Triyachi - 19 in Hindi Fiction Stories by prashant sharma ashk books and stories PDF | त्रियाची - 19

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त्रियाची - 19

भाग 19

अनिकेत- हम इस बात को विशेष ध्यान रखेंगे। 

सप्तक- ठीक है अब तुम लोग जा सकते हो और युद्ध के लिए तैयारी करो। 

इसके बाद सभी वहां से चले जाते हैं। सप्तक और राधिका एक बार फिर उस मंदिर में चले जाते हैं। 

राधिका- आपको क्या लगता है सप्तक जी यह लोग युद्ध में जीत सकते हैं ?

सप्तक- नियति के गर्भ में क्या छिपा है यह तो मैं नहीं जानता राधिका, परंतु इतना जानता हूं कि अगर ये लोग प्रयास करें तो जीत हो भी सकती है। हालांकि इनका शत्रु इनसे कही अधिक बलशाली है, फिर भी इनके मिलेजुले प्रयास इन्हें इस युद्ध में जीत दिला सकते हैं। 

राधिका- क्या इस युद्ध को टाला नहीं जा सकता ? 

सप्तक- फिलहाल तो इस युद्ध ही एक मात्र रास्ता है। धरती को बचाने के लिए यह युद्ध अनिवार्य है और उससे भी अधिक अनिवार्य है उस युद्ध में इन पांचों की विजय। 

राधिका- मैं प्रार्थना करूंगी कि ये पांचों उस युद्ध को जीत सके। 

दूसरी ओर युद्ध के मैदान से भागने के बाद मगोरा सीधे त्रियाची के पास पहुंच जाता है। एक बार फिर मगोरा को धरती से त्राचा ग्रह पर देखकर त्रियाची आश्चर्य में पड़ जाता है। 

त्रियाची- मगोरा आखिर तुम्हें हो क्या गया है, हमने कहा था कि हम जल्द ही पृथ्वी पर आन वाले हैं, फिर भी तुम यहां चले आए। 

मगोरा- क्षमा करें राजे। बात ही कुछ ही ऐसी थी कि आपने धरती पर आने का मैं इंतजार नहीं कर सकता था। 

त्रियाची- अब ऐसा क्या समाचार लेकर आए हो तुम कि हमारा इंतजार भी नहीं कर सकते थे। 

मगोरा- समाचार बहुत बुरा है राजे, परंतु मेरे हाथ में कुछ भी संभव नहीं था। 

त्रियाची- अब सिर्फ समाचार बताओ, भूमिका मत बनाओ। 

मगोरा- उन पांच मानवों ने सुबाहा और कमाटा को मार दिया है राजे। 

त्रियाची- क्या ? यह कैसे संभव हो सकता है ? हमने मृत्यु पर भी विजय प्राप्त कर ली है तो फिर सुबाहा और कमाटा की मृत्यु। यह असंभव है।

मगोरा- क्षमा करें राजे, परंतु मुझे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि धरती पर पहुंचने के बाद ही उनकी मृत्यु हुई है। मतलब कि धरती पर हम मृत्यु को प्राप्त हो सकते हैं। 

त्रियाची- ओह, और वो पांच मानव कौन है ? 

मगोरा- उनके बारे में कोई जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी है राजे, परंतु वे पांचों विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हैं। 

त्रियाची- उनकी सेना कितनी बड़ी है ? 

मगोरा- वे सिर्फ पांच ही लोग है राजे। पर वे पांचों अपने आप में एक सेना के बराबर है। 

त्रियाची- क्या वे हम लोगों से भी अधिक शक्तिशाली है ? 

