Triyachi - 22 in Hindi Fiction Stories by prashant sharma ashk books and stories PDF | त्रियाची - 22

Featured Books
Categories
Share

त्रियाची - 22

भाग 22

रॉनी यश से मानसिक तौर पर बात करते हुए उसे धरती पर आकाशीय बिजली गिराने के लिए कहता है एक ओर से रॉनी उसे एक सटीक स्थान बताता है, दूसरी ओर से अनिकेत उसे एक स्थान बताता है, जहां बिजली गिराना थी। दोनों ही बिजली ऐसे स्थान पर गिराने के लिए कहा था कि जहां चमक और बिजली गिरने से होने वाले विस्फोट से मानव सेना को कम से कम नुकसान हो। यश अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए आकाश से उन दो स्थानों पर बिजली गिराता है। तेजी से धरती पर बिजली गिरने के कारण एक बहुत बड़ा विस्फोट होता है और धरती पर एक कंपन होता है। यह कंपनी धरती पर खड़ी पूरी मानव सेना को गिरा देता है। गिरने के साथ ही पूरी मानव सेना ऐसा बर्ताव करने लगती है, जैसे कि वो बहुत देर से सोए हुए थे और अचानक किसी ने उन्हें जगा दिया हो। इधर अनिकेत तो दूसरी ओर रॉनी चिल्लाते हुए सभी मानवों को वहां से भागने के लिए कहते हैं। मानवों को इस तरह से भागते देखकर मगोरा और त्रियाची आश्चर्य भी पड़ जाते हैं कि उनके वश से ये मानव बाहर कैसे आ सकते हैं। एक आकाशीय बिजली इन मानवों को उनके वश से बाहर नहीं कर सकती है, परंतु वो जो देख रहे थे वो सच ही था। त्रियाची और मगोरा के वश से बाहर आने के बाद मानवों की सेना पूरी तरह से तितर बितर हो जाती है और गांव के लोग वहां से भागने लग जाते है। यह देख त्रियाची अपना आपा खो बैठता है और वो उन मानवों पर ही हमला करने का अपनी सेना को आदेश देता है। 

त्रियाची का आदेश मिलते ही उसकी सेना के लोग मानवों पर हमला करना शुरू करते हैं। एक ओर अनिकेत अकेला था और दूसरी ओर रॉनी अकेला था। दोनों पर लाखों की संख्या में मानवों का जीवन बचाने का भार था। अनिकेत अपनी शक्ति का प्रयोग करता है और मानवों और त्रियाची की सेना के मध्य पानी की एक दीवार बना देता है, हालांकि आसमान में उड़ने वाली त्रियाची सेना को रोकना इतना आसान नहीं था, परंतु अनिकेत की योजना कुछ हद तक काम कर रही थी और पानी की जो दीवार उसने बनाई थी, वह त्रियाची की सेना के वार को बहुत कम कर रही थी। अब उसने त्रियाची की सेना पर हमला करने के लिए पानी को हथियार के रूप में प्रयोग किया और सेना को पीछे हटने के लिए मजबूर कर देता है। ऐसा ही कुछ रॉनी ने किया और उसने मगोरा और उसकी सेना पर अग्नि वर्षा की और मानवों और मगोरा की सेना के बीच अग्नि की एक दीवार खड़ी कर दी थी। इससे मगोरा और उसकी सेना मानवों तक नहीं पहुंच पा रही थी और मानव सुरक्षित स्थान तक जा पा रहे थे। हालांकि अनिकेत और रॉनी को यहां बहुत सर्तक रहने की जरूरत थी, क्योंकि वे लोग त्रियाची की सेना की शक्तियों से वाकिफ नहीं थे। 

