आप उस समय शक्तिपूंज को यहां से ले जाते तो तोशिबा आपके ग्रह पर आक्रमण करने की योजना तैयार कर रहा होता। और अगर शक्तिपूंज धरती से चला जाता तो फिर ये या मैं आपकी मदद के लिए उपलब्ध नहीं हो पाते। 

त्रियाची- जी यह बात तो आपने सत्य कही है। 

सप्तक- वैसे आप कौन सी महत्वपूर्ण सूचना लेकर आए हैं ? 

त्रियाची- महत्वपूर्ण सूचना यह है कि पहले हमारे पास ऐसी जानकारी थी कि तोशिबा को पृथ्वी तक पहुंचने में करीब 6000 दिन लगंगे, परंतु अब सूचना आई है कि उनकी सेना के पास ऐसे विमान है कि वे उनके ग्रह से पृथ्वी की दूरी को 6000 नहीं बल्कि महज 60 दिन में पूरी कर सकते हैं। 

सप्तक- ओह यह तो बहुत महत्वपूर्ण सूचना है। राजा त्रियाची इस सूचना को हम तक पहुंचाने के लिए आपका धन्यवाद। 

त्रियाची- कोई बात नहीं सप्तक जी। पृथ्वी सिर्फ आपकी नहीं बल्कि हमारी भी है। आज हम त्राचा पर रहते हैं परंतु जन्म तो हमारा भी पृथ्वी पर ही हुआ था। पृथ्वी को बचाना जितना आपके लिए आवश्यक है उतना ही हमारे लिए भी है। 

अनिकेत- अब क्या करेंगे सप्तक जी हम ? 

रॉनी- हां, इतने कम समय में तोशिबा को रोकने की तैयारी कैसे होगी ? 

सप्तक- सबसे पहले तो आप सभी लोग उस बात को याद रखें जो मैंने आपसे कही है। अगर उस बात को याद रखते हैं तो फिर इस स्थिति में भी चिंतित होने की कोई आवश्यकता नहीं है। 

तुषार - परंतु वो अंतरिक्ष में जाने की विद्या ?

सप्तक- वो भी मैं आपको दे दूंगा, आप उसकी भी चिंता ना करें। 

प्रणिता- सप्तक जी हमारे पास समय बहुत कम है। तोशिबा कभी भी धरती पर आक्रमण कर सकता है। 

सप्तक- कोई चिंता की बात नहीं है। वैसे राजा त्रियाची आपकी और आपकी सेना की क्या तैयारी है। 

त्रियाची- हमारी सेना युद्ध के लिए तैयार है। हमने अपनी सेना को कुछ नए हथियार तैयार करने का आदेश दिया है। हालांकि हमारे हथियार उतने घातक नहीं है कि तोशिबा और तोशिबा की सेना को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा सकें फिर भी हमारी ओर से पूरा प्रयास रहेगा कि तोशिबा किसी भी तरह से धरती पर ना पहुंच पाए। 

सप्तक- ठीक है राजा त्रियाची आप युद्ध की रणनीति तैयार कीजिए और इन सभी को उस रणनीति से अवगत करा दीजिएगा। इस युद्ध की अगुवाई आप ही करेंगे और ये पांचों आपके सहयोगी के रूप में इस युद्ध में शामिल होंगे। मैं इन्हें कुछ और विद्या प्रदान करूंगा, जिससे ये आपके अधिक काम आ सकें। 

त्रियाची- ठीक है तो अब हम चलते हैं और युद्ध से जुड़ी कोई जानकारी हुई तो आपके पास पहुंच जाएगी। 

त्रियाची फिर से अपने ग्रह त्राचा की ओर रवाना हो जाता है और सप्तक प्रणिता, अनिकेत, रॉनी, यश और तुषार को अंतरिक्ष में जाने की शक्ति प्रदान करता है। वह अपने उन सभी को अपनी शक्तियों को प्रभावी बनाने के लिए और भी विद्या सिखाता है। हालांकि इसमें कुछ वक्त लगता है। करीब 30 दिन में सभी लोग फिर से युद्ध के लिए तैयार हो जाते हैं। दूसरी ओर त्रियाची की सेना ने भी कुछ आधुनिक हथियार तैयार कर लिए थे। ये तय था कि तोशिबा से युद्ध होगा, परंतु कब होगा ये कहना अभी मुश्किल था। यह सब तोशिबा पर ही निर्भर करता था कि वो पृथ्वी पर कब आक्रमण करता है। प्रणिता, अनिकेत, रॉनी, यश और तुषार अब अंतरिक्ष में भी जा सकते थे और उनकी शक्तियां अब और भी अधिक प्रभावी हो गई थी। इस युद्ध के लिए सभी ने सप्तक को वहीं रहने का आग्रह किया था। जिसके लिए सप्तक तैयार हो गया था। इसी बीच एक बार फिर त्रियाची पृथ्वी पर आता है और सभी से मुलाकात करता है। 

सप्तक- आइए राजा त्रियाची। अचानक कैसे आगमन हो गया ?

