Triyachi - 6 in Hindi Fiction Stories by prashant sharma ashk books and stories PDF | त्रियाची - 6

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त्रियाची - 6

भाग 6

यश- ये जो कुछ भी हो रहा है तुम्हारे कारण हो रहा है प्रणिता। 

प्रणिता- मेरे कारण ? मेरे कारण क्यों हो रहा है ? 

तुशार- तुमने उन डॉक्यूमेंट को चुराया और अब ये सब हो रहा है। 

प्रणिता- मुझे किसी ने मेरे हुनर के कारण काम दिया, उसका पैसा दिया। मैंने तो बस अपना काम किया है। 

यश- पर हो तो तुम ही सारी मुसीबत की जड़। 

प्रणिता- यहां सभी अपने-अपने कारणों से खड़े हैं। ठीक है मैंने डॉक्यूमेंट चुराए, पर तुमने इस मामले को तुल क्यों दिया, क्योंकि तुम्हें भी कहा गया था। अनिकेत ने मेरा पता लगाया, क्योंकि उसे भी कहा गया था। तुषार ने अनिकेत को पेमेंट किया क्योंकि उसे भी कहा गया था और रॉनी जाकर उनसे लड़ा क्योंकि उसे भी कहा गया था। 

तुषार - अगर तुम मना कर देती तो किसी के पास कोई कॉल ही नहीं आता। 

प्रणिता- मैं मना करती तो वो किसी ओर से काम कराता। फिर भी शायद तुम लोगों को कॉल आता। 

अनिकेत- फिलहाल आपस में लड़ना छोड़ो और ये सोचो कि आगे करना क्या है। इस मुसीबत से बाहर कैसे निकलना है। 

प्रणिता- मुझे किसी की जरूरत नहीं है, मैं खुद इस मुश्किल से निपट लूंगी। 

राधिका- पर प्रणिता ? 

प्रणिता- हां दीदी हम इन सबसे खुद निपट लेंगे मुझे ऐसे लोगों की कतई जरूरत नहीं है जो अपने कर्मों के लिए भी मुझे जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। 

रॉनी- यहां कोई किसी को जिम्मेदार नहीं ठहरा रहा है बस जो हुआ है वह कहा जा रहा है।

प्रणिता- तुमसे किसने कहा था इस मामले में आने के लिए। तुम्हें भी तो रूपए मिले इसलिए तुम मुझे बचाने के लिए आ गए। सभी के पास अपने-अपने कारण है इस मामले में आने के। इसलिए सब अपने अपने तरीके से निकले। मैंने सोच लिया है कि मुझे क्या करना है, इसलिए मैं अब यहां से जा रही हूं। चलो दीदी। 

प्रणिता और राधिका वहां से चली जाती है। फिर बचे हुए चारों लोग भी वहां से चले जाते है। हालांकि सभी लोग वहां से चले तो जाते हैं पर ये शायद उनकी आखिरी मुलाकात नहीं थी। इन सभी को एक बार फिर से मिलना था। जब सभी अलग हो जाते हैं तो वीडी के लोग इन पर हमला कर देते हैं हालांकि ये सभी बच जाते है। इन सभी भी तीन से चार बार हमला होता है पर ये सभी बचकर निकलने में हर बार कामयाब हो जाते हैं। बार बार हमले में बचने के कारण वीडी इस बार दोगुनी ताकत के साथ इन सभी पर एक साथ हमला करता है। ये सभी एक बार फिर बचकर भागते हैं और भागते हुए एक खंडहर में पहुंच जाते है। एक-एक कर सभी उस खंडहर में आते जाते हैं। 

अनिकेत- मुझे लगता है कि यदि हम साथ रहेंगे तो ही सुरक्षित रहेंगे। 

तुषार - हां अब तो मुझे भी ऐसा ही लगता है। 

यश- पर सिर्फ साथ रहने से क्या होगा। यह भी हो सकता है कि साथ रहे तो सभी एक साथ मारे जाए। क्योंकि मुझे नहीं लगता कि वीडी हम में से किसी को भी छोड़ने वाला है। 

प्रणिता- हां क्योंकि हर बार हम बच जाए यह भी जरूरी नहीं है। 

रॉनी- मुझे मेरी नहीं मेरे बच्चों के चिंता है अगर उसने बच्चों को कुछ किया तो फिर वीडी को मुझसे कोई बचा नहीं पाएगा। 

सभी आपस में बात कर रहे होते हैं तभी इस बार अनिकेत का मोबाइल बज उठता है। 

अनिकेत- लगता है उसी कॉलर का फोन है। मैं स्पीकर पर करता हूं। 

कॉलर- तो एक बार फिर से सभी लोग साथ हो। अच्छा लग रहा है कि तुम सब एक बार फिर से साथ आ गए हो। 

अनिकेत- आखिर तुम चाहते क्या हो ? हमारे साथ क्या खेल खेल रहे हो ? 