वहीं दूसरी ओर प्रणिता, तुषार और यश भी दूसरे शहरों में त्रियाची की सेना से लोहा ले रहे थे। प्रणिता ने अपनी शक्तियों से त्रियाची की सेना के लोगों को धरती पर ले आया था और उन्हें खत्म कर दिया। वहीं यश और तुषार अब भी त्रियाची की सेना के हमलों को नाकाम करने में लगे थे, ताकि मानवों नुकसान हो, साथ ही उनकी कोशिश थी कि सेना के हमले में शहर भी बचा रहे। हालांकि इन हमलों के बाद भारतीय सेना भी युद्ध के मैदान में कूद गई थी, परंतु यह लड़ाई मानवों के लिए आसान नहीं होने वाली थी। भारतीय सेना सिर्फ इतना ही कर सकती थी कि वो त्रियाची की सेना का ध्यान भटका सके ताकि वे शहर के लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जा सके। शहर में रहते प्रणिता, यश और तुषार अपनी शक्तियों को इस्तेमाल भी नहीं कर सकते थे, क्योंकि इससे मानवों को अधिक खतरा हो सकता था। इसलिए उन्होंने आपस में बात करते हुए त्रियाची की सेना को शहर से दूर ले जाने के बारे में तय किया और उन पर छोटे हमले करते हुए शहर से दूर लेकर गए। शहर के बाहर उन्होंने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए उन्हें मार गिराया। अब तीनों उस स्थान के लिए रवाना हो गए थे, जहां त्रियाची था और अनिकेत अकेला उससे लड़ रहा था। दूसरी ओर से मानवों की सेना के भाग जाने के बाद मगोरा भी त्रियाची की ओर निकल गया था। रॉनी कुछ देर वहां रूका और वहां के सैनिकों से लड़ता रहा, परंतु मगोरा को जाता देख वे भी मगोरा के पीछे चल दिए और फिर रॉनी भी उनके पीछे उस जगह पहुंच गया, जहां त्रियाची था। अब स्थिति यह बन गई थी कि एक ओर प्रणिता, अनिकेत, रॉनी, यश और तुषार खड़े थे और दूसरी ओर त्रियाची और उसकी पूरी सेना खड़ी थी। यह वो समय था जब पूरी धरती को बचाने की जिम्मेदारी इन पांचों पर थी, इनमें से किसी एक भी चूक धरती का विनाश कर सकती थी और इन पांचों के बाद त्रियाची धरती से आसानी से शक्तिपूंज को हासिल कर सकता था और यदि वो शक्तिपूंज को हासिल कर लेगा तो पूरी धरती ही खत्म हो जाएगी। कुछ ही देर में मगोरा और साथ गई सेना के लोग त्रियाची के पास आ जाते हैं। 

मगोरा- राजे यही है वो पांच मानव जो शक्तिपूंज को हासिल करने में हमारी बाधा बन रहे हैं। 

त्रियाची- हम समझ गए थे मगोरा। इनमें से एक ने जिस प्रकार अपनी शक्ति का प्रयोग किया है वो हमारे लिए अचंभित करने वाला है। मानव इतने विकसित नहीं हो सकते कि वो अपने हाथों से जलधारा की दीवार खड़ी कर दें। 

मगोरा- वो दूसरा मानव हम पर अग्नि वर्षा कर रहा था। 

त्रियाची- परंतु हमें एक बात समझ नहीं मगोरा कि ये मानव हमारे वश से बाहर कैसे जा सकता है। जब हम उन मानवों को इन पर आक्रमण करने के लिए आदेश देने वाले थे, तभी अचानक कहीं से बिजली गिरी और सभी मानव हमारे वश से बाहर हो गए और यहां से भागने लगे थे। 

मगोरा- ठीक है ऐसा ही वहां भी हुआ है राजे जहां मैं और मानवों की सेना धरती से शक्तिपूंज प्राप्त करने के लिए प्रयास कर रहे थे। वहां भी अचानक से बिजली गिरी और फिर सारे मानव हमारे वश से बाहर हो गए और वहां से भागने लगे। हमने उन पर आक्रमण किया तो उस मानव ने ना सिर्फ हम पर अग्नि वर्षा की बल्कि उन मानवों को बचाने के लिए हमारे सामने अग्नि की एक दीवार भी खड़ी कर दी। फिर हम पर आक्रमण भी किया। 

त्रियाची- क्या से मायावी मानव है मगोरा ? 

मगोरा- कुछ समझ नहीं आ रहा है राजे कि आखिर इन मानवों के पास ऐसी शक्तियां कहां से आई है? 