मगोरा- उनसे युद्ध के दौरान मैं जितना समझ पाया हूं उस हिसाब से यदि हम पृथ्वी से ना जुड़े तो वे हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं। 

त्रियाची- ठीक है मगोरा- अच्छा हुआ तुमने हमें यह सूचना दे दी। हम इसी के अनुसार अपने युद्ध की रणनीति तैयार करेंगे और उन मानवों को समाप्त कर धरती से शक्तिपूंज को हासिल करेंगे। वैसे ये हजारों साल में पहली बार हुआ है कि हमारे समूह से दो लोग मृत्यु को प्राप्त हुए हैं। सुबाहा और कमाटा की मृत्यु का प्रतिशोध धरती के मानवों को चुकाना ही होगा। उस दोनों की मृत्यु का मोल समूल धरती का नाश होगा। अब तुम जाओ और जितने अधिक मानवों की सेना हमारे पक्ष में तैयार कर सकते हो करो, हम अगले 20 दिन में धरती पर आक्रमण करेंगे और पृथ्वी को नष्ट कर शक्तिपूंज लेकर यहां चले आएंगे। त्रियाची और उसके समूह से यह शत्रुता मानवों को बहुत महंगी पड़ने वाली है। 

मगोरा- जी राजे। वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि सुबाहा, कमाटा और मैंने करीब 10 लाख से अधिक मानवों की एक सेना पृथ्वी पर तैयार कर ली है। उनकी स्मरण शक्ति को नष्ट कर दिया है ताकि वे किसी और बात को याद ना रख सके और सिर्फ हमारे आदेशों का पालन करें। मानवों के खिलाफ मानवों का युद्ध काफी रोचक होगा राजे। 

त्रियाची- बहुत अच्छे मगोरा। अधिक से अधिक मानवों की सेना को तैयार करो ताकि हमारे लोगों को युद्ध ही ना करना पड़े और हम शक्तिपूंज लेकर यहां आ सके। 

मगोरा- ठीक है राजे मैं पृथ्वी पर फिर से जाकर अधिक से अधिक मानवों की सेना तैयार करता हूं। तब तक आप भी पृथ्वी पर आने की तेयारी कर लें। 

त्रियाची- परंतु ध्यान रहे मगोरा। अभी तुम्हें उन पांच मानवों से युद्ध नहीं करना है। जब तक हम पृथ्वी पर नहीं आते तुम उन लोगो से सावधान ही रहना। 

मगोरा- जी राजे। 

त्रियाची- यह भी पता लगाने का प्रयास करो कि उनके पास इस प्रकार की शक्तियां कहां से और कैसे आई है। 

मगोरा- उसके लिए मेरा प्रयास जारी है राजे। 

त्रियाची- उन पांचों मानवों को हम जीवित नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने हमारे दो लोगों की जान ली है। 

मगोरा- हां राजे हम उन मानवों से बदला लेना ही होगा। 

त्रियाची- हां, पर अब तुम जाओ और पृथ्वी पर अपने कार्य को अंजाम दो। 

मगोरा- जी राजे। 

इसके बाद मगोरा वहां से फिर से पृथ्वी के लिए रवाना हो जाता है। पृथ्वी पर रहने वाली मानव जाति के लिए संकट का समय लगातार करीब आता जा रहा था। हालांकि पूरी मानव जाति को बचाने की जिम्मेदारी उन पांच लोगों पर थी, परंतु उनकी शक्तियों के बारे में जानने के बाद त्रियाची के चेहरे पर कुछ चिंता के भाव साफ नजर आ रहे थे। जब त्रियाची मगोरा से मिलकर अपने महल में पहुंचा तो रानी सुक्रा ने इस बात को भांप लिया था। 

सुक्रा- राजे आप कुछ परेशान नजर आ रहे हैं ? पृथ्वी पर जाने की तैयारियों में कोई कमी आ रही है क्या ? 

त्रियाची- नहीं रानी, तैयारियों में तो कोई कमी नहीं है।

सुक्रा- तो फिर आपकी परेशानी का कारण क्या है राजे ? 

त्रियाची- मगोरा की दी हुई एक सूचना ने हमें परेशान कर दिया है रानी। 

सुक्रा- राजे ऐसी क्या सूचना दी है मगोरा ने कि आप परेशान हो गए हैं ? 

त्रियाची- पृथ्वी पर मगोरा, सुबाहा और कमाटा का मानवों से युद्ध हुआ था। 

सुक्रा- तो हमारे तीनों योद्धा किसी को भी परास्त करने में सक्षम है। 

त्रियाची- पहले हम भी यही समझते थे रानी। परंतु पृथ्वी पर पांच मानवों ने उस युद्ध के दौरान सुबाहा और कमाटा को मार गिराया है। 

सुक्रा- क्या, परंतु यह कैसे संभव हो सकता है राजे। आपने तो मृत्यु पर भी विजय प्राप्त कर ली है, फिर सुबाह और कमाटा... ? 