कॉलर- मैंने पहले भी कहा था कि खेल तो अभी शुरू हुआ है। 

तुषार - कैसा खेल ? 

कॉलर- तुम सब एक जंग के मैदान में हो या तो मर जाओ या सामने वाले को मार गिराओ। ये जंग तभी खत्म होगी जब तुम या वीडी कोई एक खत्म हो जाए। 

यश- तुम चाहते क्या हो ? पहले हमें इस मामले में फंसा दिया और अब कह रहे हो या तो मर जाओ या मार दो। किसी की जान लेना इतना आसान है क्या ? 

तुषार - हम लोग कोई अपराधी नहीं है, मैं एक बिजनेस मैन हूं। मैं किसी को मार नहीं सकता। 

कॉलर- तो मत मारो। तुम उसे मार नहीं सकते और वो तुम्हें जीने नहीं देगा। 

प्रणिता- ये किस मुसीबत में डाला है तुमने, आखिर बताते क्यों नहीं हो कि तुम्हारा मकसद क्या है ? 

कॉलर- सब बता दूंगा पहले इस मुसीबत से बाहर तो निकलो। 

यश- कैसे ? 

कॉलर- कहा तो या तो खुद मर जाओ या वीडी को खत्म कर दो। इस मुसीबत से तुम लोग सिर्फ इन दो तरीकों से ही बाहर निकल सकते हो ? 

तुषार - तुमने हमें फंसाया है तुम ही बाहर निकालो हमें वरना ...

कॉलर- वरना... वरना क्या कर लोगे तुषार। पुलिस के पास जाओगे ? या वीडी से कहोगे कि एक कॉल आने के कारण तुमने ऐसा किया और वो तुम्हें छोड़ देगा। चलो तुम ऐसा भी करके देख लो। 

कॉलर फिर से फोन कट कर देता है। 

रॉनी- मुझे लगता है कि कॉलर सही कह रहा है। इस तरह से भागने से कुछ नहीं होने वाला है। एक बार हम वीडी का सामना कर ही लेते हैं, जो होगा देखा जाएगा। 

तुषार - पर हम उसे नहीं मार सकते। 

अनिकेत- तो क्या हमेशा उसके डर से ऐसे ही भगाते रहोगे ?

प्रणिता- मैं तैयार हूं उसका सामना करने के लिए। 

राधिका- मैं भी। 

यश- पर हम सिर्फ पांच है और उसके पास पता नहीं कितने लोग हैं ? हम उसका सामना कैसे करेंगे? 

रॉनी- करना तो होगा ही इस तरह से भाग भी तो नहीं सकते हैं। 

अनिकेत- मेरे पास एक प्लान है। 

तुषार - क्या है बताओ ? 

अनिकेत- हम कुछ छह लोग हैं, हम में से दो लोग उसके घर के पास जाते है, उसके बाद वो हमें पकड़ने के लिए अपने आदमियों को हमारे पीछे लगा देगा। इसके बाद बाकि बचे चार लोग मौका देखकर वीडी को ही घेर लेंगे, हालांकि उस वक्त भी उसके लोग उसके आसपास होंगे पर उनकी संख्या पहले से काफी कम हो जाएगी। उसके बाद भागने वाले दो लोग भी वीडी के आदमियों चकमा देकर वहां आ जाए और फिर हम उसे मिलकर खत्म कर दे तो हमारी परेशानी भी खत्म हो जाएगा। 

यश- पर उसके आदमियों ने भागने वाले लोगों का पकड़ लिया तो ? 

रॉनी- मैं उन्हें अपने पीछे लेकर जाउंगा, मैं उन्हें चकमा भी दे दूंगा। 

प्रणिता- और मैं भी तुम्हारे साथ चलूंगी और बाकि तुम चारों वीडी को घेर लेना। 

राधिका- पर प्रणिता ?