त्रियाची- वहीं तो हम भी सोच रहे हैं कि धरती पर मानवों की इतनी संख्या है, परंतु सिर्फ ये पांच मानव ही इस प्रकार की शक्तियों का प्रयोग कर रहे हैं। किसी और मानव के पास ऐसी कोई शक्ति होती तो कम से कम वो अपने बचाव के लिए तो उसका प्रयोग करता ही। 

मगोरा- तो इसका मतलब कि ऐसी शक्तियों वाले धरती पर सिर्फ यहीं पांच मानव है। 

त्रियाची- हां यदि हमने इन पांच मानवों पर काबू कर लिया तो फिर हमें धरती से शक्तिपूंज ले जाने से कोई नहीं रोक पाएगा। हालांकि यह मानव भी हमें बहुत देर तक नहीं रोक पाएंगे क्योंकि हम खुद इन्हें अपने हाथों से मौत देंगे और फिर शक्तिपूंज लेकर जाएंगे। 

मगोरा- क्या इन मानवों को काबू करने के लिए आपने कोई योजना बनाई है ? 

त्रियाची- योजना तो बनाई है मगोरा, परंतु उसके पहले हमें यह पता करना होगा कि इन बाकि के तीन मानवों के पास किस प्रकार की शक्तियां है ? जब उनकी भी शक्तियों के बारे में हमें पता चल जाएगा तो हम अपनी योजना को अमल में लेकर आएंगे। 

मगोरा- वो पता करना तो बहुत आसान है राजे। 

त्रियाची- कैसे ? 

मगोरा- जिस स्थान पर इन्होंने मानवों को सुरक्षित रखा है, उस स्थान पर आक्रमण किया जाए। मानवों को बचाने के लिए इन्हें अपनी शक्तियों का प्रयोग करना ही होगा। क्योंकि मुझे लगता है कि यह लोग सिर्फ मानवों को बचाने के लिए हमसे युद्ध कर रहे हैं। 

त्रियाची- हां यह रणनीति ठीक रहेगी। परंतु मगोरा ये हमसे युद्ध सिर्फ मानवों को बचाने के लिए नहीं कर रहे हैं, बल्कि इन्हें यह ज्ञात है कि हम धरती से शक्तिपूंज हासिल करने के लिए आए, यदि ऐसा नहीं होता तो यह तुम पर आक्रमण नहीं करते। 

मगोरा- हां, राजे इस बात पर तो मैंने विचार ही नहीं किया था। मैं अब एक काम करता हूं अपने कुछ साथियों लेकर उस ओर आक्रमण करता हूं जिसे ओर मानवों का पूरा दल है। फिर इनमें से कोई मेरे पीछे आकर उन मानवों को बचाने का प्रया जरूर करेगा और इस तरह से हमें इनकी शक्तियों के बारे में ज्ञात हो जाएगा। 

त्रियाची- ठीक है मगोरा। परंतु एक बात का विशेष ध्यान रहे कि कुछ भी जाए तुम धरती से नहीं जुड़ोगे, तुम जब तक धरती से दूरी बनाए रखोगे तब तक ये तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते। 

मगोरा- ठीक है राजे मैं अपनी साथियों को भी यह बात बता देता हूं। 

त्रियाची- हां मगोरा। सिर्फ अपने साथियों को ही नहीं हमारी पूरी सेना को इस बात की जानकारी दे दो, ताकि वे लोग भी धरती से ना जुड़े। हम यहां सिर्फ शक्तिपूंज हासिल करने के लिए आए हैं, हम अपने साथियों को खोना नहीं चाहते हैं। तुम एक ओर मानवों पर आक्रमण करो तब मैं इनमें से कुछ को यही रोकने का प्रयास करता हूं ताकि इनकी शक्तियों से हम परिचित हो सके और उसके अनुसार ही हम युद्ध करेंगे। 

मगोरा- ठीक है राजे। 

बनाई गई योजना के अनुसार मगोरा अपने कुछ साथियों के साथ उस ओर बढ़ता है जिस ओर मानवों का दल छिपा हुआ था। वहीं दूसरी ओर अनिकेत त्रियाची की योजना को फेल करने के लिए रणनीति बनाने में लगा था।