त्रियाची- मगोरा का कहना है कि पृथ्वी ये जुड़े होने के कारण वे दोनों मृत्यु को प्राप्त हुए हैं। इसका मतलब यह हो सकता है कि यदि हम या हम में से कोई भी पृथ्वी से जुड़ता है तो वो मृत्यु को प्राप्त हो सकता है। 

सुक्रा- क्या इसका कारण वो शक्तिपूंज है ? 

त्रियाची- हम अभी इस संबंध में कुछ कह नहीं सकते हैं रानी। फिर भी हमें लगता है कि यह उस शक्तिपूंज के कारण हो सकता है। उस शक्तिपूंज में जीवन है। जीवन है तो मृत्यु भी होगी ही। 

सुक्रा- तो क्या अब भी आप शक्तिपूंज को हासिल करना चाहते हैं ? 

त्रियाची- हां रानी। क्योंकि यह अभी तय नहीं है कि सुबाहा और कमाटा की मृत्यु का कारण शक्तिपूंज ही है। हम वो शक्तिपूंज लेकर ही आएंगे रानी। हममें नया जीवन चाहिए और वो हमें उस शक्तिपूंज से ही हासिल हो सकता है। 

सुक्रा- आप एक बार और सोच ले राजे, कहीं यह हमारे लोगों के लिए खतरनाक साबित ना हो। बहुत मुश्किल से आपने बीमारी, बुढ़ापा और मृत्यु पर विजय प्राप्त की है। नए जीवन के कारण हम अपने ही लोगों को संकट में ना डाल दे। 

त्रियाची- ऐसा कुछ नहीं होगा रानी। शक्तिपूंज हासिल करने के बाद भी सभी लोग ऐसे ही रहेंगे, बल्कि नया जीवन भी मिल सकेगा। 

सुक्रा- ठीक है राजे आपको जो उचित लगता है वहीं करें, परंतु अपने लोगों का अच्छा हो बस ये हमेशा ध्यान रखिएगा। 

त्रियाची ने रानी सुक्रा को शक्तिपूंज हर हाल में हासिल करने की बात तो कह दी थी, परंतु उसके दिल में पृथ्वी से जुड़ने और मृत्यु का भय था। इसी के साथ उसके मन यह बात भी चल रही थी कि पृथ्वी के मानवों ने इतने विकसित कैसे हो सकते हैं कि वे कोई विशेष शक्ति प्राप्त कर ले। वो जल्द से जल्द जानना चाहता था कि वो पांच मानव कौन है और उनके पास ऐसी विशेष शक्तियां कहां से आई है। हालांकि उसके मन में उठने वाले इन प्रश्नों को फिलहाल उसके पास कोई जवाब नहीं था। उसने मन ही मन पृथ्वी पर आक्रमण करने का तय किया और वहां से चल दिया। 

दूसरी ओर मगोरा पृथ्वी पर पहुंच गया था। इस बार उसके साथ त्राचा से कुछ और लोग भी साथ आए थे। मगोरा ने सभी को अलग-अलग दिशाओं में भेज दिया था। मगोरा ने उन सभी को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि पृथ्वी मानवों की एक विशाल सेना तैयार करना है। इसलिए जितने भी मानव उन्हें मिलते हैं उनकी स्मृति को हमेशा के लिए मिटा दिया जाए और अपने युद्ध के निर्देश उनके मस्तिष्क में बैठा दिए जाए ताकि वो सिर्फ हमारे ही निर्देशों का पालन करें। मगोरा से निर्देश पाकर सभी लोग अलग-अलग दिशाओं में निकल जाते हैं और मानवों की विशाल सेना तैयार करने के लिए कार्य में लग जाते हैं। जैसे जैसे मानव मगोरा के पास पहुंच रहे थे वो उन्हें युद्ध का अभ्यास कराने लगता था। वहीं पृथ्वी के एक हिस्से में प्रणिता, रॉनी, अनिकेत, यश और तुषार आपस में बात कर रहे थे।