प्रणिता- दीदी अब थोड़ा रिस्क तो लेना ही होगा, आप चिंता मत करो मुझे कुछ नहीं होगा। 

रॉनी- हां मैं भी साथ हूं मैं इसे कुछ नहीं होने दूंगा। 

एक ओर जहां से पांचों वीडी नाम की मुसीबत से छुटकारा पाने के लिए प्रयास कर रहे थे, वहीं दुनियां में कुछ ऐसा हो रहा था, जिसकी अब चर्चा होना शुरू हो गई थी। पहले जहां सुनहरी और चांदी के रंग के खंबे मिला करते थे, फिर जमीन में अचानक से बड़ा सा गड्ढा हो जाने की घटनाएं सामने आ रही थी अबकी बार इन सबसे कुछ अलग हुआ था। अबकी बार हुई घटना ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया था। वैज्ञानिकों से लेकर सुरक्षा कंपनियां इस घटना की जांच में जुट गई थी परंतु उनके हाथ खाली ही थे। इस बार समुद्र में एक बहुत बड़ा आईना नजर आया था। यह आईना ऐसा था कि कभी तो यह आरपार का दृश्य दिखाता तो कभी छवि दिखाने लग जाता था। वैज्ञानिकों के लिए आईने की यह विशेषता तो रहस्य थी ही साथ ही यह भी रहस्य था कि आईना समुद्र में आया कहां से? लाख कोशिश के बाद भी वैज्ञानिक और सुरक्षा एजेंसियां आईने के रहस्य को सुलझा पाने में असमर्थ ही थे। पर कोई था जो इन घटनाओं के बारे में जानता था और लगातार हो रही ऐसी घटनाओं के कारण परेशान भी हो रहा था। समुद्र में आईना मिलने की घटना के बाद सप्तक एक बार फिर उस खंडहर से बाहर निकला था। इस बार भी वो आसमान में देख रहा था। जमीन से मिट्टी उठाकर उसे हवा में उड़ा रहा था और फिर जोर से बोलता है वक्त बहुत कम है, तुम लोगों को जल्दी तैयार होना ही पड़ेगा। तुम तैयार नहीं हुए तो चारों और विनाश ही विनाश होगा। जल्दी से तैयार हो जाओ। जल्दी से तैयार हो जाओ। इतना कहने के बाद सप्तक फिर से खंडहर में जाकर ध्यान में बैठ जाता है। 

दूसरी ओर अनिकेत के बताए प्लान के अनुसार रॉनी और प्रणिता वीडी के घर पहुंचते हैं। वीडी के लोग उन्हें देख लेते है। प्लान के अनुसार दोनों वहां से भागते हैं और वीडी के लोगों को घर से दूर ले जाते हैं। वीडी के घर के पर अब वीडी के अलावा पांच लोग और थे। मौके का फायदा उठाकर, यश, तुषार, अनिकेत और राधिका वीडी के घर पर पहुंच जाते है। अनिकेत तुरंत ही वीडी के पांच लोगों का खात्मा कर देता है और फिर चारों वीडी के सामने पहुंच जाते हैं। दूसरी ओर रॉनी और प्रणिता भी वीडी के बाकि लोगों का खात्मा कर देते है। रॉनी के साथ प्रणिता भी वीडी के लोग को खत्म कर देती है। 

तुषार - वीडी अब भी तुम्हारे पास समय है। हम तुम्हें यह बताए आए हैं कि तुम्हारे डॉक्यूमेंट चुराने में हम में से किसी का हाथ नहीं है। हम सभी को एक अंजान व्यक्ति ने कॉल किया था और सभी अपनी जरूरत के कारण इस मामले से जुड़ गए है, इसलिए इस मामले को अब यही खत्म कर दो। 

वीडी- मामला ऐसे खत्म नहीं होगा तुषार। वो लड़की कहां है, जिसने हैकिंग की थी ? क्या ये वो ही लड़की है ? 

अनिकेत- नहीं यह वो लड़की नहीं है। 

वीडी- तो फिर वो कौन है ? मैं उससे मिलना चाहूंगा। 

अनिकेत- मिल लेना अगर तुम इस मामले को अब यही खत्म कर दो तो वरना.... 

वीडी- वरना... वरना क्या अनिकेत ? क्या तुम जानते हो तुम किससे बात कर रहे हो। तुम इंस्पेक्टर हुआ करते थे पर अब कुछ नहीं हो मेरे सामने। 

तुषार - वीडी हम यहां विवाद सुलझाने के लिए आए हैं, बढ़ाने के लिए नहीं। 

वीडी- ये विवाद तो अब तुम सबकी मौत से खत्म होगा। दुनियां जानती है कि वीडी अपने दुश्मनों को कभी नहीं छोड़ता है। 

अनिकेत- तुम इस समय अकेले हो वीडी और हम चार लोग है। 

वीडी- अकेला वीडी भी तुम चार को बहुत भारी पड़ेगा अनिकेत।