त्रियाची- कुछ विशेष नहीं था, मैं बस अपने मित्रों का हालचाल जानने के लिए चला आया था। साथ ही यह भी जानना चाहता था कि तोशिबा के खिलाफ युद्ध के लिए इन लोगों की क्या तैयारी है ? 

सप्तक- ये सभी लोग अब युद्ध के लिए पूरी तरह से तैयार है। आप बताएं आपकी तैयारियां कहां तक पहुंची हैं ?

त्रियाची- हमारी सेना ने कुछ नए हथियार तैयार किए हैं। जिससे हम तोशिबा को रोकने का प्रयास करेंगे। 

सप्तक- वैसे आपने युद्ध के लिए कोई रणनीति तैयार की है कि युद्ध में कौन किस भूमिका में होगा, कैसे युद्ध होगा और तोशिबा को कैसे रोकेंगे ?

त्रियाची- ये काफी गंभीर विषय है, इसलिए इसे सभी की सलाह से ही तैयार किया जाना चाहिए, ऐसा मेरा मानना है। मेरा आप सभी से निवेदन है कि यदि आप सभी युद्ध के लिए तैयार है यानि कि आप सभी अब अंतरिक्ष में जा सकते हैं तो कृपया मेरे ग्रह पर चले, वहां आपका भव्य स्वागत किया जाएगा, इसके साथ ही वहीं हम युद्ध की रणनीति भी तैयार कर लेंगे। 

सप्तक- पर क्या रणनीति यहीं तैयार नहीं की जा सकती ? 

त्रियाची- हमें भी आपके स्वागत सत्कार का अवसर मिल जाएगा सप्तक जी। साथ ही पृथ्वी से पहली बार कोई मेहमान बनकर हमारे ग्रह पर आएगा तो हमारे राज्य के हर व्यक्ति को बहुत खुशी होगी। हम और हमारे ग्रह के कई लोग अब पृथ्वी पर मेहमान बनकर आते हैं और यह सभी लोग हमारा बहुत ध्यान भी रखते हैं। एक बार हमें भी इनकी मेहमाननवाजी का अवसर मिलना चाहिए। 

सभी लोग सप्तक की ओर देखते हैं फिर सप्तक भी त्राचा ग्रह पर जाने की राजी हो जाता है और फिर सभी लोग त्रियाची के साथ त्राचा ग्रह की ओर निकल पड़ते हैं। कुछ समय के बाद वे त्राचा ग्रह पर पहुंच जाते हैं। ये पहली बार था कि त्राचा ग्रह पर कोई आया था। पूरे राज्य में एक जश्न मनाया जा रहा था। सप्तक के साथ प्रणिता, अनिकेत, रॉनी, यश और तुषार का भव्य स्वागत किया जा रहा था। त्राचा का हर व्यक्ति उनसे मिलने के लिए आ रहा था। एक बड़े से मैदान में एक बड़ा सा मंच बनाया गया था। त्रियाची के साथ सप्तक और बाकि सभी लोग वहां बैठे हुए थे और नीचे कलाकारों द्वारा विभिन्न प्रस्तुति दी जा रही थी। फिर एक महाभोज का आयोजन किया गया, जिसमें राज्य का हर व्यक्ति शामिल था। त्राचा का दिन पृथ्वी के दिन से काफी बड़ा था। पूरे दिन त्राचा पर जश्न मनाया गया। रात होने पर त्रियाची, सप्तक और पांचों लोग त्रियाची के महल में पहुंच गए थे। त्रियाची ने सभी को अलग कमरों में विश्राम के लिए कहा और फिर अगले दिन सुबह युद्ध की रणनीति तैयार करने के लिए मिलने की बात कही। सभी अपने कमरों में चले गए और विश्राम करने लगे। वहीं सप्तक अपने कमरे में जाकर ध्यान में बैठ गया और फिर कुछ समय के लिए सो भी गया। सुबह जल्दी उठकर वह फिर से ध्यान में बैठ गया था। कुछ समय बीतने के बाद सभी त्रियाची के राजमहल के विशेष कमरे में युद्ध की रणनीति तैयार करने के लिए मिले।